हरियाणा में गिरते लिंगानुपात पर सख्ती:हर जिले में बनेगा DSP के नेतृत्व में पुलिस सेल, 18 IVF सेंटर होंगे बंद, MTP मामलों की होगी जांच

हरियाणा में गिरते लिंगानुपात पर सख्ती:हर जिले में बनेगा DSP के नेतृत्व में पुलिस सेल, 18 IVF सेंटर होंगे बंद, MTP मामलों की होगी जांच

हरियाणा सरकार लिंगानुपात को लेकर गंभीर हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PNDT) अधिनियम को और अधिक सख्त बनाने तथा लिंगानुपात में गिरावट को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाया है। इसके तहत अब स्वास्थ्य विभाग हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को जल्द ही पत्र लिखकर प्रत्येक जिले में डीएसपी रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस सेल के गठन की मांग करेगा। इन विशेष इकाइयों को छापेमारी करने, एफआईआर दर्ज करने तथा अवैध लिंग निर्धारण और कन्या भ्रूण हत्या नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए फर्जी ग्राहक भेजने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। कन्या भ्रूण हत्या पर नकेल लगेगी डीएसपी स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व वाली विशेष इकाइयों को छापेमारी करने, एफआईआर दर्ज करने तथा अवैध लिंग निर्धारण और कन्या भ्रूण हत्या नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए फर्जी व्यक्ति भेजने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह निर्णय अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में राज्य टास्क फोर्स (STF) की मीटिंग के दौरान लिया गया। मीटिंग में पुलिस विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल हुए, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने ऑपरेशन के दौरान विशेष और निरंतर सहायता की आवश्यकता पर जोर दिया। अभी छापे के दौरान पुलिस पर निर्भर स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, विचार यह है कि एक ऐसी टीम बनाई जाए जिसे छापे मारने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा सके। वर्तमान में, जब भी हम छापे मारने जाते हैं तो सहायता के लिए हम जिला पुलिस पर निर्भर रहते हैं। चूंकि टीमें बदलती रहती हैं, इसलिए यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो जाता है।”सतर्कता बढ़ाने के लिए मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) के मामलों का रैंडम सत्यापन किया जाएगा। अब किसी भी एमटीपी के लिए 12 सप्ताह पर अल्ट्रासाउंड अनिवार्य कर दिया गया है। एमटीपी को सही ठहराने वाली रिपोर्ट को पहले जिला स्तर पर सत्यापित किया जाएगा और फिर मुख्यालय द्वारा रैंडम तरीके से दोबारा जांच की जाएगी। दोषी प्रजनन केंद्र की बिजली, पानी बंद होगी अनियमित प्रजनन सेवाओं पर नकेल कसते हुए विभाग सभी अपंजीकृत आईवीएफ केंद्रों को बंद कर देगा। ऐसे 18 केंद्रों की पहचान पहले ही की जा चुकी है। शहरी स्थानीय निकायों, बिजली और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभागों के सहयोग से ऐसे मामलों में उपयोगिता सेवाएं- बिजली, पानी और नगरपालिका सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। एसटीएफ ने 27 केंद्रों से ‘संदिग्ध’ एमटीपी मामलों की भी समीक्षा की। जिला समितियों से अंतिम रिपोर्ट जल्द ही आने की उम्मीद है। इस बीच, पिछले पांच वर्षों में गांव स्तर पर लिंगानुपात के आंकड़ों को संकलित किया जाएगा ताकि लगातार कम प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों की पहचान की जा सके। 12 एसएमओ को नोटिस भेज मांगा जवाब अधिकारियों ने 12 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (SMO) को नोटिस भेजकर उनसे उनके अधिकार क्षेत्र में कम लिंग अनुपात के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। एक सूत्र ने कहा, “हमने पांच साल के लिए डेटा मांगा है क्योंकि अल्पावधि डेटा में उतार-चढ़ाव हो सकता है। एनएचएम के प्रबंध निदेशक व्यक्तिगत रूप से एसएमओ की बात सुनेंगे और अभियोजन निदेशक भी समन्वित कानूनी कार्रवाई के लिए टास्क फोर्स में शामिल हो गए हैं। हरियाणा सरकार लिंगानुपात को लेकर गंभीर हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PNDT) अधिनियम को और अधिक सख्त बनाने तथा लिंगानुपात में गिरावट को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाया है। इसके तहत अब स्वास्थ्य विभाग हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को जल्द ही पत्र लिखकर प्रत्येक जिले में डीएसपी रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस सेल के गठन की मांग करेगा। इन विशेष इकाइयों को छापेमारी करने, एफआईआर दर्ज करने तथा अवैध लिंग निर्धारण और कन्या भ्रूण हत्या नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए फर्जी ग्राहक भेजने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। कन्या भ्रूण हत्या पर नकेल लगेगी डीएसपी स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व वाली विशेष इकाइयों को छापेमारी करने, एफआईआर दर्ज करने तथा अवैध लिंग निर्धारण और कन्या भ्रूण हत्या नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए फर्जी व्यक्ति भेजने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह निर्णय अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में राज्य टास्क फोर्स (STF) की मीटिंग के दौरान लिया गया। मीटिंग में पुलिस विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल हुए, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने ऑपरेशन के दौरान विशेष और निरंतर सहायता की आवश्यकता पर जोर दिया। अभी छापे के दौरान पुलिस पर निर्भर स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, विचार यह है कि एक ऐसी टीम बनाई जाए जिसे छापे मारने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा सके। वर्तमान में, जब भी हम छापे मारने जाते हैं तो सहायता के लिए हम जिला पुलिस पर निर्भर रहते हैं। चूंकि टीमें बदलती रहती हैं, इसलिए यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो जाता है।”सतर्कता बढ़ाने के लिए मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) के मामलों का रैंडम सत्यापन किया जाएगा। अब किसी भी एमटीपी के लिए 12 सप्ताह पर अल्ट्रासाउंड अनिवार्य कर दिया गया है। एमटीपी को सही ठहराने वाली रिपोर्ट को पहले जिला स्तर पर सत्यापित किया जाएगा और फिर मुख्यालय द्वारा रैंडम तरीके से दोबारा जांच की जाएगी। दोषी प्रजनन केंद्र की बिजली, पानी बंद होगी अनियमित प्रजनन सेवाओं पर नकेल कसते हुए विभाग सभी अपंजीकृत आईवीएफ केंद्रों को बंद कर देगा। ऐसे 18 केंद्रों की पहचान पहले ही की जा चुकी है। शहरी स्थानीय निकायों, बिजली और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभागों के सहयोग से ऐसे मामलों में उपयोगिता सेवाएं- बिजली, पानी और नगरपालिका सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। एसटीएफ ने 27 केंद्रों से ‘संदिग्ध’ एमटीपी मामलों की भी समीक्षा की। जिला समितियों से अंतिम रिपोर्ट जल्द ही आने की उम्मीद है। इस बीच, पिछले पांच वर्षों में गांव स्तर पर लिंगानुपात के आंकड़ों को संकलित किया जाएगा ताकि लगातार कम प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों की पहचान की जा सके। 12 एसएमओ को नोटिस भेज मांगा जवाब अधिकारियों ने 12 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (SMO) को नोटिस भेजकर उनसे उनके अधिकार क्षेत्र में कम लिंग अनुपात के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। एक सूत्र ने कहा, “हमने पांच साल के लिए डेटा मांगा है क्योंकि अल्पावधि डेटा में उतार-चढ़ाव हो सकता है। एनएचएम के प्रबंध निदेशक व्यक्तिगत रूप से एसएमओ की बात सुनेंगे और अभियोजन निदेशक भी समन्वित कानूनी कार्रवाई के लिए टास्क फोर्स में शामिल हो गए हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर