पंजाब में RSS नेता रुलदा सिंह हत्याकांड में फैसला:कोर्ट ने जगतार सिंह तारा को बरी किया, सजा सुनाने के बाद दोबारा जेल भेजा

पंजाब में RSS नेता रुलदा सिंह हत्याकांड में फैसला:कोर्ट ने जगतार सिंह तारा को बरी किया, सजा सुनाने के बाद दोबारा जेल भेजा

पटियाला में आरएसएस के वरिष्ठ नेता रुलदा सिंह हत्याकांड में पुलिस ने जगतार सिंह व रमनदीप सिंह गोल्डी को बरी कर दिया है। इस दौरान जगतार सिंह तारा को सजा सुनाने के बाद दोबारा चंडीगढ़ जेल भेज दिया गया। जगतार सिंह तारा को पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह हत्याकांड में भी दोषी है। इस मामले में पांच लोगों को पहले ही बरी किया जा चुका है। 16 साल पहले हुई थी हत्या यह मामला करीब 16 साल पुराना है। 28 जुलाई 2009 की शाम को जब आरएसएस के वरिष्ठ नेता रुलदा सिंह अपनी गाड़ी से अनाज मंडी सरहिंद रोड स्थित घर पहुंचे तो घर के ठीक सामने 3 अज्ञात युवकों ने उन्हें गोलियां मार दीं थीं। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया। करीब 2 हफ्ते बाद उनकी मौत हो गई थी। पुलिस ने उस समय 4 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें 2015 में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। वह भारतीय जनता पार्टी के एनआरआई विंग के प्रधान भी थे। पुलिस ने कुल 18 लोगों को किया था नामजद पटियाला पुलिस ने इस मामले में कुल 18 लोगों को नामजद किया था, जिनमें ये तीन ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे। 2015 में इस मामले में पटियाला की स्थानीय अदालत ने दर्शन सिंह मकरोपुर, जगमोहन सिंह, दल सिंह, गुरजंत सिंह और अमरजीत सिंह को दफन कर दिया था, जबकि जगतार सिंह तारा और एक अन्य कथित आरोपी टाइगर्स फोर्स से जुड़े रमनदीप सिंह गोल्डी के खिलाफ मुकदमा चल रहा था। इनका बाद में केस में शामिल किया गया था। जिसमें आज यह फैसला आया है। पटियाला में आरएसएस के वरिष्ठ नेता रुलदा सिंह हत्याकांड में पुलिस ने जगतार सिंह व रमनदीप सिंह गोल्डी को बरी कर दिया है। इस दौरान जगतार सिंह तारा को सजा सुनाने के बाद दोबारा चंडीगढ़ जेल भेज दिया गया। जगतार सिंह तारा को पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह हत्याकांड में भी दोषी है। इस मामले में पांच लोगों को पहले ही बरी किया जा चुका है। 16 साल पहले हुई थी हत्या यह मामला करीब 16 साल पुराना है। 28 जुलाई 2009 की शाम को जब आरएसएस के वरिष्ठ नेता रुलदा सिंह अपनी गाड़ी से अनाज मंडी सरहिंद रोड स्थित घर पहुंचे तो घर के ठीक सामने 3 अज्ञात युवकों ने उन्हें गोलियां मार दीं थीं। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया। करीब 2 हफ्ते बाद उनकी मौत हो गई थी। पुलिस ने उस समय 4 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें 2015 में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। वह भारतीय जनता पार्टी के एनआरआई विंग के प्रधान भी थे। पुलिस ने कुल 18 लोगों को किया था नामजद पटियाला पुलिस ने इस मामले में कुल 18 लोगों को नामजद किया था, जिनमें ये तीन ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे। 2015 में इस मामले में पटियाला की स्थानीय अदालत ने दर्शन सिंह मकरोपुर, जगमोहन सिंह, दल सिंह, गुरजंत सिंह और अमरजीत सिंह को दफन कर दिया था, जबकि जगतार सिंह तारा और एक अन्य कथित आरोपी टाइगर्स फोर्स से जुड़े रमनदीप सिंह गोल्डी के खिलाफ मुकदमा चल रहा था। इनका बाद में केस में शामिल किया गया था। जिसमें आज यह फैसला आया है।   पंजाब | दैनिक भास्कर