<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Baby Care Centre Fire:</strong> दिल्ली में विवेक विहार इलाके में नवजात शिशु देखभाल अस्पताल में आग लगने की घटना पर बड़ा खुलासा हुआ है. DCP शाहदरा सुरेंद्र चौधरी ने कहा, “घटना में 6 बच्चों की मौत हो गई है. हमें पता चला कि अस्पताल की NOC भी 31 मार्च को समाप्त हो गई थी और अस्पताल को 5 बेड तक की अनुमति थी लेकिन उन्होंने 10 से अधिक बेड लगाए थे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>डीसीपी ने आगे कहा, ”इसके अलावा उनके पास फायर एग्जिट सिस्टम भी नहीं था इसलिए इन सब बातों को देखते हुए हमने एफआईआर में आईपीसी की धारा 304 और 308 जोड़ दी है और हमने इसके निदेशक डॉ. नवीन किची को गिरफ्तार कर लिया है. ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों में से एक डॉक्टर आकाश को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.”</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Baby Care Centre Fire:</strong> दिल्ली में विवेक विहार इलाके में नवजात शिशु देखभाल अस्पताल में आग लगने की घटना पर बड़ा खुलासा हुआ है. DCP शाहदरा सुरेंद्र चौधरी ने कहा, “घटना में 6 बच्चों की मौत हो गई है. हमें पता चला कि अस्पताल की NOC भी 31 मार्च को समाप्त हो गई थी और अस्पताल को 5 बेड तक की अनुमति थी लेकिन उन्होंने 10 से अधिक बेड लगाए थे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>डीसीपी ने आगे कहा, ”इसके अलावा उनके पास फायर एग्जिट सिस्टम भी नहीं था इसलिए इन सब बातों को देखते हुए हमने एफआईआर में आईपीसी की धारा 304 और 308 जोड़ दी है और हमने इसके निदेशक डॉ. नवीन किची को गिरफ्तार कर लिया है. ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों में से एक डॉक्टर आकाश को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.”</p> दिल्ली NCR अखिलेश यादव की सुरक्षा में भारी चूक, जनसभा के दौरान युवक ने तोड़ा सुरक्षा का घेरा
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सोनीपत में कन्या महाविद्यालय में साढ़े 32 लाख का गबन:PMKVY प्रोजेक्ट में 300 लड़कियों का फर्जी एडमिशन; संस्था सेक्रेटरी-प्रिंसिपल समेत 4 पर FIR
सोनीपत में कन्या महाविद्यालय में साढ़े 32 लाख का गबन:PMKVY प्रोजेक्ट में 300 लड़कियों का फर्जी एडमिशन; संस्था सेक्रेटरी-प्रिंसिपल समेत 4 पर FIR हरियाणा के सोनीपत के खरखौदा में स्थित कन्या महाविद्यालय (कॉलेज) में सरकार द्वारा दिए जा रही सहायता राशि (अनुदान) में 32 लाख रुपए के गबन का मामला सामने आया है। आरोप लगे हैं कि मेनेजमेंट व PMKVY प्रोजेक्ट से जुड़े कोर्स में अयोग्य लड?के लड़कियों को एडमिशन दिलाया गया। प्रोजेक्ट में मिली राशि को अपने व्यक्तिगत खाते में स्थानांतरित किया गया है। पुलिस ने मैनेजमेंट व एसबी फर्म रोहतक से जुड़े 4 व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी में केस दर्ज किया है। कॉलेज को मिला था PMKVY प्रोजेक्ट सीएम फ्लाइंग के SI राज सिंह ने खरखौदा थाना में दी शिकायत में कहा कि कन्या महाविद्यालय में जांच के दौरान पाया गया कि PMKVY केन्द्र सरकार का प्रोजेक्ट है। इस स्कीम में एजुकेशन सोसाइटी खरखौदा (ट्रेनिंग सेंटर कन्या महाविद्यालय खरखौदा) में वर्ष 2017 में 5 कोर्स चले। इनको लेकर ट्रेनिग पार्टनर को 30 प्रतिशत पेमेंट मान्य उम्मीदवार का प्रशिक्षण बैच प्रारंभ होने पर, 50 प्रतिशत प्रशिक्षुओं के सफल प्रमाणीकरण और शेष 20 प्रतिशत राशि प्लेसमेंट के आधार पर दी जानी थी। महाविद्यालय में इन 5 कोर्सों में ट्रेनिंग कन्या महाविद्यालय खरखौदा में सिलाई मशीन ऑपरेटर कोर्स में 236 सीटें, हैंड एम्ब्रॉयडर में 235 सीटें, स्पोर्ट्स मसाजर में 239 सीटें, डोमेस्टिक डाटा एंट्री ऑपरेटर कोर्स में 117 सीटें और मल्टी कर्सिन कुक कोर्स में 111 सीटें दी गई थी। SB फर्म को मिले 68.56 लाख रुपए उन्होंने बताया कि इस स्कीम में वे बेरोजगार यूथ जो स्कूल कालेज ड्रोप कर चुके हैं भाग लेने के योग्य थे। वर्ष 2016-17 में PMKVY ये प्रोजेक्ट एसबी स्क्वायर कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड 6-ए प्रथम तल गोपाल कॉम्प्लेक्स रोहतक को दिया गया। इस फर्म में अंकित गर्ग व वसुन्धरा डायरेक्टर थे। फर्म का खाता कर्नाटका बैंक सिविल लाईन रोहतक में है। इसमें PMKVY प्रोजेक्ट के द्वारा 68 लाख 56 हजार 821 रुपए वर्ष 2017 में जारी किए गए। 300 लड़कियों का कोर्स में दाखिला अवैध फर्म डायरेक्टर अकिंत गर्ग ने एजुकेशन सोसाईटी खरखौदा को PMKVY स्कीम के लिए ट्रेनिंग सेंटर के लिए चुना। जो NSDC की ट्रेनिंग सेंटर आईडी TPHR161310 के अनुसार मान्य ट्रेनिंग सैन्टर है। इसमें कन्या महाविद्यालय खरखौदा ट्रेनिंग सेंटर पर विभिन्न 6 कोसों में कुल 938 लड़कियों को ट्रेनिंग दी। इसमें करीब 300 से ज्यादा लड़किया कन्या महाविद्यालय खरखौदा में पढ़ रही थी। जबकि पॉलिसी के नियमानुसार ये कालेज में पड़ने वाली लड़कियां वैध केंडिडेट नहीं थी। क्योकि स्कूल/कालेज में पढ़ने वालों के लिए यह स्कीम नहीं थी। इसलिए फर्म ने वैध केंडिडेट तलाशने में शॉर्टकट् रास्ता अपना कर बिना वैध केंडिडेट के ही 300 से ज्यादा बच्चों को ट्रेनिंग दिलवाकर उनका पैसा गलत तरीके से प्राप्त किया। यह कार्य केन्द्र सरकार की तरफ से NSDC, SSC’s अलग-2 एजेंसियो की देखरेख में आनलाईन व आफलाईन किया गया है। फार्म आनलाईन भरे गए। किन्तु इन अवैध कैंडिडेट के फार्म को वेरीफाई करके रिजक्ट नही किया गया। संस्था के विवादित खातों में डाले गए रुपए सब इंस्पेक्टर राज सिंह के अनुसार जांच के दौरान पाया गया कि HDFC बैंक खरखौदा में जनरल सेक्रेटरी एजुकेशन सोसाइटी खरखौदा के नाम से एक अकाउंट तत्कालीन महासचिव धर्मपाल रोहिल्ला के नाम पर खुलवाया हुआ है। यह एक प्राइवेट संस्था है। धर्मपाल रोहिल्ला ने यह खाता वर्ष 2016 में इस स्कीम के पैसों के लिए अलग से खुलवाया हुआ है। जबकि एजुकेशन सोसाईटी का पहले से ही बैंक में खाता है। बोले- सरकार का नहीं, ये रुपए संसाधनों के बदले लिए रोहतक की एसबी स्क्वायर कंसल्टेंसी ने 32 लाख 41 हजार 337 रुपए एजुकेशन सोसाईटी के विवादित खाते में डाले हुए हैं। एजुकेशन सोसाईटी खरखौदा का कहना है कि उन्होंने PMKVY स्कीम का सरकार से कोई पैसा नही लिया। एसबी स्क्वायर कंसल्टेंसी फर्म ने उनसे सुविधा ली थी। उन्होंने इस फर्म को महाविद्यालय में ट्रेनिंग के लिए जगह दी थी। जिसके लिए किचन व रेस्टोरेंट के लिए नवीनीकरण करना पड़ा। कोर्स के लिए टीचिंग स्टाफ उपलब्ध व सभी जरूरत की वस्तुए मंगवाई। स्टेशनरी, मशीन आदि अनेक सुविधाओं में खर्च हुआ। जिसकी एवज में एसबी स्क्वायर कंसल्टेंसी फर्म ने उनको 32 लाख 41 हजार 337 रुपए दिए। फर्म ने इस ट्रेनिग सेंटर में स्वयं कुछ भी खर्च नहीं किया। यह खाता प्राइवेट निजी खाता है। प्रिंसिपल को 6 लाख दिए, 4 लाख लौटाए जांच रिपोर्ट के अनुसार एजुकेशन सोसाइटी खरखौदा के विवादित खाता में से 25 लाख 65 हजार रुपए पूर्व प्राचार्या सुरेश बूरा के संदर्भ में जारी किए गए। इस खाता से निकासी का अधिकार तत्कालीन जनरल सेक्रेटरी एजुकेशन सोसाइटी खरखौदा को ही था। पूर्व प्राचार्या सुरेश बूरा के निजी खाते में 6 लाख रुपए लिपिकीय त्रुटी से डाले जाने बताए गए। बैंक से प्राप्त डिटेल अनुसार चेक नंबर 189841 से 2 लाख रुपए व चेक नंबर 189842 से 2 लाख रुपए HDFC बैंक के उपरोक्त खाता में वापस आने पाए गए। सुरेश बूरा द्वारा 6 लाख रुपए में से 4 लाख रुपए चेक के द्वारा वापस किए गए। इसके अतिरिक्त विवादित खाता से 8,80,000 रुपए कन्या महाविद्यालय के खाता में, एक लाख रुपए एजुकेशन सोसाइटी के खाता में, 1,48,000 रुपए SB फर्म को दिए गए हैं। जो एफिलेशन फीस के दिए जाने बताए गए। कई बिलों पर डेट नहीं, कुछ करो बताया मिसप्लेस खाते का हिसाब पूरा करने के लिए करीब 12 लाख 53 हजार रुपए के बिल दिये गए हैं। इनमें कई बिलों पर डेट ही दर्ज नही है। करीब 6,20,000 रुपए का प्रबंधन कमेटी का पास कोई रिकार्ड नही है। जांच टीम को इस बारे कहा गया कि कुछ बिल मिसपलेस हो गए। यह मामला 6/7 साल पुराना है। कुछ पैसा बिना बिल भी खर्च किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार जिन 938 लड़कियों को ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग दी गई। उनकी हाज़री से संबधित रिकार्ड कि इतनी लड़की कोर्स में आई, ट्रेनिंग ली या केवल एग्जाम दिलवाए गए। इस बात की पुष्टि के लिए एसबी स्क्वायर कंसल्टेंसी सर्विसेज फर्म के डायरेक्टर अंकित गर्ग, प्रबंधन कमेटी एजुकेशन सोसाइटी खरखौदा द्वारा कोई भी रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है। जांच रिपोर्ट में 32 लाख का गबन बताया जांच उपरान्त पाया गया कि एसबी स्क्वायर कंसल्टेंसी सर्विसेज रोहतक, जिसके डायरेक्टर अकिंत गर्ग है, को वर्ष 2016-17 में PMKVY स्कीम का प्रोजेक्ट प्राप्त हुआ। यह स्कीम पूर्ण रूप से केन्द्र सरकार की स्कीम है। अंकित गर्ग के माध्यम से एजुकेशन सोसाईटी खरखौदा कन्या महाविद्यालय में PMKVY का ट्रेनिंग सैन्टर बना। इस ट्रेनिंग सेंटर में अलग-अलग 5 कोर्स में 938 लड़कियों को ट्रेनिंग दिलवाई गई। किन्तु इस PMKVY स्कीम में करीब 300 से ज्यादा लडकियां इसमें योग्य नहीं थी। अयोग्य लड़के व लड़कियों को ट्रेनिंग दिलवाकर गलत तरीके से केन्द्र सरकार की PMKVY स्कीम का पैसा प्राप्त किया गया है। कॉलेज में पढ़ने वाले करीब 300 बच्चो को ट्रेनिंग दिया जाना दर्शाकर आपराधिक षडयंत्र के तहत आपसी मिलीभगत करके सरकार से प्राप्त 32 लाख 41 हजार 337 रुपए की राशि का गबन किया गया है। इन 4 के खिलाफ केस दर्ज जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने खरखौदा थाना में अंकित गर्ग निवासी जनता कालोनी रोहतक, वसुन्धरा किला रोड रोहतक, डा. सुरेश बूरा पूर्व प्राचार्य कन्या महाविद्यालय खरखौदा व धर्मपाल महासचिव एजुकेशन सोसायटी खरखौदा के खिलाफ धारा 316,318,338,336,340,61(i) भारतीय न्याय संहिता के तहत केस दर्ज किया गया है।
पंजाब में रविवार को सड़कें जाम करेंगे किसान:चंडीगढ़ में किसान नेता राजेवाल ने किया ऐलान, 3 घंटे बंद रहेंगे प्रमुख मार्ग
पंजाब में रविवार को सड़कें जाम करेंगे किसान:चंडीगढ़ में किसान नेता राजेवाल ने किया ऐलान, 3 घंटे बंद रहेंगे प्रमुख मार्ग पंजाब में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा रविवार को पूरे राज्य में सड़कें बंद करने का ऐलान किया है। 13 अक्टूबर दिन रविवार को तीन घंटे के लिए उक्त जाम लगाया जाएगा। इसका ऐलान संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलवीर सिंह राजेवाल द्वारा किया गया है। चंडीगढ़ में की गई एक प्रेसवार्ता के दौरान राजेवाल ने उक्त पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया। राजेवाल ने कहा कि फसलों की खरीद अभी तक शुरू नहीं हुई है। इससे किसानों का नुकसान हो रहा है, इसकी जिम्मेदार राज्य और दिल्ली सरकार हैं। दोपहर 12 से 3 बजे तक बंद की जाएगी आवाजाही किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा धान खरीद को लेकर दावा किया गया था। मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। अगर पंजाब सरकार राज्य से धान शिफ्ट नहीं करती तो इससे पंजाब के किसानों का काफी नुकसान होगा। ऐसे में सरकार को चेताने के लिए जाम लगाने का ऐलान किया गया है। राजेवाल ने आगे कहा कि 13 अक्टूबर को राज्य भर में कई प्रमुख सड़कें और हाईवे जाम किए जाएंगे। दोपहर 12 से 3 बजे उक्त सड़कें बंद की जाएंगी। वहीं, आगे की रणनीति के लिए 14 अक्टूबर यानी दिन सोमवार को किसानों की लीडरशिप चंडीगढ़ में इकट्ठा होकर चर्चा करेंगी। जिससे किसानों का भला हो सके। मंत्री ने कहा था कि 185 मीट्रिक टन धान एजेंसी ने खरीदी मंत्री ने कहा था कि 2023-24 के दौरान अब तक राज्य भर में लगभग 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद एजेंसियों द्वारा की जा चुकी है। ज्यादातर किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं और जल्द बाकियों के खातों में पैसे भेज दिए जाएंगे। अब तक सरकार ने करीब 39,400 करोड़ सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर किए। मंत्री कटारूचक ने कहा कि किसानों द्वारा मंडियों में लाए गए धान के एक-एक दाने को खरीदने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसे लेकर राज्य सरकार ने सुचारु व्यवस्था बनाई थी। जिसमें राज्य सरकार कामयाब रही।
राव इंद्रजीत की प्रेशर पॉलिटिक्स का राज क्या?:हरियाणा में बेटी को मंत्रीपद, अपनी प्रमोशन या CM दावेदारी; 15 MLA के समर्थन का दावा कर चुके
राव इंद्रजीत की प्रेशर पॉलिटिक्स का राज क्या?:हरियाणा में बेटी को मंत्रीपद, अपनी प्रमोशन या CM दावेदारी; 15 MLA के समर्थन का दावा कर चुके हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाने वाली BJP के भीतर अहीरवाल बेल्ट में सबसे ज्यादा राजनीति गर्माई हुई है। यहां से पार्टी को 11 में से 10 सीटों पर जीत मिली है। सरकार बनाने में इस इलाके का अहम रोल होने के कारण यहां के कद्दावर नेता और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह प्रेशर पॉलिटिक्स की राह पर चल पड़े हैं। रिजल्ट आने के बाद से ही राव इंद्रजीत सिंह पूरी तरह एक्टिव है और चुनाव जीते 9 MLA उनसे मुलाकात कर चुके हैं। राव इंद्रजीत सिंह से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, उनके संपर्क में 15 से ज्यादा MLA है। ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह किस बड़ी मंशा को लेकर चल रहे हैं, इसको लेकर खूब चर्चा हो रही है। सियासी माहिरों की मानें तो राव इस पूरे दांव से क्या साधना चाहते हैं, उसकी ये 5 वजहें हो सकती हैं…. 1. बेटी को हरियाणा में मंत्रीपद
राव इंद्रजीत सिंह ने इस बार अपने पसंद से अहीरवाल की 11 में से 9 सीटों पर उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया, जिनमें सभी चुनाव जीत गए। इनमें अटेली सीट से उनकी बेटी आरती राव भी शामिल है। आरती राव का ये पहला ही चुनाव था। उन्हें कड़े मुकाबले में जीत मिली है। राव इंद्रजीत सिंह बेटी आरती राव को नई सरकार में मंत्री बनाकर इलाके में अपनी पकड़ को और मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं। 2. अपने समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह
BJP अहीरवाल बेल्ट को इस बार 2 कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री का पद दे सकती है। राव इंद्रजीत सिंह की कोशिश अपने समर्थक विधायकों को ही इन पदों पर एडजस्ट करने की है। इनमें पटौदी से चुनाव जीती बिमला चौधरी के अलावा लक्ष्मण यादव, ओपी यादव को मंत्री बनाया जा सकता है। बिमला चौधरी किसी वजह से मंत्री नहीं बन पाई तो बावल से चुनाव जीते डॉ. कृष्ण कुमार को विकल्प के रूप में मंत्रीपद दिलवा सकते है। 3. राव नरबीर को मंत्री बनने से रोकना
अहीरवाल की बादशाहपुर सीट पर सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले राव नरबीर सिंह का नाम नए मंत्रिमंडल को लेकर सुर्खियों में है। नरबीर सिंह इस बार अपने खुद के दम पर टिकट लेकर आए और चुनाव भी जीत गए। उन्हें राव इंद्रजीत सिंह का धुर विरोधी माना जाता है। राव इंद्रजीत सिंह नहीं चाहते कि राव नरबीर सिंह सरकार में मंत्री बने। राव इंद्रजीत सिंह खुद गुरुग्राम से सांसद है। अगर राव नरबीर मंत्री बनते है तो राव इंद्रजीत सिंह का वह इलाके में दूसरा बड़ा विकल्प बन सकते है। नरबीर 2014 में भी चुनाव जीतने के बाद मनोहर लाल की कैबिनेट में पावरफुल मंत्री बने थे। हालांकि 2019 के चुनाव में उनकी टिकट कट गई थी। 4. CM पद पर दावा बरकरार रखना
अहीरवाल से मुख्यमंत्री पद की मांग भी लगातार उठ रही है। रेवाड़ी यादव सभा इसकी मांग पहले ही कर चुकी है। हालांकि भाजपा पहले ही नायब सैनी को सीएम चेहरा घोषित कर चुकी है। फिर भी राव भविष्य के लिए दावा मजबूत रखना चाहते हैं। यही वजह है कि राव इंद्रजीत सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार सीएम पद पर दावा ठोका। रिजल्ट आने के बाद भी राव इंद्रजीत सिंह ने कहा- हमने 10 सीटें जिताकर अपना काम कर दिया। अब हाईकमान को इलाके की संज्ञान लेना चाहिए। 5. केंद्र में राज्यमंत्री की जगह कैबिनेट मंत्री की प्रमोशन
राव इंद्रजीत सिंह ने भाजपा में रहते हुए गुरुग्राम सीट से लगातार तीसरी लोकसभा चुनाव जीता। दोनों बार वह मोदी सरकार में राज्यमंत्री रहे। इस बार जीत के बाद उनके कैबिनेट मंत्री बनने की संभावनाएं थी। लेकिन उन्हें राज्यमंत्री का पद मिला। जिसका दर्द राव इंद्रजीत सिंह खुद बयां कर चुके हैं। वह कह चुके है कि उनसे छोटे नेता को कैबिनेट मंत्री बना दिया और वह आज तक राज्यमंत्री ही रहे, जिससे अहीरवाल इलाके में भी मायूसी हुई। अब विधानसभा चुनाव में इस इलाके से मिली बड़ी जीत के बाद राव इंद्रजीत सिंह केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री की प्रमोशन चाहते हैं। दो सीटों पर प्रचार करने नहीं गए राव इंद्रजीत
भाजपा ने इस बार गुरुग्राम से मुकेश शर्मा, बावल से डॉ. कृष्ण कुमार, पटौदी से बिमला चौधरी, सोहना से तेजपाल तंवर, रेवाड़ी से लक्ष्मण सिंह यादव, अटेली से आरती राव, नारनौल से ओमप्रकाश यादव और महेंद्रगढ़ से कंवर सिंह को राव इंद्रजीत सिंह की पसंद से टिकट दी। जबकि नांगल चौधरी में डॉ. अभय सिंह और बादशाहपुर में राव नरबीर को उनके विरोध के बीच चुनावी मैदान में उतारा। राव नरबीर तो चुनाव जीत गए लेकिन अभय सिंह चुनाव हार गए। इलाके में मजबूत पकड़ होने के कारण राव इंद्रजीत सिंह ने प्रचार की जिम्मेदारी खुद संभाली। हालांकि वह बादशाहपुर और नांगल चौधरी में चुनाव प्रचार करने नहीं गए। अहीरवाल में राव इंद्रजीत सिंह के परिवार की पकड़
अहीरवाल इलाके में राव इंद्रजीत सिंह के परिवार रामपुरा हाउस की पकड़ दशकों से रही है। पहले उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह का इलाके में दबदबा रहा। इसके बाद राव इंद्रजीत सिंह ने पिता के रुतबे को इस इलाके में बनाए रखा। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह एक तरह से अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपनी बेटी आरती राव को पूरी तरह एडजस्ट कर चुके है। राव इंद्रजीत सिंह 6 बार सांसद और 4 बाद विधायक बने है। अब उनकी उत्तराधिकारी के रूप में आरती राव इस पूरे इलाके में एक्टिव है।