पंजाबी विषय को लेकर पंजाब की सियासत गर्माई:एग्जाम पैटर्न से मां बोली को हटाने का आरोप; नहीं हटाया कोई भाषा

पंजाबी विषय को लेकर पंजाब की सियासत गर्माई:एग्जाम पैटर्न से मां बोली को हटाने का आरोप; नहीं हटाया कोई भाषा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा लागू किए दसवीं कक्षा के नए पैटर्न से पंजाबी विषय के मुद्दे पर सियासत गर्मा हुई है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी AAP के विधायक व शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस का आरोप है कि केंद्र सरकार व सीबीएसई ने एग्जाम पैटर्न से पंजाबी को हटा दिया है। यह पंजाब के साथ धक्का है। वह इस मामले केंद्रीय शिक्षामंत्री को पत्र लिख रहे हैं। जरूरत पड़ने पर दिल्ली जाकर मुलाकात करेंगे। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के सीनियर व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने भी इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा पार्टी इस चीज का विरोध करेगी। पंजाबी को तुरंत बहल किया जाए। हालांकि CBSE ने साफ किया है मसौदा तिथि पत्र में शामिल अन्य विषयों और भाषाओं की सूची केवल सांकेतिक है और वर्तमान में पेश किए गए सभी विषय और भाषाएं 2025-2026 के लिए भी पेश की जाती रहेंगी। हरजोत बैंस ने एक वीडियो जारी कर तीन प्वाइंट उठाए हैं – 1. सीबीएसई द्वारा 10वीं कक्षा का नया एग्जाम पैटर्न स्कीम लागू की है। इसके मुताबिक साल में दो बार एग्जाम होंगे। लेकिन ड्राफ्ट को जैसे ही पढ़ते या देखते है तो जैसे कहा जाता है कि केंद्र सरकार पंजाब, पंजाबियत और पंजाबी से धक्का करने की कोशिश करती है। उसी तरह इस बार पंजाबी से धक्का किया। सूची से पंजाबी भाषा ही गायब कर दी है। ड्रॉफ्ट में कहा है कि एग्जाम दो बार होगा। जिसमें रीजनल भाषा से पंजाबी गायब कर दी है। जबकि नियम के मुताबिक एक रीजनल भाषा व एक विदेशी भाषा होगी। जबकि पंजाबी भाषा को मेंशन करना भी जरूरी नहीं समझा गया। बतौर शिक्षा मंत्री पंजाब इसकी सख्त निंदा करती है। 2. एक बच्चे के दिमाग के विकास के लिए सबसे जरूरी है कि उसकी मातृभाषा – मां बाेली में उसकी प्रारंभिक शिक्षा हो। ताकि वह चीजों को वह अच्छे समझ पाए। यह दुनिया की एक बेस्ट चाइल्ड साइकोलॉजी की स्टडी भी कहती है। इसका भाव है कि पंजाब के बच्चे सबसे ज्यादा तरक्की करे। ऐसे में उनका पंजाबी पढ़ना व समझना बहुत जरूर है। पंजाबी को खत्म करने की कोशिश की। 3. बतौर शिक्षामंत्री मेरी सीबीएसई व केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मांग है कि इस फैसले को वापस लिया जाए। पंजाबी को प्रीमियम भाषा मेन भाषा में शामिल किए जाए। पंजाब में 10वीं कक्षा में मेन भाषा पंजाबी होनी चाहिए। पंजाबी की परीक्षा दो बार होना चाहिए। ताकि बच्चा पंजाबी में माहिर हो जाए। वहीं कोई अन्य भाषा व विदेश सीखना चाहता है कि वह दिल खोलकर सीखे। वहीं, जहा रीजनल भाषा की आईडेंटिफाई की गई है। पंजाब के बाहर कई राज्य जहां पंजाबी बोली पढ़ी लिखी जाती है। ऐसे में इस मामले को उठा रहे है। पंजाबी को हटाने को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वह सीबीएसई द्वारा 2025-26 के पाठ्यक्रम से पंजाबी को क्षेत्रीय भाषाओं से हटाने के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं। पंजाबी हमारी मातृभाषा है, जो विभिन्न राज्यों और दुनिया भर के कई देशों में बोली और पढ़ाई जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी मातृभाषा पर यह हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और हम इस कदम का कड़ा विरोध करेंगे। हम इसकी तत्काल बहाली की मांग करते हैं और सभी पंजाबियों से इस लड़ाई में साथ देने की अपील करते हैं। सीबीएसई स्थिति साफ की सीबीएसई ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर लिखा है कि यह सीबीएसई द्वारा 25.02.2025 को अपनी वेबसाइट पर जारी कक्षा 10 की दो बोर्ड परीक्षाओं के संचालन के लिए मसौदा नीति के संबंध में है।यह स्पष्ट किया जाता है कि मसौदा तिथि पत्र में शामिल अन्य विषयों और भाषाओं की सूची केवल सांकेतिक है और वर्तमान में पेश किए गए सभी विषय और भाषाएं 2025-2026 के लिए भी पेश की जाती रहेंगी। इस प्रकार, “क्षेत्रीय और विदेशी भाषा समूह” शीर्षक के अंतर्गत मसौदा नीति के बिंदु 8 में भाषाओं की सूची के अंतर्गत उल्लिखित भाषाओं के अतिरिक्त, पंजाबी (004), रूसी (021), नेपाली (024), लिंबू (025), लेप्चा (026), सिंधी (008), मलयालम (012), ओडिया (013), असमिया (014), कन्नड़ (015); कोकबोरोक (091), तेलुगु (007), अरबी (016) और फारसी (023) की पेशकश जारी रहेगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा लागू किए दसवीं कक्षा के नए पैटर्न से पंजाबी विषय के मुद्दे पर सियासत गर्मा हुई है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी AAP के विधायक व शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस का आरोप है कि केंद्र सरकार व सीबीएसई ने एग्जाम पैटर्न से पंजाबी को हटा दिया है। यह पंजाब के साथ धक्का है। वह इस मामले केंद्रीय शिक्षामंत्री को पत्र लिख रहे हैं। जरूरत पड़ने पर दिल्ली जाकर मुलाकात करेंगे। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के सीनियर व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने भी इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा पार्टी इस चीज का विरोध करेगी। पंजाबी को तुरंत बहल किया जाए। हालांकि CBSE ने साफ किया है मसौदा तिथि पत्र में शामिल अन्य विषयों और भाषाओं की सूची केवल सांकेतिक है और वर्तमान में पेश किए गए सभी विषय और भाषाएं 2025-2026 के लिए भी पेश की जाती रहेंगी। हरजोत बैंस ने एक वीडियो जारी कर तीन प्वाइंट उठाए हैं – 1. सीबीएसई द्वारा 10वीं कक्षा का नया एग्जाम पैटर्न स्कीम लागू की है। इसके मुताबिक साल में दो बार एग्जाम होंगे। लेकिन ड्राफ्ट को जैसे ही पढ़ते या देखते है तो जैसे कहा जाता है कि केंद्र सरकार पंजाब, पंजाबियत और पंजाबी से धक्का करने की कोशिश करती है। उसी तरह इस बार पंजाबी से धक्का किया। सूची से पंजाबी भाषा ही गायब कर दी है। ड्रॉफ्ट में कहा है कि एग्जाम दो बार होगा। जिसमें रीजनल भाषा से पंजाबी गायब कर दी है। जबकि नियम के मुताबिक एक रीजनल भाषा व एक विदेशी भाषा होगी। जबकि पंजाबी भाषा को मेंशन करना भी जरूरी नहीं समझा गया। बतौर शिक्षा मंत्री पंजाब इसकी सख्त निंदा करती है। 2. एक बच्चे के दिमाग के विकास के लिए सबसे जरूरी है कि उसकी मातृभाषा – मां बाेली में उसकी प्रारंभिक शिक्षा हो। ताकि वह चीजों को वह अच्छे समझ पाए। यह दुनिया की एक बेस्ट चाइल्ड साइकोलॉजी की स्टडी भी कहती है। इसका भाव है कि पंजाब के बच्चे सबसे ज्यादा तरक्की करे। ऐसे में उनका पंजाबी पढ़ना व समझना बहुत जरूर है। पंजाबी को खत्म करने की कोशिश की। 3. बतौर शिक्षामंत्री मेरी सीबीएसई व केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मांग है कि इस फैसले को वापस लिया जाए। पंजाबी को प्रीमियम भाषा मेन भाषा में शामिल किए जाए। पंजाब में 10वीं कक्षा में मेन भाषा पंजाबी होनी चाहिए। पंजाबी की परीक्षा दो बार होना चाहिए। ताकि बच्चा पंजाबी में माहिर हो जाए। वहीं कोई अन्य भाषा व विदेश सीखना चाहता है कि वह दिल खोलकर सीखे। वहीं, जहा रीजनल भाषा की आईडेंटिफाई की गई है। पंजाब के बाहर कई राज्य जहां पंजाबी बोली पढ़ी लिखी जाती है। ऐसे में इस मामले को उठा रहे है। पंजाबी को हटाने को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वह सीबीएसई द्वारा 2025-26 के पाठ्यक्रम से पंजाबी को क्षेत्रीय भाषाओं से हटाने के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं। पंजाबी हमारी मातृभाषा है, जो विभिन्न राज्यों और दुनिया भर के कई देशों में बोली और पढ़ाई जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी मातृभाषा पर यह हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और हम इस कदम का कड़ा विरोध करेंगे। हम इसकी तत्काल बहाली की मांग करते हैं और सभी पंजाबियों से इस लड़ाई में साथ देने की अपील करते हैं। सीबीएसई स्थिति साफ की सीबीएसई ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर लिखा है कि यह सीबीएसई द्वारा 25.02.2025 को अपनी वेबसाइट पर जारी कक्षा 10 की दो बोर्ड परीक्षाओं के संचालन के लिए मसौदा नीति के संबंध में है।यह स्पष्ट किया जाता है कि मसौदा तिथि पत्र में शामिल अन्य विषयों और भाषाओं की सूची केवल सांकेतिक है और वर्तमान में पेश किए गए सभी विषय और भाषाएं 2025-2026 के लिए भी पेश की जाती रहेंगी। इस प्रकार, “क्षेत्रीय और विदेशी भाषा समूह” शीर्षक के अंतर्गत मसौदा नीति के बिंदु 8 में भाषाओं की सूची के अंतर्गत उल्लिखित भाषाओं के अतिरिक्त, पंजाबी (004), रूसी (021), नेपाली (024), लिंबू (025), लेप्चा (026), सिंधी (008), मलयालम (012), ओडिया (013), असमिया (014), कन्नड़ (015); कोकबोरोक (091), तेलुगु (007), अरबी (016) और फारसी (023) की पेशकश जारी रहेगी।   पंजाब | दैनिक भास्कर