यूपी में मार्च से मई तक होगी भीषण गर्मी:ला-नीना के एक्टिव नहीं होने से कम पड़ी ठंड; 125 साल में सबसे गर्म रहा फरवरी

यूपी में मार्च से मई तक होगी भीषण गर्मी:ला-नीना के एक्टिव नहीं होने से कम पड़ी ठंड; 125 साल में सबसे गर्म रहा फरवरी

1 मार्च से आधिकारिक रूप से ठंड का सीजन खत्म और गर्मियों की शुरुआत मानी जाती है। हालांकि, पिछले 2 दिनों से राज्य पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) एक्टिव हो गया है। इससे बादल, बारिश और तेज हवाओं ने ठंड को थोड़ा बढ़ा दिया है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें, तो ऐसा अधिकतम एक हफ्ते तक रह सकता है। उसके बाद तापमान में कमी नहीं आएगी और गर्मी बढ़ती जाएगी। कैसा रहा इस बार सर्दियों का मौसम? गर्मियों के लिए क्या अनुमान हैं? इस रिपोर्ट में पढ़िए- पिछले 3 साल में सबसे गर्म सर्दी रही
लखनऊ मौसम विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश बताते हैं- यूपी में इस बार पिछले 2-3 साल के मुकाबले ठंड कम पड़ी। दिसंबर से लेकर फरवरी के आखिरी तक औसत अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान सामान्य से अधिक रहे। सर्दियों के लिए उत्तर भारत के लिए अधिकतम औसत तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 10 से 15 डिग्री सेल्सियस निर्धारित है। मोहम्मद दानिश इसे लेकर कहते हैं कि इस सर्दी के सीजन में प्रदेश में यह दोनों तापमान औसत रूप से ज्यादा रहे। इस बार पूरी सर्दी के दौरान कोई शीतलहर या एक्सट्रीम ठंड देखने को नहीं मिली। वहीं, मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश कहते हैं कि इस बार उत्तर भारत में पिछले 10 सालों में दूसरी बार सबसे कम सर्दी पड़ी है। 125 साल में सबसे गर्म रहा फरवरी का महीना
मौसम विभाग का कहना है कि फरवरी 125 साल में पूरे देश में सबसे गर्म महीना रहा। 1901 के बाद यह पहली बार था, जब फरवरी में औसत न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना रहा। साल 1901 वही समय है, जबसे भारत समेत दुनिया भर में तापमान का लेखा-जोखा रखा जाता है। दूसरी ओर, 1901 के बाद से तीसरी बार जनवरी सबसे गर्म महीना रहा। 2024 की सर्दियां अब तक की सबसे गर्म रहीं
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के मुताबिक, 2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा। पृथ्वी का तापमान इस बार 1.55 डिग्री सेल्सियस बढ़ा। ऐसे में यूपी समेत पूरे उत्तर भारत में इसका असर ठंड के सीजन पर भी दिखा। मौसम विभाग के मुताबिक, 27 फरवरी की रात दिल्ली में अब तक की सर्दियों की सबसे गर्म रात दर्ज की गई। यहां पिछले 74 साल में पहली बार इस दिन 19.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। यह 1951 से तापमान का रिकॉर्ड रखने में पहली बार है। मौसम के इस बदले मिजाज का असर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिला। कम ठंड पड़ने की बड़ी वजह क्या? ला-नीना का एक्टिव नहीं होना
मोहम्मद दानिश के मुताबिक, इस बार ला-नीना का एक्टिव ना होना भी कम सर्दियों की वजह रहा। ला-नीना एक जलवायु पैटर्न है। इसका दुनिया भर के मौसम में असर पड़ता है। इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इसमें पानी भाप बनकर ऊपर जाता है। इससे आसमान में बादल छा जाते हैं और फिर बारिश होती है। भारत में कम और ज्यादा बारिश या ठंड और गर्मी ला-नीना पर ही निर्भर करती है। साल 2024 में ठंड की शुरुआत में मौसम विभाग ने अनुमान जताया था कि इस साल ला-नीना एक्टिव हो सकता है। इसकी वजह से उत्तर भारत में ठंड ज्यादा पड़ सकती हैं। लेकिन, अनुमान के मुताबिक प्रशांत महासागर में ला-नीना की स्थिति नहीं बनी। इस वजह से ठंड में बढ़ोतरी नहीं हुई। ठंड के सीजन की शुरुआत में नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के क्लाइमेट प्रिडिक्शन सेंटर ने अनुमान लगाया था कि इस बार सर्दी के सीजन में 60 फीसदी चांस है कि ‘ला नीना’ एक्टिव हो जाए। फिर मार्च तक इसका असर रहे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पश्चिमी विक्षोभ कम एक्टिव रहा तो बारिश कम हुई
मौसम वैज्ञानिक बताते हैं- इस बार प्रदेश में सर्दियों के मौसम में पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) की सक्रियता भी कम रही। इससे ठंड के सीजन में इस बार बारिश भी सामान्य से कम हुई। कई दिनों तक लगातार बादल और कोहरे के छाए रहने से ठंड बढ़ती है। वह भी इस सीजन में देखने को नहीं मिला। ज्यादातर जिलों में दिन में धूप निकली। मौसम विभाग के मुताबिक, 1 जनवरी से 26 फरवरी के बीच उत्तर भारत समेत पूरे देश में सामान्य से 62% कम बारिश हुई। मध्य भारत की बात करें, तो यहां पिछले 2 महीनों में सामान्य से 89% कम बारिश हुई। इस सीजन में देश भर में सामान्य रूप से 38 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए। लेकिन जनवरी-फरवरी महीने को मिलाकर पूरे देश में सिर्फ 14.4 मिलीमीटर बारिश हुई। आने वाले दिनों में कैसी पड़ेगी गर्मी मार्च से मई तक तापमान सामान्य से गर्म रहेगा
मौसम विभाग के मुताबिक, पूरे देश में मार्च से मई के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। इसमें सिर्फ मार्च महीने में पूरे भारत में अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है। साथ ही हीट वेव के दिनों के संख्या भी सामान्य से ज्यादा रहेगी। सिर्फ पूर्वोत्तर भारत और प्रायद्वीपीय क्षेत्र में आने वाले महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में हीट वेव के दिन सामान्य रहेंगे। मौसम विभाग की मानें, तो खासकर मध्य भारत में, जिसका उत्तर प्रदेश भी हिस्सा है, मार्च में हीं हीट वेव की शुरुआत हो जाएगी। साल 2024 के लिए भी मौसम विभाग ने अधिकतम और न्यूनतम तापमान के सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान लगाया था। IMD के मौसम वैज्ञानिक डीएस पाई के अनुसार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सामान्य से अधिक हीट वेव वाले दिन पड़ेंगे। लगातार 3 दिन से ऊपर 40 डिग्री सेल्सियस तापमान रहना सामान्य हीट वेव के दिन होते हैं। गर्म मार्च महीना गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाएगा
साल के ज्यादातर महीनों में सामान्य से ज्यादा तापमान का सीधा असर फसलों पर भी पड़ेगा। मार्च के भी सामान्य से ज्यादा गर्म रहने के अनुमान के बीच इसका असर गेहूं और सरसों की फसल पर पड़ेगा। इसके अलावा पिछले हफ्ते हुई बारिश का असर दलहन और तिलहन की फसल पर देखने को मिल सकता है। ————— ये खबर भी पढ़ें… मायावती ने भतीजे आकाश को उत्तराधिकारी पद से हटाया, एक साल में दूसरी बार सभी पद छीने; बोलीं- जीते-जी किसी को जिम्मेदारी नहीं दूंगी बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद से सभी जिम्मेदारियां छीन ली हैं। एक साल में दूसरी बार आकाश आनंद को उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया है। उन्होंने कहा- जीते-जी किसी को भी अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं करूंगी। पढ़ें पूरी खबर 1 मार्च से आधिकारिक रूप से ठंड का सीजन खत्म और गर्मियों की शुरुआत मानी जाती है। हालांकि, पिछले 2 दिनों से राज्य पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) एक्टिव हो गया है। इससे बादल, बारिश और तेज हवाओं ने ठंड को थोड़ा बढ़ा दिया है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें, तो ऐसा अधिकतम एक हफ्ते तक रह सकता है। उसके बाद तापमान में कमी नहीं आएगी और गर्मी बढ़ती जाएगी। कैसा रहा इस बार सर्दियों का मौसम? गर्मियों के लिए क्या अनुमान हैं? इस रिपोर्ट में पढ़िए- पिछले 3 साल में सबसे गर्म सर्दी रही
लखनऊ मौसम विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश बताते हैं- यूपी में इस बार पिछले 2-3 साल के मुकाबले ठंड कम पड़ी। दिसंबर से लेकर फरवरी के आखिरी तक औसत अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान सामान्य से अधिक रहे। सर्दियों के लिए उत्तर भारत के लिए अधिकतम औसत तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 10 से 15 डिग्री सेल्सियस निर्धारित है। मोहम्मद दानिश इसे लेकर कहते हैं कि इस सर्दी के सीजन में प्रदेश में यह दोनों तापमान औसत रूप से ज्यादा रहे। इस बार पूरी सर्दी के दौरान कोई शीतलहर या एक्सट्रीम ठंड देखने को नहीं मिली। वहीं, मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश कहते हैं कि इस बार उत्तर भारत में पिछले 10 सालों में दूसरी बार सबसे कम सर्दी पड़ी है। 125 साल में सबसे गर्म रहा फरवरी का महीना
मौसम विभाग का कहना है कि फरवरी 125 साल में पूरे देश में सबसे गर्म महीना रहा। 1901 के बाद यह पहली बार था, जब फरवरी में औसत न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना रहा। साल 1901 वही समय है, जबसे भारत समेत दुनिया भर में तापमान का लेखा-जोखा रखा जाता है। दूसरी ओर, 1901 के बाद से तीसरी बार जनवरी सबसे गर्म महीना रहा। 2024 की सर्दियां अब तक की सबसे गर्म रहीं
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के मुताबिक, 2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा। पृथ्वी का तापमान इस बार 1.55 डिग्री सेल्सियस बढ़ा। ऐसे में यूपी समेत पूरे उत्तर भारत में इसका असर ठंड के सीजन पर भी दिखा। मौसम विभाग के मुताबिक, 27 फरवरी की रात दिल्ली में अब तक की सर्दियों की सबसे गर्म रात दर्ज की गई। यहां पिछले 74 साल में पहली बार इस दिन 19.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। यह 1951 से तापमान का रिकॉर्ड रखने में पहली बार है। मौसम के इस बदले मिजाज का असर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिला। कम ठंड पड़ने की बड़ी वजह क्या? ला-नीना का एक्टिव नहीं होना
मोहम्मद दानिश के मुताबिक, इस बार ला-नीना का एक्टिव ना होना भी कम सर्दियों की वजह रहा। ला-नीना एक जलवायु पैटर्न है। इसका दुनिया भर के मौसम में असर पड़ता है। इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इसमें पानी भाप बनकर ऊपर जाता है। इससे आसमान में बादल छा जाते हैं और फिर बारिश होती है। भारत में कम और ज्यादा बारिश या ठंड और गर्मी ला-नीना पर ही निर्भर करती है। साल 2024 में ठंड की शुरुआत में मौसम विभाग ने अनुमान जताया था कि इस साल ला-नीना एक्टिव हो सकता है। इसकी वजह से उत्तर भारत में ठंड ज्यादा पड़ सकती हैं। लेकिन, अनुमान के मुताबिक प्रशांत महासागर में ला-नीना की स्थिति नहीं बनी। इस वजह से ठंड में बढ़ोतरी नहीं हुई। ठंड के सीजन की शुरुआत में नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के क्लाइमेट प्रिडिक्शन सेंटर ने अनुमान लगाया था कि इस बार सर्दी के सीजन में 60 फीसदी चांस है कि ‘ला नीना’ एक्टिव हो जाए। फिर मार्च तक इसका असर रहे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पश्चिमी विक्षोभ कम एक्टिव रहा तो बारिश कम हुई
मौसम वैज्ञानिक बताते हैं- इस बार प्रदेश में सर्दियों के मौसम में पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) की सक्रियता भी कम रही। इससे ठंड के सीजन में इस बार बारिश भी सामान्य से कम हुई। कई दिनों तक लगातार बादल और कोहरे के छाए रहने से ठंड बढ़ती है। वह भी इस सीजन में देखने को नहीं मिला। ज्यादातर जिलों में दिन में धूप निकली। मौसम विभाग के मुताबिक, 1 जनवरी से 26 फरवरी के बीच उत्तर भारत समेत पूरे देश में सामान्य से 62% कम बारिश हुई। मध्य भारत की बात करें, तो यहां पिछले 2 महीनों में सामान्य से 89% कम बारिश हुई। इस सीजन में देश भर में सामान्य रूप से 38 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए। लेकिन जनवरी-फरवरी महीने को मिलाकर पूरे देश में सिर्फ 14.4 मिलीमीटर बारिश हुई। आने वाले दिनों में कैसी पड़ेगी गर्मी मार्च से मई तक तापमान सामान्य से गर्म रहेगा
मौसम विभाग के मुताबिक, पूरे देश में मार्च से मई के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। इसमें सिर्फ मार्च महीने में पूरे भारत में अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है। साथ ही हीट वेव के दिनों के संख्या भी सामान्य से ज्यादा रहेगी। सिर्फ पूर्वोत्तर भारत और प्रायद्वीपीय क्षेत्र में आने वाले महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में हीट वेव के दिन सामान्य रहेंगे। मौसम विभाग की मानें, तो खासकर मध्य भारत में, जिसका उत्तर प्रदेश भी हिस्सा है, मार्च में हीं हीट वेव की शुरुआत हो जाएगी। साल 2024 के लिए भी मौसम विभाग ने अधिकतम और न्यूनतम तापमान के सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान लगाया था। IMD के मौसम वैज्ञानिक डीएस पाई के अनुसार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सामान्य से अधिक हीट वेव वाले दिन पड़ेंगे। लगातार 3 दिन से ऊपर 40 डिग्री सेल्सियस तापमान रहना सामान्य हीट वेव के दिन होते हैं। गर्म मार्च महीना गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाएगा
साल के ज्यादातर महीनों में सामान्य से ज्यादा तापमान का सीधा असर फसलों पर भी पड़ेगा। मार्च के भी सामान्य से ज्यादा गर्म रहने के अनुमान के बीच इसका असर गेहूं और सरसों की फसल पर पड़ेगा। इसके अलावा पिछले हफ्ते हुई बारिश का असर दलहन और तिलहन की फसल पर देखने को मिल सकता है। ————— ये खबर भी पढ़ें… मायावती ने भतीजे आकाश को उत्तराधिकारी पद से हटाया, एक साल में दूसरी बार सभी पद छीने; बोलीं- जीते-जी किसी को जिम्मेदारी नहीं दूंगी बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद से सभी जिम्मेदारियां छीन ली हैं। एक साल में दूसरी बार आकाश आनंद को उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया है। उन्होंने कहा- जीते-जी किसी को भी अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं करूंगी। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर