चौंकाने वाले फैसलों के लिए जानी जाती हैं मायावती:टीचर की नौकरी छोड़ राजनीति में आईं, गेस्टहाउस कांड के बाद भी सपा से मिलाया हाथ

चौंकाने वाले फैसलों के लिए जानी जाती हैं मायावती:टीचर की नौकरी छोड़ राजनीति में आईं, गेस्टहाउस कांड के बाद भी सपा से मिलाया हाथ

यूपी की राजनीति का महिला चेहरा, एक तिलिस्म, चाणक्य, दलितों की मसीहा, जुझारू व्यक्तित्व से लबरेज- ये उपमाएं किसी को दी जा सकती हैं तो वह मायावती हैं। 1997 से 2007 के बीच कुल 7 साल 10 दिन सूबे की मुख्यमंत्री रहीं। 2003 से बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया हैं। कहावत है, राजनीति अनिश्चितताओं का खेल है। मायावती ने अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान इस ‘सरप्राइज फैक्टर’ और ‘अनिश्चितता’ को बनाए रखा है। फिलहाल, मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को पद और पार्टी से हटाने और भाई आनंद कुमार के कोऑर्डिनेटर पद नहीं लेने की वजह से चर्चा में हैं। उन्हें इस समय सबसे बड़ी चुनौती परिवार से ही मिल रही है। मुख्यमंत्री, बहन, सुश्री और बसपा की आलाकमान मायावती की जिंदगी के हर पहलू को संडे बिग स्टोरी में पढ़िए- ग्राफिक्स: प्रदीप तिवारी —————— ये खबर भी पढ़ें… बसपा को पुराने फॉर्म में लाने की तैयारी में मायावती, भतीजे को निकाला, भाई को साथ रखा; बताया- पार्टी में उनसे ऊपर कोई नहीं मायावती राजनीति में मंझी हुई खिलाड़ी हैं। उनके अब तक के फैसलों और कार्यशैली पर नजर डालें तो मायावती सड़क पर संघर्ष करने की जगह जातीय और सियासी समीकरण पर ज्यादा विश्वास रखती हैं। उन्होंने राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाकर इस बार दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण की सोशल इंजीनियरिंग का दांव चला है। पढ़ें पूरी खबर… यूपी की राजनीति का महिला चेहरा, एक तिलिस्म, चाणक्य, दलितों की मसीहा, जुझारू व्यक्तित्व से लबरेज- ये उपमाएं किसी को दी जा सकती हैं तो वह मायावती हैं। 1997 से 2007 के बीच कुल 7 साल 10 दिन सूबे की मुख्यमंत्री रहीं। 2003 से बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया हैं। कहावत है, राजनीति अनिश्चितताओं का खेल है। मायावती ने अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान इस ‘सरप्राइज फैक्टर’ और ‘अनिश्चितता’ को बनाए रखा है। फिलहाल, मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को पद और पार्टी से हटाने और भाई आनंद कुमार के कोऑर्डिनेटर पद नहीं लेने की वजह से चर्चा में हैं। उन्हें इस समय सबसे बड़ी चुनौती परिवार से ही मिल रही है। मुख्यमंत्री, बहन, सुश्री और बसपा की आलाकमान मायावती की जिंदगी के हर पहलू को संडे बिग स्टोरी में पढ़िए- ग्राफिक्स: प्रदीप तिवारी —————— ये खबर भी पढ़ें… बसपा को पुराने फॉर्म में लाने की तैयारी में मायावती, भतीजे को निकाला, भाई को साथ रखा; बताया- पार्टी में उनसे ऊपर कोई नहीं मायावती राजनीति में मंझी हुई खिलाड़ी हैं। उनके अब तक के फैसलों और कार्यशैली पर नजर डालें तो मायावती सड़क पर संघर्ष करने की जगह जातीय और सियासी समीकरण पर ज्यादा विश्वास रखती हैं। उन्होंने राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाकर इस बार दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण की सोशल इंजीनियरिंग का दांव चला है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर