अस्पताल में एसी का कम्प्रेसर फटने से भड़की आग:हिसार में 18 मरीजों को भागकर बचानी पड़ी जान, स्टाफ ने तुरंत पाया काबू

अस्पताल में एसी का कम्प्रेसर फटने से भड़की आग:हिसार में 18 मरीजों को भागकर बचानी पड़ी जान, स्टाफ ने तुरंत पाया काबू

हिसार के आइटीआइ चौक स्थित वीके न्यूरोकेयर अस्पताल में एसी का कम्प्रेसर फटने से आग लग गई। अस्पताल के वार्ड में लगी आग को देखकर मरीजों और स्टाफ में अफरा-तफरी मच गई। वार्ड में वेंटिलेशन का उचित प्रबंध नहीं होने के कारण धुआं पूरे वार्ड के अंदर फैल गया। इससे मरीजों की जान पर आफत बन आई। मरीजों ने अस्पताल से भाग कर जान बचाई। वार्ड में कुल 18 मरीज दाखिल थे जिन्हें हादसे के बाद जिंदल अस्पताल में एडमिट करवाया गया है। वहीं धुआं निकालने के लिए प्रथम तल पर शीशा तोड़ा गया। इस दौरान डीएसपी संजीव कुमार, अर्बन एस्टेट थाना प्रभारी इंस्पेक्टर साधुराम मौके पर टीम सहित पहुंचे थे। डायल 112 की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी।
आग से जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। अस्पताल के स्टाफ कर्मियों के अनुसार सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। सूचना पाकर फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची थी, जिन्होंने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। मरीज ने बताया मेरे पांव में दिक्कत मगर मुझे भागना पड़ा
गांव दिनौदा के बिजेंद्र ने बताया कि मेरे एक पांव में चलने में दिक्कत है, मैं यहां 6 दिन से भर्ती हूं। तेज धमाका हुआ तो पूरे वार्ड में धुआं फैल गया था, मैं जनरल वार्ड में अकेला था, दो मरीज आज ही डिस्चार्ज हुए थे। वहां धुआं होने लगा तो मैं किसी तरह उठकर वहां से भागना पड़ा। इस दौरान पूर्व पार्षद जगमोहन मित्तल और हिसार संघर्ष समिति से जितेंद्र श्योराण मौके पर पहुंचे। इन दोनों ने भी मरीजों को शिफ्ट करवाने में काफी मदद की। अस्पतालों में सुरक्षा उपकरण जरूरी
हिसार संघर्ष समिति के प्रधान जितेंद्र श्योराण ने कहा कि अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध होने चाहिए। वीके न्यूरो अस्पताल में सुरक्षा उपकरणों के कारण ही आग पर तुरंत काबू पाया गया। नहीं तो मरीजों को अस्पताल से भागने का मौका ही नहीं मिलता। प्रशासन को अन्य अस्पतालों में जांच करवानी चाहिए और वहां सुरक्षा उपकरणों की स्थिति का जायजा लेना चाहिए। अस्पताल में कोई गंभीर मरीज एडमिट होता तो वह धुएं के कारण दम घुटने से मर सकता था। हिसार के आइटीआइ चौक स्थित वीके न्यूरोकेयर अस्पताल में एसी का कम्प्रेसर फटने से आग लग गई। अस्पताल के वार्ड में लगी आग को देखकर मरीजों और स्टाफ में अफरा-तफरी मच गई। वार्ड में वेंटिलेशन का उचित प्रबंध नहीं होने के कारण धुआं पूरे वार्ड के अंदर फैल गया। इससे मरीजों की जान पर आफत बन आई। मरीजों ने अस्पताल से भाग कर जान बचाई। वार्ड में कुल 18 मरीज दाखिल थे जिन्हें हादसे के बाद जिंदल अस्पताल में एडमिट करवाया गया है। वहीं धुआं निकालने के लिए प्रथम तल पर शीशा तोड़ा गया। इस दौरान डीएसपी संजीव कुमार, अर्बन एस्टेट थाना प्रभारी इंस्पेक्टर साधुराम मौके पर टीम सहित पहुंचे थे। डायल 112 की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी।
आग से जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। अस्पताल के स्टाफ कर्मियों के अनुसार सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। सूचना पाकर फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची थी, जिन्होंने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। मरीज ने बताया मेरे पांव में दिक्कत मगर मुझे भागना पड़ा
गांव दिनौदा के बिजेंद्र ने बताया कि मेरे एक पांव में चलने में दिक्कत है, मैं यहां 6 दिन से भर्ती हूं। तेज धमाका हुआ तो पूरे वार्ड में धुआं फैल गया था, मैं जनरल वार्ड में अकेला था, दो मरीज आज ही डिस्चार्ज हुए थे। वहां धुआं होने लगा तो मैं किसी तरह उठकर वहां से भागना पड़ा। इस दौरान पूर्व पार्षद जगमोहन मित्तल और हिसार संघर्ष समिति से जितेंद्र श्योराण मौके पर पहुंचे। इन दोनों ने भी मरीजों को शिफ्ट करवाने में काफी मदद की। अस्पतालों में सुरक्षा उपकरण जरूरी
हिसार संघर्ष समिति के प्रधान जितेंद्र श्योराण ने कहा कि अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध होने चाहिए। वीके न्यूरो अस्पताल में सुरक्षा उपकरणों के कारण ही आग पर तुरंत काबू पाया गया। नहीं तो मरीजों को अस्पताल से भागने का मौका ही नहीं मिलता। प्रशासन को अन्य अस्पतालों में जांच करवानी चाहिए और वहां सुरक्षा उपकरणों की स्थिति का जायजा लेना चाहिए। अस्पताल में कोई गंभीर मरीज एडमिट होता तो वह धुएं के कारण दम घुटने से मर सकता था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर