पठानकोट का मर्चेंट नेवी ऑफिसर 8 दिन बाद भी लापता:ओमान के पास समुद्र में 16 लोग डूबे, 10 को बचाया, 1 मृत मिला अफ्रीकी देश कोमोरोस का झंडा लगा एक तेल टैंकर 14 जुलाई को ओमान के तट पर डूबने के बाद लापता हो गया। लापता 16 चालक दल के सदस्यों में से 13 भारतीय थे। टैंकर दुकम शहर के रस मदरका से 25 समुद्री मील दक्षिण पूर्व में डूब गया। लापता चालक दल के 10 सदस्यों को ढूंढ लिया गया है। उनमें से एक मृत पाया गया। इस जहाज के चालक दल में पंजाब के पठानकोट निवासी चीफ ऑफिसर राजिंदर सिंह भी शामिल थे। उनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इस बात से उनका परिवार सदमे में है और उन्होंने भारत सरकार से उन्हें जल्द खोजने की अपील की है। चीफ ऑफिसर राजिंदर सिंह की पत्नी निर्मल मन्हास का रो-रोकर बुरा हाल है। हादसे की खबर 14 जुलाई की रात को मिली नम आंखों से पत्नी ने बताया कि उनके पति राजिंदर सिंह करीब 15-20 साल से मर्चेंट नेवी में काम कर रहे हैं। 11 जुलाई को वे पूरी तरह स्वस्थ होकर जहाज पर गए थे। 14 जुलाई की रात को खबर आई कि उनका जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। फिर 15, 16, 17 जुलाई को 9 क्रू मेंबर मिले और एक सदस्य का शव मिला। कंपनी मैनेजर ने हादसे की जानकारी दी पत्नी ने कहा कि मैं भारत सरकार से अपील करती हूं कि उनके पति को जल्द से जल्द ढूंढा जाए। बेटे डॉ. निशांत ने बताया कि पापा अभी जहाज से जुड़े ही थे। 14 जुलाई की रात को ओमान में दुकम एयरपोर्ट के पास जहाज पलटने की डिस्ट्रेस कॉल की गई। फिर मंगलवार रात को कंपनी मैनेजर ने हादसे की जानकारी दी। छह लोग अभी भी लापता हैं। उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। नौसेना को उन्हें खोजने की कोशिश जारी रखनी चाहिए। मैं भारत सरकार और विदेश मंत्री एस जयशंकर से अपील करती हूं कि सर्च ऑपरेशन जारी रखा जाए। कंपनी, मीडिया और सरकार किसी को जानकारी नहीं दामाद डॉ. दीपक ने बताया कि उनके ससुर पहले भारतीय नौसेना में थे। रिटायरमेंट के बाद वे मर्चेंट नेवी में चले गए। वे साल में छह महीने घर पर और छह महीने वर्क टूर पर रहते थे। यह एक तरह से उनका आखिरी टूर था। यहां भी जब भी उन्हें नेटवर्क मिलता था, वे वहां से कोई न कोई संदेश शेयर करते रहते थे। उन्होंने अपने परिवार के साथ एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है। जिसमें वे रविवार तक क्रू के साथ सभी फोटो शेयर करते रहे। वे गुड मॉर्निंग मैसेज भी भेजते रहे। हादसे से एक दिन पहले उन्होंने ग्रुप में जहाज का वीडियो भी शेयर किया था। लेकिन एक हफ्ते से उनका कोई मैसेज नहीं आ रहा है। उनका फोन भी नहीं आ रहा है। पिछले सोमवार को हमने एक्स के जरिए कंपनी, मीडिया सूत्रों, सरकार से संपर्क किया। किसी को कुछ पता नहीं चला। सच्चाई को छिपाया नहीं जाना चाहिए दामाद डॉ. दीपक ने बताया कि मंगलवार देर रात 10 बजे उनकी कंपनी नेटको एफजेडई से सूचना मिली कि उनका एमटी प्रेस्टीज फाल्कन जहाज जो ओमान से निकलकर यमन की ओर जा रहा था, पलट गया है। 17 जुलाई को सूचना दी गई कि 9 सदस्य जीवित और एक मृत मिला है। हमें बताया गया कि राजिंदर सिंह जहाज पर नहीं मिले। लेकिन यह नहीं बताया जा रहा है कि वह लाइफ बोट पर गए या कहां। हमें उनकी स्थिति के बारे में जानकारी मिलनी चाहिए। सच्चाई को छिपाया नहीं जाना चाहिए। हम सकारात्मक और नकारात्मक दोनों बातें सुनने के लिए तैयार हैं। बस उनकी स्थिति का पता लगना चाहिए। 17 जुलाई के बाद परिवार के पास कोई जानकारी नहीं है। जिससे परिवार के लोग मानसिक आघात की स्थिति में हैं। स्थिति के बारे में स्पष्टता में देरी शर्मनाक बात है। हम दोषारोपण का खेल नहीं खेल रहे हैं। लेकिन जब तक नतीजा नहीं निकलता, तब तक ऐसी बातें होती रहेंगी।