अंसल मामले में NCLAT में सुनवाई पूरी:25 अप्रैल को आएगा फैसला; आदेश पर मिल सकता है स्टे

अंसल मामले में NCLAT में सुनवाई पूरी:25 अप्रैल को आएगा फैसला; आदेश पर मिल सकता है स्टे

अंसल API और सुशांत गोल्फ सिटी से जुड़े विवाद में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने आवंटियों, निवेशकों और लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की अपीलों पर सुनवाई पूरी कर ली। ट्रिब्यूनल ने फैसला सुरक्षित रखते हुए 25 अप्रैल को सुनाएगा। फैसले की तारीख नजदीक आने के साथ ही करीब 5,000 से अधिक आवंटियों और निवेशकों में राहत की उम्मीद जाग गई है। सुनवाई के दौरान सरोजनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह अधिवक्ता के रूप में अपनी टीम के साथ मौजूद रहे और आवंटियों की तरफ से पक्ष रखा। 300 खरीदारों की ओर से पेश की गई अपील
सुशांत गोल्फ सिटी टाउनशिप के निवेशक गगन टंडन ने बताया कि इस मामले में लगभग 300 खरीदारों की ओर से अपील दायर की गई थी। वह और कुश अग्रवाल मामले की पैरवी के लिए दिल्ली पहुंचे थे। NCLAT में हुई सुनवाई में आवंटियों, निवेशकों, LDA और रेरा के वकीलों ने मजबूती से अपना पक्ष रखा। बिना विभागों की बात सुने सुनाया गया था NCLT का फैसला
गगन टंडन ने बताया कि अंसल ग्रुप ने न केवल बंधक जमीन बेच दी, बल्कि नक्शा पास कराने का शुल्क भी जमा नहीं किया। कॉलोनी विकसित करने का लाइसेंस स्पष्ट रूप से इस शर्त पर दिया गया था कि अगर अंसल विकास कार्य नहीं करेगा, तो LDA खुद बंधक जमीन बेचकर विकास कार्य करवाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सिर्फ एक फाइनेंस कंपनी के 83 करोड़ रुपए के बकाये को आधार बनाकर NCLT द्वारा अंसल को दिवालिया घोषित करना विभागों का पक्ष सुने बिना लिया गया फैसला है, जो न्यायोचित नहीं कहा जा सकता। उम्मीद जताई कि NCLAT के फैसले से NCLT के आदेश पर रोक लग सकती है अंसल API और सुशांत गोल्फ सिटी से जुड़े विवाद में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने आवंटियों, निवेशकों और लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की अपीलों पर सुनवाई पूरी कर ली। ट्रिब्यूनल ने फैसला सुरक्षित रखते हुए 25 अप्रैल को सुनाएगा। फैसले की तारीख नजदीक आने के साथ ही करीब 5,000 से अधिक आवंटियों और निवेशकों में राहत की उम्मीद जाग गई है। सुनवाई के दौरान सरोजनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह अधिवक्ता के रूप में अपनी टीम के साथ मौजूद रहे और आवंटियों की तरफ से पक्ष रखा। 300 खरीदारों की ओर से पेश की गई अपील
सुशांत गोल्फ सिटी टाउनशिप के निवेशक गगन टंडन ने बताया कि इस मामले में लगभग 300 खरीदारों की ओर से अपील दायर की गई थी। वह और कुश अग्रवाल मामले की पैरवी के लिए दिल्ली पहुंचे थे। NCLAT में हुई सुनवाई में आवंटियों, निवेशकों, LDA और रेरा के वकीलों ने मजबूती से अपना पक्ष रखा। बिना विभागों की बात सुने सुनाया गया था NCLT का फैसला
गगन टंडन ने बताया कि अंसल ग्रुप ने न केवल बंधक जमीन बेच दी, बल्कि नक्शा पास कराने का शुल्क भी जमा नहीं किया। कॉलोनी विकसित करने का लाइसेंस स्पष्ट रूप से इस शर्त पर दिया गया था कि अगर अंसल विकास कार्य नहीं करेगा, तो LDA खुद बंधक जमीन बेचकर विकास कार्य करवाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सिर्फ एक फाइनेंस कंपनी के 83 करोड़ रुपए के बकाये को आधार बनाकर NCLT द्वारा अंसल को दिवालिया घोषित करना विभागों का पक्ष सुने बिना लिया गया फैसला है, जो न्यायोचित नहीं कहा जा सकता। उम्मीद जताई कि NCLAT के फैसले से NCLT के आदेश पर रोक लग सकती है   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर