करनाल में त्रिलोचन सिंह ने कांग्रेस को बताया कमजोर:कांग्रेस के चार बड़े नेताओं पर साधा निशाना, कहा बुद्धिराजा शादी-ब्याह में पैसे लूटने वालों जैसा

करनाल में त्रिलोचन सिंह ने कांग्रेस को बताया कमजोर:कांग्रेस के चार बड़े नेताओं पर साधा निशाना, कहा बुद्धिराजा शादी-ब्याह में पैसे लूटने वालों जैसा

हरियाणा के करनाल में मेयर चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए त्रिलोचन सिंह ने अपनी पुरानी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं थी, जिसे उन्होंने बीजेपी में 15 दिन में सीख लिया। उन्होंने खुलासा किया कि जब उनकी बेटी पीजीआई में भर्ती थी, तब कांग्रेस नेताओं ने मदद नहीं की, लेकिन बीजेपी की सिफारिश से इलाज संभव हुआ। उन्होंने कांग्रेस के चार नेताओं पर भी सवाल उठाए और कहा कि जल्द ही प्रेस वार्ता कर बड़े खुलासे करेंगे। उन्होंने दिव्यांशु बुद्धिराजा को शादियों में पैसे लूटने वालों जैसा बताया। त्रिलोचन ने कहा कि कांग्रेस में लकड़ी की तलवार से लड़ रहा था, अब बीजेपी में आकर मजबूत हथियार मिल गया है। 2014 या 2019 में कर लेनी चाहिए थी बीजेपी ज्वाइन कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए त्रिलोचन सिंह ने अपनी पुरानी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस में 40 साल तक पूरी वफादारी के साथ काम किया, लेकिन उन्हें बदले में सिर्फ निराशा ही मिली। त्रिलोचन सिंह ने कहा कि अगर कांग्रेस से बेवफाई की है, तो उसकी वजह खुद कांग्रेस के ही लोग हैं।’ उन्होंने यह भी माना कि अगर 2014 या 2019 में ही बीजेपी ज्वाइन कर ली होती, तो वे आज काफी कुछ सीख चुके होते। असली ताकत दीपक बावरिया के हाथ में चली गई ​​​​​​​त्रिलोचन सिंह ने कहा कि बीजेपी केवल सत्ता हासिल करने या पद के लिए नहीं, बल्कि सीखने के लिए भी बेहतर पार्टी है। कांग्रेस में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं थी, लेकिन बीजेपी में आने के बाद मात्र 15 दिनों में ही उन्होंने अनुशासन का महत्व समझ लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें कांग्रेस छोड़ने का कोई पछतावा नहीं है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के साथ ज्यादा समय न बिता पाने का जरूर अफसोस है। उनका कहना था कि कांग्रेस में असली ताकत नेताओं के हाथ में नहीं रही, बल्कि दीपक बावरिया के हाथों में चली गई थी। बीजेपी से मिली मदद, पीजीआई में सिफारिश से हुआ बेटी का इलाज ​​​​​​​त्रिलोचन सिंह ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि जब उनकी बेटी पीजीआई में भर्ती थी, तब उन्होंने कांग्रेस के कुछ नेताओं से मदद मांगी, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि पीजीआई में इलाज के लिए बड़े स्तर पर सिफारिश की जरूरत होती है। तब उन्होंने जगमोहन आनंद से संपर्क किया, जिन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से पीजीआई में बात की और उनकी बेटी को भर्ती कराया गया। कांग्रेस में हम लकड़ी की तलवार से लड़ रहे थे ​​​​​​​उन्होंने यह भी बताया कि पीजीआई के बाहर इलाज कराने पर प्रतिदिन 24 हजार रुपये खर्च हो रहे थे। उनकी बेटी दो महीने तक भर्ती रही, अगर यह इलाज किसी निजी अस्पताल में कराया जाता, तो लाखों रुपये खर्च हो जाते। लेकिन सिफारिश के कारण वह सभी सुविधाएं पीजीआई में ही मिल गईं और उनके लाखों रुपये बच गए। त्रिलोचन सिंह ने कहा कि कांग्रेस में हम लकड़ी की तलवार से लड़ाई लड़ रहे थे, अब बीजेपी में आकर मजबूत हथियार मिल गया है। ‘प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेताओं के खुलेंगे राज ​​​​​​​त्रिलोचन सिंह ने कांग्रेस के चार बड़े नेताओं को घेरते हुए कहा कि वह जल्द ही प्रेस वार्ता करेंगे, जिसमें इन सभी नेताओं की असलियत सामने रखी जाएगी। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौर को कमजोर नेता करार दिया और कहा कि वे पहले उन्हें सुलझा हुआ नेता मानते थे, लेकिन बाद में हकीकत कुछ और निकली। उन्होंने करनाल से लोकसभा प्रत्याशी रहे दिव्यांशु बुद्धिराजा, पूर्व विधायक सुमिता सिंह और मेयर का चुनाव लड़ने वाले मनोज वधवा पर भी सवाल खड़े किए। त्रिलोचन सिंह ने कहा कि इन सभी पर वे प्रेस कांफ्रेंस में बड़े खुलासे करेंगे। ‘बुद्धिराजा शादी-ब्याह में पैसे लूटने वालों जैसा ​​​​​​​त्रिलोचन सिंह ने दिव्यांशु बुद्धिराजा को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘वे उन बच्चों की तरह हैं, जो शादी-ब्याह में पैसे लूटने का काम करते हैं।’ साथ ही उन्होंने कहा कि वीरेंद्र राठौर, सुमिता सिंह और मनोज वधवा भी तैयार रहें, क्योंकि उनके सवालों के जवाब मजबूती से दिए जाएंगे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं को अब बीपी की गोली लेकर बैठना होगा, क्योंकि जल्द ही उनके कई राज खुलने वाले हैं। हरियाणा के करनाल में मेयर चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए त्रिलोचन सिंह ने अपनी पुरानी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं थी, जिसे उन्होंने बीजेपी में 15 दिन में सीख लिया। उन्होंने खुलासा किया कि जब उनकी बेटी पीजीआई में भर्ती थी, तब कांग्रेस नेताओं ने मदद नहीं की, लेकिन बीजेपी की सिफारिश से इलाज संभव हुआ। उन्होंने कांग्रेस के चार नेताओं पर भी सवाल उठाए और कहा कि जल्द ही प्रेस वार्ता कर बड़े खुलासे करेंगे। उन्होंने दिव्यांशु बुद्धिराजा को शादियों में पैसे लूटने वालों जैसा बताया। त्रिलोचन ने कहा कि कांग्रेस में लकड़ी की तलवार से लड़ रहा था, अब बीजेपी में आकर मजबूत हथियार मिल गया है। 2014 या 2019 में कर लेनी चाहिए थी बीजेपी ज्वाइन कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए त्रिलोचन सिंह ने अपनी पुरानी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस में 40 साल तक पूरी वफादारी के साथ काम किया, लेकिन उन्हें बदले में सिर्फ निराशा ही मिली। त्रिलोचन सिंह ने कहा कि अगर कांग्रेस से बेवफाई की है, तो उसकी वजह खुद कांग्रेस के ही लोग हैं।’ उन्होंने यह भी माना कि अगर 2014 या 2019 में ही बीजेपी ज्वाइन कर ली होती, तो वे आज काफी कुछ सीख चुके होते। असली ताकत दीपक बावरिया के हाथ में चली गई ​​​​​​​त्रिलोचन सिंह ने कहा कि बीजेपी केवल सत्ता हासिल करने या पद के लिए नहीं, बल्कि सीखने के लिए भी बेहतर पार्टी है। कांग्रेस में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं थी, लेकिन बीजेपी में आने के बाद मात्र 15 दिनों में ही उन्होंने अनुशासन का महत्व समझ लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें कांग्रेस छोड़ने का कोई पछतावा नहीं है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के साथ ज्यादा समय न बिता पाने का जरूर अफसोस है। उनका कहना था कि कांग्रेस में असली ताकत नेताओं के हाथ में नहीं रही, बल्कि दीपक बावरिया के हाथों में चली गई थी। बीजेपी से मिली मदद, पीजीआई में सिफारिश से हुआ बेटी का इलाज ​​​​​​​त्रिलोचन सिंह ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि जब उनकी बेटी पीजीआई में भर्ती थी, तब उन्होंने कांग्रेस के कुछ नेताओं से मदद मांगी, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि पीजीआई में इलाज के लिए बड़े स्तर पर सिफारिश की जरूरत होती है। तब उन्होंने जगमोहन आनंद से संपर्क किया, जिन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से पीजीआई में बात की और उनकी बेटी को भर्ती कराया गया। कांग्रेस में हम लकड़ी की तलवार से लड़ रहे थे ​​​​​​​उन्होंने यह भी बताया कि पीजीआई के बाहर इलाज कराने पर प्रतिदिन 24 हजार रुपये खर्च हो रहे थे। उनकी बेटी दो महीने तक भर्ती रही, अगर यह इलाज किसी निजी अस्पताल में कराया जाता, तो लाखों रुपये खर्च हो जाते। लेकिन सिफारिश के कारण वह सभी सुविधाएं पीजीआई में ही मिल गईं और उनके लाखों रुपये बच गए। त्रिलोचन सिंह ने कहा कि कांग्रेस में हम लकड़ी की तलवार से लड़ाई लड़ रहे थे, अब बीजेपी में आकर मजबूत हथियार मिल गया है। ‘प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेताओं के खुलेंगे राज ​​​​​​​त्रिलोचन सिंह ने कांग्रेस के चार बड़े नेताओं को घेरते हुए कहा कि वह जल्द ही प्रेस वार्ता करेंगे, जिसमें इन सभी नेताओं की असलियत सामने रखी जाएगी। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौर को कमजोर नेता करार दिया और कहा कि वे पहले उन्हें सुलझा हुआ नेता मानते थे, लेकिन बाद में हकीकत कुछ और निकली। उन्होंने करनाल से लोकसभा प्रत्याशी रहे दिव्यांशु बुद्धिराजा, पूर्व विधायक सुमिता सिंह और मेयर का चुनाव लड़ने वाले मनोज वधवा पर भी सवाल खड़े किए। त्रिलोचन सिंह ने कहा कि इन सभी पर वे प्रेस कांफ्रेंस में बड़े खुलासे करेंगे। ‘बुद्धिराजा शादी-ब्याह में पैसे लूटने वालों जैसा ​​​​​​​त्रिलोचन सिंह ने दिव्यांशु बुद्धिराजा को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘वे उन बच्चों की तरह हैं, जो शादी-ब्याह में पैसे लूटने का काम करते हैं।’ साथ ही उन्होंने कहा कि वीरेंद्र राठौर, सुमिता सिंह और मनोज वधवा भी तैयार रहें, क्योंकि उनके सवालों के जवाब मजबूती से दिए जाएंगे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं को अब बीपी की गोली लेकर बैठना होगा, क्योंकि जल्द ही उनके कई राज खुलने वाले हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर