बांदा: अबू धाबी में शहजादी को 4 माह के बच्चे की हत्या के आरोप में दी गई थी फांसी, कल होगा अंतिम संस्कार <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> अबू धाबी की अल बाथूवा जेल में कैद यूपी के बांदा की शहजादी को आखिरकार बीती 15 फरवरी को फांसी दे दी गई. 5 मार्च को उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया जाएगा. शहजादी को वहां की अदालत ने 4 माह के बच्चे की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी. वहीं शहजादी के परिजनों का कहना था कि वह बेगुनाह थी और उसके खिलाफ साजिश रच कर उसे जबरदस्ती फंसाया गया था. उसके परिजनों ने अब शाहजादी के शव को भारत लाने की मांग की है, जिससे कि बांदा स्थित उसके पैतृक गांव में उसका अंतिम संस्कार किया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपी के बांदा के गोयरा मुगली गांव की रहने वाली शहजादी के पिता शब्बीर खान का कहना है कि उसकी अपनी बेटी शहजादी से आखिरी बार बीती 14 फरवरी को बात हुई थी. तब उसने बताया था कि यह उसकी उनसे शायद आखिरी बार बात हो रही है. अब उसे कभी भी फांसी दी जा सकती है. शब्बीर का कहना है कि उसे यह बात सोमवार यानी 3 मार्च को पता चली की उसकी बेटी को 15 फरवरी को ही फांसी दे दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोले आरोपी के पिता</strong><br />उन्होंने कहा कि किसी ने उसे सही जानकारी नहीं दी. उसका कहना है कि उसकी बेटी निर्दोष थी, उसे न्याय नहीं मिला. शब्बीर के मुताबिक मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति सब से बेटी को न्याय दिलाने की अपील की थी. लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद वह अपनी बेटी को नहीं बचा सके. अब वह चाहते है कि सरकार किसी तरह उसकी बेटी के शव को यहां मंगवा दे जिसे वह अपने गांव में उसे दफना सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, शहजादी जब छोटी थी तो किचन में काम करते समय उसका चेहरा बुरी तरह झुलस गया था. इसका दाग उसके चेहरे पर था जिसको लेकर वह परेशान रहती थी. शहजादी के पिता शब्बीर के मुताबिक 2020 में शहजादी की सोशल मीडिया के माध्यम से आगरा के रहने वाले उजैर नाम के व्यक्ति से जान पहचान हुई और दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगी और 2021 में उजैर शहजादी के चेहरे का इलाज करने का बहाना बनाकर उसे अपने साथ बांदा से आगरा ले गया और इसके बाद उसे वहां से अबू धाबी ले गया जहां उसने अपने रिश्तेदारों फैज और नाजिया नाम की दंपति के यहां रख दिया।</p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>झूठी गवाही पर सजा देने का दावा</strong><br />अबुधाबी में शहजादी नाजिया के घर में रहने लगी कुछ दिनों बाद नाजिया ने एक बेटे को जन्म दिया और उसकी देखरेख की जिम्मेदारी शहजादी को सौंप दी गई क्योंकि नाजिया पेशे से प्रोफेसर थी. घर पर बच्चे की देखभाल शहजादी ही करती थी. जब नाजिया का बच्चा 4 माह का हुआ, तभी अचानक एक बच्चे की मौत हो गई. शहजादी के पिता शब्बीर का कहना है कि बच्चे की मौत के 58 दिन बाद नाजिया और सैफ ने शाजिस के तहत उजैर और उसके भाई की झूठी गवाही के आधार पर शहजादी को बच्चे की हत्या का आरोपी बना दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि वहां की शीर्ष अदालत ने शहजादी को दोषी करार देते हुए उसे मौत की सजा सुना दी. तब से शहजादी अबू धाबी की अलबथवा जेल में कैद थी, जिसे बीती 15 फरवरी को फांसी दे दी गई. लेकिन इसकी सूचना भारतीय दूतावास को काफी देर से 28 फरवरी को दी गई. अब 5 मार्च तक अगर उसके शव को लेने वहां कोई नहीं पहुंचता है तो उसे वहीं पर दफना दिया जाएगा. </p>