भास्कर न्यूज | कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के महिला अध्ययन शोध केंद्र में शुक्रवार को उद्यमशीलता प्रशिक्षण एवं प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्यातिथि केयू कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा रहे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महिलाओं की अहम भूमिका है। महिलाओं को कौशल युक्त कर आर्थिक रूप से स्वतंत्र, मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना वर्तमान समय की आवश्यकता है। प्रो. सोमनाथ ने 6 माह का प्रशिक्षण पूरा करने पर सभी प्रशिक्षुओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने उद्यम एवं कौशल से अपनी अगली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित कर सकती हैं। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सोमनाथ ने महिला अध्ययन शोध केंद्र द्वारा प्रकाशित की गई पुस्तक प्रशासनिक एवं शैक्षणिक विभागों में लैंगिक समानता कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी का एक अध्ययन, जेंडर ऑडिट 2022-23 का विमोचन किया। इसके साथ ही उन्होंने सिलाई-कढ़ाई केंद्र में महिलाओं द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के कपड़ों जैसे कुशन, बैग, पर्स, सजावटी सामान का अवलोकन किया। केंद्र की निदेशिका प्रो. अनीता दुआ ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 6 गांवों में सिलाई-कढ़ाई केंद्र और दो गांवों में कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र चलाए जा रहे हैं। 2022 से अब तक लगभग 400 लड़कियों व महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। केंद्र की उपनिदेशिका प्रो. वनीता ढींगरा ने सभी का आभार जताया। इस अवसर पर डीन समाज विज्ञान संकाय प्रो. एसके चहल, डीन ऑफ लॉ प्रो. प्रीति जैन, कुका निदेशक प्रो. अनिल मित्तल, उप निदेशक प्रो. कंवल गर्ग, डॉ. वंदना दवे, अंजू और अनु मौजूद रहीं। भास्कर न्यूज | कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के महिला अध्ययन शोध केंद्र में शुक्रवार को उद्यमशीलता प्रशिक्षण एवं प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्यातिथि केयू कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा रहे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महिलाओं की अहम भूमिका है। महिलाओं को कौशल युक्त कर आर्थिक रूप से स्वतंत्र, मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना वर्तमान समय की आवश्यकता है। प्रो. सोमनाथ ने 6 माह का प्रशिक्षण पूरा करने पर सभी प्रशिक्षुओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने उद्यम एवं कौशल से अपनी अगली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित कर सकती हैं। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सोमनाथ ने महिला अध्ययन शोध केंद्र द्वारा प्रकाशित की गई पुस्तक प्रशासनिक एवं शैक्षणिक विभागों में लैंगिक समानता कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी का एक अध्ययन, जेंडर ऑडिट 2022-23 का विमोचन किया। इसके साथ ही उन्होंने सिलाई-कढ़ाई केंद्र में महिलाओं द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के कपड़ों जैसे कुशन, बैग, पर्स, सजावटी सामान का अवलोकन किया। केंद्र की निदेशिका प्रो. अनीता दुआ ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 6 गांवों में सिलाई-कढ़ाई केंद्र और दो गांवों में कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र चलाए जा रहे हैं। 2022 से अब तक लगभग 400 लड़कियों व महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। केंद्र की उपनिदेशिका प्रो. वनीता ढींगरा ने सभी का आभार जताया। इस अवसर पर डीन समाज विज्ञान संकाय प्रो. एसके चहल, डीन ऑफ लॉ प्रो. प्रीति जैन, कुका निदेशक प्रो. अनिल मित्तल, उप निदेशक प्रो. कंवल गर्ग, डॉ. वंदना दवे, अंजू और अनु मौजूद रहीं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कुलदीप बिश्नोई की राज्यसभा सीट के लिए लॉबिंग:दिल्ली दौरे बढ़ाए, मोदी से पुराने रिश्ते याद किए; पंवार के जीतने से खाली हुई सीट
कुलदीप बिश्नोई की राज्यसभा सीट के लिए लॉबिंग:दिल्ली दौरे बढ़ाए, मोदी से पुराने रिश्ते याद किए; पंवार के जीतने से खाली हुई सीट हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई एक बार फिर दिल्ली में सक्रिय हो गए हैं। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद वह हरियाणा में खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए लॉबिंग करने में जुट गए हैं। ये सीट कृष्ण लाल पंवार के इसराना से विधायक बनने पर खाली हुई है। बिश्नोई परिवार अपनी राजनीतिक जमीन फिर से बनाने में जुटा है। कुलदीप बिश्नोई ने 11 अक्टूबर को दिल्ली में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। कुलदीप बिश्नोई के साथ उनका पूरा परिवार भी मौजूद रहा। इस दौरा हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर और आगामी राजनीति को लेकर चर्चा हुई। इसका बाद उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर पहले पिता चौधरी भजनलाल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीर सांझा की। इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की फोटो जारी की। आदमपुर में 57 साल बाद मिली हार
हरियाणा विधानसभा चुनाव में आदमपुर सीट पर भजनलाल परिवार का 57 साल पुराना गढ़ टूट गया है। इस चुनाव में भव्य बिश्नोई 1268 वोटों से हार गए। इस हार के बाद कुलदीप बिश्नोई काफी दुखी हैं। वह आदमपुर में लोगों के बीच भावुक हो गए थे। किरण चौधरी हाल ही में चुनी गई हैं राज्यसभा सांसद
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुलदीप बिश्नोई राज्यसभा की खाली हुई सीट पर चुनाव लड़कर राज्यसभा जाना चाहते हैं। राज्यसभा सीट के लिए भाजपा के पास पूर्ण बहुमत भी है। इससे पहले दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने पर खाली हुई राज्यसभा सीट पर किरण चौधरी ने चुनाव लड़ा और वह राज्यसभा सांसद चुनी गईं। किरण चौधरी के सामने विपक्ष चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। भूपेंद्र हुड्डा अकसर यह कहते नजर आए कि हमारे पास बहुमत नहीं है। बिश्नोई परिवार को राजनीतिक ऑक्सीजन की जरूरत
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बिश्नोई परिवार के हिस्से 3 सीटें आईं। 3 में से 2 सीटों पर नजदीकी हार हुई और 1 सीट नलवा पर कुलदीप के दोस्त रणधीर पनिहार जीत गए। बेटे की हार से उन्हें झटका लगा। उनकी इच्छा थी कि उनका बेटा आदमपुर से चुनाव जीतकर सरकार में मंत्री बने। मगर ऐसा नहीं हो पाया। इसलिए वह अब राज्यसभा के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। गैर जाट चेहरे के रूप में पेश कर रहे दावेदारी
कुलदीप बिश्नोई भाजपा में गैर जाट चेहरे के रूप में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। उनके पिता भजनलाल की प्रदेश में गैर जाट सीएम के रूप में पहचान थी। गैर जाट वोटर ही भाजपा की प्रदेश में ताकत माने जाते हैं। ऐसे में कुलदीप इस वोट बैंक को जोड़े रखने में सहायक बनना चाहते हैं और अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। हरियाणा के 3 बार मुख्यमंत्री रहे भजनलाल के समय प्रदेश का संपूर्ण नॉन जाट वोट बैंक उनके साथ था, जो बाद में कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हजकां के साथ लामबंद रहा। 2011 से 2014 तक हजकां और भाजपा के गठबंधन के बाद यह वोट बैंक 2014 विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गया। एक प्रतिशत बिश्नोई वोटर वाले नेता रहे 3 बार सीएम
भजनलाल हरियाणा में मात्र 1 प्रतिशत बिश्नोई होते हुए भी 3 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। हरियाणा के सभी 79 प्रतिशत नॉन जाट जातियों को साथ लेकर साथ चले। बिश्नोई परिवार का दावा है कि उनका हरियाणा के हर गांव में कार्यकर्ता है और सभी गैर जाट जातियों पर उनकी मजबूत पकड़ है। हरियाणा में 2 बार लोकसभा सांसद और 4 बार विधायक रह चुके कुलदीप बिश्नोई आज तक किसी बड़े संवैधानिक पद पर नहीं रहे हैं। सरकार में 16 साल से पद से दूर बिश्नोई परिवार
विधानसभा चुनाव में आदमपुर में मिली हार से बिश्नोई परिवार एक बार फिर सत्ता सुख से दूर हो गया है। अगर भव्य और दुड़ाराम चुनाव जीतते तो भव्य को मंत्री पद मिल सकता था। मगर आदमपुर से हार ने मंत्री पद से दूर कर दिया। हरियाणा में बिश्नोई परिवार 16 साल से सरकार में पद से बाहर है। 2005 से 2008 तक भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई हरियाणा के डिप्टी सीएम पद पर रहे। इसके बाद निजी कारणों से उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद से आज तक बिश्नोई परिवार को सरकार में कोई पद नहीं मिला है।

हरियाणा का पहला एयरपोर्ट केंद्र सरकार संभालेगी:नौकरी पर नियुक्ति भी वही करेंगे; प्रदेश सरकार के पास सिर्फ जमीन का मालिकाना हक रहेगा
हरियाणा का पहला एयरपोर्ट केंद्र सरकार संभालेगी:नौकरी पर नियुक्ति भी वही करेंगे; प्रदेश सरकार के पास सिर्फ जमीन का मालिकाना हक रहेगा हिसार में बन रहे हरियाणा के पहले एयरपोर्ट को केंद्र सरकार ही संभालेगी। इसे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) चलाएगी। इसके लिए एयरपोर्ट को AAI को हैंडओवर करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसका सबसे बड़ा असर ये पड़ेगा कि एयरपोर्ट के इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऑपरेशन और मेंटिनेंस से लेकर नौकरी पर नियुक्ति भी केंद्र ही करेगा। हरियाणा सरकार के पास सिर्फ इस जमीन का मालिकाना हक रहेगा। इससे पहले एयरपोर्ट में डेवलपमेंट का सारा काम हरियाणा सरकार से ही कराया गया। इसकी सुरक्षा का जिम्मा भी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के पास रहेगा। अभी हरियाणा पुलिस की थर्ड बटालियन के 300 जवान इसकी सुरक्षा में तैनात हैं। जिन्हें बाद में गेट के बाहर तैनात किया जा सकता है। हैंडओवर होने के बाद मिलेगा एयरपोर्ट को लाइसेंस
हिसार एयरपोर्ट को अभी उड़ान शुरू करने का नागरिक उड्डयन विभाग से लाइसेंस नहीं मिला है। हरियाणा सरकार इसको लेकर डीजीसीए से संपर्क कर चुकी है। माना जा रहा है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को हैंडओवर होने के बाद इसे लाइसेंस मिल जाएगा। उसके बाद यहां से उड़ानें शुरू हो सकेंगी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टाइम लेकर इसका उद्घाटन कराया जाएगा। शुरुआत में 5 राज्यों से होगी कनेक्टिविटी
हिसार एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करने के लिए सरकार एलायंस एयर से समझौता कर चुकी है। शुरू में यहां से 5 राज्यों के लिए उड़ानें शुरू की जाएंगी। जिनमें अयोध्या, जम्मू, जयपुर, दिल्ली और अहमदाबाद शामिल है। शुरू में यहां से 70 सीटर उड़ानें शुरू होंगी। अगर इतने पैसेंजर मिले तो ठीक वर्ना इसे घटाकर 40 सीटर उड़ान तक सीमित कर दिया जाएगा। इस मामले में 2 जनवरी को डीजीसीए नागरिक उड्डयन विभाग के सलाहकार नर हरि सिंह बांगर ने भी यहां का दौरा किया।

हरियाणा में फर्जी डॉक्यूमेंट से डॉक्टरों ने ली एनओसी:मध्यप्रदेश और उड़ीसा भेजी HMC की जांच में खुलासा; 5 के रजिस्ट्रेशन किए रद्द
हरियाणा में फर्जी डॉक्यूमेंट से डॉक्टरों ने ली एनओसी:मध्यप्रदेश और उड़ीसा भेजी HMC की जांच में खुलासा; 5 के रजिस्ट्रेशन किए रद्द हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले डॉक्टरों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। ऐसे ही 7 डॉक्टरों की एनओसी फर्जी मिलने पर काउंसिल की तरफ से कार्रवाई अमल में लाई गई है। एचएमसी ने 5 डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है, 2 का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी चल रही है। बाकायदा इन सभी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी। जिसे लेकर काउंसिल की तरफ से डीजीएचएस डॉ. मनीष बंसल और डा. कुलदीप को भी जानकारी मुहैया करवा दी गई है। इस पूरे फर्जीवाड़े की पोल काउंसिल के चेयरमैन डॉ. आरके अनेजा ने गहन जांच के बाद खोली है। जिसके तहत अब उन्होंने पुलिस को एफआईआर के लिए पत्र भी लिखा है। ऐसे ही एक अन्य मामले में भी काउंसिल ने लीगल ओपिनियन के लिए केस भेजा है, जिस पर राय मिलते ही डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इन डॉक्टरों का रद हुआ रजिस्ट्रेशन हरियाणा मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. मनदीप सचेदवा ने बताया कि जिन 5 डॉक्टरों ने फर्जी एनओसी के बल पर रजिस्ट्रेशन के लिए काउंसिल के पास आवेदन किया था। उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इनमें डॉ. प्रवेश कुमार ने फर्जी एनओसी दी थी, जिसकी मध्य प्रदेश से सत्यता पता लगाई गई। मध्य प्रदेश ने यह एनओसी फर्जी होने की बात कही। इसी तरह से डॉ. अंकित त्यागी की फर्जी एनओसी को पता लगाने के लिए एमएमयू मुलाना भेजा गया था। जहां से उसके फर्जी होने का पता चला। डॉ. शत्रुघन यादव की एनओसी को मध्य प्रदेश ने फर्जी बताया है। डॉ. प्रदीप कुमार जयसवाल की एनओसी को एमएमयू मुलाना ने फर्जी बताया है। इसके अलावा डॉ. कुनाल की एनओसी को भी उड़ीसा ने फर्जी बताया है। हेल्थ मिनिस्टर के निर्देश पर शुरू हुई जांच हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने यह जांच हेल्थ मिनिस्टर आरती राव के निर्देश पर शुरू की है। जांच के दौरान काउंसिल के पास रजिस्ट्रेशन के लिए पहुंचने वाली हर एनओसी की सत्यता का पता लगाया जाता है, जिसके बाद ही चिकित्सकों को रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। बाकायदा काउंसिल की कार्रवाई से डीजीएचएस को भी जानकारी दी जाती है। फर्जी डॉक्टरों के गैंग का पता लगाएगी काउंसिल मामले में काउंसिल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी की एनओसी फर्जी पाई जाती है तो एक तरह से वह फर्जी डॉक्टर ही होता है। काउंसिल आगे इस निष्कर्ष तक भी पहुंचने का प्रयास करेगी कि आखिर ऐसे गलत लोगों को फर्जी एनओसी कौन जारी करता और इसमें कौन लोग शामिल हैं। जांच के बाद ही रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।