हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) ने राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस विनियम 2023 में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया है। यह संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों तक पहुंच को सरल और व्यापक बनाना है, जिससे एक अधिक सतत और कुशल विद्युत आपूर्ति प्रणाली सुनिश्चित की जा सके। संशोधन के तहत, अब 100 किलोवाट या उससे अधिक स्वीकृत भार वाले उपभोक्ता, चाहे वे एकल कनेक्शन या एक ही विद्युत प्रभाग में स्थित बहु-कनेक्शनों के माध्यम से हों, हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस के लिए पात्र होंगे। इसके अतिरिक्त, कैप्टिव उपभोक्ताओं, जो अपनी आवश्यकताओं के लिए स्वयं नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करते हैं, को अब ऊर्जा आपूर्ति पर किसी भी प्रकार की सीमा का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह संशोधन उद्योगों और व्यवसायों को हरित ऊर्जा को अपनाने में अधिक स्वतंत्रता और सुविधा प्रदान करेगा। कचरा प्रबंधन के लिए लिया गया फैसला हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के प्रवक्ता प्रवीण मलिक ने बताया कि, संशोधन में गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित कचरे से ऊर्जा संयंत्रों से उत्पादित बिजली को भी इंटरनेशनल ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम से जोड़ने की व्यवस्था की गई है। यह कदम कचरा प्रबंधन को बढ़ावा देने के साथ-साथ हरियाणा के विद्युत ग्रिड में योगदान को भी सुनिश्चित करेगा। प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने के लिए, अब उपभोक्ता कनेक्टिविटी और ओपन एक्सेस के लिए एक साथ आवेदन कर सकते हैं, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने की प्रक्रिया में देरी कम होगी और उद्योगों व व्यवसायों के लिए इसे अधिक सुविधाजनक बनाया जा सकेगा। एक्स्ट्रा सरचार्ज नहीं लगेगा एक अन्य महत्वपूर्ण संशोधन उन उपभोक्ताओं के लिए है जो स्वतंत्र फीडर से नहीं जुड़े हैं। अब ऐसे उपभोक्ता भी ओपन एनर्जी मार्केट का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते कि वे वितरण लाइसेंसधारी द्वारा लगाए गए सिस्टम बाधाओं और विद्युत कटौती प्रतिबंधों को स्वीकार करें। इसके अतिरिक्त, पवन ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए, संशोधित नियमों में यह स्पष्ट किया गया है कि दिसंबर 2032 तक कमीशन की गई अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं से ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं को आपूर्ति की गई बिजली पर कोई अतिरिक्त अधिभार लागू नहीं होगा। ये होंगे फायदे उन्होंने बताया कि, ये संशोधन हरियाणा की स्वच्छ ऊर्जा ट्रांजिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हैं। हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस में व्यापक भागीदारी की सुविधा देकर, राज्य कार्बन उत्सर्जन को कम करने, ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और एक सतत भविष्य के निर्माण की दिशा में अग्रसर हो रहा है। अब जब उद्योगों, व्यवसायों और आवासीय उपभोक्ताओं के पास नवीकरणीय ऊर्जा तक अधिक पहुंच होगी, तो हरियाणा अन्य राज्यों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, जिससे एक मजबूत और हरित ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) ने राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस विनियम 2023 में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया है। यह संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों तक पहुंच को सरल और व्यापक बनाना है, जिससे एक अधिक सतत और कुशल विद्युत आपूर्ति प्रणाली सुनिश्चित की जा सके। संशोधन के तहत, अब 100 किलोवाट या उससे अधिक स्वीकृत भार वाले उपभोक्ता, चाहे वे एकल कनेक्शन या एक ही विद्युत प्रभाग में स्थित बहु-कनेक्शनों के माध्यम से हों, हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस के लिए पात्र होंगे। इसके अतिरिक्त, कैप्टिव उपभोक्ताओं, जो अपनी आवश्यकताओं के लिए स्वयं नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करते हैं, को अब ऊर्जा आपूर्ति पर किसी भी प्रकार की सीमा का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह संशोधन उद्योगों और व्यवसायों को हरित ऊर्जा को अपनाने में अधिक स्वतंत्रता और सुविधा प्रदान करेगा। कचरा प्रबंधन के लिए लिया गया फैसला हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के प्रवक्ता प्रवीण मलिक ने बताया कि, संशोधन में गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित कचरे से ऊर्जा संयंत्रों से उत्पादित बिजली को भी इंटरनेशनल ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम से जोड़ने की व्यवस्था की गई है। यह कदम कचरा प्रबंधन को बढ़ावा देने के साथ-साथ हरियाणा के विद्युत ग्रिड में योगदान को भी सुनिश्चित करेगा। प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने के लिए, अब उपभोक्ता कनेक्टिविटी और ओपन एक्सेस के लिए एक साथ आवेदन कर सकते हैं, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने की प्रक्रिया में देरी कम होगी और उद्योगों व व्यवसायों के लिए इसे अधिक सुविधाजनक बनाया जा सकेगा। एक्स्ट्रा सरचार्ज नहीं लगेगा एक अन्य महत्वपूर्ण संशोधन उन उपभोक्ताओं के लिए है जो स्वतंत्र फीडर से नहीं जुड़े हैं। अब ऐसे उपभोक्ता भी ओपन एनर्जी मार्केट का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते कि वे वितरण लाइसेंसधारी द्वारा लगाए गए सिस्टम बाधाओं और विद्युत कटौती प्रतिबंधों को स्वीकार करें। इसके अतिरिक्त, पवन ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए, संशोधित नियमों में यह स्पष्ट किया गया है कि दिसंबर 2032 तक कमीशन की गई अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं से ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं को आपूर्ति की गई बिजली पर कोई अतिरिक्त अधिभार लागू नहीं होगा। ये होंगे फायदे उन्होंने बताया कि, ये संशोधन हरियाणा की स्वच्छ ऊर्जा ट्रांजिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हैं। हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस में व्यापक भागीदारी की सुविधा देकर, राज्य कार्बन उत्सर्जन को कम करने, ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और एक सतत भविष्य के निर्माण की दिशा में अग्रसर हो रहा है। अब जब उद्योगों, व्यवसायों और आवासीय उपभोक्ताओं के पास नवीकरणीय ऊर्जा तक अधिक पहुंच होगी, तो हरियाणा अन्य राज्यों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, जिससे एक मजबूत और हरित ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
