हिसार में 10 लाख का मेयर ऑफिस खा गए दीमक:4 साल पहले ही बना था; नया मेयर आने से पहले दोबारा वुडन वर्क ही कराया जा रहा

हिसार में 10 लाख का मेयर ऑफिस खा गए दीमक:4 साल पहले ही बना था; नया मेयर आने से पहले दोबारा वुडन वर्क ही कराया जा रहा

हिसार में 10 लाख से बने नगर निगम के मेयर ऑफिस को 4 साल में ही दीमक चट कर गई। तब ऑफिस में वुडन वर्क कराया गया था। जिसका टेंडर भी नहीं निकाला गया था। इसके बाद अब फिर से नए मेयर के आने से पहले ऑफिस को रेनोवेट कराया जा रहा है। हालांकि हैरानी की बात यह है कि फिर से यहां वुडन वर्क ही कराया जा रहा है। जबकि पहले भी इनकी दीवारों में सीलन की वजह से लकड़ी पर दीमक लगी थी। ऐसे में फिर से अधिकारियों की मेयर ऑफिस संवारने के नाम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए पूरा मामला… कमिश्नर ऑफिस खाली करवाकर बनाया मेयर ऑफिस
दिसंबर 2019 में हिसार से गौतम सरदाना मेयर चुने गए थे, लेकिन उन्हें वो ऑफिस पंसद नहीं आया जिसमें पूर्व मेयर शकुंतला राजलीवाला का ऑफिस था। हालांकि शकुंतला का ऑफिस काफी बड़ा था और उसमें अटैच बाथरूम भी था। ऑफिस अच्छा नहीं लगा तो सरदाना ने उस समय नगर निगम में रिनोवेशन का काम शुरू करवाया। इसके लिए उन्होंने कमिश्नर ऑफिस को खाली करवाकर वहां पर अपना कक्ष बनाया इसके साथ ही निगम के ईओ और डीएमसी के कक्ष को भी रेनोवेट कराया गया। बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल पर मेयर और सीनियर व डिप्टी मेयर के लिए कक्ष बनाए गए थे। तब गौतम ने कमिश्नर को ऊपर शिफ्ट करा दिया था, इसपर भी काफी बवाल हुआ था। 10 लाख खर्चे, टेंडर भी नहीं निकाला था
रेनोवेशन के इस पूरे काम पर 10 लाख खर्च किए गए। तब इतने महंगे रिनोवेशन पर सवाल भी खड़े हुए थे। मगर मामला दबा दिया गया। पूरा काम बिना टेंडर के करवाया गया था। पूर्व मेयर गौतम सरदाना ने निगम में सबसे बड़े कमरे को अपना ऑफिस बनाया था। मेयर कक्ष में ही उन्होंने आराम करने का स्थान और खुद का लग्जरी टॉयलेट भी बनाया था। 4 साल में दीमक लगी, फिर से लकड़ी का काम
रेनोवेशन के नाम पर खर्चा तो किया गया लेकिन ऑफिस की सुंदरता ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई। कुछ ही सालों में यहां लकड़ी में दीमक लगने लगी। वहीं, अब हिसार में 12 मार्च को नगर निगम चुनाव को लेकर काउंटिंग होगी। शहर को नया मेयर मिलेगा। उसके आने से पहले ही मेयर ऑफिस में लगी दीमकों को हटाया जा रहा है। दीमक बाथरूम से लेकर दरवाजों और यहां तक की छत तक फैल चुकी है। इसको हटाया जा रहा है। यहां तक की उसे ढकने के लिए नए सिरे से प्लाइवुड लगाई जा रही है ताकि मेयर के आने से पहले ऑफिस चमचमाता हुआ नजर आए। बड़ा सवाल…दीमकों वाली जगह पर वुडन वर्क क्यूं?
नगर निगम के अफसरों को अच्छे से जानकारी है कि मेयर ऑफिस सहित निगम के एरिया में दीमक काफी ज्यादा है। सीलन वाला पूरा एरिया है इसके बावजूद पैसे की बर्बादी करने के लिए फिर से यहां वुडन वर्क करवाया जा रहा है। जब मेयर ऑफिस के रेनोवेट का काम कर रहे कर्मचारियों से पूछा गया कि इस लकड़ी में फिर से क्या दीमक नहीं लगेगी तो उन्होंने चुप्पी साध ली और जवाब दिया कि दीमक को मारने के लिए दवाई छिड़क दी गई है। ऐसे में नगर निगम के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तब सब सवालों के घेरे में है। क्या दीपक के नाम पर हर बार ऐसी पैसे की बर्बादी की जाएगी। हिसार में 10 लाख से बने नगर निगम के मेयर ऑफिस को 4 साल में ही दीमक चट कर गई। तब ऑफिस में वुडन वर्क कराया गया था। जिसका टेंडर भी नहीं निकाला गया था। इसके बाद अब फिर से नए मेयर के आने से पहले ऑफिस को रेनोवेट कराया जा रहा है। हालांकि हैरानी की बात यह है कि फिर से यहां वुडन वर्क ही कराया जा रहा है। जबकि पहले भी इनकी दीवारों में सीलन की वजह से लकड़ी पर दीमक लगी थी। ऐसे में फिर से अधिकारियों की मेयर ऑफिस संवारने के नाम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए पूरा मामला… कमिश्नर ऑफिस खाली करवाकर बनाया मेयर ऑफिस
दिसंबर 2019 में हिसार से गौतम सरदाना मेयर चुने गए थे, लेकिन उन्हें वो ऑफिस पंसद नहीं आया जिसमें पूर्व मेयर शकुंतला राजलीवाला का ऑफिस था। हालांकि शकुंतला का ऑफिस काफी बड़ा था और उसमें अटैच बाथरूम भी था। ऑफिस अच्छा नहीं लगा तो सरदाना ने उस समय नगर निगम में रिनोवेशन का काम शुरू करवाया। इसके लिए उन्होंने कमिश्नर ऑफिस को खाली करवाकर वहां पर अपना कक्ष बनाया इसके साथ ही निगम के ईओ और डीएमसी के कक्ष को भी रेनोवेट कराया गया। बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल पर मेयर और सीनियर व डिप्टी मेयर के लिए कक्ष बनाए गए थे। तब गौतम ने कमिश्नर को ऊपर शिफ्ट करा दिया था, इसपर भी काफी बवाल हुआ था। 10 लाख खर्चे, टेंडर भी नहीं निकाला था
रेनोवेशन के इस पूरे काम पर 10 लाख खर्च किए गए। तब इतने महंगे रिनोवेशन पर सवाल भी खड़े हुए थे। मगर मामला दबा दिया गया। पूरा काम बिना टेंडर के करवाया गया था। पूर्व मेयर गौतम सरदाना ने निगम में सबसे बड़े कमरे को अपना ऑफिस बनाया था। मेयर कक्ष में ही उन्होंने आराम करने का स्थान और खुद का लग्जरी टॉयलेट भी बनाया था। 4 साल में दीमक लगी, फिर से लकड़ी का काम
रेनोवेशन के नाम पर खर्चा तो किया गया लेकिन ऑफिस की सुंदरता ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई। कुछ ही सालों में यहां लकड़ी में दीमक लगने लगी। वहीं, अब हिसार में 12 मार्च को नगर निगम चुनाव को लेकर काउंटिंग होगी। शहर को नया मेयर मिलेगा। उसके आने से पहले ही मेयर ऑफिस में लगी दीमकों को हटाया जा रहा है। दीमक बाथरूम से लेकर दरवाजों और यहां तक की छत तक फैल चुकी है। इसको हटाया जा रहा है। यहां तक की उसे ढकने के लिए नए सिरे से प्लाइवुड लगाई जा रही है ताकि मेयर के आने से पहले ऑफिस चमचमाता हुआ नजर आए। बड़ा सवाल…दीमकों वाली जगह पर वुडन वर्क क्यूं?
नगर निगम के अफसरों को अच्छे से जानकारी है कि मेयर ऑफिस सहित निगम के एरिया में दीमक काफी ज्यादा है। सीलन वाला पूरा एरिया है इसके बावजूद पैसे की बर्बादी करने के लिए फिर से यहां वुडन वर्क करवाया जा रहा है। जब मेयर ऑफिस के रेनोवेट का काम कर रहे कर्मचारियों से पूछा गया कि इस लकड़ी में फिर से क्या दीमक नहीं लगेगी तो उन्होंने चुप्पी साध ली और जवाब दिया कि दीमक को मारने के लिए दवाई छिड़क दी गई है। ऐसे में नगर निगम के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तब सब सवालों के घेरे में है। क्या दीपक के नाम पर हर बार ऐसी पैसे की बर्बादी की जाएगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर