फरीदाबाद में मिले ग्रेनेड से हो सकता था बड़ा नुकसान:पूर्व सैनिक का दावा; बोल-60 मीटर हाथ से फेंक सकते,ATS ने पकड़ा था आतंकी

फरीदाबाद में मिले ग्रेनेड से हो सकता था बड़ा नुकसान:पूर्व सैनिक का दावा; बोल-60 मीटर हाथ से फेंक सकते,ATS ने पकड़ा था आतंकी

हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार आतंकी अब्दुल रहमान से बरामद किए गए हैंड ग्रेनेड 20 मीटर तक क्षति पहुंचा सकते थे। जिसे अच्छी सेहत वाला व्यक्ति 60 मीटर तक हाथ से फेंका सकता था। ​​​​​​लेकिन गुजरात ATS और IB के इनपुट ने आतंकी के मंसूबों पर पानी फेर दिया। दोनों हैंड ग्रेनेड को मौके पर ही बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया था। आतंकी अब्दुल रहमान (19) अयोध्या स्थित राम मंदिर पर हैंड ग्रेनेड से हमला करने की साजिश को अंजाम देने वाला था। हालांकि राम मंदिर के अन्दर इन हैंड ग्रेनेड को ले जाना संभव नहीं था। लेकिन आतंकी मंदिर परिसर क्षेत्र में इनको फेंक कर दहशत फैलाने का प्लान बना रहे थे। एसटीएफ के एक जांच अधिकारी ने बताया कि आतंकी ने अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही आतंकवादी संगठन के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया था। 60 मीटर तक हाथ से फेंका जा सकता है हैंड ग्रेनेड आर्मी से रिटायर्ड बीके पोसवाल ने बताया कि एक अच्छी सेहत वाला शख्स हैंड ग्रेनेड को करीब 60 मीटर दूर तक फेंक सकता है। एक हैंड ग्रेनेड का वजन 150 ग्राम से लेकर 200 ग्राम तक हो सकता है। उन्होंने बताया कि हैंड ग्रेनेड गिरते ही फट जाता है और भीड़ वाली जगह पर इससे काफी नुकसान हो सकता है। एक साल से आतंकी संगठन के संपर्क में 19 साल का आतंकी अब्दुल रहमान पिछले एक साल से कुख्यात आतंकी अबू सूफियान के सीधे संपर्क में था। वॉट्सऐप कॉल के जरिए दोनों के बीच बातचीत होती थी। सूत्रों ने बताया कि आतंकी अब्दुल रहमान का वीडियो कॉल के माध्यम से ब्रेन वाश किया गया था। वीडियो कॉल से ही उसको आतंकी संगठन का काम करने के बारे में बताया जाता था। राम मंदिर की रेकी करने के लिए उसको वीडियो कॉल के से ही ट्रेनिंग दी गई थी। रेकी के दौरान कौन सी जानकारियों को जुटाना है, इसके बारे में उसको बताया गया था। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से शुरू की तैयारी पुलिस सूत्रों ने बताया कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से ही आतंकी अब्दुल रहमान आतंकी संगठन के संपर्क में था। प्राण प्रतिष्ठा के बाद आतंकी संगठन के साथ मिलकर उसने राम मंदिर पर हमले की तैयारी को शुरू कर दिया था। कुख्यात आतंकी अबू सूफियान से उसको सीधे कमांड मिल रही थी। मरकज में साथ आने वालों की जांच करीब सात महीने पहले अब्दुल रहमान दिल्ली के निजामुद्दीन में मरकज के लिए अपने गांव से आया था। इस दौरान उसके साथ कई साथी भी थे। जिनकी तलाश एसटीएफ की टीम के द्वारा की जा रही है,साथ में ये भी पता लगाया जा रहा है कि वह यहां पर कितने समय रुका था। मरकज मे रुकने के दौरान उसकी किस किस से मुलाकात हुई थी। एसटीएफ ने उन सभी लोगों को रडार पर रखा है, जिनसे उसकी मुलाकात हुई थी। खालिस्तानी आतंकी लाजर मसीह को लेकर पूछताछ 6 मार्च को यूपी के कौशांबी जिले से गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकवादी लजार मसीह को लेकर भी एसटीएफ अब्दुल रहमान से पूछताछ कर रही है। जांच एजेंसियों को शक है कि दोनों ही आतंकवादी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम कर रहे थे। दोनों के आपस में कनेक्शन को लेकर पूछताछ की जा रही है। अब्दुल रहमान के साथी की तलाश एसटीएफ अब्दुल रहमान के गांव के साथी की तलाश कर रही है। एसटीएफ के एक अधिकारी के मुताबिक 1 मार्च को अब्दुल के गांव का ही एक साथी उसके साथ निजामुद्दीन मरकज आया था। दिल्ली पहुंचने के बाद दोनों अलग-अलग हो गए। 2 मार्च को अब्दुल फरीदाबाद के पाली पहुंच गया। अब्दुल की गिरफ्तारी के बाद से उसके साथी को कोई पता नहीं चल पाया है। एसटीएफ उसके साथी को भी इस मामले में संदिग्ध मानकर जांच कर रही है। हैंड ग्रेनेड 20 मीटर तक पहुंचा सकता था क्षति 2 मार्च को पकड़े गए आतंकी अब्दुल के पास से जो दो हैंड ग्रेनेड मिले थे, वो 30 मीटर तक क्षति पहुंचा सकते थे। दोनों हैंड ग्रेनेड को अब्दुल की गिरफ्तारी के बाद बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया था। हैंडलर का कोई सुराग नहीं आतंकी अब्दुल रहमान को कोर्ट से 3 मार्च को 10 दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ करते हुए 5 दिन बीत चुके है। आतंकी से हासिल जानकारी से एक के बाद एक परत खुल रही है। लेकिन एसटीएफ को हैंडलर के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। एसटीएफ इस जाल को तोड़ने के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसियों से भी मदद ले रही है। फरीदाबाद का आतंकी घटनाओं से पहले भी रहा है संबंध 1- 2004 में दिल्ली पुलिस ने आबिद नामक आतंकी को मारा था। जांच के दौरान पता चला था कि आबिद के तार फरीदाबाद से जुड़े थे। दिल्ली में आने के लिए उसने बाइक फरीदाबाद से किराए पर ली थी। 2- 2004 में केन्द्रीय जांच एजेंसियों ने बीएसएफ के रिटायर सिपाही को बल्लभगढ़ स्टेशन से गिरफ्तार किया था। जो मेवात में रहकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहा था। 3- 2005 में मुजेसर फाटक के पास रेलवे ट्रैक के पास से जिंदा बम बरामद किया गया। 4- 2005 में आतंकवादी हनीफ को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस की पूछताछ में सामने आया था कि हनीफ ने 2 साल फरीदाबाद में रहकर अपना नेटवर्क चलाया था। 5- 2006 में फरीदाबाद के ओल्ड व न्यू टाउन रेलवे स्टेशन को उड़ाने की धमकी आतंकी संगठन ने एसएसपी व जीआरपी को पत्र लिखकर दी थी। 6- 2006 में मई महीने में दिल्ली पुलिस ने जगदीश कॉलोनी बल्लभगढ़ में छापेमारी कर तीन किलो आरडीएक्स सहित हथियारों का भारी जखीरा पकड़ा था। जांच में केंद्रीय एजेंसियों को पता चला कि, पाकिस्तानी आतंकी अबू हमजा जगदीश कॉलोनी बल्लभगढ़ उत्तर चंद बरेजा के मकान में किराए पर रहता था। 7- 2007 में हैदराबाद में एक ब्लास्ट किया गया। जांच में सामने आया कि इस ब्लास्ट में प्रयोग में आने वाला मोबाइल फरीदाबाद की अनाज मंडी में बनी एक दुकान से खरीदा गया था। 8- 2008 में दिल्ली के महरौली में हुए ब्लास्ट से एक रात पहले दिल्ली पुलिस को एक कॉल की गई थी। जिस नंबर से कॉल खरीदी गई थी उस नंबर की सिम को बल्लभगढ़ की एक दुकान से खरीदा गया था। 9- 2008 में मालेगांव ब्लास्ट में गिरफ्तार आरोपी दयानंद पांडे उर्फ अमृतानंद देव कई सालों तक फरीदाबाद के अरावली पर्वतों में बसे गांव अनंगपुर स्थित हरि पर्वत मंदिर में रहा था। 10-1998 में दिल्ली पुलिस ने तुगलकाबाद किले के पास मुठभेड़ में आतंकी को गिराया था। यह आतंकी फरीदाबाद से सूरजकुंड रोड के रास्ते दिल्ली में घुसने का प्रयास कर रहा था। हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार आतंकी अब्दुल रहमान से बरामद किए गए हैंड ग्रेनेड 20 मीटर तक क्षति पहुंचा सकते थे। जिसे अच्छी सेहत वाला व्यक्ति 60 मीटर तक हाथ से फेंका सकता था। ​​​​​​लेकिन गुजरात ATS और IB के इनपुट ने आतंकी के मंसूबों पर पानी फेर दिया। दोनों हैंड ग्रेनेड को मौके पर ही बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया था। आतंकी अब्दुल रहमान (19) अयोध्या स्थित राम मंदिर पर हैंड ग्रेनेड से हमला करने की साजिश को अंजाम देने वाला था। हालांकि राम मंदिर के अन्दर इन हैंड ग्रेनेड को ले जाना संभव नहीं था। लेकिन आतंकी मंदिर परिसर क्षेत्र में इनको फेंक कर दहशत फैलाने का प्लान बना रहे थे। एसटीएफ के एक जांच अधिकारी ने बताया कि आतंकी ने अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही आतंकवादी संगठन के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया था। 60 मीटर तक हाथ से फेंका जा सकता है हैंड ग्रेनेड आर्मी से रिटायर्ड बीके पोसवाल ने बताया कि एक अच्छी सेहत वाला शख्स हैंड ग्रेनेड को करीब 60 मीटर दूर तक फेंक सकता है। एक हैंड ग्रेनेड का वजन 150 ग्राम से लेकर 200 ग्राम तक हो सकता है। उन्होंने बताया कि हैंड ग्रेनेड गिरते ही फट जाता है और भीड़ वाली जगह पर इससे काफी नुकसान हो सकता है। एक साल से आतंकी संगठन के संपर्क में 19 साल का आतंकी अब्दुल रहमान पिछले एक साल से कुख्यात आतंकी अबू सूफियान के सीधे संपर्क में था। वॉट्सऐप कॉल के जरिए दोनों के बीच बातचीत होती थी। सूत्रों ने बताया कि आतंकी अब्दुल रहमान का वीडियो कॉल के माध्यम से ब्रेन वाश किया गया था। वीडियो कॉल से ही उसको आतंकी संगठन का काम करने के बारे में बताया जाता था। राम मंदिर की रेकी करने के लिए उसको वीडियो कॉल के से ही ट्रेनिंग दी गई थी। रेकी के दौरान कौन सी जानकारियों को जुटाना है, इसके बारे में उसको बताया गया था। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से शुरू की तैयारी पुलिस सूत्रों ने बताया कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से ही आतंकी अब्दुल रहमान आतंकी संगठन के संपर्क में था। प्राण प्रतिष्ठा के बाद आतंकी संगठन के साथ मिलकर उसने राम मंदिर पर हमले की तैयारी को शुरू कर दिया था। कुख्यात आतंकी अबू सूफियान से उसको सीधे कमांड मिल रही थी। मरकज में साथ आने वालों की जांच करीब सात महीने पहले अब्दुल रहमान दिल्ली के निजामुद्दीन में मरकज के लिए अपने गांव से आया था। इस दौरान उसके साथ कई साथी भी थे। जिनकी तलाश एसटीएफ की टीम के द्वारा की जा रही है,साथ में ये भी पता लगाया जा रहा है कि वह यहां पर कितने समय रुका था। मरकज मे रुकने के दौरान उसकी किस किस से मुलाकात हुई थी। एसटीएफ ने उन सभी लोगों को रडार पर रखा है, जिनसे उसकी मुलाकात हुई थी। खालिस्तानी आतंकी लाजर मसीह को लेकर पूछताछ 6 मार्च को यूपी के कौशांबी जिले से गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकवादी लजार मसीह को लेकर भी एसटीएफ अब्दुल रहमान से पूछताछ कर रही है। जांच एजेंसियों को शक है कि दोनों ही आतंकवादी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम कर रहे थे। दोनों के आपस में कनेक्शन को लेकर पूछताछ की जा रही है। अब्दुल रहमान के साथी की तलाश एसटीएफ अब्दुल रहमान के गांव के साथी की तलाश कर रही है। एसटीएफ के एक अधिकारी के मुताबिक 1 मार्च को अब्दुल के गांव का ही एक साथी उसके साथ निजामुद्दीन मरकज आया था। दिल्ली पहुंचने के बाद दोनों अलग-अलग हो गए। 2 मार्च को अब्दुल फरीदाबाद के पाली पहुंच गया। अब्दुल की गिरफ्तारी के बाद से उसके साथी को कोई पता नहीं चल पाया है। एसटीएफ उसके साथी को भी इस मामले में संदिग्ध मानकर जांच कर रही है। हैंड ग्रेनेड 20 मीटर तक पहुंचा सकता था क्षति 2 मार्च को पकड़े गए आतंकी अब्दुल के पास से जो दो हैंड ग्रेनेड मिले थे, वो 30 मीटर तक क्षति पहुंचा सकते थे। दोनों हैंड ग्रेनेड को अब्दुल की गिरफ्तारी के बाद बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया था। हैंडलर का कोई सुराग नहीं आतंकी अब्दुल रहमान को कोर्ट से 3 मार्च को 10 दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ करते हुए 5 दिन बीत चुके है। आतंकी से हासिल जानकारी से एक के बाद एक परत खुल रही है। लेकिन एसटीएफ को हैंडलर के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। एसटीएफ इस जाल को तोड़ने के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसियों से भी मदद ले रही है। फरीदाबाद का आतंकी घटनाओं से पहले भी रहा है संबंध 1- 2004 में दिल्ली पुलिस ने आबिद नामक आतंकी को मारा था। जांच के दौरान पता चला था कि आबिद के तार फरीदाबाद से जुड़े थे। दिल्ली में आने के लिए उसने बाइक फरीदाबाद से किराए पर ली थी। 2- 2004 में केन्द्रीय जांच एजेंसियों ने बीएसएफ के रिटायर सिपाही को बल्लभगढ़ स्टेशन से गिरफ्तार किया था। जो मेवात में रहकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहा था। 3- 2005 में मुजेसर फाटक के पास रेलवे ट्रैक के पास से जिंदा बम बरामद किया गया। 4- 2005 में आतंकवादी हनीफ को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस की पूछताछ में सामने आया था कि हनीफ ने 2 साल फरीदाबाद में रहकर अपना नेटवर्क चलाया था। 5- 2006 में फरीदाबाद के ओल्ड व न्यू टाउन रेलवे स्टेशन को उड़ाने की धमकी आतंकी संगठन ने एसएसपी व जीआरपी को पत्र लिखकर दी थी। 6- 2006 में मई महीने में दिल्ली पुलिस ने जगदीश कॉलोनी बल्लभगढ़ में छापेमारी कर तीन किलो आरडीएक्स सहित हथियारों का भारी जखीरा पकड़ा था। जांच में केंद्रीय एजेंसियों को पता चला कि, पाकिस्तानी आतंकी अबू हमजा जगदीश कॉलोनी बल्लभगढ़ उत्तर चंद बरेजा के मकान में किराए पर रहता था। 7- 2007 में हैदराबाद में एक ब्लास्ट किया गया। जांच में सामने आया कि इस ब्लास्ट में प्रयोग में आने वाला मोबाइल फरीदाबाद की अनाज मंडी में बनी एक दुकान से खरीदा गया था। 8- 2008 में दिल्ली के महरौली में हुए ब्लास्ट से एक रात पहले दिल्ली पुलिस को एक कॉल की गई थी। जिस नंबर से कॉल खरीदी गई थी उस नंबर की सिम को बल्लभगढ़ की एक दुकान से खरीदा गया था। 9- 2008 में मालेगांव ब्लास्ट में गिरफ्तार आरोपी दयानंद पांडे उर्फ अमृतानंद देव कई सालों तक फरीदाबाद के अरावली पर्वतों में बसे गांव अनंगपुर स्थित हरि पर्वत मंदिर में रहा था। 10-1998 में दिल्ली पुलिस ने तुगलकाबाद किले के पास मुठभेड़ में आतंकी को गिराया था। यह आतंकी फरीदाबाद से सूरजकुंड रोड के रास्ते दिल्ली में घुसने का प्रयास कर रहा था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर