रोक के बाद भी निबंधन विभाग करता रहा रजिस्ट्री:LDA वीसी ने DM को लिखा पत्र, पुलिस ने भी एलडीए से मांगी जानकारी

रोक के बाद भी निबंधन विभाग करता रहा रजिस्ट्री:LDA वीसी ने DM को लिखा पत्र, पुलिस ने भी एलडीए से मांगी जानकारी

अंसल API के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त लहज़े के बाद अब अफसर भी अलर्ट मोड़ में आ गए। एक-एक करके सभी विभागों की ज़िम्मेदारी तय की जा रही है। एलडीए अफसरों की दो दिन की जांच में सामने आया हैं कि निबंध विभाग के अफसरों की मिलीभगत से पांच सालों में 200 के करीब रजिस्ट्री हुई और इसके लिए एलडीए से एनओसी तक नहीं ली गई थी। 2020 से 2025 तक तैनात अफसरों की मांगी गई जानकारी निबंध विभाग के अफसरों ने रोक के बाद भी 2020 से 2025 तक बिना एलडीए से अनुमति लिए रजिस्ट्री करते रहे। जबकि एलडीए ने 2020 में पत्र भेज कर अंसल की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इन वर्षो में तैनात अफसरों ने अंसल से मिलीभगत करके रजिस्ट्रियां करते रहे। एक दो नहीं 200 से ज्यादा रजिस्ट्री हुई है। अब इन वर्षों में तैनात अफसरों की सूची तैयार की जा रही है। सूत्रों की मानें तो अफसरों को चिन्हित करके उनके खिलाफ भी FIR दर्ज करवाई जाएगी। पुलिस ने एलडीए अफसरों से मांगे दस्तावेज LDA के अमीन ने गोमतीनगर थाने में अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के मालिक पिता-पुत्र समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज करवाया है। आरोप है कि कंपनी ने दो बार टाउनशिप की योजना स्वीकृत कराई थी। निर्धारित भूमि से कई गुना पर टाउनशिप बना लिया। इसमें अंसल प्रमोटर प्रणव अंसल, सुशील अंसल, सुनील कुमार गुप्ता, फेरन्सेटी पैट्रिक अटकिंशन और डायरेक्टर विनय कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-316(5), 318(4), 61(2), 352, 351(2), 338, 336(3), 340(2), 111 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट-1984 की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में एलडीए के अफसरों से दस्तावेज़ मांगे हैं। अंसल API के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त लहज़े के बाद अब अफसर भी अलर्ट मोड़ में आ गए। एक-एक करके सभी विभागों की ज़िम्मेदारी तय की जा रही है। एलडीए अफसरों की दो दिन की जांच में सामने आया हैं कि निबंध विभाग के अफसरों की मिलीभगत से पांच सालों में 200 के करीब रजिस्ट्री हुई और इसके लिए एलडीए से एनओसी तक नहीं ली गई थी। 2020 से 2025 तक तैनात अफसरों की मांगी गई जानकारी निबंध विभाग के अफसरों ने रोक के बाद भी 2020 से 2025 तक बिना एलडीए से अनुमति लिए रजिस्ट्री करते रहे। जबकि एलडीए ने 2020 में पत्र भेज कर अंसल की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इन वर्षो में तैनात अफसरों ने अंसल से मिलीभगत करके रजिस्ट्रियां करते रहे। एक दो नहीं 200 से ज्यादा रजिस्ट्री हुई है। अब इन वर्षों में तैनात अफसरों की सूची तैयार की जा रही है। सूत्रों की मानें तो अफसरों को चिन्हित करके उनके खिलाफ भी FIR दर्ज करवाई जाएगी। पुलिस ने एलडीए अफसरों से मांगे दस्तावेज LDA के अमीन ने गोमतीनगर थाने में अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के मालिक पिता-पुत्र समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज करवाया है। आरोप है कि कंपनी ने दो बार टाउनशिप की योजना स्वीकृत कराई थी। निर्धारित भूमि से कई गुना पर टाउनशिप बना लिया। इसमें अंसल प्रमोटर प्रणव अंसल, सुशील अंसल, सुनील कुमार गुप्ता, फेरन्सेटी पैट्रिक अटकिंशन और डायरेक्टर विनय कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-316(5), 318(4), 61(2), 352, 351(2), 338, 336(3), 340(2), 111 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट-1984 की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में एलडीए के अफसरों से दस्तावेज़ मांगे हैं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर