IIPA करेगा चंडीगढ नगर निगम का ऑडिट:फिजूलखर्ची पर लगेगी रोक; आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की लिस्ट मांगी, वित्तीय अनियमितताओं की होगी जांच

IIPA करेगा चंडीगढ नगर निगम का ऑडिट:फिजूलखर्ची पर लगेगी रोक; आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की लिस्ट मांगी, वित्तीय अनियमितताओं की होगी जांच

वित्तीय संकट से जूझ रहे चंडीगढ़ नगर निगम की फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के लिए अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (IIPA) ऑडिट करेगा। चंडीगढ़ नगर निगम का पैसा कहां और कैसे खर्च हो रहा है, इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस ऑडिट में अनावश्यक खर्चों की पहचान कर उन्हें नियंत्रित करने की सिफारिशें भी दी जाएगी। नगर निगम अधिकारियों ने सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की लिस्ट और उनकी पोस्टिंग का ब्योरा मांगा है। इससे यह पता लगाया जाएगा कि ये कर्मचारी वास्तव में कहां और किस विभाग में काम कर रहे हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि कई शिकायतें मिली थीं कि कुछ कर्मचारी सिर्फ कागजों में कार्यरत हैं, जबकि वे राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों के निजी कार्यों में लगे हुए हैं। आउटसोर्सिंग भर्ती की होगी जांच सूत्रों के मुताबिक, यह भी जांच होगी कि किन अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने रिश्तेदारों को निगम में नौकरी दिलवाई है। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि आउटसोर्सिंग भर्ती नियमों के अनुसार हुई है या नहीं। वेतन देने के लिए पैसे नहीं, फिर भी बढ़ रही आउटसोर्सिंग चंडीगढ नगर निगम के पास अपने नियमित कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन फिर भी आउटसोर्सिंग में बढ़ोतरी हो रही है। जनवरी के वेतन के लिए 33 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं, जबकि फरवरी और मार्च के वेतन और अन्य खर्चों के लिए 170 करोड़ की जरूरत होगी। यह राशि प्रशासन से अनुदान के रूप में मांगी गई है। 6 माह में तैयार होगी रिपोर्ट IIPA की टीम 6 महीने में ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर निगम को सौंपेगी। इसके बाद नगर निगम प्रशासन इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की रणनीति तय करेगा, ताकि वित्तीय अनियमितताओं को रोका जा सके और निगम की आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सके। रिपोर्ट में खुलासा होगा कि कौन से डिपार्टमेंट और उस डिपार्टमेंट के किस अधिकारी ने नियमों को ताक पर रखकर नगर निगम को नुकसान पहुंचाया है। वित्तीय संकट से जूझ रहे चंडीगढ़ नगर निगम की फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के लिए अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (IIPA) ऑडिट करेगा। चंडीगढ़ नगर निगम का पैसा कहां और कैसे खर्च हो रहा है, इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस ऑडिट में अनावश्यक खर्चों की पहचान कर उन्हें नियंत्रित करने की सिफारिशें भी दी जाएगी। नगर निगम अधिकारियों ने सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की लिस्ट और उनकी पोस्टिंग का ब्योरा मांगा है। इससे यह पता लगाया जाएगा कि ये कर्मचारी वास्तव में कहां और किस विभाग में काम कर रहे हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि कई शिकायतें मिली थीं कि कुछ कर्मचारी सिर्फ कागजों में कार्यरत हैं, जबकि वे राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों के निजी कार्यों में लगे हुए हैं। आउटसोर्सिंग भर्ती की होगी जांच सूत्रों के मुताबिक, यह भी जांच होगी कि किन अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने रिश्तेदारों को निगम में नौकरी दिलवाई है। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि आउटसोर्सिंग भर्ती नियमों के अनुसार हुई है या नहीं। वेतन देने के लिए पैसे नहीं, फिर भी बढ़ रही आउटसोर्सिंग चंडीगढ नगर निगम के पास अपने नियमित कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन फिर भी आउटसोर्सिंग में बढ़ोतरी हो रही है। जनवरी के वेतन के लिए 33 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं, जबकि फरवरी और मार्च के वेतन और अन्य खर्चों के लिए 170 करोड़ की जरूरत होगी। यह राशि प्रशासन से अनुदान के रूप में मांगी गई है। 6 माह में तैयार होगी रिपोर्ट IIPA की टीम 6 महीने में ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर निगम को सौंपेगी। इसके बाद नगर निगम प्रशासन इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की रणनीति तय करेगा, ताकि वित्तीय अनियमितताओं को रोका जा सके और निगम की आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सके। रिपोर्ट में खुलासा होगा कि कौन से डिपार्टमेंट और उस डिपार्टमेंट के किस अधिकारी ने नियमों को ताक पर रखकर नगर निगम को नुकसान पहुंचाया है।   पंजाब | दैनिक भास्कर