हरियाणा MBBS परीक्षा घोटाले में 41 पर FIR:2 कर्मचारियों ने कबूला जुर्म; अब तक 8 रेगुलर कर्मचारी सस्पेंड, 9 आउटसोर्स की सेवाएं समाप्त

हरियाणा MBBS परीक्षा घोटाले में 41 पर FIR:2 कर्मचारियों ने कबूला जुर्म; अब तक 8 रेगुलर कर्मचारी सस्पेंड, 9 आउटसोर्स की सेवाएं समाप्त

हरियाणा एमबीबीएस परीक्षा घोटाले में 41 छात्रों और कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, रोहतक (यूएचएसआर) से 24 एमबीबीएस छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड तलब किए हैं। इन छात्रों के साथ ही यूनिवर्सिटी के 17 कर्मचारियों के नाम भी एफआईआर में दर्ज किए गए हैं। पुलिस की अब तक की जांच में UHSR के दो कर्मचारियों ने पूछताछ के दौरान परीक्षा घोटाले में अपनी भूमिका स्वीकार की है। अब ये दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। इसलिए किया गया रिकॉर्ड तलब मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी छात्रों से औपचारिक पूछताछ शुरू करने से पहले आंसर शीट में छेड़छाड़ और संबंधित गड़बड़ी की पुष्टि करने के लिए परीक्षा रिकॉर्ड महत्वपूर्ण हैं।” हालांकि, उन्होंने चल रही जांच का हवाला देते हुए आगे की जानकारी देने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि यूएचएसआर के कर्मचारी रोशन लाल, रोहित और दीपक, जिन्होंने पूछताछ के दौरान अपनी भूमिकाएं स्वीकार की हैं। अब ये दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। 8 रेगुलर कर्मचारी हो चुके सस्पेंड इस घोटाले के जवाब में, यूएचएसआर अधिकारियों ने आठ नियमित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया और नौ आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दीं। इसके बाद 24 एमबीबीएस छात्रों और 17 कर्मचारियों सहित 41 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इस विवाद पर तीखी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। सीनियर कांग्रेस लीडर और लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने घोटाले की न्यायिक जांच की मांग की है तथा भाजपा सरकार पर प्रणालीगत भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। सैलजा सरकार से मांग चुकी श्वेत पत्र कांग्रेस महासचिव कुमारी शैलजा ने आरोप लगाया, “एमबीबीएस परीक्षा घोटाले ने एक लंबे समय से चल रहे नेटवर्क को उजागर किया है, जिसमें रिश्वत और हेराफेरी के जरिए फर्जी डॉक्टर बनाए गए थे।” “यह कुप्रथा जीवन को खतरे में डालती है और हमारी चिकित्सा प्रणाली की अखंडता को कमजोर करती है। सरकार को एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए जिसमें वह उठाए जा रहे कदमों का विवरण दे और यह बताए कि कितने ऐसे फर्जी डॉक्टर तैयार किए गए हैं।” सुरजेवाला ने व्यापम घोटाले से जोड़ा रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इसी तरह की चिंता जताई और एमबीबीएस घोटाले और कुख्यात व्यापम घोटाले के बीच समानताएं बताईं। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ़ एक अकेली घटना नहीं है। अगर उचित जांच की जाए तो इसमें कई हाई-प्रोफाइल लोगों की संलिप्तता सामने आएगी। राज्य सरकार को अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए और उसे एक मौजूदा हाई कोर्ट जज के अधीन जांच का आदेश देना चाहिए।” हरियाणा एमबीबीएस परीक्षा घोटाले में 41 छात्रों और कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, रोहतक (यूएचएसआर) से 24 एमबीबीएस छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड तलब किए हैं। इन छात्रों के साथ ही यूनिवर्सिटी के 17 कर्मचारियों के नाम भी एफआईआर में दर्ज किए गए हैं। पुलिस की अब तक की जांच में UHSR के दो कर्मचारियों ने पूछताछ के दौरान परीक्षा घोटाले में अपनी भूमिका स्वीकार की है। अब ये दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। इसलिए किया गया रिकॉर्ड तलब मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी छात्रों से औपचारिक पूछताछ शुरू करने से पहले आंसर शीट में छेड़छाड़ और संबंधित गड़बड़ी की पुष्टि करने के लिए परीक्षा रिकॉर्ड महत्वपूर्ण हैं।” हालांकि, उन्होंने चल रही जांच का हवाला देते हुए आगे की जानकारी देने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि यूएचएसआर के कर्मचारी रोशन लाल, रोहित और दीपक, जिन्होंने पूछताछ के दौरान अपनी भूमिकाएं स्वीकार की हैं। अब ये दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। 8 रेगुलर कर्मचारी हो चुके सस्पेंड इस घोटाले के जवाब में, यूएचएसआर अधिकारियों ने आठ नियमित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया और नौ आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दीं। इसके बाद 24 एमबीबीएस छात्रों और 17 कर्मचारियों सहित 41 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इस विवाद पर तीखी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। सीनियर कांग्रेस लीडर और लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने घोटाले की न्यायिक जांच की मांग की है तथा भाजपा सरकार पर प्रणालीगत भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। सैलजा सरकार से मांग चुकी श्वेत पत्र कांग्रेस महासचिव कुमारी शैलजा ने आरोप लगाया, “एमबीबीएस परीक्षा घोटाले ने एक लंबे समय से चल रहे नेटवर्क को उजागर किया है, जिसमें रिश्वत और हेराफेरी के जरिए फर्जी डॉक्टर बनाए गए थे।” “यह कुप्रथा जीवन को खतरे में डालती है और हमारी चिकित्सा प्रणाली की अखंडता को कमजोर करती है। सरकार को एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए जिसमें वह उठाए जा रहे कदमों का विवरण दे और यह बताए कि कितने ऐसे फर्जी डॉक्टर तैयार किए गए हैं।” सुरजेवाला ने व्यापम घोटाले से जोड़ा रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इसी तरह की चिंता जताई और एमबीबीएस घोटाले और कुख्यात व्यापम घोटाले के बीच समानताएं बताईं। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ़ एक अकेली घटना नहीं है। अगर उचित जांच की जाए तो इसमें कई हाई-प्रोफाइल लोगों की संलिप्तता सामने आएगी। राज्य सरकार को अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए और उसे एक मौजूदा हाई कोर्ट जज के अधीन जांच का आदेश देना चाहिए।”   हरियाणा | दैनिक भास्कर