अंसल तो सपा की ही उपज थी। होम बायर्स के साथ धोखा हुआ है। आज उस पर शिकंजा हमने कसा है। किसी होम बायर्स के साथ धोखा नहीं होने देंगे। आरोपी को पाताल से भी निकाल कर सजा देंगे। ये बातें सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में कहीं। उन्होंने सपा पर हमला करते हुए कहा कि अंसल मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमने FIR लिखने के आदेश दिए हैं। यह वही प्रदेश है, जहां पहले कोई निवेश करने नहीं आता था। आज यह निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन बन कर सामने आया है। इधर, CM के बयान आने के कुछ घंटों बाद ही LDA आमीन ने अंसल प्रंबधक सहित पांच के खिलाफ FIR दर्ज करा दी है। अंसल प्रमोटर के खिलाफ FIR अंसल मामले को लेकर सीएम ने सोमवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण और रेरा के अफसरों की बैठक बुलाई थी। जिसमें उन्होंने अंसल प्रबंधक के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद LDA के अमीन ने गोमतीनगर थाने में अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के मालिक पिता-पुत्र समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज करवाया है । आरोप है कि कंपनी ने दो बार टाउनशिप की योजना स्वीकृत कराई थी। निर्धारित भूमि से कई गुना पर टाउनशिप बना लिया। इसमें अंसल प्रमोटर प्रणव अंसल, सुशील अंसल, सुनील कुमार गुप्ता, फेरन्सेटी पैट्रिका अटकिंशन और डायरेक्टर विनय कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-316(5), 318(4), 61(2), 352, 351(2), 338, 336(3), 340(2), 111 और प्रिवेन्शन ऑफ डेमेज टु पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट-1984 की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एलडीए अमीन अर्पित शर्मा ने गोमतीनगर थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया हैं कि प्राधिकरण ने 2005 में 1765 एकड़ की हाईटेक टाउनशिप विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया था। इसकी डीपीआर 2006 में स्वीकृत की गई। अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. ने टाउनशिप विकसित करने का काम शुरू किया। स्वीकृत टाउनशिप में कंपनी ने खरीदी गई जमीन के अलावा ग्राम समाज, सीलिंग, तालाब, राज्य सरकार के नाम दर्ज, चक मार्ग, नवीन परती, बंजर, नहर और नाली की जमीन अपने प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया। इसकी जानकारी प्राधिकरण को नहीं दी। और उसको बेच दिया। सीएम ने जताई थी नाराजगी अंसल API में 7000 निवेशकों ने रुपया लगाया है। निवेशकों का रुपया फंस गया है, जिसको लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। मुख्यमंत्री ने अनियमित और नियमावली के उल्लंघन पर रोष प्रकट किया था। सीएम ने मामले के गंभीरता को समझते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण को एक हफ्ते के अंदर FIR करने और अपने स्तर पर जांच करके शासन को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। अंसल को दिवालिया घोषित किया राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) दिल्ली ने 25 फरवरी को लखनऊ में अंसल को दिवालिया घोषित कर दिया था। कंपनी पर एलडीए का 450 करोड़ रुपए बकाया है। दिवालिया घोषित होने के बाद एलडीए का पैसा भी फंस गया है। NCLT ने अंसल कंपनी के बोर्ड को भी भंग कर दिया है। ऐसे में टाउनशिप की जमीन अंसल के अधिकार में नहीं रही। अब NCLT की ओर से नियुक्त किया गया रिसीवर ही उसको लेकर निर्णय लेगा। 7000 से ज्यादा निवेशकों का करोड़ों रुपया फंसा 1967 में अंसल एपीआई नाम से रियल स्टेट कंपनी रजिस्टर्ड हुई। 2025 तक 7000 से ज्यादा निवेशकों ने इसमें रुपया लगाया। राजधानी लखनऊ, दिल्ली एनसीआर समेत 5 राज्यों में अंसल एपीआई ने अपनी 21 से ज्यादा टाउनशिप बनाई हैं। कम दाम पर फ्लैट, मकान और जमीन देने का वादा करने वाले अंसल के खिलाफ CBI और ED की जांच चल रही है। अलग-अलग जिलों में सैकड़ों मुकदमे भी दर्ज हैं। मौजूदा समय में लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में निवेश करने वालों को कहना है- अंसल ने उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला किया है। अंसल ने ऐसे बढ़ाया अपना दायरा… उत्तर प्रदेश में हाईटेक टाउनशिप पॉलिसी के तहत साल 2003 में अंसल को करीब 1335 एकड़ में टाउनशिप का लाइसेंस दिया गया था। पांच साल बीत जाने के बाद भी डेवलपर्स इसका विकास नहीं कर सके। इसके बावजूद 2008 में तत्कालीन सरकार ने टाउनशिप का दायरा बढ़ाकर 3530 एकड़ कर दिया। इतना ही नहीं डेवलपर्स को फायदा पहुंचाने के लिए अफसरों ने नियमों को ही बदल दिया। टाउनशिप पॉलिसी के तहत केवल एक बार ही एक्सटेंशन मिल सकता था, लेकिन अंसल API को दूसरा एक्सटेंशन देते हुए टाउनशिप का दायरा साल 2012 में बढ़ा कर 6500 एकड़ कर दिया था। ……………………. यह खबर भी पढ़े लखनऊ में अंसल API ऑफिस के बाहर हंगामा: निवेशकों से विधायक बोले- किसी का पैसा नहीं डूबेगा, CM ने अफसरों की बैठक बुलाई लखनऊ में अंसल के दिवालिया घोषित होने के बाद निवेशकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने अंसल एपीआई दफ्तर के बाहर सभा कर नाराजगी जाहिर की। निवेशकों ने कहा- अंसल ने हमारे सपनों को मार दिया। पूरी कमाई लगाने के बाद आज हम लोग रोड पर आ गए। ये सब LDA अफसरों की निगरानी में होता रहा, लेकिन कोई उन्हें रोक नहीं पाया। इस मौके पर सभा में पहुंचें विधायक ने आश्वासन दिया कि किसी का भी पैसा नहीं डूबेगा। यहां पढ़े पूरी खबर अंसल तो सपा की ही उपज थी। होम बायर्स के साथ धोखा हुआ है। आज उस पर शिकंजा हमने कसा है। किसी होम बायर्स के साथ धोखा नहीं होने देंगे। आरोपी को पाताल से भी निकाल कर सजा देंगे। ये बातें सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में कहीं। उन्होंने सपा पर हमला करते हुए कहा कि अंसल मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमने FIR लिखने के आदेश दिए हैं। यह वही प्रदेश है, जहां पहले कोई निवेश करने नहीं आता था। आज यह निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन बन कर सामने आया है। इधर, CM के बयान आने के कुछ घंटों बाद ही LDA आमीन ने अंसल प्रंबधक सहित पांच के खिलाफ FIR दर्ज करा दी है। अंसल प्रमोटर के खिलाफ FIR अंसल मामले को लेकर सीएम ने सोमवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण और रेरा के अफसरों की बैठक बुलाई थी। जिसमें उन्होंने अंसल प्रबंधक के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद LDA के अमीन ने गोमतीनगर थाने में अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के मालिक पिता-पुत्र समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज करवाया है । आरोप है कि कंपनी ने दो बार टाउनशिप की योजना स्वीकृत कराई थी। निर्धारित भूमि से कई गुना पर टाउनशिप बना लिया। इसमें अंसल प्रमोटर प्रणव अंसल, सुशील अंसल, सुनील कुमार गुप्ता, फेरन्सेटी पैट्रिका अटकिंशन और डायरेक्टर विनय कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-316(5), 318(4), 61(2), 352, 351(2), 338, 336(3), 340(2), 111 और प्रिवेन्शन ऑफ डेमेज टु पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट-1984 की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एलडीए अमीन अर्पित शर्मा ने गोमतीनगर थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया हैं कि प्राधिकरण ने 2005 में 1765 एकड़ की हाईटेक टाउनशिप विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया था। इसकी डीपीआर 2006 में स्वीकृत की गई। अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. ने टाउनशिप विकसित करने का काम शुरू किया। स्वीकृत टाउनशिप में कंपनी ने खरीदी गई जमीन के अलावा ग्राम समाज, सीलिंग, तालाब, राज्य सरकार के नाम दर्ज, चक मार्ग, नवीन परती, बंजर, नहर और नाली की जमीन अपने प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया। इसकी जानकारी प्राधिकरण को नहीं दी। और उसको बेच दिया। सीएम ने जताई थी नाराजगी अंसल API में 7000 निवेशकों ने रुपया लगाया है। निवेशकों का रुपया फंस गया है, जिसको लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। मुख्यमंत्री ने अनियमित और नियमावली के उल्लंघन पर रोष प्रकट किया था। सीएम ने मामले के गंभीरता को समझते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण को एक हफ्ते के अंदर FIR करने और अपने स्तर पर जांच करके शासन को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। अंसल को दिवालिया घोषित किया राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) दिल्ली ने 25 फरवरी को लखनऊ में अंसल को दिवालिया घोषित कर दिया था। कंपनी पर एलडीए का 450 करोड़ रुपए बकाया है। दिवालिया घोषित होने के बाद एलडीए का पैसा भी फंस गया है। NCLT ने अंसल कंपनी के बोर्ड को भी भंग कर दिया है। ऐसे में टाउनशिप की जमीन अंसल के अधिकार में नहीं रही। अब NCLT की ओर से नियुक्त किया गया रिसीवर ही उसको लेकर निर्णय लेगा। 7000 से ज्यादा निवेशकों का करोड़ों रुपया फंसा 1967 में अंसल एपीआई नाम से रियल स्टेट कंपनी रजिस्टर्ड हुई। 2025 तक 7000 से ज्यादा निवेशकों ने इसमें रुपया लगाया। राजधानी लखनऊ, दिल्ली एनसीआर समेत 5 राज्यों में अंसल एपीआई ने अपनी 21 से ज्यादा टाउनशिप बनाई हैं। कम दाम पर फ्लैट, मकान और जमीन देने का वादा करने वाले अंसल के खिलाफ CBI और ED की जांच चल रही है। अलग-अलग जिलों में सैकड़ों मुकदमे भी दर्ज हैं। मौजूदा समय में लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में निवेश करने वालों को कहना है- अंसल ने उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला किया है। अंसल ने ऐसे बढ़ाया अपना दायरा… उत्तर प्रदेश में हाईटेक टाउनशिप पॉलिसी के तहत साल 2003 में अंसल को करीब 1335 एकड़ में टाउनशिप का लाइसेंस दिया गया था। पांच साल बीत जाने के बाद भी डेवलपर्स इसका विकास नहीं कर सके। इसके बावजूद 2008 में तत्कालीन सरकार ने टाउनशिप का दायरा बढ़ाकर 3530 एकड़ कर दिया। इतना ही नहीं डेवलपर्स को फायदा पहुंचाने के लिए अफसरों ने नियमों को ही बदल दिया। टाउनशिप पॉलिसी के तहत केवल एक बार ही एक्सटेंशन मिल सकता था, लेकिन अंसल API को दूसरा एक्सटेंशन देते हुए टाउनशिप का दायरा साल 2012 में बढ़ा कर 6500 एकड़ कर दिया था। ……………………. यह खबर भी पढ़े लखनऊ में अंसल API ऑफिस के बाहर हंगामा: निवेशकों से विधायक बोले- किसी का पैसा नहीं डूबेगा, CM ने अफसरों की बैठक बुलाई लखनऊ में अंसल के दिवालिया घोषित होने के बाद निवेशकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने अंसल एपीआई दफ्तर के बाहर सभा कर नाराजगी जाहिर की। निवेशकों ने कहा- अंसल ने हमारे सपनों को मार दिया। पूरी कमाई लगाने के बाद आज हम लोग रोड पर आ गए। ये सब LDA अफसरों की निगरानी में होता रहा, लेकिन कोई उन्हें रोक नहीं पाया। इस मौके पर सभा में पहुंचें विधायक ने आश्वासन दिया कि किसी का भी पैसा नहीं डूबेगा। यहां पढ़े पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
अंसल प्रबंधक समेत 5 के खिलाफ FIR दर्ज:विधानसभा में CM योगी बोले- खरीदारों को धोखा देने वालों को पाताल से निकालकर सजा देंगे, एक्शन में LDA
