किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने 6 घंटे लगातार ऑपरेशन करके कार्सिनोमा टेस्टिस (अंडकोष कैंसर) से पीड़ित युवक का ऑपरेशन किया। दावा है कि दुर्लभ कैंसर युवक के शरीर में फैलकर काफी बड़ा हो गया था। जटिलताओं के बीच सफल सर्जरी कर युवक की जान बचाई गई है। 21 साल के युवक को था कैंसर KGMU प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि बहराइच का युवक (21) कार्सिनोमा टेस्टिस (अंडकोष कैंसर) से पीड़ित था। बेहद असामान्य कैंसर होने के कारण इलाज और ऑपेरशन में चिकित्सकों को भी जटिलता का सामना करना पड़ा। तेजी से फैला कैंसर, पेट भी आया चपेट में डॉक्टरों ने बताया कि सर्जरी और कीमोथेरेपी के बाद मरीज की स्थिति गंभीर हो गई। मरीज के दोनों ओर बड़े रेट्रोपेरिटोनियल ट्यूमर्स हो गए। शुरू में कार्सिनोमा टेस्टिस समस्या दूर की गई। फिर सर्जरी और कीमोथेरेपी करवाई गई थी, लेकिन वह सही होने के बजाए फैल गया। युवक के बाई ओर 25 cm और दाई ओर 20 cm व्यास का कैंसर बढ़ गया था। 7 दिन बाद मिली छुट्टी विशाल कैंसर रेट्रोपेरिटोनियल स्पेस में स्थित था। इस वजह से मरीज के ब्लड वेसल और अन्य अहम अंग पेट, आंतों को प्रभावित कर खतरा पैदा कर रहा था। इसकी वजह से पेट में अधिक सूजन, दर्द व उल्टी की समस्या था। मरीज भोजन नहीं कर पा रहा था। बड़े ट्यूमर की वजह से शरीर की सबसे बड़ी ब्लड वेसेल को दबा रही थी। सर्जरी के 7 दिन बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई। अब वह भोजन करने लगा है। इस टीम ने किया इलाज KGMU के यूरोलॉजी सर्जिकल विभाग के डॉ.अपुल गोयल, डॉ. मनोज यादव और डॉ. अवनीत गुप्ता ने सर्जरी की। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने 6 घंटे लगातार ऑपरेशन करके कार्सिनोमा टेस्टिस (अंडकोष कैंसर) से पीड़ित युवक का ऑपरेशन किया। दावा है कि दुर्लभ कैंसर युवक के शरीर में फैलकर काफी बड़ा हो गया था। जटिलताओं के बीच सफल सर्जरी कर युवक की जान बचाई गई है। 21 साल के युवक को था कैंसर KGMU प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि बहराइच का युवक (21) कार्सिनोमा टेस्टिस (अंडकोष कैंसर) से पीड़ित था। बेहद असामान्य कैंसर होने के कारण इलाज और ऑपेरशन में चिकित्सकों को भी जटिलता का सामना करना पड़ा। तेजी से फैला कैंसर, पेट भी आया चपेट में डॉक्टरों ने बताया कि सर्जरी और कीमोथेरेपी के बाद मरीज की स्थिति गंभीर हो गई। मरीज के दोनों ओर बड़े रेट्रोपेरिटोनियल ट्यूमर्स हो गए। शुरू में कार्सिनोमा टेस्टिस समस्या दूर की गई। फिर सर्जरी और कीमोथेरेपी करवाई गई थी, लेकिन वह सही होने के बजाए फैल गया। युवक के बाई ओर 25 cm और दाई ओर 20 cm व्यास का कैंसर बढ़ गया था। 7 दिन बाद मिली छुट्टी विशाल कैंसर रेट्रोपेरिटोनियल स्पेस में स्थित था। इस वजह से मरीज के ब्लड वेसल और अन्य अहम अंग पेट, आंतों को प्रभावित कर खतरा पैदा कर रहा था। इसकी वजह से पेट में अधिक सूजन, दर्द व उल्टी की समस्या था। मरीज भोजन नहीं कर पा रहा था। बड़े ट्यूमर की वजह से शरीर की सबसे बड़ी ब्लड वेसेल को दबा रही थी। सर्जरी के 7 दिन बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई। अब वह भोजन करने लगा है। इस टीम ने किया इलाज KGMU के यूरोलॉजी सर्जिकल विभाग के डॉ.अपुल गोयल, डॉ. मनोज यादव और डॉ. अवनीत गुप्ता ने सर्जरी की। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
KGMU में टेस्टिस कैंसर का सफल ऑपेरशन:जानलेवा कैंसर की चपेट में था 21 साल का युवक,6 घंटे चली जटिल सर्जरी
