हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब बुलडोजर आएगा। हम जैसे लोग उसके नीचे लेट जाएंगे और खुद को खत्म कर लेंगे। हमारे घर वालों को अल्लाह ही संभालेगा। हमारे जैसे यहां 10 हजार लोग हैं, जिन्हें टारगेट किया जा रहा है। इसमें मुस्लिम और हिंदू दोनों हैं। ये कहते हुए वाराणसी के दुकानदार अजीजुर्रहमान भावुक हो गए। ऐसा सोचने वाले वो अकेले नहीं हैं। करीब 10 हजार दुकानदार पूर्वांचल के सबसे बड़े मार्केट दालमंडी की सड़क के चौड़ीकरण का विरोध कर रहे हैं। लोग गुस्सा इसलिए भी हैं, क्योंकि यहां की 6 मस्जिदें भी टूटने वाली हैं। दालमंडी का पूरा प्रोजेक्ट क्या है, यहां दुकानदार क्यों विरोध कर रहे हैं, इस प्रोजेक्ट से काशी को क्या फायदा होने वाला हैं, क्यों 6 मस्जिद को तोड़ने की जरूरत पड़ रही है? इसको लेकर दैनिक भास्कर ऐप टीम ने मार्केट में दुकानदारों से बात की। पढ़िए रिपोर्ट… 4 पीढ़ी से दुकान चला रहे लोगों की बात महाकुंभ से पहले करते, अब प्रोजेक्ट की जरूरत नहीं
बाजार में अंदर पहुंचते ही हमारी मुलाकात मोबाइल शॉप के काउंटर पर बैठी मधु अरोड़ा से हुई। यह दुकान 5×17 फिट चौड़ी है। हमने पूछा- क्या आपको सड़क चौड़ी करने की जरूरत महसूस होती है? उन्होंने कहा- अभी महाकुंभ हुआ, पहली बार लाखों लोग काशी पहुंचे। जाम की समस्या तो काशी में रहती ही है, मगर कोई बहुत बड़ी दिक्कत नहीं हुई। ऐसे में अगर इस सड़क को चौड़ा करना ही था, तो महाकुंभ से पहले कर लेना था। अब तो ऐसी कोई जरूरत नहीं है। दालमंडी में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं, हिंदू भी हैं। हर दुकान पर 5 से ज्यादा वर्कर काम करते हैं। सबका घर-गृहस्थी इसी दालमंडी से चल रहा है। आप सिर्फ श्रद्धालुओं के बारे में सोच रहे हैं, मगर आम जनता के बारे में भी सोचना होगा। राहुल बोले- कोई योगीजी को गुमराह कर रहा
राहुल अरोड़ा दालमंडी में कनफेक्शनरी शॉप चलाते हैं। राहुल कहते हैं- मेरा सुझाव है कि उस स्पॉट पर बाजार को चौड़ा करना चाहिए, जहां जगह हो। कोदई चौकी से एक रोड बांस फाटक पर निकलती है, उसको भी चौड़ा किया जा सकता है। वहां रिहायशी मकान है, यहां तो दुकानें हैं। देखिए, योगीजी के फैसले गलत नहीं होते हैं। मुझे लगता है कि उन्हें राय देने वाले गुमराह कर रहे हैं। आप 1 लाख लोगों को सड़क पर लेकर आ जाइए, फिर कहिए हम विकास कर रहे हैं, तो सर ऐसा विकास नहीं चाहिए। वहां सड़क चौड़ी करिए, जहां कम लोग प्रभावित होते हो। आप यहां मकान मालिकों को मुआवजा देंगे, दुकानदार कहां जाएंगे? आप उन्हें दुकान भी नहीं दे पाएंगे, तो क्या हम लोग सड़क पर कटोरा लेकर भीख मांगेंगे। अजीजुर्रहमान ने कहा- बुलडोजर को हमारे ऊपर से जाना होगा
चौक स्थित करीमुल्लाह बेग मस्जिद में 1930 से दुकान चला रहे अजीजुर्रहमान ने बताया- हमारे दादा, पापा और अब हम दुकान चला रहे हैं। पहले गैस के सामान की थी, फिर टोपी की हुई, अब फिर गैस के ही आइटम बेच रहे हैं। हम 95 साल से किराएदार हैं। हमारी उम्र 65 साल है और तीन बेटियां हैं, तो क्या यह मुमकिन है कि हम 65 साल की उम्र में दोबारा अपनी दुकान कहीं और जमा पाएं। दालमंडी में अतिक्रमण नहीं, 100 साल पहले भी ऐसी ही थी
दालमंडी के एक अन्य दुकानदार हफीजुर्रहमान ने बताया- हमारे घर की 150 साल से यहां दुकान है। हमारी अब चौथी पीढ़ी यहां काम कर रही है। हमारे बाप दादा की पुश्तैनी दुकान भी है। दालमंडी में 100 साल में कोई अतिक्रमण नहीं हुआ, जितनी उस वक्त चौड़ी थी, आज भी उतनी ही है। ये गजेटियर के 1884 के राजस्व नक्शे से साबित होता है। जिसने भी स्टूल या पटरा लगाया है, वह टेम्परेरी है। अब उनकी बात, जिनके मकान भी हैं और दुकान भी… आजादी से पहले का है मकान
दालमंडी में कारोबार करने वाले मोहम्मद यासीन गुड्डू ने बताया- मेरा मकान और दुकान इसी दालमंडी में है। मेरा घर आजादी के पहले से रजिस्टर्ड है। दालमंडी में नई सड़क से चौक तक दो से तीन लाख परिवार रहते हैं। पुरानी बाजार अब और घनी होती जा रही है। यहां एक लाख महीने से लेकर 10 करोड़ के टर्न ओवर वाले भी व्यापारी हैं। पूरे मुल्क में करोड़ों ग्रेजुएट बेरोजगार हैं, लेकिन दालमंडी में हाईस्कूल पास को भी आसानी से नौकरी मिल जाती है। इमरान बोले- कमिश्नर, DM ने तो कभी कुछ कहा नहीं
दालमंडी के रहने वाले इमरान अहमद बबलू ने बताया- 7 से 8 महीने से बातें चल रही हैं, लेकिन इस मामले में कमिश्नर और DM का कोई वक्तव्य नहीं आया है। इसके पहले इस सड़क से आगे सनातन धर्म स्कूल के सामने एक प्रस्ताव बना था, जो बांस फाटक तक जाता। वहां मकान भी कम थे, लेकिन उस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया। कैसे यह निरस्त हुआ, हमें इसका जवाब चाहिए। 20 साल से बिजनेस करने वाले दुकानदार सरकार हमें छोड़ दे, वरना हम कहीं के नहीं रहेंगे
संजीव जायसवाल दालमंडी में मामा जी के नाम से फेमस हैं। मोबाइल मैकेनिक संजीव ने बताया- 21 साल पहले लखीमपुर खीरी से यहां काम करने आया था। यहां काम सीखा और खुद की दुकान खोली, अब जिंदगी अच्छी चल रही थी। एक बेटा और बेटी है। बेटी की शादी करने वाला था। सोचा था दुकान बेचकर बेटी की शादी कर दूंगा। उसके बाद कहीं नौकरी कर लूंगा, मगर अब दुकान 2 लाख में भी कोई खरीदने को तैयार नहीं है। बताइये क्या करूं? हमसे बात करते-करते संजीव रो पड़े। वो मस्जिद, जो टूटेंगी सरकार का प्लान जानिए… 220 करोड़ से बनेगी 650 मीटर लंबी सड़क
नई सड़क से चौक थाने तक गई दालमंडी की कुल लंबाई 650 मीटर है। इस सड़क को 17.5 मीटर चौड़ा करने का मसौदा पास हो चुका है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम दिन 220 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ और 2 करोड़ रुपए रिलीज भी कर दिए गए। पीडब्ल्यूडी की टीम ने कहां कितनी सड़क चौड़ी है, कौन सा मकान कितनी जद में आ रहा है, करीब 300 घरों की नपाई हो चुकी है। PWD के अधिकारियों ने डेटा तैयार किया। इस डेटा के हिसाब से मुआवजे का आकलन होगा। उसके बाद नोटिस दी जाएगी और सभी के अकाउंट में मुआवजा भेजा जाएगा। वाराणसी पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में दालमंडी चौड़ीकरण पर भी अधिकारियों से बात की थी, इसके बाद प्रोजेक्ट में तेजी आ गई है।
………… यह भी पढ़ें लखनऊ में कांग्रेसियों ने बैरिकेडिंग तोड़ी:अमेठी में पुलिस से हाथापाई, वाराणसी में ADM से नोकझोंक; अखिलेश बोले-ED को खत्म कर देना चाहिए नेशनल हेराल्ड केस में राहुल और सोनिया गांधी के खिलाफ ED ने चार्जशीट दाखिल की है। यूपी में बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ता इसके विरोध में सड़कों पर उतरे। लखनऊ में पुलिस ने पैदल मार्च रोकने के लिए कांग्रेस कार्यालय के बाहर बैरिकेडिंग लगाई। कांग्रेसी उसे तोड़ते हुए आगे बढ़े। 50 मीटर ही बढ़े थे कि उन्हें हिरासत में ले लिया गया। पढ़िए पूरी खबर… हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब बुलडोजर आएगा। हम जैसे लोग उसके नीचे लेट जाएंगे और खुद को खत्म कर लेंगे। हमारे घर वालों को अल्लाह ही संभालेगा। हमारे जैसे यहां 10 हजार लोग हैं, जिन्हें टारगेट किया जा रहा है। इसमें मुस्लिम और हिंदू दोनों हैं। ये कहते हुए वाराणसी के दुकानदार अजीजुर्रहमान भावुक हो गए। ऐसा सोचने वाले वो अकेले नहीं हैं। करीब 10 हजार दुकानदार पूर्वांचल के सबसे बड़े मार्केट दालमंडी की सड़क के चौड़ीकरण का विरोध कर रहे हैं। लोग गुस्सा इसलिए भी हैं, क्योंकि यहां की 6 मस्जिदें भी टूटने वाली हैं। दालमंडी का पूरा प्रोजेक्ट क्या है, यहां दुकानदार क्यों विरोध कर रहे हैं, इस प्रोजेक्ट से काशी को क्या फायदा होने वाला हैं, क्यों 6 मस्जिद को तोड़ने की जरूरत पड़ रही है? इसको लेकर दैनिक भास्कर ऐप टीम ने मार्केट में दुकानदारों से बात की। पढ़िए रिपोर्ट… 4 पीढ़ी से दुकान चला रहे लोगों की बात महाकुंभ से पहले करते, अब प्रोजेक्ट की जरूरत नहीं
बाजार में अंदर पहुंचते ही हमारी मुलाकात मोबाइल शॉप के काउंटर पर बैठी मधु अरोड़ा से हुई। यह दुकान 5×17 फिट चौड़ी है। हमने पूछा- क्या आपको सड़क चौड़ी करने की जरूरत महसूस होती है? उन्होंने कहा- अभी महाकुंभ हुआ, पहली बार लाखों लोग काशी पहुंचे। जाम की समस्या तो काशी में रहती ही है, मगर कोई बहुत बड़ी दिक्कत नहीं हुई। ऐसे में अगर इस सड़क को चौड़ा करना ही था, तो महाकुंभ से पहले कर लेना था। अब तो ऐसी कोई जरूरत नहीं है। दालमंडी में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं, हिंदू भी हैं। हर दुकान पर 5 से ज्यादा वर्कर काम करते हैं। सबका घर-गृहस्थी इसी दालमंडी से चल रहा है। आप सिर्फ श्रद्धालुओं के बारे में सोच रहे हैं, मगर आम जनता के बारे में भी सोचना होगा। राहुल बोले- कोई योगीजी को गुमराह कर रहा
राहुल अरोड़ा दालमंडी में कनफेक्शनरी शॉप चलाते हैं। राहुल कहते हैं- मेरा सुझाव है कि उस स्पॉट पर बाजार को चौड़ा करना चाहिए, जहां जगह हो। कोदई चौकी से एक रोड बांस फाटक पर निकलती है, उसको भी चौड़ा किया जा सकता है। वहां रिहायशी मकान है, यहां तो दुकानें हैं। देखिए, योगीजी के फैसले गलत नहीं होते हैं। मुझे लगता है कि उन्हें राय देने वाले गुमराह कर रहे हैं। आप 1 लाख लोगों को सड़क पर लेकर आ जाइए, फिर कहिए हम विकास कर रहे हैं, तो सर ऐसा विकास नहीं चाहिए। वहां सड़क चौड़ी करिए, जहां कम लोग प्रभावित होते हो। आप यहां मकान मालिकों को मुआवजा देंगे, दुकानदार कहां जाएंगे? आप उन्हें दुकान भी नहीं दे पाएंगे, तो क्या हम लोग सड़क पर कटोरा लेकर भीख मांगेंगे। अजीजुर्रहमान ने कहा- बुलडोजर को हमारे ऊपर से जाना होगा
चौक स्थित करीमुल्लाह बेग मस्जिद में 1930 से दुकान चला रहे अजीजुर्रहमान ने बताया- हमारे दादा, पापा और अब हम दुकान चला रहे हैं। पहले गैस के सामान की थी, फिर टोपी की हुई, अब फिर गैस के ही आइटम बेच रहे हैं। हम 95 साल से किराएदार हैं। हमारी उम्र 65 साल है और तीन बेटियां हैं, तो क्या यह मुमकिन है कि हम 65 साल की उम्र में दोबारा अपनी दुकान कहीं और जमा पाएं। दालमंडी में अतिक्रमण नहीं, 100 साल पहले भी ऐसी ही थी
दालमंडी के एक अन्य दुकानदार हफीजुर्रहमान ने बताया- हमारे घर की 150 साल से यहां दुकान है। हमारी अब चौथी पीढ़ी यहां काम कर रही है। हमारे बाप दादा की पुश्तैनी दुकान भी है। दालमंडी में 100 साल में कोई अतिक्रमण नहीं हुआ, जितनी उस वक्त चौड़ी थी, आज भी उतनी ही है। ये गजेटियर के 1884 के राजस्व नक्शे से साबित होता है। जिसने भी स्टूल या पटरा लगाया है, वह टेम्परेरी है। अब उनकी बात, जिनके मकान भी हैं और दुकान भी… आजादी से पहले का है मकान
दालमंडी में कारोबार करने वाले मोहम्मद यासीन गुड्डू ने बताया- मेरा मकान और दुकान इसी दालमंडी में है। मेरा घर आजादी के पहले से रजिस्टर्ड है। दालमंडी में नई सड़क से चौक तक दो से तीन लाख परिवार रहते हैं। पुरानी बाजार अब और घनी होती जा रही है। यहां एक लाख महीने से लेकर 10 करोड़ के टर्न ओवर वाले भी व्यापारी हैं। पूरे मुल्क में करोड़ों ग्रेजुएट बेरोजगार हैं, लेकिन दालमंडी में हाईस्कूल पास को भी आसानी से नौकरी मिल जाती है। इमरान बोले- कमिश्नर, DM ने तो कभी कुछ कहा नहीं
दालमंडी के रहने वाले इमरान अहमद बबलू ने बताया- 7 से 8 महीने से बातें चल रही हैं, लेकिन इस मामले में कमिश्नर और DM का कोई वक्तव्य नहीं आया है। इसके पहले इस सड़क से आगे सनातन धर्म स्कूल के सामने एक प्रस्ताव बना था, जो बांस फाटक तक जाता। वहां मकान भी कम थे, लेकिन उस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया। कैसे यह निरस्त हुआ, हमें इसका जवाब चाहिए। 20 साल से बिजनेस करने वाले दुकानदार सरकार हमें छोड़ दे, वरना हम कहीं के नहीं रहेंगे
संजीव जायसवाल दालमंडी में मामा जी के नाम से फेमस हैं। मोबाइल मैकेनिक संजीव ने बताया- 21 साल पहले लखीमपुर खीरी से यहां काम करने आया था। यहां काम सीखा और खुद की दुकान खोली, अब जिंदगी अच्छी चल रही थी। एक बेटा और बेटी है। बेटी की शादी करने वाला था। सोचा था दुकान बेचकर बेटी की शादी कर दूंगा। उसके बाद कहीं नौकरी कर लूंगा, मगर अब दुकान 2 लाख में भी कोई खरीदने को तैयार नहीं है। बताइये क्या करूं? हमसे बात करते-करते संजीव रो पड़े। वो मस्जिद, जो टूटेंगी सरकार का प्लान जानिए… 220 करोड़ से बनेगी 650 मीटर लंबी सड़क
नई सड़क से चौक थाने तक गई दालमंडी की कुल लंबाई 650 मीटर है। इस सड़क को 17.5 मीटर चौड़ा करने का मसौदा पास हो चुका है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम दिन 220 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ और 2 करोड़ रुपए रिलीज भी कर दिए गए। पीडब्ल्यूडी की टीम ने कहां कितनी सड़क चौड़ी है, कौन सा मकान कितनी जद में आ रहा है, करीब 300 घरों की नपाई हो चुकी है। PWD के अधिकारियों ने डेटा तैयार किया। इस डेटा के हिसाब से मुआवजे का आकलन होगा। उसके बाद नोटिस दी जाएगी और सभी के अकाउंट में मुआवजा भेजा जाएगा। वाराणसी पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में दालमंडी चौड़ीकरण पर भी अधिकारियों से बात की थी, इसके बाद प्रोजेक्ट में तेजी आ गई है।
………… यह भी पढ़ें लखनऊ में कांग्रेसियों ने बैरिकेडिंग तोड़ी:अमेठी में पुलिस से हाथापाई, वाराणसी में ADM से नोकझोंक; अखिलेश बोले-ED को खत्म कर देना चाहिए नेशनल हेराल्ड केस में राहुल और सोनिया गांधी के खिलाफ ED ने चार्जशीट दाखिल की है। यूपी में बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ता इसके विरोध में सड़कों पर उतरे। लखनऊ में पुलिस ने पैदल मार्च रोकने के लिए कांग्रेस कार्यालय के बाहर बैरिकेडिंग लगाई। कांग्रेसी उसे तोड़ते हुए आगे बढ़े। 50 मीटर ही बढ़े थे कि उन्हें हिरासत में ले लिया गया। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
काशी में क्यों टूटेंगी 6 मस्जिदें:दालमंडी के 10 हजार दुकानदारों में गुस्सा, बोले- मुस्लिमों को टारगेट कर रहे; हिंदू भी बर्बाद होंगे
