गुरुग्राम निकाय चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज भाजपा और कांग्रेस के कई बागी नेता मैदान में हैं। करीब एक दर्जन वार्डों में भाजपा और कांग्रेस के बागी नेताओं ने दोनों पार्टियों का गणित बिगाड़ दिया है। बागी प्रत्याशी जीत दर्ज करने में कितने सफल होते हैं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन जातिगत वोटों को लामबंद कर वे जीत-हार के अंतर को बढ़ा या घटा सकते हैं। ऐसे में सत्ताधारी और विपक्षी दलों ने अपने शीर्ष नेताओं की ड्यूटी गुरुग्राम में लगा दी है। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को कमान सौंपी गई है, जबकि बादशाहपुर विधायक और मंत्री नरबीर सैनी को जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। पाहुजा पहले बीजेपी में थीं और अब कांग्रेस में गुरुग्राम में सबसे कड़ा मुकाबला मेयर पद के लिए है। कांग्रेस से चुनाव लड़ रहीं सीमा पाहुजा पहले बीजेपी में थीं और विधायक का टिकट न मिलने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। सीमा पाहुजा को अब कांग्रेस ने टिकट दिया है। ऐसे में गुरुग्राम में जीतना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा। कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव जी-जान से जुटे हुए हैं। रिंपल यादव निर्दलीय मैदान में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर नगर निगम के पहले मेयर रहे विमल यादव की पत्नी ने रिंपल यादव ने वार्ड नंबर दो से निर्दलीय के तौर पर ताल ठोंकी है। इससे न केवल भाजपा की प्रत्याशी ज्योत्सना यादव बल्कि कांग्रेस की कमलेश के लिए भी मुश्किल खड़ी हो गई है। पूर्व मेयर केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत के खेमे के बताए जाते हैं, लेकिन राव इंद्रजीत टिकट नहीं दिला सकें। वार्ड-3 की पार्षद रहीं शकुंतला यादव निर्दलयी मैदान में इसी तरह वार्ड-3 की पार्षद रहीं शकुंतला यादव के पति राकेश यादव भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इनके मैदान में आने से भाजपा के पवन यादव और कांग्रेस के अंकित यादव का गणित बिगड़ गया है। यहां तीनों प्रमुख यादव हैं, ऐसे में इस वार्ड में मुकाबला रोचक हो चुका है। बीजेपी के पार्षद रहे अश्वनी शर्मा भी वार्ड 13 से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें चुनाव आयोग की तरफ से सूर्य का चुनाव निशान दिया गया है। टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बागी तेवर अपनाएं हैं। बात करें वार्ड 23 की तो गांव चक्करपुर के पूर्व सरपंच के बेटे कुणाल यादव ने भी भाजपा से टिकट मांगी थी, लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काटकर नए चेहरे कुलदीप यादव को दे दिया। इससे नाराज होकर कुणाल ने निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतर गए। वार्ड 35 से पूर्व डिप्टी मेयर परमिंद्र कटारिया ने भी निर्दलीय तौर पर नामांकन दाखिल कर भाजपा की परेशानी को बढ़ा दिया है। भाजपा ने बदली रणनीति गुरुग्राम निगम चुनाव में करीब एक दर्जन सीटों पर बागी प्रत्याशियों से निपटने के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति बदल दी है। इसके तहत महिला विंग को घर घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करने के लिए उतार दिया है। ये टीमें मतदाताओं को सरकार की नीतियों से अवगत कराने में जुटे हैं, खासकर महिला वोटरों को पार्टी से जोड़ने के हर तरीके से जतन किया जा रहा है। जिन वार्डों में बागी मजबूत स्थिति में वहां पर जिला और प्रदेश स्तर के बड़े नेताओं की जनसभाएं आयोजित करने का शेड्यूल बनाया गया है। कांग्रेस ने दो लोगों को पार्टी से निकाला भाजपा जहां बागियों से निपटने के लिए रणनीति बदल कर जीतने की कोशिश कर रही है तो कांग्रेस ने अपने बागियों पर सख्त रूख अपनाया है। वार्ड 22 से पर्चा उठाने वाले हरविंद्र लवली और वार्ड 26 से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राम किशन सैन को पार्टी से छह साल के निष्कासित करके मैसेज दिया गया है कि बागियों से निपटने के लिए कांग्रेस तैयार है। कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय नेताओं को गुरुग्राम में उतारा है। चुनाव प्रबंधन समिति में ये नेता शामिल जनसंपर्क एवं जनसभा-गार्गी कक्कड़ महिला संपर्क-उषा प्रियदर्शी, मधु आजाद अनुसूचित जाति संपर्क-सत्यप्रकाश जरावत संयोजक-राव नरबीर सिंह, मुकेश शर्मा जिला संयोजक-भारती जैन सह जिला संयोजक-आरती शर्मा गुरुग्राम निकाय चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज भाजपा और कांग्रेस के कई बागी नेता मैदान में हैं। करीब एक दर्जन वार्डों में भाजपा और कांग्रेस के बागी नेताओं ने दोनों पार्टियों का गणित बिगाड़ दिया है। बागी प्रत्याशी जीत दर्ज करने में कितने सफल होते हैं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन जातिगत वोटों को लामबंद कर वे जीत-हार के अंतर को बढ़ा या घटा सकते हैं। ऐसे में सत्ताधारी और विपक्षी दलों ने अपने शीर्ष नेताओं की ड्यूटी गुरुग्राम में लगा दी है। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को कमान सौंपी गई है, जबकि बादशाहपुर विधायक और मंत्री नरबीर सैनी को जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। पाहुजा पहले बीजेपी में थीं और अब कांग्रेस में गुरुग्राम में सबसे कड़ा मुकाबला मेयर पद के लिए है। कांग्रेस से चुनाव लड़ रहीं सीमा पाहुजा पहले बीजेपी में थीं और विधायक का टिकट न मिलने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। सीमा पाहुजा को अब कांग्रेस ने टिकट दिया है। ऐसे में गुरुग्राम में जीतना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा। कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव जी-जान से जुटे हुए हैं। रिंपल यादव निर्दलीय मैदान में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर नगर निगम के पहले मेयर रहे विमल यादव की पत्नी ने रिंपल यादव ने वार्ड नंबर दो से निर्दलीय के तौर पर ताल ठोंकी है। इससे न केवल भाजपा की प्रत्याशी ज्योत्सना यादव बल्कि कांग्रेस की कमलेश के लिए भी मुश्किल खड़ी हो गई है। पूर्व मेयर केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत के खेमे के बताए जाते हैं, लेकिन राव इंद्रजीत टिकट नहीं दिला सकें। वार्ड-3 की पार्षद रहीं शकुंतला यादव निर्दलयी मैदान में इसी तरह वार्ड-3 की पार्षद रहीं शकुंतला यादव के पति राकेश यादव भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इनके मैदान में आने से भाजपा के पवन यादव और कांग्रेस के अंकित यादव का गणित बिगड़ गया है। यहां तीनों प्रमुख यादव हैं, ऐसे में इस वार्ड में मुकाबला रोचक हो चुका है। बीजेपी के पार्षद रहे अश्वनी शर्मा भी वार्ड 13 से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें चुनाव आयोग की तरफ से सूर्य का चुनाव निशान दिया गया है। टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बागी तेवर अपनाएं हैं। बात करें वार्ड 23 की तो गांव चक्करपुर के पूर्व सरपंच के बेटे कुणाल यादव ने भी भाजपा से टिकट मांगी थी, लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काटकर नए चेहरे कुलदीप यादव को दे दिया। इससे नाराज होकर कुणाल ने निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतर गए। वार्ड 35 से पूर्व डिप्टी मेयर परमिंद्र कटारिया ने भी निर्दलीय तौर पर नामांकन दाखिल कर भाजपा की परेशानी को बढ़ा दिया है। भाजपा ने बदली रणनीति गुरुग्राम निगम चुनाव में करीब एक दर्जन सीटों पर बागी प्रत्याशियों से निपटने के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति बदल दी है। इसके तहत महिला विंग को घर घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करने के लिए उतार दिया है। ये टीमें मतदाताओं को सरकार की नीतियों से अवगत कराने में जुटे हैं, खासकर महिला वोटरों को पार्टी से जोड़ने के हर तरीके से जतन किया जा रहा है। जिन वार्डों में बागी मजबूत स्थिति में वहां पर जिला और प्रदेश स्तर के बड़े नेताओं की जनसभाएं आयोजित करने का शेड्यूल बनाया गया है। कांग्रेस ने दो लोगों को पार्टी से निकाला भाजपा जहां बागियों से निपटने के लिए रणनीति बदल कर जीतने की कोशिश कर रही है तो कांग्रेस ने अपने बागियों पर सख्त रूख अपनाया है। वार्ड 22 से पर्चा उठाने वाले हरविंद्र लवली और वार्ड 26 से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राम किशन सैन को पार्टी से छह साल के निष्कासित करके मैसेज दिया गया है कि बागियों से निपटने के लिए कांग्रेस तैयार है। कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय नेताओं को गुरुग्राम में उतारा है। चुनाव प्रबंधन समिति में ये नेता शामिल जनसंपर्क एवं जनसभा-गार्गी कक्कड़ महिला संपर्क-उषा प्रियदर्शी, मधु आजाद अनुसूचित जाति संपर्क-सत्यप्रकाश जरावत संयोजक-राव नरबीर सिंह, मुकेश शर्मा जिला संयोजक-भारती जैन सह जिला संयोजक-आरती शर्मा हरियाणा | दैनिक भास्कर
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