Rajasthan News: 3 दशक बाद यमुना जल पर जगी उम्मीदें, भजनलाल शर्मा सरकार इस प्रोजेक्ट पर करेगी काम

Rajasthan News: 3 दशक बाद यमुना जल पर जगी उम्मीदें, भजनलाल शर्मा सरकार इस प्रोजेक्ट पर करेगी काम

<p style=”text-align: justify;”><strong>Jaipur News:</strong> 30 साल पुरानी प्यास अब बुझने को है! राजस्थान के रेतीले इलाके &ndash; सीकर, चुरू और झुंझुनूं &ndash; जो दशकों से जल संकट से जूझ रहे थे, अब यमुना के मीठे पानी की आस में हैं. इसी सिलसिले में 21 अप्रैल को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) पिलानी में एक अहम समीक्षा बैठक करेंगे. इस बैठक में हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आधिकारिक बयान के अनुसार, यह बैठक हरियाणा और राजस्थान की संयुक्त कार्यबल की दूसरी बैठक से पहले आयोजित की जा रही है, जो 25 अप्रैल को हिसार में होगी. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार इस पहल की जड़ें 1994 के यमुना जल समझौते में हैं, जिसके तहत ताजेवाला हैड (अब हथिनीकुंड बैराज) से राजस्थान को हर साल 577 एम.सी.एम. (1917 क्यूसेक) जल आवंटित किया गया था. लेकिन यह आवंटन अब तक केवल कागजों में सिमटा रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>17 फरवरी 2024 को हुआ था ऐतिहासिक समझौता</strong><br />30 सालों की इस जमी हुई फाइल को आखिरकार 17 फरवरी 2024 को गति मिली, जब राजस्थान और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों तथा केंद्रीय जलशक्ति मंत्री की उपस्थिति में एक ऐतिहासिक समझौता हुआ. इस समझौते के तहत ताजेवाला हैड से राजस्थान तक पेयजल लाने के लिए प्रवाह प्रणाली की संयुक्त DPR (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने पर सहमति बनी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान और हरियाणा दोनों राज्यों ने DPR के लिए संयुक्त कार्यबल का गठन किया है. इसी दिशा में 26 मार्च 2025 को चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों की बैठक हुई. इसके बाद 7 अप्रैल को यमुनानगर में पहली संयुक्त टास्क फोर्स बैठक हुई, जिसमें जल पाइपलाइन के संभावित ‘अलाइनमेंट’ और धरातलीय परीक्षणों पर चर्चा की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>3 भूमिगत पाइपलाइन से पहुंचेगा यमुना जल</strong><br />इस योजना के तहत 3 भूमिगत पाइपलाइनों के जरिये हथिनीकुंड बैराज से चुरू जिले के हांसियावास जलाशय तक जल लाने का प्रस्ताव है. अगर यह योजना समयबद्ध रूप से क्रियान्वित होती है, तो न केवल हजारों लोगों की प्यास बुझेगी, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक जीवन में भी बड़ा परिवर्तन आएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जल संकट से जूझते राजस्थान के इन जिलों के लिए यह पहल किसी संजीवनी से कम नहीं. मुख्यमंत्री शर्मा की सक्रियता, केंद्र का सहयोग और दोनों राज्यों की समन्वय भावना इस सपने को जल्द ही हकीकत में बदल सकते हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jaipur News:</strong> 30 साल पुरानी प्यास अब बुझने को है! राजस्थान के रेतीले इलाके &ndash; सीकर, चुरू और झुंझुनूं &ndash; जो दशकों से जल संकट से जूझ रहे थे, अब यमुना के मीठे पानी की आस में हैं. इसी सिलसिले में 21 अप्रैल को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) पिलानी में एक अहम समीक्षा बैठक करेंगे. इस बैठक में हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आधिकारिक बयान के अनुसार, यह बैठक हरियाणा और राजस्थान की संयुक्त कार्यबल की दूसरी बैठक से पहले आयोजित की जा रही है, जो 25 अप्रैल को हिसार में होगी. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार इस पहल की जड़ें 1994 के यमुना जल समझौते में हैं, जिसके तहत ताजेवाला हैड (अब हथिनीकुंड बैराज) से राजस्थान को हर साल 577 एम.सी.एम. (1917 क्यूसेक) जल आवंटित किया गया था. लेकिन यह आवंटन अब तक केवल कागजों में सिमटा रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>17 फरवरी 2024 को हुआ था ऐतिहासिक समझौता</strong><br />30 सालों की इस जमी हुई फाइल को आखिरकार 17 फरवरी 2024 को गति मिली, जब राजस्थान और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों तथा केंद्रीय जलशक्ति मंत्री की उपस्थिति में एक ऐतिहासिक समझौता हुआ. इस समझौते के तहत ताजेवाला हैड से राजस्थान तक पेयजल लाने के लिए प्रवाह प्रणाली की संयुक्त DPR (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने पर सहमति बनी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान और हरियाणा दोनों राज्यों ने DPR के लिए संयुक्त कार्यबल का गठन किया है. इसी दिशा में 26 मार्च 2025 को चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों की बैठक हुई. इसके बाद 7 अप्रैल को यमुनानगर में पहली संयुक्त टास्क फोर्स बैठक हुई, जिसमें जल पाइपलाइन के संभावित ‘अलाइनमेंट’ और धरातलीय परीक्षणों पर चर्चा की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>3 भूमिगत पाइपलाइन से पहुंचेगा यमुना जल</strong><br />इस योजना के तहत 3 भूमिगत पाइपलाइनों के जरिये हथिनीकुंड बैराज से चुरू जिले के हांसियावास जलाशय तक जल लाने का प्रस्ताव है. अगर यह योजना समयबद्ध रूप से क्रियान्वित होती है, तो न केवल हजारों लोगों की प्यास बुझेगी, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक जीवन में भी बड़ा परिवर्तन आएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जल संकट से जूझते राजस्थान के इन जिलों के लिए यह पहल किसी संजीवनी से कम नहीं. मुख्यमंत्री शर्मा की सक्रियता, केंद्र का सहयोग और दोनों राज्यों की समन्वय भावना इस सपने को जल्द ही हकीकत में बदल सकते हैं.</p>  राजस्थान Delhi News: दिल्ली HC से ली मेरिडियन होटल प्रबंधन को राहत, पुलिस की दंडात्मक कार्रवाई पर लगाई रोक