हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्रों में नालों और नहरों की सफाई सुनिश्चित करें और आगामी मानसून के मौसम में राज्य में कहीं भी जलभराव न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाएं। मुख्यमंत्री ने हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 56वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बाढ़ नियंत्रण बोर्ड का ध्यान शहरों और गांवों में संरचनाओं को खड़ा करने और मजबूत बुनियादी ढांचे की स्थापना पर होना चाहिए, जो मानसून के मौसम में घरों और खेतों में पानी के प्रवाह को रोक सके। सैनी ने राज्य भर में स्टोन स्टड निर्माण, स्टोन स्टीनिंग, नालों की रिमॉडलिंग, स्थायी पंप हाउस निर्माण, निचले इलाकों में पाइपलाइन बिछाने और बाढ़ के पानी को नालों में छोड़ने पर जोर दिया। लापरवाही पर ठेकेदार के खिलाफ FIR कराएं डीसी बैठक में सीएम ने बाढ़ नियंत्रण के लिए बड़ी संख्या में बनाए गए स्टोन स्टड की समीक्षा करने के आदेश दिए ताकि जो स्टड काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें समय रहते दुरुस्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाना चाहिए और संबंधित उपायुक्त अपने-अपने जिलों में सभी स्टड का सर्वेक्षण करें। साथ ही इस मामले में अगर कोई लापरवाही पाई जाती है तो दोषी ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने सहित सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। हर क्षेत्र पर समान ध्यान दें अधिकारी मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी बड़ी नहरों से गाद निकालने तथा पुरानी नहरों की मरम्मत के भी आदेश दिए। उन्होंने ऐसी परियोजनाओं की प्राथमिकता सूची बनाने तथा सभी लंबित कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ये सफाई अभियान हर साल चलाए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कार्यों को हर क्षेत्र पर समान ध्यान देकर किया जाना चाहिए, ताकि पूरे राज्य में समान विकास हो सके। बाढ़ नियंत्रण के लिए 657.99 करोड़ मंजूर हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड ने राज्य में बाढ़ नियंत्रण के लिए 657.99 करोड़ रुपए (राज्य शीर्ष + एचडब्ल्यूआरए फंड) की 352 योजनाओं पर विचार किया तथा उन्हें मंजूरी दी। मुख्यमंत्री ने अल्पावधि योजनाओं के साथ-साथ पंपों की खरीद को भी तुरंत शुरू करने तथा 30 जून से पहले उन्हें समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा प्रस्तावित मध्यम एवं दीर्घकालिक योजनाओं को इस वर्ष मई में होने वाली बाढ़ पूर्व समीक्षा बैठक के बाद शुरू किया जाएगा। यमुना में सीवेज का पानी नहीं डाला जाएगा मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि यमुना नदी में कोई भी सीवेज या प्रदूषित नाला नहीं गिरना चाहिए, क्योंकि यमुना को साफ करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमें सीवेज के पानी के बहाव के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी और विशेष रूप से पानीपत, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे अपने जिलों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करें, ताकि प्रदूषित पानी यमुना में न जाए। मुख्यमंत्री ने यमुना नदी को स्थायी रूप से साफ करने के लिए हरियाणा की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने अधिकारियों को रेवाड़ी के मसानी बैराज में 6 एसटीपी के कामकाज की जांच करने और उनका रखरखाव सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। शून्य धान क्षेत्रों का निर्माण हो नायब सिंह सैनी ने कहा कि किसानों के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा सकते हैं, जिससे उन्हें धान जैसी पानी की अधिक खपत वाली फसलें न लगाने और वैकल्पिक फसलों की ओर रुख करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके, ताकि शून्य धान क्षेत्र बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सराहनीय कार्य करने वाली पंचायतों को सम्मानित किया जाना चाहिए, ताकि अन्य किसान भी कृषि में विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित हों। उन्होंने इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए एक लघु फिल्म या वीडियो बनाने का भी सुझाव दिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्रों में नालों और नहरों की सफाई सुनिश्चित करें और आगामी मानसून के मौसम में राज्य में कहीं भी जलभराव न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाएं। मुख्यमंत्री ने हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 56वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बाढ़ नियंत्रण बोर्ड का ध्यान शहरों और गांवों में संरचनाओं को खड़ा करने और मजबूत बुनियादी ढांचे की स्थापना पर होना चाहिए, जो मानसून के मौसम में घरों और खेतों में पानी के प्रवाह को रोक सके। सैनी ने राज्य भर में स्टोन स्टड निर्माण, स्टोन स्टीनिंग, नालों की रिमॉडलिंग, स्थायी पंप हाउस निर्माण, निचले इलाकों में पाइपलाइन बिछाने और बाढ़ के पानी को नालों में छोड़ने पर जोर दिया। लापरवाही पर ठेकेदार के खिलाफ FIR कराएं डीसी बैठक में सीएम ने बाढ़ नियंत्रण के लिए बड़ी संख्या में बनाए गए स्टोन स्टड की समीक्षा करने के आदेश दिए ताकि जो स्टड काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें समय रहते दुरुस्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाना चाहिए और संबंधित उपायुक्त अपने-अपने जिलों में सभी स्टड का सर्वेक्षण करें। साथ ही इस मामले में अगर कोई लापरवाही पाई जाती है तो दोषी ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने सहित सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। हर क्षेत्र पर समान ध्यान दें अधिकारी मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी बड़ी नहरों से गाद निकालने तथा पुरानी नहरों की मरम्मत के भी आदेश दिए। उन्होंने ऐसी परियोजनाओं की प्राथमिकता सूची बनाने तथा सभी लंबित कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ये सफाई अभियान हर साल चलाए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कार्यों को हर क्षेत्र पर समान ध्यान देकर किया जाना चाहिए, ताकि पूरे राज्य में समान विकास हो सके। बाढ़ नियंत्रण के लिए 657.99 करोड़ मंजूर हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड ने राज्य में बाढ़ नियंत्रण के लिए 657.99 करोड़ रुपए (राज्य शीर्ष + एचडब्ल्यूआरए फंड) की 352 योजनाओं पर विचार किया तथा उन्हें मंजूरी दी। मुख्यमंत्री ने अल्पावधि योजनाओं के साथ-साथ पंपों की खरीद को भी तुरंत शुरू करने तथा 30 जून से पहले उन्हें समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा प्रस्तावित मध्यम एवं दीर्घकालिक योजनाओं को इस वर्ष मई में होने वाली बाढ़ पूर्व समीक्षा बैठक के बाद शुरू किया जाएगा। यमुना में सीवेज का पानी नहीं डाला जाएगा मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि यमुना नदी में कोई भी सीवेज या प्रदूषित नाला नहीं गिरना चाहिए, क्योंकि यमुना को साफ करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमें सीवेज के पानी के बहाव के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी और विशेष रूप से पानीपत, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे अपने जिलों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करें, ताकि प्रदूषित पानी यमुना में न जाए। मुख्यमंत्री ने यमुना नदी को स्थायी रूप से साफ करने के लिए हरियाणा की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने अधिकारियों को रेवाड़ी के मसानी बैराज में 6 एसटीपी के कामकाज की जांच करने और उनका रखरखाव सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। शून्य धान क्षेत्रों का निर्माण हो नायब सिंह सैनी ने कहा कि किसानों के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा सकते हैं, जिससे उन्हें धान जैसी पानी की अधिक खपत वाली फसलें न लगाने और वैकल्पिक फसलों की ओर रुख करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके, ताकि शून्य धान क्षेत्र बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सराहनीय कार्य करने वाली पंचायतों को सम्मानित किया जाना चाहिए, ताकि अन्य किसान भी कृषि में विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित हों। उन्होंने इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए एक लघु फिल्म या वीडियो बनाने का भी सुझाव दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
