हरियाणा में क्रिमिनल केस विटनेस को सरकार सिक्योरिटी देगी। इसे लेकर सरकार ने ‘हरियाणा गवाह संरक्षण योजना 2025’ लांच कर दी है। ये योजना तीन नए आपराधिक कानूनों के तहत शुरू की गई है। गृह मंत्रालय की ओर से इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। यह योजना उन क्रिमिनल केस के गवाहों पर लागू होगी जो मौत या आजीवन कारावास या सात साल और उससे अधिक तक की कैद से दंडनीय हैं। इसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा के तहत सजा भी शामिल होगी। खतरे के आधार पर गवाहों की बनी तीन श्रेणियां योजना के तहत खतरे की आशंका के आधार पर गवाहों की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। ए, बी और सी। ए और बी में जहां खतरा, जांच या परीक्षण के दौरान या उसके बाद गवाह, उनके परिवार के सदस्यों, या किसी भी व्यक्ति जिसमें गवाह सुरक्षा देना चाहता हो, को शामिल किया गया है। वहीं सी श्रेणी वहां लागू होगी, जहां खतरा मध्यम होता है और इसमें गवाह, उनके परिवार के सदस्यों, या किसी भी व्यक्ति जिसमें गवाह की रुचि है, का उत्पीड़न या धमकी शामिल होती है, जिससे जांच, परीक्षण या उसके बाद उनकी प्रतिष्ठा या संपत्ति प्रभावित होती है। गवाहों के लिए ये व्यवस्थाएं भी शामिल योजना के तहत गवाह सुरक्षा उपायों की एक श्रृंखला की रूपरेखा तैयार की गई है। इनमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि जांच या मुकदमे के दौरान गवाह और आरोपी आमने-सामने न आएं। मेल, ईमेल, टेलीफोन कॉल आदि की निगरानी, गवाह के टेलीफोन नंबर को बदलने या एक सूचीबद्ध नंबर निर्दिष्ट करने के लिए टेलीफोन कंपनी के साथ व्यवस्था, गवाह, उसके परिवार के सदस्यों या जिस व्यक्ति में गवाह की रुचि है, उसके घर या कार्यस्थल पर सुरक्षा दरवाजे, सीसीटीवी, अलार्म, बाड़ आदि जैसे सुरक्षा उपकरणों की स्थापना, गवाहों को बदले हुए नाम या उपनाम से उनकी पहचान छिपाना शामिल है। कोर्ट तक जाने के लिए पुलिस एस्कॉर्ट मिलेगा गवाह के लिए आपातकालीन संपर्क व्यक्तियों का प्रावधान भी योजना के तहत किया गया है। गवाह के करीबी सुरक्षा, जिसमें व्यक्तिगत सुरक्षा और अंगरक्षक, घर के आसपास नियमित गश्त या पीसीआर वैन की तैनाती, गवाह के कार्यस्थल, उसके परिवार के सदस्य या कोई भी व्यक्ति जिसमें गवाह रुचि रखता है। गवाह सुरक्षा उपायों में किसी रिश्तेदार के घर या नजदीकी कस्बे, शहर में निवास का अस्थायी परिवर्तन भी शामिल है। सुनवाई की तारीख पर सरकारी वाहन या राज्य-वित्त पोषित वाहन के प्रावधान सहित न्यायालय तक एस्कॉर्ट मिलेगा। बंद कमरे में सुनवाई का आयोजन किया जाएगा। गवाह के बयान की रिकॉर्डिंग होगी ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से गवाह के बयान और बयान की रिकॉर्डिंग की अनुमति दी जाएगी। बयान और गवाही की रिकॉर्डिंग के दौरान एक सहायक व्यक्ति को उपस्थित रहने की अनुमति मिलेगी। ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से साक्ष्य, एक तरफा दर्पण, स्क्रीन और गवाहों और अभियुक्तों के लिए अलग-अलग मार्ग जैसी सुविधाओं से सुसज्जित विशेष रूप से डिजाइन किए गए कमजोर गवाह अदालत कक्षों का उपयोग किया जाएगा। वित्तीय मदद भी करेगी सरकार पहचान छिपाने के लिए गवाह के चेहरे की छवि और ऑडियो फ़ीड को संशोधित करने का विकल्प भी होगा। मुकदमे के दौरान बिना किसी स्थगन के दिन-प्रतिदिन के आधार पर बयानों की शीघ्र रिकॉर्डिंग सुनिश्चित की जाएगी। गवाह को स्थानांतरण, भरण-पोषण, या नया व्यवसाय या पेशा शुरू करने के लिए गवाह संरक्षण निधि से उचित आवधिक वित्तीय सहायता प्रदान करना, जैसा आवश्यक समझा जाए और कोई अन्य सुरक्षा उपाय जिसे प्रशासनिक विभाग इस योजना के उद्देश्य के लिए उपयुक्त समझे। हरियाणा में क्रिमिनल केस विटनेस को सरकार सिक्योरिटी देगी। इसे लेकर सरकार ने ‘हरियाणा गवाह संरक्षण योजना 2025’ लांच कर दी है। ये योजना तीन नए आपराधिक कानूनों के तहत शुरू की गई है। गृह मंत्रालय की ओर से इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। यह योजना उन क्रिमिनल केस के गवाहों पर लागू होगी जो मौत या आजीवन कारावास या सात साल और उससे अधिक तक की कैद से दंडनीय हैं। इसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा के तहत सजा भी शामिल होगी। खतरे के आधार पर गवाहों की बनी तीन श्रेणियां योजना के तहत खतरे की आशंका के आधार पर गवाहों की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। ए, बी और सी। ए और बी में जहां खतरा, जांच या परीक्षण के दौरान या उसके बाद गवाह, उनके परिवार के सदस्यों, या किसी भी व्यक्ति जिसमें गवाह सुरक्षा देना चाहता हो, को शामिल किया गया है। वहीं सी श्रेणी वहां लागू होगी, जहां खतरा मध्यम होता है और इसमें गवाह, उनके परिवार के सदस्यों, या किसी भी व्यक्ति जिसमें गवाह की रुचि है, का उत्पीड़न या धमकी शामिल होती है, जिससे जांच, परीक्षण या उसके बाद उनकी प्रतिष्ठा या संपत्ति प्रभावित होती है। गवाहों के लिए ये व्यवस्थाएं भी शामिल योजना के तहत गवाह सुरक्षा उपायों की एक श्रृंखला की रूपरेखा तैयार की गई है। इनमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि जांच या मुकदमे के दौरान गवाह और आरोपी आमने-सामने न आएं। मेल, ईमेल, टेलीफोन कॉल आदि की निगरानी, गवाह के टेलीफोन नंबर को बदलने या एक सूचीबद्ध नंबर निर्दिष्ट करने के लिए टेलीफोन कंपनी के साथ व्यवस्था, गवाह, उसके परिवार के सदस्यों या जिस व्यक्ति में गवाह की रुचि है, उसके घर या कार्यस्थल पर सुरक्षा दरवाजे, सीसीटीवी, अलार्म, बाड़ आदि जैसे सुरक्षा उपकरणों की स्थापना, गवाहों को बदले हुए नाम या उपनाम से उनकी पहचान छिपाना शामिल है। कोर्ट तक जाने के लिए पुलिस एस्कॉर्ट मिलेगा गवाह के लिए आपातकालीन संपर्क व्यक्तियों का प्रावधान भी योजना के तहत किया गया है। गवाह के करीबी सुरक्षा, जिसमें व्यक्तिगत सुरक्षा और अंगरक्षक, घर के आसपास नियमित गश्त या पीसीआर वैन की तैनाती, गवाह के कार्यस्थल, उसके परिवार के सदस्य या कोई भी व्यक्ति जिसमें गवाह रुचि रखता है। गवाह सुरक्षा उपायों में किसी रिश्तेदार के घर या नजदीकी कस्बे, शहर में निवास का अस्थायी परिवर्तन भी शामिल है। सुनवाई की तारीख पर सरकारी वाहन या राज्य-वित्त पोषित वाहन के प्रावधान सहित न्यायालय तक एस्कॉर्ट मिलेगा। बंद कमरे में सुनवाई का आयोजन किया जाएगा। गवाह के बयान की रिकॉर्डिंग होगी ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से गवाह के बयान और बयान की रिकॉर्डिंग की अनुमति दी जाएगी। बयान और गवाही की रिकॉर्डिंग के दौरान एक सहायक व्यक्ति को उपस्थित रहने की अनुमति मिलेगी। ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से साक्ष्य, एक तरफा दर्पण, स्क्रीन और गवाहों और अभियुक्तों के लिए अलग-अलग मार्ग जैसी सुविधाओं से सुसज्जित विशेष रूप से डिजाइन किए गए कमजोर गवाह अदालत कक्षों का उपयोग किया जाएगा। वित्तीय मदद भी करेगी सरकार पहचान छिपाने के लिए गवाह के चेहरे की छवि और ऑडियो फ़ीड को संशोधित करने का विकल्प भी होगा। मुकदमे के दौरान बिना किसी स्थगन के दिन-प्रतिदिन के आधार पर बयानों की शीघ्र रिकॉर्डिंग सुनिश्चित की जाएगी। गवाह को स्थानांतरण, भरण-पोषण, या नया व्यवसाय या पेशा शुरू करने के लिए गवाह संरक्षण निधि से उचित आवधिक वित्तीय सहायता प्रदान करना, जैसा आवश्यक समझा जाए और कोई अन्य सुरक्षा उपाय जिसे प्रशासनिक विभाग इस योजना के उद्देश्य के लिए उपयुक्त समझे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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