हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव के रहने वाले पिता-पुत्री संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए। दरअसल, पिता अपनी 7 साल की बेटी को लेकर वैष्णों देवी जाने के लिए घर से निकला था। लेकिन 15 दिन हो जाने पर भी वे न ही वापस लौटे और न ही उनका कोई कॉल आया है। जिसके बाद मां ने इसकी शिकायत पुलिस को दी है। उसने पुलिस से अपने बेटे और पोती को तलाशने की गुहार लगाई है। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। रिश्तेदारियों में भी नहीं गए दोनों सेक्टर 13-17 थाना पुलिस को दी शिकायत में महिला मूर्ति देवी ने बताया कि वह गांव खोतपुरा की रहने वाली है। वह दो बेटों और दो बेटियों की मां है। उसका छोटा बेटा जसबीर(30) है। जिसकी 7 साल की बेटी कोमल है। 15 जुलाई की सुबह 11 बजे वह अपनी बेटी के साथ वैष्णों देवी जाने के लिए घर से निकला था। लेकिन इसके बाद से उनका कुछ पता नहीं लगा है। न ही उनसे संपर्क हो पाया है और न ही उन्होंने खुद घर पर कॉल की। इसके अलावा वे घर भी नहीं लौटे। जिनके बारे में तमाम रिश्तेदारियों, आस-पड़ोस में पता किया। लेकिन कुछ भी पता नहीं लगा। हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव के रहने वाले पिता-पुत्री संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए। दरअसल, पिता अपनी 7 साल की बेटी को लेकर वैष्णों देवी जाने के लिए घर से निकला था। लेकिन 15 दिन हो जाने पर भी वे न ही वापस लौटे और न ही उनका कोई कॉल आया है। जिसके बाद मां ने इसकी शिकायत पुलिस को दी है। उसने पुलिस से अपने बेटे और पोती को तलाशने की गुहार लगाई है। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। रिश्तेदारियों में भी नहीं गए दोनों सेक्टर 13-17 थाना पुलिस को दी शिकायत में महिला मूर्ति देवी ने बताया कि वह गांव खोतपुरा की रहने वाली है। वह दो बेटों और दो बेटियों की मां है। उसका छोटा बेटा जसबीर(30) है। जिसकी 7 साल की बेटी कोमल है। 15 जुलाई की सुबह 11 बजे वह अपनी बेटी के साथ वैष्णों देवी जाने के लिए घर से निकला था। लेकिन इसके बाद से उनका कुछ पता नहीं लगा है। न ही उनसे संपर्क हो पाया है और न ही उन्होंने खुद घर पर कॉल की। इसके अलावा वे घर भी नहीं लौटे। जिनके बारे में तमाम रिश्तेदारियों, आस-पड़ोस में पता किया। लेकिन कुछ भी पता नहीं लगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कंवरपाल गुर्जर के सामने हैट्रिक की चुनौती:AAP गुर्जर वोट में सेंधमारी करेगी; अकरम खान को कांग्रेस वेव का फायदा
कंवरपाल गुर्जर के सामने हैट्रिक की चुनौती:AAP गुर्जर वोट में सेंधमारी करेगी; अकरम खान को कांग्रेस वेव का फायदा हरियाणा में यमुनानगर जिले की जगाधरी विधानसभा सीट पर इस चुनाव में पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा उम्मीदवार कंवरपाल गुर्जर की राह आसान नहीं है। उनके सामने कांग्रेस के अकरम खान, आम आदमी पार्टी (AAP) के आदर्श पाल सिंह कड़ी टक्कर देंगे। इनके अलावा, इस सीट पर इनेलो-बसपा से दर्शन सिंह खेड़ा और जजपा-असपा से डॉ. अशोक कश्यप उम्मीदवार हैं। जगाधरी विधानसभा सीट में करीब 2.45 लाख वोटर हैं। यहां शहरी वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। यहां मुख्य मुद्दा उद्योग, अवैध माइनिंग और बढ़ते क्राइम का है। लोगों का कहना है कि हर चुनाव में यहां हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा बनता था, लेकिन इस बार सभी विकास की बात कर रहे हैं। विकास न होने पर शहरी वोटर भाजपा से नाराज हैं। कंवरपाल के सामने एंटी इनकंबेंसी भी है। मंत्री रहते हुए कंवरपाल गुर्जर अवैध माइनिंग रोकने में नाकामयाब रहे। दूसरा भाजपा छोड़कर बसपा में गए दर्शन सिंह खेड़ा भी उनके लिए मुसीबत बनेंगे। उद्योगों में कमी की वजह से वैश्य समाज के लोग भाजपा से नाराज हैं। आदर्श पाल सिंह भी गुर्जर जाति से आते हैं। इसलिए वह गुर्जर जाति के अलावा वैश्य समाज की वोट लेंगे। इससे डायरेक्ट भाजपा को नुकसान पहुंचेगा। लोगों के मुताबिक कांग्रेस के अकरम खान यहां मजबूत स्थिति में हैं। उन्हें मुस्लिम वोटों के अलावा, जाट, जट सिख और अन्य जातियों के वोट भी मिलेंगे। ग्रामीण बेल्ट में कांग्रेस की लहर का उन्हें फायदा होगा। इसी वजह से वह शहरी वोटरों को साधने में जुटे हैं। 5 पॉइंट में समझें जगाधरी विधानसभा सीट के समीकरण कंवरपाल गुर्जर 10 साल के विकास के नाम पर वोट मांग रहे कंवरपाल गुर्जर साल 1990 में भाजपा में शामिल हुए थे। वह 2 बार यमुनानगर जिले के महासचिव और 3 बार राज्य के महासचिव रह चुके हैं। 1991 में उन्होंने छछरौली विधानसभा सीट से पहला चुनाव लड़ा था और हार गए। 2014 में उन्होंने जगाधरी सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने। तब मनोहर लाल खट्टर की सरकार में उन्हें विधानसभा स्पीकर का पद दिया गया। 2019 विधानसभा चुनाव में वह दोबारा विधायक बने और उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया। इस चुनाव में कंवरपाल गुर्जर के प्रचार के लिए कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी आ चुके हैं। वह अपने 10 साल के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों के नाम पर वोट मांग रहे हैं। इसके अलावा वह जनता के सामने बता रहे हैं कि शिक्षा मंत्री रहते हुए बिना पर्ची बिना खर्ची के लोगों को नौकरियां मिलीं। अकरम खान ने महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाया अकराम खान साल 1996 में छछरौली विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक बने थे। 1998 में चौधरी बंसीलाल की सरकार में उन्हें हरियाणा हाउसिंग बोर्ड का अध्यक्ष और गृह राज्य मंत्री बनाया गया। साल 2000 में चौटाला सरकार में वह डेयरी विकास और सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष बने। 2009 में उन्होंने बसपा के टिकट पर जगाधरी सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने। साल 2019 में वह कुमारी सैलजा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो गए। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर लड़े और दूसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में अकरम खान के चुनाव प्रचार के लिए सांसद कुमारी सैलजा आ चुकी हैं। जनता के सामने वह 10 साल से प्रदेश मे बढ़ी रही मंहगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर वोट मांग रहे हैं। इसके अलावा वह दावा कर रहे हैं कि सत्ता में आने पर वह शहर में बढ़ रहे क्राइम और अवैध माइनिंग पर लगाम लगाएंगे। आदर्श पाल सिंह शिक्षा- मेडिकल सुविधाओं के नाम पर वोट मांग रहे आदर्श पाल सिंह ने 2019 में बसपा के टिकट पर जगाधरी सीट से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था। तब उन्हें 47,988 वोट मिले थे। इसके बाद वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। 2 महीने पहले उन्होंने कांग्रेस जॉइन की थी। टिकट कटने के बाद वह दोबारा आम आदमी पार्टी में चले गए। 20 सितंबर को आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जगाधरी में रोड शो करने के लिए आए थे। उन्होंने आदर्श पाल सिंह के लिए वोटों की अपील की थी। वह टिकट न मिलने पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर धोखा देने का आरोप लगा चुके हैं। आदर्श पाल सिंह दिल्ली मॉडल को लेकर लेकर लोगों से शिक्षा और मेडिकल सुविधाओं को लेकर वोट मांग रहे हैं। क्या कहते हैं जगाधरी के वोटर…. राजकुमार बोले- कंवरपाल तीसरे नंबर पर आए तो हैरानी नहीं होगी जगाधरी के रहने वाले राजकुमार सिंह ने बताया कि कंवरपाल को इस बार सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा। राज्य में कांग्रेस के पक्ष में हवा चल रही है, इसका अकरम को लाभ मिलेगा। अगर इस बार कंवरपाल गुर्जर तीसरे नंबर पर भी आते हैं तो इसमें कोई हैरान करने वाली बात नहीं होगी। मौजूद समय में जो समीकरण बन रहे है, उसमें कंवरपाल गुर्जर काफी कमजोर स्थिति में हैं। विक्की बोले- साइलेंट वोट AAP को जाएंगे दुकानदार विक्की का कहना है कि शहरी क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के प्रति लोगों का रूझान देखने को मिल रहा है। व्यापारी वर्ग पूरी तरह से AAP के पक्ष में हैं। साइलेंट वोटर भी आम आदमी पार्टी को जा सकता है। सीमा ने कहा- कंवरपाल से किसान-उद्योगपति नाराज महिला सीमा ने मंत्री रहते हुए कंवरपाल यहां कोई बड़ा प्रोजेक्टर नहीं ला पाए। यहां बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। यहां बर्तन उद्योग खत्म हो रहा है। इसी तरह से प्लाईवुड उद्योग के भी दिन खराब ही चल रहे हैं। इन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए थे, लेकिन मंत्री ऐसा नहीं कर पाए। यमुनानगर में फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक ब्रांच खोलने की बात चली थी, लेकिन इस दिशा में भी कुछ नहीं कर पाए। इसका लाभ लकड़ी उद्योग के साथ साथ प्रदेशभर के किसानों को हो सकता था। कृषि मंत्री रहते हुए भी उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस वजह से यहां के किसान और उद्योगपति दोनों ही भाजपा से नाराज हैं। शिव शर्मा ने कहा- अकरम को विधायक बनाएंगे लोग जगाधरी निवासी शिव शर्मा ने बताया कि भाजपा झूठ बोलकर सत्ता में आई थी। भ्रष्टाचार व महंगाई को कम करने की बात कही थी, लेकिन भ्रष्टाचारियों को भाजपा ने अपने में मिला लिया। महंगाई बढ़ती चली गई। 10 सालों में नशे का कारोबार बहुत ज्यादा बढ़ गया है। हर बच्चा नशे का शिकार हो चुका है। रोजगार ही नहीं है। लोग फैमिली आईडी के लिए चक्कर काट रहे हैं। इस बार लोग अकरम खान को विधायक बनाएंगे। प्रेमचंद बोले- कंवरपाल ने अपना घर भरा प्रेम चंद का कहना है कि महंगाई और भ्रष्टाचार को बोलबाला है। यहां कोई विकास नहीं हुआ। कांग्रेस के टाइम में ही यहां पर काम हुआ था। जब भी भाजपा आई है, इसने क्षेत्र का नाश करने का काम किया है। कंवरपाल ने तो अपना घर भरने का काम किया है, विकास नहीं किया है। जब भी बरसात आती है, तो बाजार में पानी भर जाता है। हमारा डिप्टी मेयर भी ऐसा ही है। अकरम खान के आगे सब फेल हैं। हंसराज ने कहा- कांग्रेस-भाजपा में टक्कर हंसराज ने बताया कि इस बार सिर्फ 2 ही पार्टियों के बीच मुकाबला नजर आ रहा है। जिसमें पहली कांग्रेस और दूसरी भाजपा है। सबसे ज्यादा मजबूत अकरम खान हैं। भाजपा ने जगाधरी का नुकसान किया है और इस नुकसान का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा। अवैध खनन से ग्रामीण परेशान नाम न छापने की शर्त पर व्यक्ति ने बताया कि जगाधरी विधानसभा के ग्रामीण इलाके में खनन जोरो पर है। यहां वैध और अवैध दोनों तरह से खनन हो रहा है। इससे ग्रामीण परेशान हैं। लगातार हादसे हो रहे हैं। इसके साथ ही पर्यावरण भी बिगड़ रहा है। क्षेत्र में अपराध का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है। मंत्री रहते हुए कंवरपाल खनन माफिया पर रोक लगाने की दिशा में कोई खास कदम नहीं उठा पाए। मंत्री के कुछ लोग भी खनन कारोबार से जुड़े रहे। हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी पढ़ें… अनिल विज कड़े मुकाबले में फंसे:खुद को CM चेहरा बता फायदा लेने की कोशिश; कांग्रेस पर गुटबाजी भारी, वोट शिफ्ट हुए तो चित्रा भारी पड़ेंगी राव इंद्रजीत की बेटी आरती तिकोने मुकाबले में फंसी:कांग्रेस बांटेगी अहीर वोटर; राजपूत-दलित वोटर्स एकतरफा तो ठाकुर बिगाड़ेंगे सियासी गणित नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:BJP के बागी गर्ग वोटकटवा; बड़शामी ने जाट न बांटे तो कांग्रेस के मेवा से कड़ी टक्कर विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल 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IOA ने विनेश फोगाट के बढ़े वजन से पल्ला झाड़ा:अध्यक्ष पीटी उषा बोली- वेट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी खुद खिलाड़ी-कोच की, हमारी टीम कसूरवार नहीं
IOA ने विनेश फोगाट के बढ़े वजन से पल्ला झाड़ा:अध्यक्ष पीटी उषा बोली- वेट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी खुद खिलाड़ी-कोच की, हमारी टीम कसूरवार नहीं इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट के बढ़े वजन से पल्ला झाड़ लिया है। इस बारे में IOA की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा- ”वजन का मैनेजमेंट करना खिलाड़ी और कोच की जिम्मेदारी है। खासकर कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग और जूडो जैसे खेलों में। इनमें एथलीटों के वजन मैनेजमेंट की जिम्मेदारी प्रत्येक एथलीट और उसके कोच की है, न कि IOA द्वारा नियुक्त चीफ मेडिकल अफसर डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की।” विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक में 50kg भार वर्ग में हिस्सा लिया था। जापान की ओलिंपिक चैंपियन समेत एक दिन में 3 पहलवानों को हराने के बाद वह फाइनल में पहुंची थीं। हालांकि, फाइनल वाले दिन की सुबह उनका 100 ग्राम वजन ज्यादा आया। इसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। विनेश न केवल फाइनल मुकाबला खेलने से वंचित हुई बल्कि सिल्वर मेडल से भी चूक गईं। हालांकि, सिल्वर मेडल के लिए विनेश ने खेल कोर्ट (CAS) में अपील की है। इस पर 13 अगस्त को फैसला आएगा। विवाद के बाद पहली बार दिखीं विनेश फोगाट
इस पूरे विवाद के बाद पेरिस में पहली बार विनेश फोगाट को ओलिंपिक विलेज के बाहर स्पॉट किया गया है। वहां से उनकी कुछ वीडियो और फोटो सामने आए हैं। इनमें विनेश बैग उठाकर जाने के लिए तैयार हैं। वह कल भारत पहुंच सकती हैं। पेरिस ओलिंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी बीते रविवार को हुई। इसी के साथ पेरिस में ओलिंपिक खेलों का समापन हुआ। IOA की मेडिकल टीम का काम बताया
विनेश फोगाट के मामले में पीटी उषा ने कहा है कि ओलिंपिक में कुश्ती समेत कुछ अन्य खेलों में प्रत्येक भारतीय एथलीट की अपनी सपोर्ट टीम थी। ये सपोर्ट टीमें कई वर्षों से एथलीटों के साथ काम कर रही हैं। आईओए ने कुछ महीने पहले एक मेडिकल टीम नियुक्त की थी, जो मुख्य रूप से एक ऐसी टीम थी, जो प्रतियोगिता के दौरान और बाद में एथलीटों की रिकवरी और इंजरी में सहायता के लिए लगाई गई थी। यह टीम उन एथलीटों की सहायता करने के लिए भी बनाई की गई थी जिनके पास पोषण विशेषज्ञ और फिजियोथेरेपिस्ट की अपनी टीम नहीं थी। डॉ. उषा ने कहा कि आईओए मेडिकल टीम, विशेषकर डॉ. पारदीवाला की निंदा करना उचित नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आईओए की मेडिकल टीम पर निर्णय लेने की जल्दबाजी करने वाले किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों पर विचार करेंगे। विनेश के सिल्वर मेडल पर फैसला कल, IOA प्रेजिडेंट बोले- इसका पालन करेंगे
हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट को ओलिंपिक में सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, इसका इंतजार और बढ़ गया है। खेल कोर्ट यानी कोर्ट ऑफ आरबिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने फैसले के डेडलाइन बढ़ा दी है। अब 13 अगस्त को डॉ. एनाबेले बेनेट फैसला सुनाएंगी। इससे पहले विनेश के पक्ष में दलीलें दी गईं कि रेसलर ने कोई फ्रॉड नहीं किया। फाइनल में पहुंचने के बाद सिल्वर मेडल की वह कन्फर्म दावेदार थीं। इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) के प्रेजिडेंट थॉमस बाक ने कहा था कि वह CAS के फैसले का पालन करेंगे। विनेश फोगाट मामले में अब तक क्या- हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. ओलिंपिक में 1 दिन में 3 पहलवानों को हराया
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। 2. डाइट से वजन बढ़ा, पूरी रात कोशिश बेकार गई
सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के दौरान उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना-पानी दिया गया। जिससे उनका वजन 52.700 kg तक बढ़ गया। भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। पूरी टीम रातभर विनेश का वजन कम करने की कोशिश में लगी रही। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन 100 ग्राम ज्यादा मिला, वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट थे
बुधवार सुबह नियम के अनुसार दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। उनका वजन ज्यादा निकला। उन्हें 15 मिनट मिले लेकिन आखिरी बार वजन में भी वह 100 ग्राम अधिक निकलीं। जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। 4. विनेश ने अयोग्य करार देने के खिलाफ अपील की
इसके बाद विनेश ने अयोग्य करार देने पर खेल कोर्ट (CAS) में अपील की। जिसमें विनेश ने फाइनल मुकाबला खेलने देने की अपील की। यह संभव नहीं था तो विनेश ने अपील बदलकर कहा कि सेमीफाइनल तक उसका वजन नियमों के अनुरूप था। उसे संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए। 5. विनेश ने संन्यास का ऐलान किया
विनेश फोगाट ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया पोस्ट लिखी। विनेश ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।”। विनेश फोगाट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
करनाल में ASI मर्डर मिस्ट्री:36 घंटे बीते न हत्या का कारण मिला और न ही हत्यारे, आज होगा अंतिम संस्कार
करनाल में ASI मर्डर मिस्ट्री:36 घंटे बीते न हत्या का कारण मिला और न ही हत्यारे, आज होगा अंतिम संस्कार हरियाणा में करनाल के कुटेल में स्टेट क्राइम ब्रांच के ASI संजीव के मर्डर को लगभग 36 घंटे का समय बीत चुका है। ASI की मर्डर मिस्ट्री अभी भी एक मिस्ट्री ही बनी हुई है। दो DSP के नेतृत्व में पुलिस की पांच टीमें ASI के हत्यारों को खोजने में जुटे हुए है। न तो यह पता चल पाया है कि हत्यारे कौन थे और न ही यह पता चल पाया है कि हत्या के पीछे क्या मोटिव था? हत्या की अनसुलझी गुत्थी को सुलझाने में पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है? हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ना भी पुलिस की साख का सवाल बन चुका है, क्योंकि क्राइम ब्रांच के ऑफिसर के सिर में गोली मारकर हत्या करना कोई छोटी घटना नहीं है, इस घटना ने हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश में खलबली मचा दी है। जिस हिसाब से आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि क्राइम ब्रांच के ASI को मारकर बदमाशों ने पुलिस के लिए चुनौती खड़ी कर दी हो। हालांकि पुलिस का दावा है कि पुलिस आरोपियों के नजदीक है। CCTV कैमरों से पुलिस को कुछ इनपुट मिले है और उसी आधार पर पुलिस धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। रात 2 बजे घर पहुंचा मृतक का बेटा योगेश मृतक संजीव का बेटा योगेश कनाडा में बीते दो साल से पढ़ाई कर रहा है और उसे अपने पिता की मौत की सूचना मिली तो वह तुरंत प्रभाव से कनाडा से फ्लाइट की टिकट अरेंज करके भारत के लिए रवाना हो गया। रात को दो बजे योगेश पहुंचा है। अपने पिता की मौत की खबर से ही वह गहरे सदमे में है, उसे उम्मीद नहीं थी कि उसके परिवार के साथ कुछ ऐसा हो सकता है, क्योंकि तीन साल पहले योगेश के चाचा लाभ सिंह घरौंडा लिबर्टी के सामने एक सड़क हादसे में गुजर गए थे, और चाचा के सदमे में दादा प्रेम सिंह भी चल बसे थे। परिवार पर दुखों का पहाड़ कम होने का नाम नहीं ले रहा था कि अब योगेश के पिता को भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। योगेश की छोटी बहन भी है, जिसका रो रोकर बुरा हाल है। इन बच्चों के सिर पर न तो पिता का साया रहा, न चाचा का और न ही दादा का। इन दोनों बच्चों के मन की पीड़ को ये ही समझ सकते है। बड़े नहीं छोटे छोटे केस ही हैंडल करता था संजीव संजीव क्राइम ब्रांच में था, उसकी ड्यूटी कुरूक्षेत्र भी थी और यमुनानगर में भी थी। अधिकारियों की माने तो पुलिस ने कुरूक्षेत्र और यमुनानगर में संजीव के रिकॉर्ड को भी ट्रैक किया है, ताकि यह पता किया जा सके कि किसी बड़े केस के कारण तो किसी अपराधी ने रंजिशन हत्या की हो, लेकिन वहां पर भी यही पाया गया है कि संजीव को PO जैसे छोटे-मोटे केस ही दिए जाते थे, लेकिन पुलिस इस मामले में कोई भी एंगल नहीं छोड़ रही है, हर एंगल पर काम कर रही है। क्या था मामला कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर 2 जुलाई की रात करीब साढ़े आठ बजे सैर पर निकले क्राइम ब्रांच के ASI संजीव को बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गौरतलब है कि कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर ही संजीव का डेरा बना हुआ है और वही पर संजीव सड़क पर टहल रहे थे। तभी बाइक सवार बदमाश उनको गोली मारकर चले जाते है। परिजनों की माने तो उनके सिर में एक गोली लगी है, वह आरपार हुई है, दूसरी गोली कमर में लगी थी। गंभीर रूप से घायल संजीव को करनाल के अमृतधारा में भर्ती करवाया था। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। घटना के बाद घरौंडा DSP मनोज कुमार व करनाल DSP सोनू नरवाल मौके पर पहुंच गए थे। इसके साथ ही FSL टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए थे। पुलिस को मौके पर दो जिंदा रौंद व एक खोल भी बरामद हुआ था। पुलिस अभी तक यह खुलासा नहीं कर पाई है कि हत्या के कारण क्या रहे है? और यह खुलासा अभी तक भी नहीं हुआ। क्या कहती है पुलिस घरौंडा DSP मनोज कुमार ने बताया कि संजीव हत्याकांड में पुलिस गहनता से जांच में जुटी हुई है। हर पहलू और एंगल पर काम किया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज से भी कुछ इनपुट मिले है। हत्यारे ज्यादा दिन तक पुलिस से नहीं बच पाएंगे।