जालंधर में 5 कैंडिडेट डेरा बल्लां में हुए नतमस्तक:पार्टियों की नजर रविदास समाज की वोटों पर; संत निरंजन दास के दरबार लगी हाजिरी

जालंधर में 5 कैंडिडेट डेरा बल्लां में हुए नतमस्तक:पार्टियों की नजर रविदास समाज की वोटों पर; संत निरंजन दास के दरबार लगी हाजिरी

पंजाब की राजनीति में डेरों का प्रभाव शुरू से ही रहा है। जब भी चुनाव आते हैं तो नेता डेरों के फेरे लगाने शुरू कर देते हैं। पंजाब का जिला जालंधर एक एससी (SC) लोकसभा सीट है। यहां पर एससी भाईचारे का प्रभाव बहुत ज्यादा है। क्योंकि पंजाब में एससी समाज का एक प्रमुख धाम डेरा सचखंड बल्लां जालंधर में ही स्थित है। लोकसभा चुनाव में 1 जून को वोट पड़ने हैं और ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का डेरा बल्लां में आवागमन बढ़ गया है। सोशल मीडिया पर फोटो डाल रहे कैंडिडेट 24 घंटे में डेरा सचखंड बल्लां में जालंधर में चुनाव लड़ रहे पांच प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार नतमस्तक होने के लिए पहुंचे। बता दें कि शनिवार को अमर शहीद संत रामानंद जी महाराज की बरसी थी। इसी को लेकर बीजेपी, आप, कांग्रेस, शिअद और बसपा के उम्मीदावर बल्लां डेरे पहुंचे। इस दौरान उन्होंने संत निरंजन दास जी महाराज से आशीर्वाद भी प्राप्त किया। सभी ने वोटरों को लुभाने के लिए संत निरंजन दास के साथ खींचे फोटो सोशल मीडिया में शेयर किए हैं। जालंधर सीट पर सभी उम्मीदवार रविदास समाज से बता दे कि जालंधर में डेरा बल्लां को लुभाने के लिए हर पार्टी ने अपना उम्मीदवार रविदास समाज से संबंध रखने वाले को ही उतारा है। ताकि डेरा बल्लां और रविदास समाज का उन्हें स्पॉट मिल सके। क्योंकि डेला बल्लां जालंधर जिले से सहित पंजाब में अपना काफी प्रभाव रखता है। बता दें कि डेरा बल्लां में कई वरिष्ठ नेता संत निरंजन दास का आशीर्वाद लेने पहुंच चुके हैं। जिनमें दिल्ली की सीएम केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, आप के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा और अन्य के नाम शामिल हैं। डेरों के फेरे जरूरी क्यों… पंजाब में बने ज्यादातर डेरे कभी किसी एक पार्टी या उम्मीदवार को खुले तौर पर समर्थन नहीं देते। राजनीतिक तौर पर डेरे निष्पक्ष रहते हैं। इसके बावजूद वोटरों में उनका सियासी दबदबा बरकरार रहता है। जालंधर चुनाव की बात करें तो यहां सबसे पावरफुल रविदासिया समाज का सबसे बड़ा धर्मस्थल डेरा सचखंड बल्लां हैं। उनके करीब पंजाब लाख अनुयायी जालंधर लोकसभा सीट पर वोटर हैं। इन्हीं वोटों पर नजर रख नेता डेरे पहुंचते हैं। दूसरे नंबर पर नूरमहल डेरा है। हालांकि फिलहाल यह डेरा ज्यादा एक्टिव नजर नहीं आ रहा। पंजाब की राजनीति में डेरों का प्रभाव शुरू से ही रहा है। जब भी चुनाव आते हैं तो नेता डेरों के फेरे लगाने शुरू कर देते हैं। पंजाब का जिला जालंधर एक एससी (SC) लोकसभा सीट है। यहां पर एससी भाईचारे का प्रभाव बहुत ज्यादा है। क्योंकि पंजाब में एससी समाज का एक प्रमुख धाम डेरा सचखंड बल्लां जालंधर में ही स्थित है। लोकसभा चुनाव में 1 जून को वोट पड़ने हैं और ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का डेरा बल्लां में आवागमन बढ़ गया है। सोशल मीडिया पर फोटो डाल रहे कैंडिडेट 24 घंटे में डेरा सचखंड बल्लां में जालंधर में चुनाव लड़ रहे पांच प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार नतमस्तक होने के लिए पहुंचे। बता दें कि शनिवार को अमर शहीद संत रामानंद जी महाराज की बरसी थी। इसी को लेकर बीजेपी, आप, कांग्रेस, शिअद और बसपा के उम्मीदावर बल्लां डेरे पहुंचे। इस दौरान उन्होंने संत निरंजन दास जी महाराज से आशीर्वाद भी प्राप्त किया। सभी ने वोटरों को लुभाने के लिए संत निरंजन दास के साथ खींचे फोटो सोशल मीडिया में शेयर किए हैं। जालंधर सीट पर सभी उम्मीदवार रविदास समाज से बता दे कि जालंधर में डेरा बल्लां को लुभाने के लिए हर पार्टी ने अपना उम्मीदवार रविदास समाज से संबंध रखने वाले को ही उतारा है। ताकि डेरा बल्लां और रविदास समाज का उन्हें स्पॉट मिल सके। क्योंकि डेला बल्लां जालंधर जिले से सहित पंजाब में अपना काफी प्रभाव रखता है। बता दें कि डेरा बल्लां में कई वरिष्ठ नेता संत निरंजन दास का आशीर्वाद लेने पहुंच चुके हैं। जिनमें दिल्ली की सीएम केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, आप के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा और अन्य के नाम शामिल हैं। डेरों के फेरे जरूरी क्यों… पंजाब में बने ज्यादातर डेरे कभी किसी एक पार्टी या उम्मीदवार को खुले तौर पर समर्थन नहीं देते। राजनीतिक तौर पर डेरे निष्पक्ष रहते हैं। इसके बावजूद वोटरों में उनका सियासी दबदबा बरकरार रहता है। जालंधर चुनाव की बात करें तो यहां सबसे पावरफुल रविदासिया समाज का सबसे बड़ा धर्मस्थल डेरा सचखंड बल्लां हैं। उनके करीब पंजाब लाख अनुयायी जालंधर लोकसभा सीट पर वोटर हैं। इन्हीं वोटों पर नजर रख नेता डेरे पहुंचते हैं। दूसरे नंबर पर नूरमहल डेरा है। हालांकि फिलहाल यह डेरा ज्यादा एक्टिव नजर नहीं आ रहा।   पंजाब | दैनिक भास्कर