सोनीपत निगम में 66 कर्मचारियों का ट्रांसफर:कमिश्नर बोले-भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं, लंबे समय से एक ही सीट पर जमे थे क्लर्क

सोनीपत निगम में 66 कर्मचारियों का ट्रांसफर:कमिश्नर बोले-भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं, लंबे समय से एक ही सीट पर जमे थे क्लर्क

सोनीपत नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। निगम आयुक्त ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लंबे समय से एक ही सीट पर जमे 40 क्लर्क व अन्य कर्मचारियों का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया है। साथ ही नए कर्मचारियों को लंबित फाइलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। नगर निगम में कार्यरत कुछ कर्मचारियों के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें अधिकारियों तक पहुंच रही थीं। आरोप थे कि ये कर्मचारी आम लोगों को अपने काम के लिए बार-बार चक्कर कटवाते थे और कुछ मामलों में तो रिश्वत लेने की बात भी सामने आई थी। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम आयुक्त ने यह बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने निगम में लंबे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत 40 क्लर्क, सहायक कर्मचारी व डाटा एंट्री ऑपरेटरों का तबादला कर दिया है। इस तबादले का मुख्य उद्देश्य निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। तबादले किए गए कर्मचारियों में 40 क्लर्क, 2 सहायक व 13 डाटा एंट्री ऑपरेटर शामिल हैं। इसके अलावा 11 नए कर्मचारी भी निगम में शामिल हुए हैं। लंबित फाइलों के निपटान और नए निर्देशों पर जोर
निगम कमिश्नर ने तबादला किए गए कर्मचारियों के स्थान पर आए नए कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे लंबित पड़ी सैकड़ों फाइलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटान करें। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि कोई कर्मचारी फाइलों को लटकाता हुआ पाया गया तो उससे लिखित में जवाब तलब किया जाएगा। निगम कमिश्नर का यह कदम आम जनता को राहत दिलाने और निगम के कार्यप्रणाली में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि लोगों के काम समय पर और बिना किसी परेशानी के हो सकें। मेयर चुनाव में भी उठा था भ्रष्टाचार का मुद्दा
हाल ही में हुए मेयर चुनाव में नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार का मुद्दा प्रमुख रूप से छाया रहा था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों ने अपने चुनावी घोषणापत्रों में भ्रष्टाचार को खत्म करने का वादा किया था। भाजपा प्रत्याशी राजीव जैन और कांग्रेस नेता कमल दीवान ने नगर निगम कार्यालय में भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने का आश्वासन देकर मतदाताओं से वोट मांगे थे। आयुक्त द्वारा उठाया गया यह कदम मेयर चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। जेड-टीओ पर भी गिर सकती है गाज, नई अधिकारी की नियुक्ति
नगर निगम में जल्द ही जोनल टैक्स ऑफिसर (जेड-टीओ) का भी तबादला किया जा सकता है। फरीदाबाद से नई जेड-टीओ सुनीता ने सोनीपत नगर निगम में अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं। वर्तमान जेड-टीओ राजेंद्र सिंह चुघ के खिलाफ भी अधिकारियों को कई शिकायतें मिली थी। मेयर चुनाव के दौरान मतदाता सूची तैयार करने की जिम्मेदारी राजेंद्र चुघ पर थी, लेकिन उन पर पंचायत के गांव बैंयापुर की सूची को नगर निगम चुनाव में इस्तेमाल करने का आरोप लगा था। इसके अलावा, उनके देर रात तक ऑफिस में बैठकर काम करने पर भी सवाल उठे थे, जिसके बाद निगम अधिकारियों ने उनके देर रात तक ऑफिस में बैठने पर रोक लगा दी थी। नई जेड-टीओ की नियुक्ति के बाद माना जा रहा है कि राजेंद्र चुघ का भी तबादला किया जा सकता है। निगम कमिश्नर का कहना
नगर निगम आयुक्त हर्षित कुमार ने इस कार्रवाई पर कहा कि निगम में 40 कर्मचारियों का तबादला किया गया है, जो लंबे समय से एक ही सीट पर कार्यरत थे और जिनके खिलाफ शिकायतें मिल रही थी।उन्होंने विश्वास जताया कि इस कदम से अब नगर निगम में लोगों को काम कराने में कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने आम जनता से अपील की कि यदि कोई कर्मचारी उन्हें परेशान करता है तो वे इसकी शिकायत दर्ज कराएं। सोनीपत नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। निगम आयुक्त ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लंबे समय से एक ही सीट पर जमे 40 क्लर्क व अन्य कर्मचारियों का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया है। साथ ही नए कर्मचारियों को लंबित फाइलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। नगर निगम में कार्यरत कुछ कर्मचारियों के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें अधिकारियों तक पहुंच रही थीं। आरोप थे कि ये कर्मचारी आम लोगों को अपने काम के लिए बार-बार चक्कर कटवाते थे और कुछ मामलों में तो रिश्वत लेने की बात भी सामने आई थी। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम आयुक्त ने यह बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने निगम में लंबे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत 40 क्लर्क, सहायक कर्मचारी व डाटा एंट्री ऑपरेटरों का तबादला कर दिया है। इस तबादले का मुख्य उद्देश्य निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। तबादले किए गए कर्मचारियों में 40 क्लर्क, 2 सहायक व 13 डाटा एंट्री ऑपरेटर शामिल हैं। इसके अलावा 11 नए कर्मचारी भी निगम में शामिल हुए हैं। लंबित फाइलों के निपटान और नए निर्देशों पर जोर
निगम कमिश्नर ने तबादला किए गए कर्मचारियों के स्थान पर आए नए कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे लंबित पड़ी सैकड़ों फाइलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटान करें। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि कोई कर्मचारी फाइलों को लटकाता हुआ पाया गया तो उससे लिखित में जवाब तलब किया जाएगा। निगम कमिश्नर का यह कदम आम जनता को राहत दिलाने और निगम के कार्यप्रणाली में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि लोगों के काम समय पर और बिना किसी परेशानी के हो सकें। मेयर चुनाव में भी उठा था भ्रष्टाचार का मुद्दा
हाल ही में हुए मेयर चुनाव में नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार का मुद्दा प्रमुख रूप से छाया रहा था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों ने अपने चुनावी घोषणापत्रों में भ्रष्टाचार को खत्म करने का वादा किया था। भाजपा प्रत्याशी राजीव जैन और कांग्रेस नेता कमल दीवान ने नगर निगम कार्यालय में भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने का आश्वासन देकर मतदाताओं से वोट मांगे थे। आयुक्त द्वारा उठाया गया यह कदम मेयर चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। जेड-टीओ पर भी गिर सकती है गाज, नई अधिकारी की नियुक्ति
नगर निगम में जल्द ही जोनल टैक्स ऑफिसर (जेड-टीओ) का भी तबादला किया जा सकता है। फरीदाबाद से नई जेड-टीओ सुनीता ने सोनीपत नगर निगम में अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं। वर्तमान जेड-टीओ राजेंद्र सिंह चुघ के खिलाफ भी अधिकारियों को कई शिकायतें मिली थी। मेयर चुनाव के दौरान मतदाता सूची तैयार करने की जिम्मेदारी राजेंद्र चुघ पर थी, लेकिन उन पर पंचायत के गांव बैंयापुर की सूची को नगर निगम चुनाव में इस्तेमाल करने का आरोप लगा था। इसके अलावा, उनके देर रात तक ऑफिस में बैठकर काम करने पर भी सवाल उठे थे, जिसके बाद निगम अधिकारियों ने उनके देर रात तक ऑफिस में बैठने पर रोक लगा दी थी। नई जेड-टीओ की नियुक्ति के बाद माना जा रहा है कि राजेंद्र चुघ का भी तबादला किया जा सकता है। निगम कमिश्नर का कहना
नगर निगम आयुक्त हर्षित कुमार ने इस कार्रवाई पर कहा कि निगम में 40 कर्मचारियों का तबादला किया गया है, जो लंबे समय से एक ही सीट पर कार्यरत थे और जिनके खिलाफ शिकायतें मिल रही थी।उन्होंने विश्वास जताया कि इस कदम से अब नगर निगम में लोगों को काम कराने में कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने आम जनता से अपील की कि यदि कोई कर्मचारी उन्हें परेशान करता है तो वे इसकी शिकायत दर्ज कराएं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर