अमृतपाल सिंह से NSA हटाने की तैयारी:22 मार्च को अवधि समाप्त, पंजाब सरकार ने जारी नहीं किए नए आदेश, 25 को सुनवाई

अमृतपाल सिंह से NSA हटाने की तैयारी:22 मार्च को अवधि समाप्त, पंजाब सरकार ने जारी नहीं किए नए आदेश, 25 को सुनवाई

असम की डिब्रूगढ़ जेल से अमृतसर लाए गए सात खालिस्तान समर्थकों की तरह पंजाब सरकार अब खडूर साहिब के सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उनके दो अन्य साथियों पप्पलप्रीत सिंह और वरिंदर विक्की पर से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) हटा सकती है। दरअसल, अमृतपाल सिंह पर लगाई गई एनएसए की अवधि 22 मार्च को समाप्त हो चुकी है और अभी तक एनएसए की अवधि बढ़ाने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी साझा की कि अभी तक अमृतपाल और उनके साथियों की एनएसए की अवधि बढ़ाने या इससे संबंधित कोई अन्य आदेश जारी नहीं हुआ है। जिससे साफ है कि पंजाब सरकार अब अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। वे अमृतपाल सिंह और उनके दो अन्य साथियों पप्पलप्रीत सिंह और वरिंदर विक्की को पंजाब के अमृतसर लाकर 2023 में अजनाला थाने पर हुए हमले की जांच में शामिल कर सकते हैं। 25 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई पंजाब सरकार 21 मार्च को अमृतपाल सिंह के सात साथियों को लेकर अमृतसर पहुंची और उन्हें कोर्ट में पेश कर 3 दिन का रिमांड हासिल किया। जबकि अमृतपाल सिंह के मामले में सुनवाई लंबित थी। जिसके चलते अमृतपाल सिंह, पप्पलप्रीत सिंह और वरिंदर विक्की के बारे में कोई फैसला नहीं लिया जा सका। उम्मीद है कि सरकार अभी आदेश जारी करने की बजाय 25 मार्च को कोर्ट में अमृतपाल सिंह और उसके दो साथियों के बारे में अपना फैसला साफ करेगी। 21 मार्च को ही पंजाब लौटे हैं 7 साथी अमृतपाल सिंह के सात साथियों को 17 मार्च से ही डिब्रूगढ़ जेल से रिहा कर प्रोडक्शन वारंट पर अमृतसर लाने का काम शुरू हो गया था। जिसके बाद 20 मार्च की रात उन्हें डिब्रूगढ़ से अमृतसर शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया और 21 मार्च को उन्हें अमृतसर की अजनाला कोर्ट में पेश कर तीन दिन का रिमांड हासिल किया गया। अमृतपाल सिंह के 7 साथियों के नाम- अमृतपाल पर भी पहले अजनाला थाने के मामले पर होगी कार्रवाई 23 फरवरी 2023 को खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इनके हमले के बाद दबाव में आई पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का ऐलान कर दिया था। पुलिस ने उग्र भीड़ को रोकने के लिए बैरिकेड लगाए थे, लेकिन ये उन्हें तोड़कर अंदर घुस गए। इसमें 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह, पप्पलप्रीत सिंह और विक्रम विक्की को इसी मामले में गिरफ्तार कर जांच में शामिल करेगी। जानें अजनाला हिंसा क्यों हुई थी अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने में अमृतपाल, उसके साथी तूफान सिंह समेत कुल 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है। इसी मामले में आज सातों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाना है। बता दें कि अमृतपाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले एक युवक को किडनैप करने के बाद उसे बुरी तरह पीटा था। दरअसल, 15 फरवरी की रात अजनाला में पहुंचे चमकौर साहिब के बरिंदर सिंह को कुछ लोगों ने अगवा कर लिया था। जंडियाला गुरु के पास मोटर पर (जहां अमृतपाल भी मौजूद था) बरिंदर सिंह के साथ मारपीट की गई थी। जिसकी शिकायत पर अमृतपाल व उसके समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसी केस में पुलिस ने तूफान सिंह को गिरफ्तार किया था। इससे अमृतपाल भड़क गया और उसने अजनाला थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारी देने की घोषणा की थी। SP हरपाल सिंह रंधावा ने बताया था कि हमलावर तलवार और बंदूकें साथ लाए थे। उनके पास श्री गुरुग्रंथ साहिब की पवित्र बीड़ भी थी। ऐसे में जवान पीछे हट गए थे। असम की डिब्रूगढ़ जेल से अमृतसर लाए गए सात खालिस्तान समर्थकों की तरह पंजाब सरकार अब खडूर साहिब के सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उनके दो अन्य साथियों पप्पलप्रीत सिंह और वरिंदर विक्की पर से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) हटा सकती है। दरअसल, अमृतपाल सिंह पर लगाई गई एनएसए की अवधि 22 मार्च को समाप्त हो चुकी है और अभी तक एनएसए की अवधि बढ़ाने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी साझा की कि अभी तक अमृतपाल और उनके साथियों की एनएसए की अवधि बढ़ाने या इससे संबंधित कोई अन्य आदेश जारी नहीं हुआ है। जिससे साफ है कि पंजाब सरकार अब अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। वे अमृतपाल सिंह और उनके दो अन्य साथियों पप्पलप्रीत सिंह और वरिंदर विक्की को पंजाब के अमृतसर लाकर 2023 में अजनाला थाने पर हुए हमले की जांच में शामिल कर सकते हैं। 25 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई पंजाब सरकार 21 मार्च को अमृतपाल सिंह के सात साथियों को लेकर अमृतसर पहुंची और उन्हें कोर्ट में पेश कर 3 दिन का रिमांड हासिल किया। जबकि अमृतपाल सिंह के मामले में सुनवाई लंबित थी। जिसके चलते अमृतपाल सिंह, पप्पलप्रीत सिंह और वरिंदर विक्की के बारे में कोई फैसला नहीं लिया जा सका। उम्मीद है कि सरकार अभी आदेश जारी करने की बजाय 25 मार्च को कोर्ट में अमृतपाल सिंह और उसके दो साथियों के बारे में अपना फैसला साफ करेगी। 21 मार्च को ही पंजाब लौटे हैं 7 साथी अमृतपाल सिंह के सात साथियों को 17 मार्च से ही डिब्रूगढ़ जेल से रिहा कर प्रोडक्शन वारंट पर अमृतसर लाने का काम शुरू हो गया था। जिसके बाद 20 मार्च की रात उन्हें डिब्रूगढ़ से अमृतसर शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया और 21 मार्च को उन्हें अमृतसर की अजनाला कोर्ट में पेश कर तीन दिन का रिमांड हासिल किया गया। अमृतपाल सिंह के 7 साथियों के नाम- अमृतपाल पर भी पहले अजनाला थाने के मामले पर होगी कार्रवाई 23 फरवरी 2023 को खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इनके हमले के बाद दबाव में आई पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का ऐलान कर दिया था। पुलिस ने उग्र भीड़ को रोकने के लिए बैरिकेड लगाए थे, लेकिन ये उन्हें तोड़कर अंदर घुस गए। इसमें 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह, पप्पलप्रीत सिंह और विक्रम विक्की को इसी मामले में गिरफ्तार कर जांच में शामिल करेगी। जानें अजनाला हिंसा क्यों हुई थी अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने में अमृतपाल, उसके साथी तूफान सिंह समेत कुल 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है। इसी मामले में आज सातों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाना है। बता दें कि अमृतपाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले एक युवक को किडनैप करने के बाद उसे बुरी तरह पीटा था। दरअसल, 15 फरवरी की रात अजनाला में पहुंचे चमकौर साहिब के बरिंदर सिंह को कुछ लोगों ने अगवा कर लिया था। जंडियाला गुरु के पास मोटर पर (जहां अमृतपाल भी मौजूद था) बरिंदर सिंह के साथ मारपीट की गई थी। जिसकी शिकायत पर अमृतपाल व उसके समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसी केस में पुलिस ने तूफान सिंह को गिरफ्तार किया था। इससे अमृतपाल भड़क गया और उसने अजनाला थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारी देने की घोषणा की थी। SP हरपाल सिंह रंधावा ने बताया था कि हमलावर तलवार और बंदूकें साथ लाए थे। उनके पास श्री गुरुग्रंथ साहिब की पवित्र बीड़ भी थी। ऐसे में जवान पीछे हट गए थे।   पंजाब | दैनिक भास्कर