‘जिन लोगों को धर्म का नाम पूछकर मारा गया, वो…’, पंजाब के शाही इमाम का बड़ा बयान, मुसलमानों से की ये अपील <p style=”text-align: justify;”><strong>Kashmir Terror Attack: </strong>जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद देश भर में आक्रोश है. इस हमले को लेकर पंजाब के शाही इमाम मौलाना मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी का बड़ा बयान बयान सामने आया है. उन्होंने अपील की है कि आज (25 अप्रैल) को पंजाब के विभिन्न शहरों में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय आतंकवाद और पाकिस्तान समर्थित आतंकी ताकतों के खिलाफ प्रदर्शन करें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने पंजाब के सभी मुसलमानों से अपील की कि वे जुमा की नमाज के बाद आतंकवादियों और आतंकवाद के खिलाफ खुले तौर पर विरोध दर्ज करें और समाज के अन्य वर्गों के साथ मिलकर भाईचारे का संदेश दें. उन्होंने कहा, “हमारा यह विरोध प्रदर्शन उन नापाक ताकतों के खिलाफ है, जो मजहब के नाम पर मुल्क में दहशत फैलाना चाहते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निंदा करने के लिए शब्द भी कम पड़ गए- शाही इमाम</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पंजाब के शाही इमाम ने कहा कि <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> में जो आतंकी हमला हुआ, यह शर्मनाक हरकत है. ऐसी हरकत है कि निंदा करने के लिए शब्द भी कम पड़ गए. जिन लोगों को धर्म का नाम पूछकर मारा गया, वो वहां अपने परिवार के साथ घूमने गए थे. उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं कि यह अधर्मियों का काम है. उनका इस्लाम के साथ कोई संबंध नहीं हो सकता.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि हर बार आतंकियों को पकड़ा जाता है, लंबे मुकदमे चलते हैं. इस मामले में ऐसा नहीं होना चाहिए. आरोपियों को पकड़कर फास्ट ट्रैक की अदालत में मुकदमा चलाया जाए और किसी बाजार के अंदर उनको सजा-ए-मौत देनी चाहिए, ताकि आतंकवाद के खिलाफ भारत की ओर से एक मजबूत संदेश दुनिया को दिया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिंदू और मुसलमानों से की मौलाना ने की ये अपील</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>साथ ही उन्होंने हिंदू और मुसलमानों से कहा कि आतंक की ये साजिश सिर्फ चंद लोगों का मारना नहीं है, बल्कि करोड़ों लोगों के दिल में नफरत पैदा करना भी है. उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में इस बात का ऐलान होना चाहिए कि हम सब आतंकावाद के खिलाफ हैं और आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. धर्म पूछकर जो गोली मारे, वो सबसे बड़ा अदर्मी है, उनके खिलाफ कार्रवाई करना हम सब का धर्म है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी के नेतृत्व में मुस्लिम समाज ने आतंकवाद के पुतले फूंके और एकजुटता का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि मजहब के नाम पर जो हत्याएं की गईं, उस पर जितना भी अफसोस किया जाए या जितनी निंदा की जाए, वह कम है. यह एक ऐसा नापाक काम है कि पूरी दुनिया इस दर्द को महसूस कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “हम सभी को मिलकर यह दिखाना होगा कि कोई भी ताकत, चाहे वो देश के बाहर की हो या भीतर की, हमारे मुल्क की एकता और अमन को नहीं तोड़ सकती. इस नफरत और खौफ के खिलाफ हमारा सबसे बड़ा हथियार है, आपसी भाईचारा और इंसानियत.”</p>