करनाल के इंद्री थाना क्षेत्र में वन विभाग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से काटी गई खैर की लकड़ी से भरा एक ट्रक पकड़ा है। ट्रक का ड्राइवर मौके से फरार हो गया, जबकि पुलिस ने ट्रक और लकड़ी को जब्त कर लिया है। बताया जा रहा है कि यह लकड़ी वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्र से चुराई गई थी। आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सुबह 5 बजे मिली सूचना, ट्रक व स्विफ्ट कार में थे तस्कर आज वन विभाग के अधिकारी अनुज कुमार को गुप्त सूचना मिली कि कुछ लोग जंगल से चोरी की गई खैर की लकड़ी को एक टाटा कैंटर में भरकर बाजार में बेचने के लिए करनाल की ओर जा रहे हैं। इस ट्रक के साथ एक स्विफ्ट कार भी थी, जिसमें बैठे लोग ट्रक की निगरानी कर रहे थे। इस सूचना पर अनुज कुमार ने अपने साथियों वन रक्षक सुरेंद्र, राजेंद्र, योगेश, वन दरोगा संजीव, मान सिंह और अंकित के साथ गश्त शुरू की और पुलिस को भी जानकारी दी। नाकाबंदी तोड़कर भागा ट्रक, पुलिस ने पीछा कर पकड़ा वन विभाग की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर कलसौरा गांव के पास नाकाबंदी कर दी। सुबह करीब 7 बजे जब संदिग्ध ट्रक वहां पहुंचा, तो उसे रुकने का इशारा किया गया, लेकिन चालक ने नाका तोड़कर तेज गति से ट्रक को भगाना शुरू कर दिया। इस दौरान उसने ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी को टक्कर मारने की कोशिश भी की। ट्रक के साथ चल रही स्विफ्ट कार में मौजूद लोग उसे बचाने की कोशिश में लगे रहे, लेकिन पुलिस और वन विभाग की टीम ने ट्रक का पीछा जारी रखा। डबकौली गांव के पास ट्रक छोड़ा, ड्राइवर और साथी फरार करीब 10 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद ट्रक को डबकौली गांव के पास रोका गया। खुद को घिरा देख ट्रक चालक असरफ पुत्र मनसब और अन्य आरोपी खेतों की ओर भाग निकले। अनुज कुमार और उनकी टीम ने ट्रक की जांच की, जिसमें भारी मात्रा में छिली हुई खैर की लकड़ी मिली। वन विभाग की टीम ने ट्रक को जब्त कर पुलिस को सौंप दिया। पुराने अपराधों में लिप्त रहे हैं आरोपी, तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी दाऊद पुत्र असगर, इरसाद पुत्र असगर, असरफ पुत्र मनसब और सरवेज पुत्र कामिल लंबे समय से खैर की लकड़ी की तस्करी में लिप्त हैं। इनके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। इस बार भी इन्होंने वन्य प्राणी विहार जंगल खिल्लावाला, आम्बवाली, बागपत और खोल फतेहगढ़ जंगल से खैर के पेड़ काटे थे। वन अधिनियम और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज वन विभाग की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 32, 33, 51 और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 27, 29, 39, 50 के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा, सरकारी कार्य में बाधा डालने और जानलेवा हमले के आरोप में भी केस दर्ज किया गया है। वन विभाग और पुलिस की सख्ती, तस्करों पर कसा शिकंजा वन विभाग और पुलिस अब आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। आरोपियों की तलाश में यमुनानगर और आसपास के इलाकों में छापेमारी की जा रही है। वन विभाग के अधिकारी अनुज कुमार का कहना है कि ये आरोपी बार-बार जंगल से लकड़ी चोरी करने की घटनाओं में शामिल रहे हैं, इसलिए इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। करनाल के इंद्री थाना क्षेत्र में वन विभाग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से काटी गई खैर की लकड़ी से भरा एक ट्रक पकड़ा है। ट्रक का ड्राइवर मौके से फरार हो गया, जबकि पुलिस ने ट्रक और लकड़ी को जब्त कर लिया है। बताया जा रहा है कि यह लकड़ी वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्र से चुराई गई थी। आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सुबह 5 बजे मिली सूचना, ट्रक व स्विफ्ट कार में थे तस्कर आज वन विभाग के अधिकारी अनुज कुमार को गुप्त सूचना मिली कि कुछ लोग जंगल से चोरी की गई खैर की लकड़ी को एक टाटा कैंटर में भरकर बाजार में बेचने के लिए करनाल की ओर जा रहे हैं। इस ट्रक के साथ एक स्विफ्ट कार भी थी, जिसमें बैठे लोग ट्रक की निगरानी कर रहे थे। इस सूचना पर अनुज कुमार ने अपने साथियों वन रक्षक सुरेंद्र, राजेंद्र, योगेश, वन दरोगा संजीव, मान सिंह और अंकित के साथ गश्त शुरू की और पुलिस को भी जानकारी दी। नाकाबंदी तोड़कर भागा ट्रक, पुलिस ने पीछा कर पकड़ा वन विभाग की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर कलसौरा गांव के पास नाकाबंदी कर दी। सुबह करीब 7 बजे जब संदिग्ध ट्रक वहां पहुंचा, तो उसे रुकने का इशारा किया गया, लेकिन चालक ने नाका तोड़कर तेज गति से ट्रक को भगाना शुरू कर दिया। इस दौरान उसने ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी को टक्कर मारने की कोशिश भी की। ट्रक के साथ चल रही स्विफ्ट कार में मौजूद लोग उसे बचाने की कोशिश में लगे रहे, लेकिन पुलिस और वन विभाग की टीम ने ट्रक का पीछा जारी रखा। डबकौली गांव के पास ट्रक छोड़ा, ड्राइवर और साथी फरार करीब 10 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद ट्रक को डबकौली गांव के पास रोका गया। खुद को घिरा देख ट्रक चालक असरफ पुत्र मनसब और अन्य आरोपी खेतों की ओर भाग निकले। अनुज कुमार और उनकी टीम ने ट्रक की जांच की, जिसमें भारी मात्रा में छिली हुई खैर की लकड़ी मिली। वन विभाग की टीम ने ट्रक को जब्त कर पुलिस को सौंप दिया। पुराने अपराधों में लिप्त रहे हैं आरोपी, तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी दाऊद पुत्र असगर, इरसाद पुत्र असगर, असरफ पुत्र मनसब और सरवेज पुत्र कामिल लंबे समय से खैर की लकड़ी की तस्करी में लिप्त हैं। इनके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। इस बार भी इन्होंने वन्य प्राणी विहार जंगल खिल्लावाला, आम्बवाली, बागपत और खोल फतेहगढ़ जंगल से खैर के पेड़ काटे थे। वन अधिनियम और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज वन विभाग की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 32, 33, 51 और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 27, 29, 39, 50 के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा, सरकारी कार्य में बाधा डालने और जानलेवा हमले के आरोप में भी केस दर्ज किया गया है। वन विभाग और पुलिस की सख्ती, तस्करों पर कसा शिकंजा वन विभाग और पुलिस अब आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। आरोपियों की तलाश में यमुनानगर और आसपास के इलाकों में छापेमारी की जा रही है। वन विभाग के अधिकारी अनुज कुमार का कहना है कि ये आरोपी बार-बार जंगल से लकड़ी चोरी करने की घटनाओं में शामिल रहे हैं, इसलिए इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
