मंडी इंटरनेशनल शिवरात्रि फेस्टिवल में निकाली शिव की बारात:आज शाम को विशेष ब्यास आरती, कल शाही जलेब, 200 देवी-देवता होंगे शामिल

मंडी इंटरनेशनल शिवरात्रि फेस्टिवल में निकाली शिव की बारात:आज शाम को विशेष ब्यास आरती, कल शाही जलेब, 200 देवी-देवता होंगे शामिल

हिमाचल की छोटी काशी मंडी में 7 दिन चलने वाला इंटरनेशनल शिवरात्रि फेस्टिवल बुधवार से शुरू हो गया है। आज मंडी में लघु जलेब (शोभायात्रा) और शिव की बारात निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। जलेब में पुलिस बैंड, पुलिस और होमगार्ड जवानों ने आगे-आगे परेड की और पीछे जिले के तीन प्रमुख देवताओं के रथ ढोल नगाड़ों की थाप पर आगे बढ़े। सैकड़ों लोग इसके साक्ष्य बने। जलेब से पहले ब्यास घाट से भूतनाथ मंदिर तक शिव की बारात निकली गई। इससे पहले DC मंडी अपूर्व देवगन राज माधव राय मंदिर, टारना माता मंदिर और देव कमरुनाग की विधिवत पूजा अर्चना की। इसके बाद जलेब निकाली गई। अब इस मेले का आकर्षण का केंद्र शाही जलेब कल निकाली जाएगी। इसके लिए मंडी में देवी-देवता पहुंचने शुरू हो गए है। कल की शाही जलेब में 200 से ज्यादा देवी-देवता शामिल होंगे। शिवरात्रि फेस्टिवल के लिए 216 देवताओं को निमंत्रण भेजा गया है। जलेब में आज तीन देवी-देवता शामिल हुए आज की लघु जलेब में तीन देवी-देवता शुकदेव ऋषि, देव झाथी वीर, देव डगांडू ऋषि शामिल हुए। कल से शिवरात्रि पर्व में सांस्कृतिक संध्याएं भी शुरू होगी। पहली सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शाही जलेब के बाद करेंगे। शिवरात्रि में आज विशेष ब्यास आरती होगी, काशी से बुलाए पुजारी शिवरात्रि पर्व में पहली बार विशेष ब्यास आरती का आज शाम को आयोजन होगा। इसके लिए काशी से 5 पुजारी खासतौर पर बुलाए गए है। डीसी मंडी ने मंडी वासियों से इस आरती में भाग लेने की अपील की है। 15वीं शताब्दी से मनाया जा रहा महाशिवरात्रि पर्व मान्यता है कि 1527 ई. में अजबर सेन ने बाबा भूतनाथ मंदिर की स्थापना की थी। इसके साथ ही मंडी शहर की स्थापना की गई। शुरू में यह पर्व दो दिन का होता था। मगर अब यह सात दिन तक मनाया जाता है। बड़ादेव कमरूनाग का विशेष स्थान मंडी जनपद के देवी-देवताओं में बड़ादेव कमरूनाग का विशेष स्थान है। शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने वाले बड़ादेव कमरूनाग जनपद के देवी-देवताओं में महामहिम हैं। देव परंपरा के अनुसार बड़ादेव कमरूनाग को मंडी जनपद में वरिष्ठ देवता के रूप में पूजा जाता है, कमरूनाग देवता बीते कल ही शिवरात्रि पर्व के लिए मंडी पहुंच गए है। कमरूनाग को वर्षा करने वाले देवता के रूप में भी पूजा जाता है। भारी बारिश अथवा सूखे के समय जनपद के लोग बड़ादेव की शरण में जाते हैं। शिवरात्रि मेले में बारिश होने के पीछे भी बड़ादेव कमरूनाग के रुष्ट होने को अहम कारण माना जाता है। इस दौरान मेला कमेटी भी बड़ादेव की मनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती है। शिवरात्रि में होता है शैव, वैष्णव और लोक देवता का संगम शिवरात्रि महोत्सव को लेकर एक मान्यता यह है कि यह एक ऐसा महोत्सव है जिसमें शैव, वैष्णव और लोक देवता का संगम होता है। शैव यानी भगवान शिव, वैष्णव भगवान विष्णु और लोक देवता कमरूनाग को कहा जाता है। मंडी जनपद में देव कमरूनाग के आगमन के बाद ही शिवरात्रि महोत्सव का आगाज होता है। हिमाचल के अलावा पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी शिवरात्रि पर्व को धूमधाम से मनाया गया। ************************ हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल में शिवरात्रि से जुड़ी तस्वीरें देखने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए.. हिमाचल की छोटी काशी मंडी में 7 दिन चलने वाला इंटरनेशनल शिवरात्रि फेस्टिवल बुधवार से शुरू हो गया है। आज मंडी में लघु जलेब (शोभायात्रा) और शिव की बारात निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। जलेब में पुलिस बैंड, पुलिस और होमगार्ड जवानों ने आगे-आगे परेड की और पीछे जिले के तीन प्रमुख देवताओं के रथ ढोल नगाड़ों की थाप पर आगे बढ़े। सैकड़ों लोग इसके साक्ष्य बने। जलेब से पहले ब्यास घाट से भूतनाथ मंदिर तक शिव की बारात निकली गई। इससे पहले DC मंडी अपूर्व देवगन राज माधव राय मंदिर, टारना माता मंदिर और देव कमरुनाग की विधिवत पूजा अर्चना की। इसके बाद जलेब निकाली गई। अब इस मेले का आकर्षण का केंद्र शाही जलेब कल निकाली जाएगी। इसके लिए मंडी में देवी-देवता पहुंचने शुरू हो गए है। कल की शाही जलेब में 200 से ज्यादा देवी-देवता शामिल होंगे। शिवरात्रि फेस्टिवल के लिए 216 देवताओं को निमंत्रण भेजा गया है। जलेब में आज तीन देवी-देवता शामिल हुए आज की लघु जलेब में तीन देवी-देवता शुकदेव ऋषि, देव झाथी वीर, देव डगांडू ऋषि शामिल हुए। कल से शिवरात्रि पर्व में सांस्कृतिक संध्याएं भी शुरू होगी। पहली सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शाही जलेब के बाद करेंगे। शिवरात्रि में आज विशेष ब्यास आरती होगी, काशी से बुलाए पुजारी शिवरात्रि पर्व में पहली बार विशेष ब्यास आरती का आज शाम को आयोजन होगा। इसके लिए काशी से 5 पुजारी खासतौर पर बुलाए गए है। डीसी मंडी ने मंडी वासियों से इस आरती में भाग लेने की अपील की है। 15वीं शताब्दी से मनाया जा रहा महाशिवरात्रि पर्व मान्यता है कि 1527 ई. में अजबर सेन ने बाबा भूतनाथ मंदिर की स्थापना की थी। इसके साथ ही मंडी शहर की स्थापना की गई। शुरू में यह पर्व दो दिन का होता था। मगर अब यह सात दिन तक मनाया जाता है। बड़ादेव कमरूनाग का विशेष स्थान मंडी जनपद के देवी-देवताओं में बड़ादेव कमरूनाग का विशेष स्थान है। शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने वाले बड़ादेव कमरूनाग जनपद के देवी-देवताओं में महामहिम हैं। देव परंपरा के अनुसार बड़ादेव कमरूनाग को मंडी जनपद में वरिष्ठ देवता के रूप में पूजा जाता है, कमरूनाग देवता बीते कल ही शिवरात्रि पर्व के लिए मंडी पहुंच गए है। कमरूनाग को वर्षा करने वाले देवता के रूप में भी पूजा जाता है। भारी बारिश अथवा सूखे के समय जनपद के लोग बड़ादेव की शरण में जाते हैं। शिवरात्रि मेले में बारिश होने के पीछे भी बड़ादेव कमरूनाग के रुष्ट होने को अहम कारण माना जाता है। इस दौरान मेला कमेटी भी बड़ादेव की मनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती है। शिवरात्रि में होता है शैव, वैष्णव और लोक देवता का संगम शिवरात्रि महोत्सव को लेकर एक मान्यता यह है कि यह एक ऐसा महोत्सव है जिसमें शैव, वैष्णव और लोक देवता का संगम होता है। शैव यानी भगवान शिव, वैष्णव भगवान विष्णु और लोक देवता कमरूनाग को कहा जाता है। मंडी जनपद में देव कमरूनाग के आगमन के बाद ही शिवरात्रि महोत्सव का आगाज होता है। हिमाचल के अलावा पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी शिवरात्रि पर्व को धूमधाम से मनाया गया। ************************ हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल में शिवरात्रि से जुड़ी तस्वीरें देखने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए..   पंजाब | दैनिक भास्कर