<p style=”text-align: justify;”><strong>Who Is Vijender Gupta:</strong> बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता को सोमवार (24 फरवरी) को आठवीं दिल्ली विधानसभा के प्रथम सत्र में नया विधानसभा अध्यक्ष चुना गया. तीन बार विधायक रहे गुप्ता 2015 से 2020 के बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे और पिछले अगस्त से फिर कुछ समय के लिए नेता प्रतिपक्ष रहे. जून 2015 में उन्हें घसीट कर मार्शल द्वारा सदन से बाहर निकाला गया था, क्योंकि उन्होंने सरकार से चौथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट पेश करने पर जोर दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अक्टूबर 2016 में वह अपना विरोध दर्ज कराने के लिए एक मेज पर चढ़ गए थे. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट सदन में पेश किए जाने पर जोर देने के कारण जबरन निकाले गए गुप्ता से अब यह सुनिश्चित करने की उम्मीद है कि ये रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष रखी जाएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन हैं विजेंद्र गुप्ता?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता 2015 से रोहिणी विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उन्होंने 1997 में पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था. वे 2013 में नयी दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल से अपना पहला विधानसभा चुनाव हार गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केजरीवाल लहर में भी जीते चुनाव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विजेंद्र गुप्ता बीजेपी के वैसे नेता हैं, जो आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की लहर में भी चुनाव जीत दर्ज करते रहे. विजेंद्र गुप्ता की लोगों के बीच पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2015 में जब बीजेपी के सिर्फ 3 विधायक दिल्ली में चुनाव जीतने में सफल हुए थे, तब वे भी रोहिणी से विजेता रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, 2020 में भी विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी की सीट पर 12 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी. अब साल 2025 में लगातार तीसरी बार विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर स्पीकर पद की बड़ी जिम्मेदारी संभाली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विजेंद्र गुप्ता की पहचान</strong></p>
<ul style=”text-align: justify;”>
<li>रोहिणी विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक</li>
<li>दिल्ली विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष</li>
<li>डीडीए के मेंबर भी रहे</li>
<li>दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष</li>
<li>एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के पूर्व चेयरमैन</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”1984 सिख दंगा मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ फैसला कल, दिल्ली पुलिस ने की फांसी की मांग” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/sajjan-kumar-1984-sikh-riots-case-delhi-police-demands-death-penalty-ann-2891564″ target=”_self”>1984 सिख दंगा मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ फैसला कल, दिल्ली पुलिस ने की फांसी की मांग</a></strong></p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/XUd5e2aEIpE?si=q9LJlmgIcbZf6UZ9″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Who Is Vijender Gupta:</strong> बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता को सोमवार (24 फरवरी) को आठवीं दिल्ली विधानसभा के प्रथम सत्र में नया विधानसभा अध्यक्ष चुना गया. तीन बार विधायक रहे गुप्ता 2015 से 2020 के बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे और पिछले अगस्त से फिर कुछ समय के लिए नेता प्रतिपक्ष रहे. जून 2015 में उन्हें घसीट कर मार्शल द्वारा सदन से बाहर निकाला गया था, क्योंकि उन्होंने सरकार से चौथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट पेश करने पर जोर दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अक्टूबर 2016 में वह अपना विरोध दर्ज कराने के लिए एक मेज पर चढ़ गए थे. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट सदन में पेश किए जाने पर जोर देने के कारण जबरन निकाले गए गुप्ता से अब यह सुनिश्चित करने की उम्मीद है कि ये रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष रखी जाएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन हैं विजेंद्र गुप्ता?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता 2015 से रोहिणी विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उन्होंने 1997 में पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था. वे 2013 में नयी दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल से अपना पहला विधानसभा चुनाव हार गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केजरीवाल लहर में भी जीते चुनाव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विजेंद्र गुप्ता बीजेपी के वैसे नेता हैं, जो आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की लहर में भी चुनाव जीत दर्ज करते रहे. विजेंद्र गुप्ता की लोगों के बीच पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2015 में जब बीजेपी के सिर्फ 3 विधायक दिल्ली में चुनाव जीतने में सफल हुए थे, तब वे भी रोहिणी से विजेता रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, 2020 में भी विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी की सीट पर 12 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी. अब साल 2025 में लगातार तीसरी बार विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर स्पीकर पद की बड़ी जिम्मेदारी संभाली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विजेंद्र गुप्ता की पहचान</strong></p>
<ul style=”text-align: justify;”>
<li>रोहिणी विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक</li>
<li>दिल्ली विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष</li>
<li>डीडीए के मेंबर भी रहे</li>
<li>दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष</li>
<li>एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के पूर्व चेयरमैन</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”1984 सिख दंगा मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ फैसला कल, दिल्ली पुलिस ने की फांसी की मांग” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/sajjan-kumar-1984-sikh-riots-case-delhi-police-demands-death-penalty-ann-2891564″ target=”_self”>1984 सिख दंगा मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ फैसला कल, दिल्ली पुलिस ने की फांसी की मांग</a></strong></p>
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कौन हैं विजेंद्र गुप्ता? कभी मार्शल ने सदन से बाहर निकाला, अब बने दिल्ली विधानसभा के स्पीकर
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