हिमाचल प्रदेश में चार दिन बाद भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, 29 मई से वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा है। इससे 29 और 30 को तो कुछेक स्थानों पर ही बारिश की संभावना है। मगर 30 मई को प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में राहत की फुहार बरस सकती है। फिलहाल अगले तीन-चार दिन तक गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं है। उल्टा गर्मी में इजाफा होगा। मौसम विभाग ने आज के लिए सात जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों में हीट-वेव का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कुछेक स्थानों पर भीषण गर्मी पड़ सकती है। इसे देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की गई है। कल से 10 जिलों में हीट वेव का येलो अलर्ट कल 27 मई से 3 दिन तक लाहौल स्पीति और किन्नौर जिला को छोड़कर सभी 10 जिलों में हीट वेव का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान तापमान में दो से तीन डिग्री का उछाल आएगा। ऊना का तापमान पहले ही 43 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। चटक धूप खिलने की वजह से आज इसमें उछाल आ सकता है। 3 शहरों का 40 पार, 10 का 35 डिग्री पार तापमान वहीं नेरी का 42 डिग्री, बिलासपुर 40.7 डिग्री, धौलाकुंआ 40.5 डिग्री, सुंदरनगर 36.8 डिग्री, भुंतर 35.3 डिग्री, नाहन 38 डिग्री, सोलन 35 डिग्री, कांगड़ा 37.6 डिग्री, मंडी 37.4 डिग्री, हमीरपुर 39.2 डिग्री, चंबा 37.5 डिग्री, बरठी 39.2 डिग्री और बजौरा का तापमान 36.2 डिग्री पहुंच गया है। हीट स्ट्रोक / लू लगने से बचाव के लिए सावधानी बरतें क्या करें: क्या न करें गर्मी लगने पर प्राथमिक चिकित्सा के उपाय हिमाचल प्रदेश में चार दिन बाद भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, 29 मई से वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा है। इससे 29 और 30 को तो कुछेक स्थानों पर ही बारिश की संभावना है। मगर 30 मई को प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में राहत की फुहार बरस सकती है। फिलहाल अगले तीन-चार दिन तक गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं है। उल्टा गर्मी में इजाफा होगा। मौसम विभाग ने आज के लिए सात जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों में हीट-वेव का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कुछेक स्थानों पर भीषण गर्मी पड़ सकती है। इसे देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की गई है। कल से 10 जिलों में हीट वेव का येलो अलर्ट कल 27 मई से 3 दिन तक लाहौल स्पीति और किन्नौर जिला को छोड़कर सभी 10 जिलों में हीट वेव का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान तापमान में दो से तीन डिग्री का उछाल आएगा। ऊना का तापमान पहले ही 43 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। चटक धूप खिलने की वजह से आज इसमें उछाल आ सकता है। 3 शहरों का 40 पार, 10 का 35 डिग्री पार तापमान वहीं नेरी का 42 डिग्री, बिलासपुर 40.7 डिग्री, धौलाकुंआ 40.5 डिग्री, सुंदरनगर 36.8 डिग्री, भुंतर 35.3 डिग्री, नाहन 38 डिग्री, सोलन 35 डिग्री, कांगड़ा 37.6 डिग्री, मंडी 37.4 डिग्री, हमीरपुर 39.2 डिग्री, चंबा 37.5 डिग्री, बरठी 39.2 डिग्री और बजौरा का तापमान 36.2 डिग्री पहुंच गया है। हीट स्ट्रोक / लू लगने से बचाव के लिए सावधानी बरतें क्या करें: क्या न करें गर्मी लगने पर प्राथमिक चिकित्सा के उपाय हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मुफ्त इलाज पर संकट:IGMC में रोकी ओपन-हार्ट सर्जरी, ड्रग सप्लायरों ने दवाई-उपकरणों की आपूर्ति बंद की, 310 करोड़ की पेमेंट पेंडिंग
हिमाचल में मुफ्त इलाज पर संकट:IGMC में रोकी ओपन-हार्ट सर्जरी, ड्रग सप्लायरों ने दवाई-उपकरणों की आपूर्ति बंद की, 310 करोड़ की पेमेंट पेंडिंग हिमाचल प्रदेश में लोगों की लाइफ सेविंग एवं मुफ्त इलाज की योजना हिम-केयर और आयुष्मान पर संकट मंडरा रहा है। आर्थिक संकट से जूझ रही कांग्रेस सरकार मुफ्त इलाज और निशुल्क दवाइयों की पेमेंट नहीं दे पा रही है। इससे आयुष्मान और हिम-केयर कार्ड के तहत मुफ्त में होने वाली सर्जरी रोक दी है। प्रदेश के ज्यादातर अस्पतालों में इक्का-दुक्का मरीजों की ही मुफ्त सर्जरी हो रही है। इसी तरह जन औषधि केंद्रों में मरीजों को ज्यादातर मुफ्त दवाइयां नहीं मिल रही। अस्पतालों को दवाइयां और पेस-मेकर जैसे उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनियों ने इनकी सप्लाई बंद कर दी है। इससे मरीज दर दर की ठोकने खाने को मजबूर हो गए है और ओपन मार्केट से खरीद रहे हैं। सूचना के अनुसार, सरकार के पास लगभग 310 करोड़ रुपए से ज्यादा की पेमेंट पेंडिंग हो गई है। बताया जा रहा है कि जिन कंपनियों ने सामान व दवाई की सप्लाई बंद कर दी है, उनकी पेमेंट चुकाने के बजाय दूसरी कंपनी को ऑर्डर देकर सामान व दवाई मंगाई जा रही है। इससे IGMC सहित प्रदेश के दूसरे हॉस्पीटल में हिम-केयर व आयुष्मान काउंटर बंद करने की नौबत आ गई है। ओपन मार्केट से स्टंट व पेस-मेकर खरीद रहे मरीज मरीजों व उनके तीमारदारों को स्टंट और पेस-मेकर जैसे उपकरण ओपन मार्केट से महंगे दाम पर खरीदने पड़ रहे हैं। प्रदेश के प्रीमियम इंस्टीट्यूट IGMC शिमला में भी हिम केयर व आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त उपचार की सुविधा ज्यादातर मरीजों को नहीं मिल पा रही है। ड्रग सप्लायर ने दवाइयों की सप्लाई बंद की जन औषधि केंद्रों को मुफ्त दवाइयां सप्लाई करने वाले ज्यादातर ड्रग सप्लायर ने आपूर्ति बंद कर दी है। प्रदेश में पिछले 10 महीने से अधिक समय से मुफ्त इलाज और निशुल्क दवाइयों के लिए पर्याप्त बजट नहीं दिया जा रहा। चार महीने पहले ड्रग सप्लायर द्वारा आपूर्ति बंद करने के बाद कुछ पेमेंट का भुगतान जरूर किया गया, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। मरीज व ड्रग सप्लायर बार बार कर रहे आग्रह मरीजों के साथ साथ ड्रग सप्लायर भी कई बार पेमेंट रिलीज करने का आग्रह कर चुके हैं। अस्पताल प्रबंधन भी बार-बार सरकार से पत्राचार कर रहे हैं। मगर आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार फिर भी पेमेंट नहीं दे रही। हिमाचल में 6 लाख आयुष्मान व हिमकेयर कार्ड प्रदेश में आयुष्मान और हिमकेयर योजना के तहत 6 लाख से ज्यादा कार्ड बने है। इसके तहत प्रत्येक मरीज का सरकारी अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का उपचार मुफ्त होता है। हिम केयर राज्य की अपनी स्कीम है, जबकि आयुष्मान केंद्र सरकार की योजना है। मगर आयुष्मान में 50-50 फीसदी के अनुपात में केंद्र व राज्य सरकार खर्च उठाती है। राज्य सरकार आयुष्मान का भी बजट नहीं दे पा रही है। जल्द पेमेंट मिलने की उम्मीद IGMC शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने बताया कि हिमकेयर और आयुष्मान में पेमेंट जरूर पेडिंग है। लेकिन मरीजों की सर्जरी रूटीन में हो रही है। सरकार से पेमेंट के लिए पत्राचार किया जा रहा है। क्या कहते हैं डिस्ट्रीब्यूटर होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर अरविंद ने बताया कि कई महीनों से उनकी पेमेंट नहीं मिल रही है। अकेले उनकी कंपनी की 7 करोड़ रुपए से ज्यादा की पेमेंट पेडिंग हो गई है। इसे देखते हुए उन्होंने दवाई और विभिन्न उपकरणों की सप्लाई बंद कर दी है।
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बिलासपुर में दो महीनों के बाद खुला मत्स्य आखेट:मछुआरों को मिलेगा लाभ, पहले दिन मिली 34 किलो की सबसे बड़ी मछली हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में पिछले दो महीनों से बंद चल रहे मत्स्य आखेट (फिशिंग) के सीजन को फिर से खोल दिया गया है। इस फैसले से मछुआरों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई है। पहले ही दिन मछुआरों को बड़ी सफलता मिली है। जब गोबिंद सागर झील से 34 किलो वजन की एक विशाल मछली पकड़ने में कामयाबी हासिल की गई। दो महीनों बाद हटी रोक मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी ने बताया कि मानसून के कारण पिछले दो महीनों से मत्स्य आखेट पर रोक लगाई गई थी। इस अवधि में मछलियों की प्रजनन प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए यह प्रतिबंध लगाया गया था। अब, मानसून की समाप्ति और मौसम की स्थिति में सुधार के साथ ही इस प्रतिबंध को हटा दिया गया है। जिससे मछुआरों को फिर से मत्स्य आखेट करने की अनुमति मिल गई है। मछुआरे ने 34 किलो की मछली पकड़ी पहले ही दिन गोबिंद सागर झील में मछुआरों को बड़ी सफलता मिली। जिले के प्रमुख मछुआरे रमेश कुमार ने 34 किलो की मछली पकड़ने में कामयाबी पाई है। जो इस सीजन की अब तक की सबसे बड़ी मछली मानी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस मछली की बिक्री से उन्हें अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद है। अन्य मछुआरों ने भी इस अवसर का लाभ उठाते हुए अच्छी संख्या में मछलियां पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। मत्स्य आखेट की शुरुआत से मछुआरों में उत्साह है और वे आने वाले दिनों में अच्छी कमाई की उम्मीद कर रहे हैं।