गाजियाबाद में मंदिर के बाहर चेंजिंग रूम में लगे CCTV के DVR से 320 युवतियों की कपड़े चेंज करते हुए क्लिप्स मिली हैं। एक कैमरा शनिदेव मंदिर से सिर्फ 10 मीटर दूर बने चेंजिंग रूम के करीब चार फीट ऊपर लगा था। चेंजिंग रूम चारों तरफ से कवर्ड तो थे, लेकिन ऊपर से खुले हुए थे। इस CCTV की लाइव फीड महंत मुकेश गोस्वामी के मोबाइल पर थी, जो फरार है। पुलिस की दो टीमें हरिद्वार से लेकर प्रयागराज तक महंत की तलाश में दबिश दे रही है। दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची और पड़ताल की। आइए आपको विस्तार से आंखों देखा हाल बताते हैं। घाटों पर करीब 20 CCTV कैमरे लगे थे
मंदिर और गंगनहर के घाटों पर करीब 20 CCTV कैमरे लगे थे। कैमरे का फोकस चेंजिंग रूम पर था। हजारों की भीड़ होती थी, शोर रहता था, इसलिए कपड़े बदलते वक्त किसी का ध्यान CCTV पर नहीं जाता था। मंदिर के स्टोर रूम में रखा था DVR
मंदिर के ठीक बगल में एक स्टोर रूम बना हुआ था। इसी के अंदर कैमरों की DVR रखी थी, जिसमें सारा डेटा स्टोर होता था। मामला सामने आने के बाद घाट से पुलिस ने सारे कैमरे हटवा दिए हैं। सभी चेंजिंग रूम पर बुलडोजर चला दिया है। चेंजिग रूम नहीं होने से स्नान करने आए लोगों को कपड़े बदलने में परेशानी हो रही है। अब जानते हैं शनिदेव मंदिर के महंत मुकेश गिरि के बारे में… 22 साल पहले एक मूर्ति रखी, सरकारी जमीन पर बना दिया धर्मस्थल
मुकेश गोस्वामी कस्बा मुरादनगर में डिफेंस कॉलोनी का रहने वाला है। साल 2002 में मुकेश ने गंगनहर पुल के नीचे शनिदेव की मूर्ति स्थापित की और 2004 में उसको मंदिर का रूप दे दिया। बाकायदा विधिवत तरीके से प्राण-प्रतिष्ठा हुई। साल 2007 की बात है। सिंचाई विभाग ने अपनी जमीन से शनिदेव की मूर्ति हटा दी। उस वक्त यूपी में अनुराधा चौधरी सिंचाई मंत्री थीं। महंत ने अनुराधा चौधरी से किसी तरह संपर्क साधा और फिर से शनिदेव की मूर्ति स्थापित कर दी। इससे महंत के हौसले बढ़ते चले गए। मुरादनगर गंगनहर हर साल सर्दियों में कुछ दिनों के लिए बंद होती है। तकरीबन 10 साल पुरानी बात है। महंत मुकेश गोस्वामी ने गंगनहर के बीचोंबीच पिलर पर भगवान शंकर की मूर्ति स्थापित करा दी। चूंकि महंत के संपर्क तत्कालीन सिंचाई मंत्री से थे, इसलिए स्थानीय अफसर कुछ बोल नहीं पाए। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को शनिदेव मंदिर के ठीक सामने पक्का घाट भी बनाना पड़ा। पक्का घाट बनते ही मुकेश गोस्वामी का साम्राज्य फलने-फूलने लगा। यहां हर रोज हजारों श्रद्धालु आने लगे। महंत ने नाम ‘छोटा हरिद्वार’ रखा
ये जगह इतनी फेमस हो गई कि महंत ने इसका नाम ‘छोटा हरिद्वार’ रख दिया। आज की स्थिति में हर रोज 15 से 20 हजार महिला-पुरुष यहां स्नान करने पहुंचते हैं। इसलिए शनिदेव मंदिर पर चढ़ावा भी खूब आता है। इसका सारा पैसा मुकेश गोस्वामी के पास जाता है। मंदिर के आसपास जितनी प्रसाद की दुकानें हैं, वो सब मुकेश गोस्वामी ने ठेके पर दी हुई हैं। यहां जो गोताखोर हैं, वो भी महंत के प्राइवेट रखे हुए हैं। पत्नी और खुद लड़ा चेयरमैन का चुनाव, दोनों बार हारा
महंत होने की वजह से जब क्षेत्र में अच्छा-खासा नाम होने लगा तो मुकेश गोस्वामी पॉलिटिक्स में आना चाहा। 2007 में BJP के टिकट पर मुरादनगर नगर पंचायत से पत्नी नीरू को चेयरमैन का प्रत्याशी बनाया। हालांकि नीरू की जमानत जब्त हो गई। 2017 में खुद मुकेश गोस्वामी ने आम आदमी पार्टी से चेयरमैन का टिकट हासिल कर लिया, लेकिन बीच चुनाव में मुकेश ने पाला बदलते हुए BJP प्रत्याशी को अपना समर्थन दे दिया। कुल मिलाकर मुकेश पॉलिटिक्स में एडजस्ट नहीं हो सका। महंत ने पत्रकार बनकर डॉक्टर से मांगे थे पैसे
गाजियाबाद पुलिस के DCP (ग्रामीण) विवेक चंद यादव बताते हैं, मुकेश गोस्वामी के ऊपर पहले से चार मुकदमे दर्ज हैं। इनमें एक मुकदमा मेरठ और तीन गाजियाबाद जिले के हैं। साल 2007 में महंत पर मेरठ के सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज किया गया। आरोप था कि मुकेश ने TV चैनल का पत्रकार बनकर एक डॉक्टर से पैसे मांगे। मुकेश के ऊपर 2017 में दूसरा केस मुरादनगर थाने में दर्ज हुआ। इसके अलावा उसके ऊपर दो मुकदमे वन अधिनियम के तहत चल रहे हैं। ये मुकदमे 2018 और 2019 में दर्ज किए गए। इसमें मुकेश ने गौशाला बनाकर वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर लिया था। बाद में वन विभाग ने अपनी जमीन खाली कराई। मुकेश पर नहर किनारे सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से 10-11 दुकानें बनाने का आरोप है, जिन्हें 24 मई को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया है। पीड़िता के कोर्ट में बयान कराते ही लापता हुआ महंत
DCP विवेक चंद यादव ने बताया- 21 मई को चेंजिंग रूम के ऊपर CCTV कैमरा लगा होने की शिकायत एक महिला ने की थी। हमने शिकायत की जांच की तो आरोप सही पाए गए। 23 मई को पुलिस ने महंत मुकेश गोस्वामी के खिलाफ FIR दर्ज की। महंत का मोबाइल जांच के लिए कब्जे में ले लिया। उससे भी पुष्टि हो गई कि कैमरे की लाइव फीड महंत के मोबाइल पर थी। हमने जैसे ही पीड़िता के बयान कोर्ट में दर्ज कराए, महंत लापता हो गया। अब उसकी तलाश जारी है। दो टीमें गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दे रही हैं। बजरंगदल ने कहा- महंत दोषी तो फांसी दे दो, लेकिन मंदिरों पर बुलडोजर चलाना गलत
विश्व हिन्दू परिषद और बजरंगदल के जिला उपाध्यक्ष कुलदीप त्यागी ने कहा- ऐसे आदमी को फांसी पर लटका देना चाहिए। हमारी भी मां-बहनें हैं, जो यहां स्नान और दर्शन करने के लिए आती हैं। गलत का हम खुलकर विरोध करेंगे। जब हम यहां पर आए तो मंदिर की गुमटी पर बुलडोजर चल रहा था। हमने अधिकारियों से बात करके बुलडोजर रुकवाया। हमने कहा कि मंदिर का इस केस से कोई मतलब नहीं है। अगर महंत ने गलत किया है तो उसको सजा दो। गाजियाबाद में मंदिर के बाहर चेंजिंग रूम में लगे CCTV के DVR से 320 युवतियों की कपड़े चेंज करते हुए क्लिप्स मिली हैं। एक कैमरा शनिदेव मंदिर से सिर्फ 10 मीटर दूर बने चेंजिंग रूम के करीब चार फीट ऊपर लगा था। चेंजिंग रूम चारों तरफ से कवर्ड तो थे, लेकिन ऊपर से खुले हुए थे। इस CCTV की लाइव फीड महंत मुकेश गोस्वामी के मोबाइल पर थी, जो फरार है। पुलिस की दो टीमें हरिद्वार से लेकर प्रयागराज तक महंत की तलाश में दबिश दे रही है। दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची और पड़ताल की। आइए आपको विस्तार से आंखों देखा हाल बताते हैं। घाटों पर करीब 20 CCTV कैमरे लगे थे
मंदिर और गंगनहर के घाटों पर करीब 20 CCTV कैमरे लगे थे। कैमरे का फोकस चेंजिंग रूम पर था। हजारों की भीड़ होती थी, शोर रहता था, इसलिए कपड़े बदलते वक्त किसी का ध्यान CCTV पर नहीं जाता था। मंदिर के स्टोर रूम में रखा था DVR
मंदिर के ठीक बगल में एक स्टोर रूम बना हुआ था। इसी के अंदर कैमरों की DVR रखी थी, जिसमें सारा डेटा स्टोर होता था। मामला सामने आने के बाद घाट से पुलिस ने सारे कैमरे हटवा दिए हैं। सभी चेंजिंग रूम पर बुलडोजर चला दिया है। चेंजिग रूम नहीं होने से स्नान करने आए लोगों को कपड़े बदलने में परेशानी हो रही है। अब जानते हैं शनिदेव मंदिर के महंत मुकेश गिरि के बारे में… 22 साल पहले एक मूर्ति रखी, सरकारी जमीन पर बना दिया धर्मस्थल
मुकेश गोस्वामी कस्बा मुरादनगर में डिफेंस कॉलोनी का रहने वाला है। साल 2002 में मुकेश ने गंगनहर पुल के नीचे शनिदेव की मूर्ति स्थापित की और 2004 में उसको मंदिर का रूप दे दिया। बाकायदा विधिवत तरीके से प्राण-प्रतिष्ठा हुई। साल 2007 की बात है। सिंचाई विभाग ने अपनी जमीन से शनिदेव की मूर्ति हटा दी। उस वक्त यूपी में अनुराधा चौधरी सिंचाई मंत्री थीं। महंत ने अनुराधा चौधरी से किसी तरह संपर्क साधा और फिर से शनिदेव की मूर्ति स्थापित कर दी। इससे महंत के हौसले बढ़ते चले गए। मुरादनगर गंगनहर हर साल सर्दियों में कुछ दिनों के लिए बंद होती है। तकरीबन 10 साल पुरानी बात है। महंत मुकेश गोस्वामी ने गंगनहर के बीचोंबीच पिलर पर भगवान शंकर की मूर्ति स्थापित करा दी। चूंकि महंत के संपर्क तत्कालीन सिंचाई मंत्री से थे, इसलिए स्थानीय अफसर कुछ बोल नहीं पाए। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को शनिदेव मंदिर के ठीक सामने पक्का घाट भी बनाना पड़ा। पक्का घाट बनते ही मुकेश गोस्वामी का साम्राज्य फलने-फूलने लगा। यहां हर रोज हजारों श्रद्धालु आने लगे। महंत ने नाम ‘छोटा हरिद्वार’ रखा
ये जगह इतनी फेमस हो गई कि महंत ने इसका नाम ‘छोटा हरिद्वार’ रख दिया। आज की स्थिति में हर रोज 15 से 20 हजार महिला-पुरुष यहां स्नान करने पहुंचते हैं। इसलिए शनिदेव मंदिर पर चढ़ावा भी खूब आता है। इसका सारा पैसा मुकेश गोस्वामी के पास जाता है। मंदिर के आसपास जितनी प्रसाद की दुकानें हैं, वो सब मुकेश गोस्वामी ने ठेके पर दी हुई हैं। यहां जो गोताखोर हैं, वो भी महंत के प्राइवेट रखे हुए हैं। पत्नी और खुद लड़ा चेयरमैन का चुनाव, दोनों बार हारा
महंत होने की वजह से जब क्षेत्र में अच्छा-खासा नाम होने लगा तो मुकेश गोस्वामी पॉलिटिक्स में आना चाहा। 2007 में BJP के टिकट पर मुरादनगर नगर पंचायत से पत्नी नीरू को चेयरमैन का प्रत्याशी बनाया। हालांकि नीरू की जमानत जब्त हो गई। 2017 में खुद मुकेश गोस्वामी ने आम आदमी पार्टी से चेयरमैन का टिकट हासिल कर लिया, लेकिन बीच चुनाव में मुकेश ने पाला बदलते हुए BJP प्रत्याशी को अपना समर्थन दे दिया। कुल मिलाकर मुकेश पॉलिटिक्स में एडजस्ट नहीं हो सका। महंत ने पत्रकार बनकर डॉक्टर से मांगे थे पैसे
गाजियाबाद पुलिस के DCP (ग्रामीण) विवेक चंद यादव बताते हैं, मुकेश गोस्वामी के ऊपर पहले से चार मुकदमे दर्ज हैं। इनमें एक मुकदमा मेरठ और तीन गाजियाबाद जिले के हैं। साल 2007 में महंत पर मेरठ के सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज किया गया। आरोप था कि मुकेश ने TV चैनल का पत्रकार बनकर एक डॉक्टर से पैसे मांगे। मुकेश के ऊपर 2017 में दूसरा केस मुरादनगर थाने में दर्ज हुआ। इसके अलावा उसके ऊपर दो मुकदमे वन अधिनियम के तहत चल रहे हैं। ये मुकदमे 2018 और 2019 में दर्ज किए गए। इसमें मुकेश ने गौशाला बनाकर वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर लिया था। बाद में वन विभाग ने अपनी जमीन खाली कराई। मुकेश पर नहर किनारे सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से 10-11 दुकानें बनाने का आरोप है, जिन्हें 24 मई को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया है। पीड़िता के कोर्ट में बयान कराते ही लापता हुआ महंत
DCP विवेक चंद यादव ने बताया- 21 मई को चेंजिंग रूम के ऊपर CCTV कैमरा लगा होने की शिकायत एक महिला ने की थी। हमने शिकायत की जांच की तो आरोप सही पाए गए। 23 मई को पुलिस ने महंत मुकेश गोस्वामी के खिलाफ FIR दर्ज की। महंत का मोबाइल जांच के लिए कब्जे में ले लिया। उससे भी पुष्टि हो गई कि कैमरे की लाइव फीड महंत के मोबाइल पर थी। हमने जैसे ही पीड़िता के बयान कोर्ट में दर्ज कराए, महंत लापता हो गया। अब उसकी तलाश जारी है। दो टीमें गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दे रही हैं। बजरंगदल ने कहा- महंत दोषी तो फांसी दे दो, लेकिन मंदिरों पर बुलडोजर चलाना गलत
विश्व हिन्दू परिषद और बजरंगदल के जिला उपाध्यक्ष कुलदीप त्यागी ने कहा- ऐसे आदमी को फांसी पर लटका देना चाहिए। हमारी भी मां-बहनें हैं, जो यहां स्नान और दर्शन करने के लिए आती हैं। गलत का हम खुलकर विरोध करेंगे। जब हम यहां पर आए तो मंदिर की गुमटी पर बुलडोजर चल रहा था। हमने अधिकारियों से बात करके बुलडोजर रुकवाया। हमने कहा कि मंदिर का इस केस से कोई मतलब नहीं है। अगर महंत ने गलत किया है तो उसको सजा दो। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर