हरियाणा में दोगुने बोझ का बस्ता ढ़ो रहे बच्चे:हिसार-गुरुग्राम में डेढ़ की जगह साढ़े 4 किलो के मिले; शिक्षा मंत्री बोले- मान्यता रद्द करूंगा

हरियाणा में दोगुने बोझ का बस्ता ढ़ो रहे बच्चे:हिसार-गुरुग्राम में डेढ़ की जगह साढ़े 4 किलो के मिले; शिक्षा मंत्री बोले- मान्यता रद्द करूंगा

हरियाणा सरकार ने क्लासवाइज स्कूल बैग के वजन के नियम तो तय कर दिए, लेकिन ग्राउंड लेवल पर इसकी कोई परवाह नहीं करता। हाल यह है कि सिर्फ प्राइवेट नहीं, बल्कि सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स के बैग का भार निर्धारित नियमों से दोगुना है। इनमें पहली क्लास से लेकर 10वीं तक के बच्चे शामिल हैं। दैनिक भास्कर ने जब ग्राउंड पर स्टूडेंट्स के बैग को लेकर रियलिटी चेक किया तो सेकेंड क्लास के बैग का भार साढ़े 4 किलो से ज्यादा पाया गया। जबकि, यह केवल डेढ़ किलो तक होना चाहिए। इसमें 15 किताबें-कॉपियां निकलीं। वहीं, 10वीं क्लास तक के स्टूडेंट का बैग चेक किया गया तो ये लगभग 3 किलो ज्यादा यानी 8 किलो पाया गया। इसे लेकर डॉक्टर पहले ही बता चुके हैं कि ज्यादा वजन वाले बैग से बच्चों के कंधों और पीठ में प्रॉब्लम आ सकती है। इसके बाद भी स्कूलों का यह हाल है। इस बारे में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा भी कह रहे हैं कि ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द की जाएगी। बैग के वजन के नियम का पालन न करा पाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अब तक किसी पर कार्रवाई हुई नहीं है। हरियाणा शिक्षा विभाग के तय किया क्लास वाइज बैग का वजन… ग्राउंड जीरो पर भास्कर के रियलिटी चेक में क्या मिला, जानिए…. 1-1 किताब आधा-आधा किलो की
भास्कर ने जब क्लास-1 से क्लास 10 तक के बच्चों का बैग रेंडमली चेक किया तो पाया कि 1-1 किताब का वजन आधा किलो है। कुछ का इससे भी ज्यादा है। खाली बैग का वजन ही 250 से लेकर 800 ग्राम तक है। सेकेंड क्लास के बच्चों के लिए 11 किताबें लगाई गई हैं। यह हाल सरकारी-प्राइवेट दोनों स्कूलों का है। इसमें 5 कॉपियां अलग से हैं और 1 कॉपी 150 ग्राम से कम वजन की नहीं है। हिसार में पहली क्लास के बच्चे के बैग का वजन 5 किलो निकला
पहली क्लास के बच्चे के लिए नई शिक्षा नीति-2025 में बैग का वजन डेढ़ किलो निर्धारित किया गया है। हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग ने भी इतना ही वजन तय किया है, लेकिन हिसार में जब एक स्कूल के क्लास वन के बच्चे के बैग का वेट किया गया तो यह 4 किलो 778 ग्राम निकला। 10वीं क्लास तक अगर किसी क्लास के बच्चों के कंधों पर सबसे ज्यादा भार है तो वह फर्स्ट क्लास के बच्चों पर है। गुरुग्राम में सेकेंड क्लास में 11 तो 10वीं में 15 किताबें
गुरुग्राम में सेकेंड क्लास के बच्चों के बैग का वजन साढ़े 4 किलो से ज्यादा निकला तो उसकी किताबें चेक की गईं। बैग में 11 किताबें निकलीं। इसमें सबसे बड़ी किताब का वेट 472 ग्राम था। 11 किताबों के अलावा 6 कॉपियां भी हैं। किताबों की जांच करने पर पता चला कि प्राइवेट पब्लिशर की किताबें NCERT की किताबों की तुलना में भारी हैं। सेकेंड क्लास के बच्चे के बैग से NCERT की 3 किताबें मिलीं, जिनका वेट सवा किलो के लगभग रहा। जबकि, 1 प्राइवेट किताब का वजन ही 400 ग्राम से ज्यादा है। रेवाड़ी में छठी क्लास वाले उठा रहे दोगुना भार
रेवाड़ी में छठी क्लास के बच्चे के बैग का वजन किया गया तो यह सरकार के निर्धारित नियमों से दोगुना निकला। नियम के अनुसार छठी से 7वीं क्लास के बच्चे के बैग का वेट 4 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए, लेकिन यह 7 किलो 540 ग्राम निकला। इसमें टिफिन और पानी की बोतल का वजन शामिल नहीं है। 10वीं क्लास के बच्चे भी उठा रहे ज्यादा वजन
सोनीपत के एक स्कूल के 10वीं क्लास के बच्चों को रोककर जब उनके बैग का वजन किया तो ये लगभग 8 किलो (7 किलो 719 ग्राम) निकला। 10वीं क्लास में पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए सरकार ने बैग का वजन 5 किलो तक निर्धारित किया है। बैग का वेट करने के दौरान कुछ पेरेंट्स डरे भी नजर आए। उनका कहना था कि स्कूल को पता चला तो बच्चों को परेशान किया जाएगा। एक अन्य स्कूल के बच्चे के बैग का वजन किया गया तो यह 5 किलो 555 ग्राम निकला। इसमें किताबों का वेट 4 किलो 675 ग्राम रहा। पेरेंट्स का कहना है कि अभी सत्र शुरू हुआ है तो ऐसे में कुछ किताबें बच्चों को मिली भी नहीं हैं। प्रिंसिपल बोले- बच्चों की सोशल डेवलपमेंट को इफेक्ट करता है भार
सोनीपत के हिंदू विद्यापीठ स्कूल के प्रिंसिपल नरेंद्र कुमार ने कहा- राष्ट्रीय नीति 2025 में भी बच्चों के स्कूल बैग के भार को लेकर नियम बनाए गए हैं। सभी स्कूलों को बच्चों के सोशल डेवलपमेंट का ध्यान रखना चाहिए। ज्यादा भार बच्चों की सोशल डेवलपमेंट को इफेक्ट करता है। बच्चों के बैग का भार जरूर ज्यादा है, लेकिन उन्होंने भार घटाने के लिए फॉर्मूला तय किया है। टीचर्स को डे और पीरियड के हिसाब से बच्चों को किताबें लाने का फॉर्मेट बनाया गया है। डॉक्टर बोले- ज्यादा वजन रीढ़ का पॉस्चर खराब करेगा
हड्डियों के डॉक्टर गौरव कामरा ने बताया कि ज्यादा वजन का बैग उठाने से स्पाइन का पॉश्चर खराब हो जाता है। मसल को इफेक्ट करता है। आगे जाकर भविष्य में दर्द की दिक्कत हो सकती है। बैग का वजन बच्चे की उम्र या क्लास से तय करना ही गलत है। यह बच्चे के वेट के हिसाब से होना चाहिए। मान लो अगर बच्चा 10 किलो का है और बैग का वजन भी इतना है तो उसे सबसे जल्दी दिक्कत आएगी। भास्कर से बोले शिक्षा मंत्री- स्कूलों की मान्यता रद्द करेंगे, अधिकारियों पर एक्शन होगा दैनिक भास्कर ने इस ग्राउंड रिपोर्ट को लेकर प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से बात की। मंत्री ने कहा- जो स्कूल हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के नियम नहीं मानेगा, उसकी मान्यता तुरंत रद्द कर दी जाएगी, चाहे वह कितने भी बड़े व्यक्ति या संस्था का स्कूल हो। किसी की मनमानी नहीं चलेगी। किताबें और स्कूल बैग के वजन को चेक करने की जिम्मेदारी DWO और DEO को दी गई है। अगर वे किताबें और स्कूल बैग के वजन को लेकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं तो उनसे भी पूछा जाएगा। मैं तो केवल नियम बना सकता हूं, उन्हें फॉलो कराना जिला स्तर के अधिकारियों का काम है। अगर वे अपना काम अच्छे से नहीं कर रहे हैं तो उन पर भी एक्शन लिया जाएगा। (इनपुट: हिसार से चेतन सिंह, सोनीपत से राम सिंहमार, गुरुग्राम से निरंजन कुमार, जींद से प्रदीप कौशिक, रेवाड़ी से विक्रम बनेटा) ===================== ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा में प्राइवेट स्कूल-बुक सेलर का गठजोड़:57 शिकायतें मिलीं; जांच के लिए HCS अधिकारियों की कमेटी बनाई हरियाणा में शिक्षा विभाग के पास महंगी किताबें बेचने के लिए निजी स्कूलों और पुस्तक विक्रेताओं के बीच सांठगांठ की 57 शिकायतें सामने आई हैं। शिक्षा विभाग ने जांच के लिए HCS अधिकारियों की एक कमेटी गठित की गई है, जो पूरे मामले की समीक्षा कर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा को रिपोर्ट सौंपेगी। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा सरकार ने क्लासवाइज स्कूल बैग के वजन के नियम तो तय कर दिए, लेकिन ग्राउंड लेवल पर इसकी कोई परवाह नहीं करता। हाल यह है कि सिर्फ प्राइवेट नहीं, बल्कि सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स के बैग का भार निर्धारित नियमों से दोगुना है। इनमें पहली क्लास से लेकर 10वीं तक के बच्चे शामिल हैं। दैनिक भास्कर ने जब ग्राउंड पर स्टूडेंट्स के बैग को लेकर रियलिटी चेक किया तो सेकेंड क्लास के बैग का भार साढ़े 4 किलो से ज्यादा पाया गया। जबकि, यह केवल डेढ़ किलो तक होना चाहिए। इसमें 15 किताबें-कॉपियां निकलीं। वहीं, 10वीं क्लास तक के स्टूडेंट का बैग चेक किया गया तो ये लगभग 3 किलो ज्यादा यानी 8 किलो पाया गया। इसे लेकर डॉक्टर पहले ही बता चुके हैं कि ज्यादा वजन वाले बैग से बच्चों के कंधों और पीठ में प्रॉब्लम आ सकती है। इसके बाद भी स्कूलों का यह हाल है। इस बारे में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा भी कह रहे हैं कि ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द की जाएगी। बैग के वजन के नियम का पालन न करा पाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अब तक किसी पर कार्रवाई हुई नहीं है। हरियाणा शिक्षा विभाग के तय किया क्लास वाइज बैग का वजन… ग्राउंड जीरो पर भास्कर के रियलिटी चेक में क्या मिला, जानिए…. 1-1 किताब आधा-आधा किलो की
भास्कर ने जब क्लास-1 से क्लास 10 तक के बच्चों का बैग रेंडमली चेक किया तो पाया कि 1-1 किताब का वजन आधा किलो है। कुछ का इससे भी ज्यादा है। खाली बैग का वजन ही 250 से लेकर 800 ग्राम तक है। सेकेंड क्लास के बच्चों के लिए 11 किताबें लगाई गई हैं। यह हाल सरकारी-प्राइवेट दोनों स्कूलों का है। इसमें 5 कॉपियां अलग से हैं और 1 कॉपी 150 ग्राम से कम वजन की नहीं है। हिसार में पहली क्लास के बच्चे के बैग का वजन 5 किलो निकला
पहली क्लास के बच्चे के लिए नई शिक्षा नीति-2025 में बैग का वजन डेढ़ किलो निर्धारित किया गया है। हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग ने भी इतना ही वजन तय किया है, लेकिन हिसार में जब एक स्कूल के क्लास वन के बच्चे के बैग का वेट किया गया तो यह 4 किलो 778 ग्राम निकला। 10वीं क्लास तक अगर किसी क्लास के बच्चों के कंधों पर सबसे ज्यादा भार है तो वह फर्स्ट क्लास के बच्चों पर है। गुरुग्राम में सेकेंड क्लास में 11 तो 10वीं में 15 किताबें
गुरुग्राम में सेकेंड क्लास के बच्चों के बैग का वजन साढ़े 4 किलो से ज्यादा निकला तो उसकी किताबें चेक की गईं। बैग में 11 किताबें निकलीं। इसमें सबसे बड़ी किताब का वेट 472 ग्राम था। 11 किताबों के अलावा 6 कॉपियां भी हैं। किताबों की जांच करने पर पता चला कि प्राइवेट पब्लिशर की किताबें NCERT की किताबों की तुलना में भारी हैं। सेकेंड क्लास के बच्चे के बैग से NCERT की 3 किताबें मिलीं, जिनका वेट सवा किलो के लगभग रहा। जबकि, 1 प्राइवेट किताब का वजन ही 400 ग्राम से ज्यादा है। रेवाड़ी में छठी क्लास वाले उठा रहे दोगुना भार
रेवाड़ी में छठी क्लास के बच्चे के बैग का वजन किया गया तो यह सरकार के निर्धारित नियमों से दोगुना निकला। नियम के अनुसार छठी से 7वीं क्लास के बच्चे के बैग का वेट 4 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए, लेकिन यह 7 किलो 540 ग्राम निकला। इसमें टिफिन और पानी की बोतल का वजन शामिल नहीं है। 10वीं क्लास के बच्चे भी उठा रहे ज्यादा वजन
सोनीपत के एक स्कूल के 10वीं क्लास के बच्चों को रोककर जब उनके बैग का वजन किया तो ये लगभग 8 किलो (7 किलो 719 ग्राम) निकला। 10वीं क्लास में पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए सरकार ने बैग का वजन 5 किलो तक निर्धारित किया है। बैग का वेट करने के दौरान कुछ पेरेंट्स डरे भी नजर आए। उनका कहना था कि स्कूल को पता चला तो बच्चों को परेशान किया जाएगा। एक अन्य स्कूल के बच्चे के बैग का वजन किया गया तो यह 5 किलो 555 ग्राम निकला। इसमें किताबों का वेट 4 किलो 675 ग्राम रहा। पेरेंट्स का कहना है कि अभी सत्र शुरू हुआ है तो ऐसे में कुछ किताबें बच्चों को मिली भी नहीं हैं। प्रिंसिपल बोले- बच्चों की सोशल डेवलपमेंट को इफेक्ट करता है भार
सोनीपत के हिंदू विद्यापीठ स्कूल के प्रिंसिपल नरेंद्र कुमार ने कहा- राष्ट्रीय नीति 2025 में भी बच्चों के स्कूल बैग के भार को लेकर नियम बनाए गए हैं। सभी स्कूलों को बच्चों के सोशल डेवलपमेंट का ध्यान रखना चाहिए। ज्यादा भार बच्चों की सोशल डेवलपमेंट को इफेक्ट करता है। बच्चों के बैग का भार जरूर ज्यादा है, लेकिन उन्होंने भार घटाने के लिए फॉर्मूला तय किया है। टीचर्स को डे और पीरियड के हिसाब से बच्चों को किताबें लाने का फॉर्मेट बनाया गया है। डॉक्टर बोले- ज्यादा वजन रीढ़ का पॉस्चर खराब करेगा
हड्डियों के डॉक्टर गौरव कामरा ने बताया कि ज्यादा वजन का बैग उठाने से स्पाइन का पॉश्चर खराब हो जाता है। मसल को इफेक्ट करता है। आगे जाकर भविष्य में दर्द की दिक्कत हो सकती है। बैग का वजन बच्चे की उम्र या क्लास से तय करना ही गलत है। यह बच्चे के वेट के हिसाब से होना चाहिए। मान लो अगर बच्चा 10 किलो का है और बैग का वजन भी इतना है तो उसे सबसे जल्दी दिक्कत आएगी। भास्कर से बोले शिक्षा मंत्री- स्कूलों की मान्यता रद्द करेंगे, अधिकारियों पर एक्शन होगा दैनिक भास्कर ने इस ग्राउंड रिपोर्ट को लेकर प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से बात की। मंत्री ने कहा- जो स्कूल हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के नियम नहीं मानेगा, उसकी मान्यता तुरंत रद्द कर दी जाएगी, चाहे वह कितने भी बड़े व्यक्ति या संस्था का स्कूल हो। किसी की मनमानी नहीं चलेगी। किताबें और स्कूल बैग के वजन को चेक करने की जिम्मेदारी DWO और DEO को दी गई है। अगर वे किताबें और स्कूल बैग के वजन को लेकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं तो उनसे भी पूछा जाएगा। मैं तो केवल नियम बना सकता हूं, उन्हें फॉलो कराना जिला स्तर के अधिकारियों का काम है। अगर वे अपना काम अच्छे से नहीं कर रहे हैं तो उन पर भी एक्शन लिया जाएगा। (इनपुट: हिसार से चेतन सिंह, सोनीपत से राम सिंहमार, गुरुग्राम से निरंजन कुमार, जींद से प्रदीप कौशिक, रेवाड़ी से विक्रम बनेटा) ===================== ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा में प्राइवेट स्कूल-बुक सेलर का गठजोड़:57 शिकायतें मिलीं; जांच के लिए HCS अधिकारियों की कमेटी बनाई हरियाणा में शिक्षा विभाग के पास महंगी किताबें बेचने के लिए निजी स्कूलों और पुस्तक विक्रेताओं के बीच सांठगांठ की 57 शिकायतें सामने आई हैं। शिक्षा विभाग ने जांच के लिए HCS अधिकारियों की एक कमेटी गठित की गई है, जो पूरे मामले की समीक्षा कर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा को रिपोर्ट सौंपेगी। पढ़ें पूरी खबर   हरियाणा | दैनिक भास्कर