दिल्ली विधानसभा की नई समितियों का गठन, स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने जारी की अहम भूमिकाओं की सूची

दिल्ली विधानसभा की नई समितियों का गठन, स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने जारी की अहम भूमिकाओं की सूची

<p><strong>Delhi Assembly News:</strong> दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता (Vijender Gupta) ने साल 2024-25 के लिए दो महत्वपूर्ण समितियों का गठन कर दिया है. इन समितियों में विधानसभा के विधायकों को शामिल किया गया है, जो सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेंगे. इन समितियों के जरिए विधानसभा में होने वाली चर्चाओं को व्यवस्थित किया जाएगा और विधेयकों पर चर्चा को प्रभावी बनाया जाएगा.</p>
<p><strong>क्या हैं ये समितियां और इनका क्या काम होगा?</strong><br />दिल्ली विधानसभा में कई मुद्दों पर चर्चा होती है, जिनमें कानून-व्यवस्था, बजट, विकास कार्य और अन्य जनहित के विषय शामिल होते हैं. इन चर्चाओं को सही दिशा देने के लिए समितियों का गठन किया जाता है. इस साल विधानसभा अध्यक्ष ने दो प्रमुख समितियों का गठन किया है.</p>
<p><strong>कार्य मंत्रणा समिति</strong><br />पहली कार्य मंत्रणा समिति है, जिसका मुख्य कार्य विधानसभा में होने वाली चर्चाओं और एजेंडे को तय करना है. यह समिति यह सुनिश्चित करती है कि विधानसभा में कौन-कौन से मुद्दे उठेंगे और उन पर किस तरह बहस होगी. विधानसभा में चर्चा का संचालन व्यवस्थित और प्रभावी बनाने की जिम्मेदारी भी इसी समिति की होती है.</p>
<p>इस समिति के अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष होते हैं, जबकि अन्य सदस्यों में उपाध्यक्ष, अहिर दीपक चौधरी, जितेंद्र महाजन, ओम प्रकाश शर्मा, राज कुमार चौहान, सोम दत्त, सुरेंद्र कुमार और सूर्य प्रकाश खत्री शामिल हैं. सभी सदस्य मिलकर विधानसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं</p>
<p><strong>गैर सरकारी विधेयकों एवं संकल्पों की समिति</strong><br />दूसरी है गैर सरकारी विधेयकों एवं संकल्पों की समिति. इसका मुख्य कार्य उन विधेयकों और प्रस्तावों पर चर्चा करना है, जो विधायकों द्वारा व्यक्तिगत रूप से पेश किए जाते हैं. ये विधेयक किसी सरकार द्वारा प्रस्तुत नहीं किए जाते, बल्कि किसी विशेष मुद्दे पर कोई भी विधायक इन्हें सदन में रख सकता है. इस समिति का उद्देश्य इन विधेयकों की समीक्षा करना और उनकी वैधता तथा महत्व पर चर्चा करना है, जिससे सदन में प्रभावी और सार्थक बहस हो सके.</p>
<p>इस समिति के अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष होते हैं, और इसमें शामिल अन्य सदस्य हैं अभय वर्मा, अमानतुल्लाह खान, अनिल कुमार शर्मा, अरविंदर सिंह लवली, पूनम शर्मा, प्रेम चौहान, संजय गोयल और श्याम शर्मा. ये सभी सदस्य मिलकर विधेयकों और संकल्पों का अध्ययन करते हैं और उनकी समीक्षा के आधार पर आगे की प्रक्रिया तय करते हैं</p>
<p><strong>दिल्ली विधानसभा में समितियों का महत्व</strong><br />बता दें कि विधानसभा समितियां लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक अहम हिस्सा होती हैं. इनका मुख्य उद्देश्य विधानसभा के भीतर विचार-विमर्श को प्रभावी बनाना और शासन के कामकाज की निगरानी करना होता है. दिल्ली में भी समय-समय पर अलग-अलग समितियों का गठन किया जाता है, ताकि विकास और जनहित से जुड़े मामलों पर बेहतर फैसले लिए जा सकें.</p>
<p>इस बार गठित की गई कार्य मंत्रणा समिति यह पक्का करेगी कि सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों पर सही ढंग से चर्चा हो और कोई भी महत्वपूर्ण विषय पीछे न रह जाए. वहीं, गैर सरकारी विधेयकों एवं संकल्पों की समिति उन मुद्दों पर विचार करेगी, जो सरकार के आधिकारिक एजेंडा से अलग होते हैं लेकिन जनता के लिए जरूरी होते हैं.</p>
<p>विधानसभा अध्यक्ष ने इन समितियों को मंजूरी दे दी है. अब ये समितियां अपने कामकाज की रूपरेखा तैयार करेंगी और सदन की कार्यवाही को बेहतर बनाने में योगदान देंगी.</p>
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<p><strong>क्या हैं ये समितियां और इनका क्या काम होगा?</strong><br />दिल्ली विधानसभा में कई मुद्दों पर चर्चा होती है, जिनमें कानून-व्यवस्था, बजट, विकास कार्य और अन्य जनहित के विषय शामिल होते हैं. इन चर्चाओं को सही दिशा देने के लिए समितियों का गठन किया जाता है. इस साल विधानसभा अध्यक्ष ने दो प्रमुख समितियों का गठन किया है.</p>
<p><strong>कार्य मंत्रणा समिति</strong><br />पहली कार्य मंत्रणा समिति है, जिसका मुख्य कार्य विधानसभा में होने वाली चर्चाओं और एजेंडे को तय करना है. यह समिति यह सुनिश्चित करती है कि विधानसभा में कौन-कौन से मुद्दे उठेंगे और उन पर किस तरह बहस होगी. विधानसभा में चर्चा का संचालन व्यवस्थित और प्रभावी बनाने की जिम्मेदारी भी इसी समिति की होती है.</p>
<p>इस समिति के अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष होते हैं, जबकि अन्य सदस्यों में उपाध्यक्ष, अहिर दीपक चौधरी, जितेंद्र महाजन, ओम प्रकाश शर्मा, राज कुमार चौहान, सोम दत्त, सुरेंद्र कुमार और सूर्य प्रकाश खत्री शामिल हैं. सभी सदस्य मिलकर विधानसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं</p>
<p><strong>गैर सरकारी विधेयकों एवं संकल्पों की समिति</strong><br />दूसरी है गैर सरकारी विधेयकों एवं संकल्पों की समिति. इसका मुख्य कार्य उन विधेयकों और प्रस्तावों पर चर्चा करना है, जो विधायकों द्वारा व्यक्तिगत रूप से पेश किए जाते हैं. ये विधेयक किसी सरकार द्वारा प्रस्तुत नहीं किए जाते, बल्कि किसी विशेष मुद्दे पर कोई भी विधायक इन्हें सदन में रख सकता है. इस समिति का उद्देश्य इन विधेयकों की समीक्षा करना और उनकी वैधता तथा महत्व पर चर्चा करना है, जिससे सदन में प्रभावी और सार्थक बहस हो सके.</p>
<p>इस समिति के अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष होते हैं, और इसमें शामिल अन्य सदस्य हैं अभय वर्मा, अमानतुल्लाह खान, अनिल कुमार शर्मा, अरविंदर सिंह लवली, पूनम शर्मा, प्रेम चौहान, संजय गोयल और श्याम शर्मा. ये सभी सदस्य मिलकर विधेयकों और संकल्पों का अध्ययन करते हैं और उनकी समीक्षा के आधार पर आगे की प्रक्रिया तय करते हैं</p>
<p><strong>दिल्ली विधानसभा में समितियों का महत्व</strong><br />बता दें कि विधानसभा समितियां लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक अहम हिस्सा होती हैं. इनका मुख्य उद्देश्य विधानसभा के भीतर विचार-विमर्श को प्रभावी बनाना और शासन के कामकाज की निगरानी करना होता है. दिल्ली में भी समय-समय पर अलग-अलग समितियों का गठन किया जाता है, ताकि विकास और जनहित से जुड़े मामलों पर बेहतर फैसले लिए जा सकें.</p>
<p>इस बार गठित की गई कार्य मंत्रणा समिति यह पक्का करेगी कि सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों पर सही ढंग से चर्चा हो और कोई भी महत्वपूर्ण विषय पीछे न रह जाए. वहीं, गैर सरकारी विधेयकों एवं संकल्पों की समिति उन मुद्दों पर विचार करेगी, जो सरकार के आधिकारिक एजेंडा से अलग होते हैं लेकिन जनता के लिए जरूरी होते हैं.</p>
<p>विधानसभा अध्यक्ष ने इन समितियों को मंजूरी दे दी है. अब ये समितियां अपने कामकाज की रूपरेखा तैयार करेंगी और सदन की कार्यवाही को बेहतर बनाने में योगदान देंगी.</p>
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