<p style=”text-align: justify;”><strong>MP Digital Arrest News:</strong> मध्य प्रदेश के इंदौर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर ठग गिरोह ने एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर को जाल में फंसाया और उसे 33 लाख रुपये का चूना लगा दिया. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. ‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का नया तरीका है. ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके धमकाते हैं और उन्हें पूछताछ के नाम पर डिजिटल रूप से बंधक बना लेते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि ठग गिरोह के एक सदस्य ने शहर के एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर को वीडियो कॉल किया और अपना परिचय दिल्ली पुलिस की साइबर अपराध शाखा के अधिकारी के रूप में दिया. उन्होंने बताया कि ठग ने सेवानिवृत्त प्रोफेसर से कहा कि उसका आधार कार्ड ऐसे कई बैंक खातों से जुड़ा पाया गया है, जिनका इस्तेमाल करोड़ों रुपये के धनशोधन में किया गया है.</p>
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<div class=”n0jPhd ynAwRc MBeuO nDgy9d” role=”heading” aria-level=”3″><strong>रिटायर्ड प्रोफेसर ने अलग-अलग बैंक खातों में भेजे पैसे</strong></div>
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<p style=”text-align: justify;”>दंडोतिया ने बताया कि ठग ने वीडियो कॉल पर सेवानिवृत्त प्रोफेसर को ‘डिजिटल अरेस्ट’ किए जाने का झांसा दिया और फर्जी पूछताछ के दौरान उसे धमकाकर अलग-अलग निर्देश देता रहा. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि घबराया बुजुर्ग ठग के निर्देश मानता रहा और उसने अपनी जमा-पूंजी के 33 लाख रुपये उसके बताए अलग-अलग बैंक खातों में भेज दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने पीड़ित को वापस दिलाए 26.45 लाख रुपये</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त के मुताबिक, ‘‘पुलिस ने पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर उसे 26.45 लाख रुपये वापस दिलाए हैं. इस रकम से उसने पुणे में अपना लिवर प्रत्यारोपण कराया है.’’ अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि सेवानिवृत्त प्रोफेसर से ठगी में इस्तेमाल 49 बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी गई है और उसे बाकी रकम वापस दिलाने की कोशिश की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”‘अगले एक साल तक बिना प्रेस किए कपड़े पहनूंगा’, MP के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर की प्रतिज्ञा” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/pradhuman-singh-tomar-mp-minister-statement-will-not-wear-ironed-clothes-to-save-electricity-2897039″ target=”_self”>’अगले एक साल तक बिना प्रेस किए कपड़े पहनूंगा’, MP के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर की प्रतिज्ञा</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Digital Arrest News:</strong> मध्य प्रदेश के इंदौर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर ठग गिरोह ने एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर को जाल में फंसाया और उसे 33 लाख रुपये का चूना लगा दिया. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. ‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का नया तरीका है. ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके धमकाते हैं और उन्हें पूछताछ के नाम पर डिजिटल रूप से बंधक बना लेते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि ठग गिरोह के एक सदस्य ने शहर के एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर को वीडियो कॉल किया और अपना परिचय दिल्ली पुलिस की साइबर अपराध शाखा के अधिकारी के रूप में दिया. उन्होंने बताया कि ठग ने सेवानिवृत्त प्रोफेसर से कहा कि उसका आधार कार्ड ऐसे कई बैंक खातों से जुड़ा पाया गया है, जिनका इस्तेमाल करोड़ों रुपये के धनशोधन में किया गया है.</p>
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<p style=”text-align: justify;”>दंडोतिया ने बताया कि ठग ने वीडियो कॉल पर सेवानिवृत्त प्रोफेसर को ‘डिजिटल अरेस्ट’ किए जाने का झांसा दिया और फर्जी पूछताछ के दौरान उसे धमकाकर अलग-अलग निर्देश देता रहा. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि घबराया बुजुर्ग ठग के निर्देश मानता रहा और उसने अपनी जमा-पूंजी के 33 लाख रुपये उसके बताए अलग-अलग बैंक खातों में भेज दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने पीड़ित को वापस दिलाए 26.45 लाख रुपये</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त के मुताबिक, ‘‘पुलिस ने पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर उसे 26.45 लाख रुपये वापस दिलाए हैं. इस रकम से उसने पुणे में अपना लिवर प्रत्यारोपण कराया है.’’ अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि सेवानिवृत्त प्रोफेसर से ठगी में इस्तेमाल 49 बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी गई है और उसे बाकी रकम वापस दिलाने की कोशिश की जा रही है.</p>
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