भास्कर न्यूज | करनाल पेंशन बहाली संघर्ष समिति की जिला कार्यकारिणी ने रोहतक में आयोजित राज्य कार्यकारिणी के कार्यक्रम में भाग लेने बाद करनाल में मीटिंग की। जिसमें सभी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए समिति पदाधिकारी संदीप टूर्ण ने कहा कि पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा ने 8 सितंबर को रोहतक में तिरंगा यात्रा निकालने का कार्यक्रम रखा था। जिसकी अनुमति भी समय पूर्व रोहतक प्रशासन द्वारा प्रदान कर दी गई थी। परंतु अचानक प्रशासन ने सरकार के दबाव के कारण कार्यक्रम की अनुमति को रद्द कर दिया है । इससे पूर्व पेंशन बहाली संघर्ष समिति कि किसी भी कार्यक्रम में किसी प्रकार से नियमों की अनदेखी नहीं की गई । इस अवसर पर राज्य कार्यकारिणी सदस्य संदीप शर्मा बड़ौता ने कहा कि कर्मचारी अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से तिरंगा यात्रा निकालना चाहते थे, परंतु प्रशासन ने दमनकारी नीति अपनाई। इसके विरोध में राज्य कार्यकारिणी व सभी जिला के अध्यक्ष जिला प्रशासन रोहतक से मिला तो प्रशासन के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। इसके उपरांत पूरी कार्यकारिणी ने फैसला लिया है कि सोमवार से सभी कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर काले बिल्ले लगाकर रोष प्रदर्शन करेंगे। सभा में समुद्र मोर ने कहा कि कर्मचारी सरकार के इस दमनकारी रवैये का कर्मचारी और उनके परिवार चुनाव में वोट की चोट से सबक सिखाएंगे। इस अवसर पर उनके साथ रामविलास शर्मा, गुलाब सिंह, वरुण शर्मा, सुनील, गोलू, पुष्पाल कंबोज, पदम सिंह प्रजापति, प्रदीप कुमार, धर्मपाल सरोहा, मनीष कुमार, मंजीत कुमार, लक्ष्मीकांत कटियार, विकास, अरविंद यादव उपस्थित रहे। भास्कर न्यूज | करनाल पेंशन बहाली संघर्ष समिति की जिला कार्यकारिणी ने रोहतक में आयोजित राज्य कार्यकारिणी के कार्यक्रम में भाग लेने बाद करनाल में मीटिंग की। जिसमें सभी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए समिति पदाधिकारी संदीप टूर्ण ने कहा कि पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा ने 8 सितंबर को रोहतक में तिरंगा यात्रा निकालने का कार्यक्रम रखा था। जिसकी अनुमति भी समय पूर्व रोहतक प्रशासन द्वारा प्रदान कर दी गई थी। परंतु अचानक प्रशासन ने सरकार के दबाव के कारण कार्यक्रम की अनुमति को रद्द कर दिया है । इससे पूर्व पेंशन बहाली संघर्ष समिति कि किसी भी कार्यक्रम में किसी प्रकार से नियमों की अनदेखी नहीं की गई । इस अवसर पर राज्य कार्यकारिणी सदस्य संदीप शर्मा बड़ौता ने कहा कि कर्मचारी अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से तिरंगा यात्रा निकालना चाहते थे, परंतु प्रशासन ने दमनकारी नीति अपनाई। इसके विरोध में राज्य कार्यकारिणी व सभी जिला के अध्यक्ष जिला प्रशासन रोहतक से मिला तो प्रशासन के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। इसके उपरांत पूरी कार्यकारिणी ने फैसला लिया है कि सोमवार से सभी कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर काले बिल्ले लगाकर रोष प्रदर्शन करेंगे। सभा में समुद्र मोर ने कहा कि कर्मचारी सरकार के इस दमनकारी रवैये का कर्मचारी और उनके परिवार चुनाव में वोट की चोट से सबक सिखाएंगे। इस अवसर पर उनके साथ रामविलास शर्मा, गुलाब सिंह, वरुण शर्मा, सुनील, गोलू, पुष्पाल कंबोज, पदम सिंह प्रजापति, प्रदीप कुमार, धर्मपाल सरोहा, मनीष कुमार, मंजीत कुमार, लक्ष्मीकांत कटियार, विकास, अरविंद यादव उपस्थित रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
ओलिंपिक से पहले नीरज ने जीता गोल्ड:पावो नूरमी गेम्स में 85.97 मीटर थ्रो किया; मसल्स में खिंचाव के कारण एक टूर्नामेंट छोड़ा
ओलिंपिक से पहले नीरज ने जीता गोल्ड:पावो नूरमी गेम्स में 85.97 मीटर थ्रो किया; मसल्स में खिंचाव के कारण एक टूर्नामेंट छोड़ा टोक्यो ओलिंपिक में जेवलिन थ्रो के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने फिन लैंड के टुर्कु में आयोजित पावो नूरमी गेम्स में जेवलिन में गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने 85.97 थ्रो करके पहला स्थान प्राप्त किया।
नीरज के अलावा फिनलैंड के टोनी केरानेन ने 84.19 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहकर सिल्वर मेडल और ओलिवियर हेलांडर ने 83.96 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ बॉन्ज मेडल जीता है। इस प्रतियोगिता में नीरज दूसरे थ्रो में पिछड़ गए थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने न केवल अच्छी वापसी की, बल्कि अपना बेस्ट थ्रो भी किया। अगले महीने से पेरिस ओलिंपिक गेम्स नीरज का गोल्ड जीतना भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 26 जुलाई से 11 अगस्त तक पेरिस ओलिंपिक गेम्स है। नीरज को पिछले महीने प्रैक्टिस के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था। इस वजह से उन्होंने 28 मई को चेक गणराज्य में आयोजित ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया था। इसकी जानकारी नीरज ने सोशल मीडिया पर दी थी। नीरज चोपड़ा ने लिखा था, “मुझे ये समस्या पहले भी रही है। इस स्टेज पर अगर मैं खुद को पुश करता हूं तो ये चोट में बदल सकती है। मैं साफ कर दे रहा हूं कि मैं चोटिल नहीं हूं, पर मैं ओलिंपिक्स से पहले कोई खतरा नहीं लेना चाहता। जैसे ही मैं पूरी तरह से रिकवर हो जाऊंगा, मैं चैम्पियनशिप में वापसी करूंगा। आपके सपोर्ट के लिए धन्यवाद।” पहले आगे और फिर पीछे हो गए थे नीरज नीरज चोपड़ा सबसे पहले थ्रो करने आए और उन्होंने पहली ही बार में 83.62 मीटर का थ्रो किया। हालांकि यह उनकी खराब शुरुआत नहीं थी। वे एंडरसन पीटर्स से आगे रहे, जिन्होंने पहली बार में 82.58 मीटर का थ्रो किया। दूसरे प्रयास में नीरज ने 83.45 मीटर का थ्रो किया जो उनके शुरुआती प्रयास से बेहतर नहीं था। दूसरे प्रयास के बाद नीरज पिछड़ गए थे और ओलिवियर हेलांडर ने बढ़त बना ली थी। ओलिवियर ने दूसरे प्रयास में 83.96 मीटर का थ्रो किया था। इससे नीरज दूसरे स्थान पर खिसक गए थे। तीसरी थ्रो में हुए आगे दूसरे प्रयास में पिछड़ने के बाद नीरज ने तीसरे प्रयास में शानदार वापसी की। उन्होंने 85.97 मीटर का थ्रो कर बढ़त हासिल कर ली। नीरज का यह सर्वश्रेष्ठ थ्रो रहा। नीरज 8 भाला फेंक एथलीट में एकमात्र खिलाड़ी रहे जिन्होंने 85 मीटर के थ्रो को पार किया। वहीं, ओलिवियर अपने तीसरे प्रयास में 83 मीटर के पार भी नहीं जा सके और उन्होंने 82.60 मीटर का थ्रो किया। तीसरा प्रयास समाप्त होने के बाद नीरज ने अपनी बढ़त बनाए रखी। चौथे प्रयास में 82.21 मीटर का थ्रो किया। नीरज का यह इस मुकाबले का सबसे कमजोर थ्रो रहा, लेकिन इससे उनकी बढ़त पर कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि अन्य कोई एथलीट उनके सर्वश्रेष्ठ थ्रो के करीब भी नहीं पहुंच सका। इस तरह नीरज ने चौथे प्रयास के समाप्त होने के बाद भी अपनी बढ़त को बरकरार रखा। पांचवा हुआ फाउल, लेकिन कोई पीछे नहीं छोड़ सका नीरज पांचवें प्रयास में फाउल कर बैठे, लेकिन राहत की बात यह रही कि इस प्रयास में भी कोई नीरज को पीछे नहीं छोड़ सका और पांचवें प्रयास की समाप्ति के बाद भी टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता इस खिलाड़ी की बादशाहत बरकरार रही। पांचवें प्रयास में आंद्रियन मारडारे ही 82 मीटर के थ्रो को पार कर सके, जबकि नीरज सहित तीन खिलाड़ियों ने फाउल किया। हालांकि, छठे प्रयास में नीरज ने 82.97 मीटर का थ्रो किया। दिलचस्प बात यह रही कि अंतिम प्रयास में नीरज और मैक्स डेहिंग ही सफल प्रयास कर सके, जबकि अन्य सभी खिलाड़ियों ने फाउल किया। स्पोर्ट्स की ये खबरें भी पढ़ें… ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा को मांसपेशियों में परेशानी: कहा- चोटिल नहीं हूं, पर ओलिंपिक्स से पहले कोई रिस्क नहीं ले सकता भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को ओलिंपिक्स से दो महीने पहले मांसपेशियों में परेशानी आ गई है। नीरज चोपड़ा ने इंस्टाग्राम पर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा- ”थ्रोइंग सेशन में हिस्सा लेने के बाद मैंने ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। नीरज चोपड़ा को नेशनल एथलेटिक्स फेडरेशन कप में गोल्ड:82.27 मीटर थ्रो फेंककर पहला स्थान हासिल किया, कर्नाटक के डीपी मनु को सिल्वर नेशनल एथलेटिक्स फेडरेशन कप में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीत लिया है। 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीरज भारत में पहली बार किसी कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने अपने चौथे अटैम्प्ट में 82.27 मीटर का थ्रो फेंका, इसी थ्रो से उन्होंने पहला स्थान हासिल कर गोल्ड मेडल जीता पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री बोले- कांग्रेस ओवर कॉन्फिडेंस में थी:भाजपा ने जमीन पर काम किया; सुभाष बत्रा ने EVM की बैटरी का भी जिक्र किया
हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री बोले- कांग्रेस ओवर कॉन्फिडेंस में थी:भाजपा ने जमीन पर काम किया; सुभाष बत्रा ने EVM की बैटरी का भी जिक्र किया हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व गृहमंत्री सुभाष बत्तरा ने हार के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि ओवर कांफिडेंट में गलती हुई। कांग्रेस ओवर कांफिडेंस में रही और भाजपा ग्राउंड पर काम करती रही। वहीं भाजपा सोशल इंजीनियरिंग में सफल रही और कांग्रेस इस ओर ध्यान नहीं दे पाई। उन्होंने कांग्रेस हाई कमान पर भी सवाल उठाए। सीट बंटवारे पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि ठीक से बंटवारा नहीं हुआ। सीटिंग विधायकों को टिकट देने के निर्णय को भी गलत बताया और कहा कि जहां सरकार के खिलाफ एंटी इंकंबेंसी होती है, तो विधायकों के खिलाफ भी होती है। पूर्व गृह मंत्री एवं कांग्रेसी वरिष्ठ नेता सुभाष बत्तरा से बातचीत प्रश्न : हार का क्या कारण मानते हैं?
सुभाष बत्तरा : पहली बात तो यह कि मैं इस चुनाव को निष्पक्ष चुनाव भी नहीं मानता। साढ़े 9 बजे तक जब तक बैलेट पेपर की काउंटिंग हो रही थी, तो हम 73-74 पर लीड कर रहे थे। जैसे ही ईवीएम की गिनती शुरू हुई तो पासा एक दम पलट गया। मेरा मानना है कि 20-30 विधानसभा में, जहां जीटी बेल्ट के हल्के जिनमें ईवीएम में 99 प्रतिशत बैटरी चार्ज थी। वहां-वहां एक तरफा बीजेपी की जीत दिखाई। जहां 60-65 प्रतिशत बैटरी थी, वहां कांग्रेस है। दूसरा, सोशल इंजीनियरिंग में भाजपा कामयाब रही है। हम थोड़ा-सा ओवर कांफिडेंस में थे, हमने इस पर गौर नहीं किया और वर्किंग नहीं की। ओबीसी व एससी कार्ड को अपने पक्ष में करने में भाजपा कामयाब रही। उन्होंने कुमारी सैलजा के नाम को भी कैच करने की कोशिश की। हम थोड़ा-सा ओवर कांफिडेंस में रहे और भाजपा ग्राउंड लेवल पर काम करती रही। यह भाजपा को भी उम्मीद नहीं थी कि इतनी सीटें उनकी आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि जो जाट मतदाता है, उन्होंने तो कई इलाकों में बहुत कम प्रतिशत वोट पोल की। सोनीपत जाट बहुल्य एरिया है, वहां 6 में से 5 सीट हम हमने हारी है। बहादुरगढ़ की सीट बड़े मार्जन से हारी है। इसका मतलब है कि कहीं ना कहीं, यह कहने में कोई हानि नहीं कि (राहुल जी ने भी यह कहा कि ऐसा लगता है कि) पार्टी हित से ज्यादा अपने निजी हितों को साधा गया है। कांग्रेस लीडरशिप को इस पर मंथन करना पड़ेगा। प्रश्न : टिकट बंटवारे को लेकर काफी चर्चा थी कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने चहेतों को भी टिकट दिलाई है? सुभाष बत्तरा : मैं एक बात से बिल्कुल स्पष्ट हूं कि अगर 5 साल किसी राज हो तो हम उसे भी एंटी इनकंबेंसी करते हैं। कोई भी सरकार व पार्टी लोगों उम्मीदों पर 100 प्रतिशत काम नहीं कर पाती। इसी तरह से जो एमएलए 2 बार बन गया, उसकी भी एंटी इनकंबेंसी होती है। आपने सर्वेयर किस लिए रखे और सीटिंग गेटिंग (सीटिंग विधायकों को टिकट देना) का मतलब क्या रहा। सर्वे रिपोर्ट को फेंक दें। जो 2-3 बार विधायक बना है और लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है तो उसका सीटिंग का क्या मतलब। यह बहुत गलत निर्णय था। कांग्रेस की टिकट मिलने वाले सीटिंग विधायकों में से आधे से ज्यादा हारे हैं। यह फार्मूला गलत था और पार्टी आलाकमान को मंथन करना पड़ेगा और सोचना पड़ेगा। गलत लोगों को टिकट दी गई, इसके पीछे कारण क्या रहे। प्रश्न : चुनाव के दौरान भाजपा ने कुमारी सैलजा के मुद्दे को उठाया, वह चाहे उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का मामला हो या फिर सीएम बनाने का। इसका कितना असर पड़ा है? सुभाष बत्तरा : भाजपा एससी वोटबैंक को कैच करने में सफल रही। हम उस मुद्दे को डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाए। सैलजा बहनजी ने तो यह बयान दिया था कि “मेरे पिताजी भी तिरंगे में गए और मैं भी तिरंगे में जाऊंगी”। उन्होंने स्पष्टीकरण भी दिए। लेकिन देर हो चुकी थी। इसलिए एससी वोटबैंक वह डायवर्सिफाई हो गया था। बीजेपी इस मुद्दे को कैच करने में कामयाब रही। प्रश्न : हरियाणा में पहली दफा ऐसा हुआ है कि कोई भी पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में सफल रही और भाजपा की जीत का कारण क्या मानते हैं? सुभाष बत्तरा : इसका कारण पर तो क्या कह सकता हैं। प्रजातंत्र है और लोगों का जनमत है। जो जीता वह सिकंदर। अब हम कुछ भी कहते रहे, लेकिन जो खामिया हैं, उनको ढूंढना पड़ेगा। असली हार तो कार्यकर्ता की हुई है। जो जमीनी व बूथ लेवल पर लड़ता है। यह मंथन का विषय है। प्रश्न : रिजल्ट से पहले हर कोई कह रहा था कि कांग्रेस बहुमत से आ रही है और तैयारियां भी उसी तरह से चल रही थी। क्या कारण रहा कि रिजल्ट में इतना फेरबदल हुआ? सुभाष बत्तरा : भाजपा वाले भी 30 से ऊपर सीट नहीं मान रहे थे। यह तो आश्चर्यचकित नतीजे हैं। कुछ-ना-कुछ इन्होंने 20-30 सीटों पर ईवीएम को सेट व हैक किया है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी तैयारी में हैं। मैं भी इस पर विधि वक्ताओं से सलाह कर रहा हूं। प्रश्न : जातिगत बात करें तो सबसे बड़ा वोट बैंक जाटों का माना जाता है, उसको भी साधने में क्यों सफल नहीं रहे? सुभाष बत्तरा : सीटिंग गेटिंग का फार्मूला। कर्ण दलाल 25 हजार से ज्यादा से हार आए, इसका मतलब क्या है। बहादुरगढ़ की सीट पर तीन बार के विधायक राजेंद्र जून 40 हजार से अधिक मार्जन कैसे हो गया। गन्नौर की सीट पर क्या हाल हुआ। उन्होंने राज्यसभा सांसद किरण चौधरी का जिक्र करते हुए कहा कि किरण चौधरी को निपटाने के लिए पता नहीं क्या-क्या व्यूह रचना की। किरण चौधरी के जाने से भिवानी की सभी सीटों पर क्या हाल हुआ। उस पर मंथन की जरूरत है। हरियाणा एक छोटा राज्य जरूर है, लेकिन इसका असर पूरे देश में हैं। एक माह के बाद महाराष्ट्र के चुनाव हैं, वहां भी इसका असर पड़ेगा। उत्तर प्रदेश साथ लगता राज्य हैं, वहां भी उपचुनाव में इसका असर पड़ेगा। पंजाब राज्य की भी सीमा लगती है। दिल्ली भी बॉर्डर स्टेट है, उसके भी दो माह बाद चुनाव हैं। इसलिए आज पार्टी लीडरशिप आज तिलमिला रही है और गुस्से में है कि पार्टी हित से ज्यादा निजी हितों को तवज्जो दी। यह पहले समझ नहीं आ रही थी। लोकसभा में टिकटों का बंटवारा कैसे किया। खुद कर रहे हैं कि 90 में से 72 सीटें एक सिस्टम के तहत दी, आपको उस समय सोचने का मौका नहीं थी। क्यों विचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के सच्चे सिपाही है और इस हार से दुखी है। आलाकमान को पहले भी समझाने की कोशिश की, लेकिन उनके समझ में नहीं आई। हम भी हताश होकर बैठ गए।
हिसार में बदमाशों ने कार के सामने अड़ाई बाइक:युवक से की मारपीट; 23 हजार कैश और सोने की चेन लेकर फरार
हिसार में बदमाशों ने कार के सामने अड़ाई बाइक:युवक से की मारपीट; 23 हजार कैश और सोने की चेन लेकर फरार हिसार जिले में दो बदमाशों ने कार के आगे बाइक अडाकार नगदी व सोने के चेन छीन ली और मारपीट की। वारदात को अंजाम देकर दोनों आरोपी बाइक पर सवार होकर मौके से फरार हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। घटना हांसी के उमरा-सुलतानपुर रोड की है। भिवानी के पतराम गेट निवासी सन्नी ने पुलिस को बताया कि वह 20 जुलाई की शाम को भिवानी से अपने मामा के पास पुट्ठी मंगलखां आया था। रात करीब 9 बजे वह अपनी अल्टो कार में सवार होकर हिसार जा रहा था। आरोपियों ने युवक से की मारपीट उमरा गांव से निकलते ही सुल्तानपुर से पहले बाईक पर सवार दो बदमाश उसकी गाड़ी के आगे आकर रुक गये। उसे गाड़ी से बाहर निकलने को कहा और उसके साथ मारपीट की। उसने बताया कि मारपीट करने के बाद दोनों ने उससे 23 हजार नकदी छीन ली। उसके गले से सोने की चेन तोड़ कर सुलतानपुर की तरफ भाग गए। नेटवर्क के कारण नहीं लगा पुलिस का फोन सन्नी ने पुलिस को सूचना देने के लिए डायल 112 पर कॉल किया। नेटवर्क की समस्या के कारण फोन नहीं लगा। घटना के बाद वह अपने काम से हिसार के लिए निकल गया। पुलिस ने युवक की शिकायत पर दो अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।