हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आज से नॉमिनेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) पंकज अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा विधानसभा के आम चुनावों के लिए 5 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी होते ही इसी दिन से ही नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सीईओ ने बताया कि उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र 12 सितंबर तक ही भरे जा सकते हैं। 13 को नामांकन पत्रों को रिव्यू किया जाएगा। 16 सितंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वोटिंग 5 अक्तूबर और काउंटिंग 8 अक्टूबर को होगी। नामांकन प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों को रिटर्निंग अधिकारी (RO) सहायक रिटर्निंग अधिकारी (ARO) ऑफिस में अपने साथ अधिकतम 4 लोगों को लाने की अनुमति होगी। साथ ही आरओ-एआरओ ऑफिस की 100 मीटर की परिधि में अधिकतम 3 वाहन ही लाए जा सकते हैं। पंकज अग्रवाल ने बताया कि उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र सम्बंधित रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर बाद 3 बजे तक जमा करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि आरओ-एआरओ अपने कार्यालय व अन्य सरकारी कार्यालयों, जहां पर लोगों का अपने कार्यों के लिए आना-जाना रहता है, वहां पर 5 सितंबर को सुबह सूचना पट्टों पर नामांकन से संबंधित सूचना प्रदर्शित करें। नॉमिनेशन के पहले दिन जजपा नेता और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला आज उचाना विधानसभा क्षेत्र से नामांकन करेंगे। दोनों मोड में होगा नॉमिनेशन पंकज अग्रवाल ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों को नामांकन भरने के लिए ऑफलाइन नामांकन के साथ-साथ ऑनलाइन नामांकन की सुविधा भी प्रदान की है। जो उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन करना चाहते हैं उन्हें https://suvidha.eci.gov.in पर अपना अकाउंट बनाकर नामांकन फॉर्म भरना होगा तथा सुरक्षा राशि जमा करवाकर रिटर्निंग अधिकारी के पास नामांकन जमा करने के लिए समय का चयन करना होगा। उन्होंने बताया कि यदि कोई उम्मीदवार ऑनलाइन माध्यम से नामांकन आवेदन भरता है तो उसे प्रिंटआउट लेकर इसे नोटरी से सत्यापित करवाकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ रिटर्निंग अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से आवेदन जमा करना होगा। नेता चुनाव में 40 लाख ही खर्च कर पाएंगे सीईओ ने बताया कि उम्मीदवारों के लिए विधानसभा क्षेत्र में चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपए है। उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों द्वारा 10 हजार रुपए से अधिक का चुनाव खर्च सभी स्थितियों में क्रॉस्ड अकाउंट पेयी चेक, ड्राफ्ट, आरटीजीएस-एनईएफटी या चुनाव के उद्देश्य से खोले गए उम्मीदवार के बैंक खाते से जुड़े किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक मोड द्वारा करना होगा। नामांकन के समय उम्मीदवार को सुरक्षा राशि के रूप में 10 हजार रुपए जमा करवाने होंगे। इसके अलावा, जो उम्मीदवार अनुसूचित जाति से संबंधित है, उन्हें संबंधित चुनावों में आधी राशि अर्थात 5 हजार रुपए सुरक्षा राशि के रूप में जमा करवानी होगी, चाहे वह सामान्य निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा हो या आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से। हलफनामे के भरने होंगे सभी कॉलम मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उम्मीदवारों को नामांकन पत्र के साथ दाखिल किए जाने वाले हल्फनामे में सभी कॉलम भरने होंगे। यदि हलफनामे में कोई कॉलम रिक्त रह जाता है, तो रिटर्निंग अधिकारी उम्मीदवार को सभी कॉलम विधिवत भरे हुए संशोधित हलफनामा दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करेगा। ऐसे नोटिस के पश्चात भी यदि कोई उम्मीदवार सभी पहलुओं से पूर्ण हलफनामा दाखिल करने में विफल रहता है, तो जांच के समय निर्वाचन अधिकारी द्वारा नामांकन पत्र अस्वीकृत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ नामंकन प्रक्रिया से संबंधित तैयारियों को लेकर समीक्षा की गई है और जिला निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार नामांकन से सम्बंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आज से नॉमिनेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) पंकज अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा विधानसभा के आम चुनावों के लिए 5 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी होते ही इसी दिन से ही नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सीईओ ने बताया कि उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र 12 सितंबर तक ही भरे जा सकते हैं। 13 को नामांकन पत्रों को रिव्यू किया जाएगा। 16 सितंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वोटिंग 5 अक्तूबर और काउंटिंग 8 अक्टूबर को होगी। नामांकन प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों को रिटर्निंग अधिकारी (RO) सहायक रिटर्निंग अधिकारी (ARO) ऑफिस में अपने साथ अधिकतम 4 लोगों को लाने की अनुमति होगी। साथ ही आरओ-एआरओ ऑफिस की 100 मीटर की परिधि में अधिकतम 3 वाहन ही लाए जा सकते हैं। पंकज अग्रवाल ने बताया कि उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र सम्बंधित रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर बाद 3 बजे तक जमा करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि आरओ-एआरओ अपने कार्यालय व अन्य सरकारी कार्यालयों, जहां पर लोगों का अपने कार्यों के लिए आना-जाना रहता है, वहां पर 5 सितंबर को सुबह सूचना पट्टों पर नामांकन से संबंधित सूचना प्रदर्शित करें। नॉमिनेशन के पहले दिन जजपा नेता और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला आज उचाना विधानसभा क्षेत्र से नामांकन करेंगे। दोनों मोड में होगा नॉमिनेशन पंकज अग्रवाल ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों को नामांकन भरने के लिए ऑफलाइन नामांकन के साथ-साथ ऑनलाइन नामांकन की सुविधा भी प्रदान की है। जो उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन करना चाहते हैं उन्हें https://suvidha.eci.gov.in पर अपना अकाउंट बनाकर नामांकन फॉर्म भरना होगा तथा सुरक्षा राशि जमा करवाकर रिटर्निंग अधिकारी के पास नामांकन जमा करने के लिए समय का चयन करना होगा। उन्होंने बताया कि यदि कोई उम्मीदवार ऑनलाइन माध्यम से नामांकन आवेदन भरता है तो उसे प्रिंटआउट लेकर इसे नोटरी से सत्यापित करवाकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ रिटर्निंग अधिकारी को व्यक्तिगत 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हरियाणा में समय से पहले हो सकते हैं विधानसभा चुनाव:25 अगस्त के बाद घोषणा संभव; सैनी सरकार अलर्ट, अधिकारी देर रात तक कामों में जुटे हरियाणा में विधानसभा चुनाव तय समय से पहले हो सकते हैं। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) 25 अगस्त के बाद इसकी घोषणा करेगा। इस साल 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और झारखंड शामिल हैं। ECI के सूत्रों का कहना है कि जम्मू कश्मीर के कारण चुनाव की डेट में बदलाव किया गया है। 2019 में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 21 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया था। इस सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को खत्म होगा। समय से पहले विधानसभा चुनाव को लेकर हरियाणा सरकार भी अलर्ट हो गई है। सीएम नायब सैनी ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) और टॉप ब्यूरोक्रेसी को अलर्ट कर दिया है। यही वजह है कि CMO के ऑफिसर्स देर रात तक काम कर रहे हैं। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल पहले ही बता चुके हैं कि विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय चुनाव आयोग की टीम 12-13 अगस्त को हरियाणा दौरे पर आ रही है। स्थानीय स्तर पर सभी 22 जिलों मे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के इंजीनियरों द्वारा EVM चेकिंग का काम किया जा रहा है। इस बार विधानसभा चुनाव के लिए 817 पोलिंग बूथ नए बनाए गए हैं, जिसके बाद पोलिंग बूथों की संख्या बढ़कर 20,629 हो गई है। समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने की ये 3 बड़ी वजहें… 1. जम्मू-कश्मीर जम्मू-कश्मीर में 2018 से सरकार नहीं है। यहां राष्ट्रपति शासन लागू है। यहां अब विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां सितंबर 2024 में विधानसभा चुनाव संभावित हैं, जबकि हरियाणा सहित 3 अन्य राज्यों में अक्टूबर 2024 में विधानसभा प्रस्तावित है। जम्मू-कश्मीर की सीमाएं पाकिस्तान से लगती है। आर्टिकल 370 हटने के बाद यहां पिछले कुछ दिनों से आतंकी घटनाएं बढ़ गई हैं, ऐसे में केंद्र सरकार विधानसभा चुनाव कराकर इतिश्री करना चाहती है। यही वजह है कि दूसरे राज्यों के विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने पड़ रहे हैं। 2. विपक्ष को ज्यादा टाइम देने के मूड में नहीं केंद्र राजनीतिक जानकारों का कहना है लोकसभा चुनाव के बाद BJP के लिए इन चारों राज्यों के विधानसभा चुनाव बड़े महत्वपूर्ण होने वाले हैं। इन राज्यों के चुनाव का सीधा असर केंद्र की सरकार पर पड़ेगा। चूंकि अभी भाजपा ने केंद्र में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के सहयोग से बनी है। यदि इन राज्यों में भाजपा को अच्छे परिणाम नहीं मिले तो जाहिर है कि इसका सीधा सरकार गठबंधन के सहयोगियों पर भी पड़ेगा। जल्द चुनाव होने से विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस को अपनी तैयारियों को लेकर टाइम नहीं मिल पाएगा। 3. हरियाणा में भी BJP चाहती है जल्दी चुनाव केंद्र के साथ हरियाणा BJP भी यह चाहती है कि यहां समय से पहले ही विधानसभा चुनाव हों। इसका इनपुट हरियाणा की टॉप लीडरशिप केंद्र को दे चुकी है। यदि यहां समय से पहले चुनाव होते हैं तो हरियाणा सरकार विधानसभा में मानसून सेशन एक दिन का कर सकती है। संविधान विशेषज्ञ राम नारायण यादव ने बताया आर्टिकल 174 के कारण सरकार को 6 महीने के भीतर विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है। चाहे वह एक दिन ही सत्र क्यों न हो। हरियाणा में BJP-JJP गठबंधन की सरकार थी, इसी साल अलग हुए दोनों हरियाणा में 2019 में पिछले विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा को 41 और जजपा को 10 सीट मिली थीं। 6 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक के साथ भाजपा ने सरकार बनाई थी। मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि वह 5 साल कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। इसी साल 12 मार्च को जजपा और भाजपा का गठबंधन टूट गया। मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया। इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दावा किया कि उनके पास 48 विधायकों का समर्थन है। मीटिंग में भाजपा के 41 और 7 निर्दलीय विधायक शामिल हुए थे, यानी 48। विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 46 विधायकों का सपोर्ट चाहिए था। लोकसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस को 5-5 सीट मिलीं लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने 5 सीटें जीतीं। वहीं भाजपा को भी 5 सीटों पर जीत मिली। 2019 में भाजपा ने यहां 10 में से 10 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को यहां एक भी सीट नहीं मिल पाई थी। उनके दिग्गज नेता तक चुनाव हार गए थे। हरियाणा विधानसभा में बदल चुकी स्थिति लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। अब भाजपा, कांग्रेस के पास विधायकों की क्या है संख्या मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29 (किरण चौधरी अभी कांग्रेस विधायक हैं, स्पीकर ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है।), जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक हैं।