हरियाणा में करनाल से क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसाइटी ने करनाल के मुख्यमंत्री आवास से पैदल यात्रा शुरू कर दी है। क्लर्क पैदल-पैदल ही चंडीगढ़ मुख्यमंत्री आवास पर जाएंगे। इस यात्रा में कई कर्मचारियों के परिवार अपने बच्चों सहित इस यात्रा में शामिल हैं। जो इस गर्मी में कर्मचारियों के साथ पैदल यात्रा कर रहे हैं। क्लेरिकल एसोसिएशन की मांग है कि 15 अगस्त 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल और सीएडब्ल्युएस के नेतृत्व के बीच 35 दिन को ड्यूटी पीरियड और 7 दिन की ईएल काटने के समझौते और कार्य समीक्षा अनुसार 1 जनवरी 2016 से 35400 रुपए लागू किया जाए। क्लर्क पहले भी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे है, लेकिन आज तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया। हमारी जायज मांगे लेकिन सरकार नहीं कर रही पूरा एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि हम अपना हक मांग रहे है। क्लर्क जो कार्य कर रहे है, उसी के आधार पर वेतन चाहते है और सरकार भी मानती है कि हमारी मांगे जायज है लेकिन पूरा नहीं करती। 35400 रुपए हमारा बेसिक वेतन है और इस वेतन को देने में आनाकानी कर रही है और कर्मचारियों से झूठे वादे करती है। जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करेगी, हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। बढ़ता जाएगा काफिला कर्मचारी सोहन अखिलेश, रामकुमार, संदीप व राजेश का कहना है कि हमारे अन्य साथी भी अलग-अलग जिलों से चले हुए है और चंडीगढ़ के लिए रवाना हो चुके है। जैसे जैसे हमारा काफिला आगे बढ़ता जाएगा। हमारे साथी अन्य जिलों से भी हमारे काफिले में जुड़ते जाएंगे, और जब हम चंडीगढ़ पहुंचेंगे तो करीब 15 हजार कर्मचारी होंगे। सरकार से हो चुकी है मीटिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार के साथ दो-तीन मीटिंग हो चुकी है और ये सभी बैठके बेनतीजा रही है। एक तरफ तो सरकार हमारी मांगों को जायज बताती है, और दूसरी तरफ इन मांगों को लागू भी नहीं करती। परिवार के साथ चंडीगढ चला परिवार एसोसिएशन में एक क्लर्क ऐसा भी शामिल हुआ, जो अपने परिवार के साथ ही चंडीगढ़ पैदल यात्रा पर निकला है। क्लर्क परमजीत सिंह करनाल में ही ड्यूटी देता है, वह अपनी पत्नी व दोनों बेटियों को साथ लेकर चल रहा है। पत्नी का कहना है कि वह अपने पति का साथ दे रही है, वे परिवार के लिए ही कमाते है इसलिए पूरा परिवार उनके साथ है। बच्चों को इसलिए साथ लेकर चले है, ताकि बच्चों को भी पता चले कि संघर्ष किसे कहते है? सिविल लाइन पुलिस अलर्ट पैदल यात्रा के कारण किसी तरह की कानून व्यवस्था बाधित न हो, इसके लिए सिविल लाइन करनाल पुलिस अलर्ट मोड पर है। थाना प्रभारी विष्णु मित्र स्वयं पैदल-पैदल कर्मचारियों के साथ चल रहे है। हरियाणा में करनाल से क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसाइटी ने करनाल के मुख्यमंत्री आवास से पैदल यात्रा शुरू कर दी है। क्लर्क पैदल-पैदल ही चंडीगढ़ मुख्यमंत्री आवास पर जाएंगे। इस यात्रा में कई कर्मचारियों के परिवार अपने बच्चों सहित इस यात्रा में शामिल हैं। जो इस गर्मी में कर्मचारियों के साथ पैदल यात्रा कर रहे हैं। क्लेरिकल एसोसिएशन की मांग है कि 15 अगस्त 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल और सीएडब्ल्युएस के नेतृत्व के बीच 35 दिन को ड्यूटी पीरियड और 7 दिन की ईएल काटने के समझौते और कार्य समीक्षा अनुसार 1 जनवरी 2016 से 35400 रुपए लागू किया जाए। क्लर्क पहले भी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे है, लेकिन आज तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया। हमारी जायज मांगे लेकिन सरकार नहीं कर रही पूरा एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि हम अपना हक मांग रहे है। क्लर्क जो कार्य कर रहे है, उसी के आधार पर वेतन चाहते है और सरकार भी मानती है कि हमारी मांगे जायज है लेकिन पूरा नहीं करती। 35400 रुपए हमारा बेसिक वेतन है और इस वेतन को देने में आनाकानी कर रही है और कर्मचारियों से झूठे वादे करती है। जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करेगी, हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। बढ़ता जाएगा काफिला कर्मचारी सोहन अखिलेश, रामकुमार, संदीप व राजेश का कहना है कि हमारे अन्य साथी भी अलग-अलग जिलों से चले हुए है और चंडीगढ़ के लिए रवाना हो चुके है। जैसे जैसे हमारा काफिला आगे बढ़ता जाएगा। हमारे साथी अन्य जिलों से भी हमारे काफिले में जुड़ते जाएंगे, और जब हम चंडीगढ़ पहुंचेंगे तो करीब 15 हजार कर्मचारी होंगे। सरकार से हो चुकी है मीटिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार के साथ दो-तीन मीटिंग हो चुकी है और ये सभी बैठके बेनतीजा रही है। एक तरफ तो सरकार हमारी मांगों को जायज बताती है, और दूसरी तरफ इन मांगों को लागू भी नहीं करती। परिवार के साथ चंडीगढ चला परिवार एसोसिएशन में एक क्लर्क ऐसा भी शामिल हुआ, जो अपने परिवार के साथ ही चंडीगढ़ पैदल यात्रा पर निकला है। क्लर्क परमजीत सिंह करनाल में ही ड्यूटी देता है, वह अपनी पत्नी व दोनों बेटियों को साथ लेकर चल रहा है। पत्नी का कहना है कि वह अपने पति का साथ दे रही है, वे परिवार के लिए ही कमाते है इसलिए पूरा परिवार उनके साथ है। बच्चों को इसलिए साथ लेकर चले है, ताकि बच्चों को भी पता चले कि संघर्ष किसे कहते है? सिविल लाइन पुलिस अलर्ट पैदल यात्रा के कारण किसी तरह की कानून व्यवस्था बाधित न हो, इसके लिए सिविल लाइन करनाल पुलिस अलर्ट मोड पर है। थाना प्रभारी विष्णु मित्र स्वयं पैदल-पैदल कर्मचारियों के साथ चल रहे है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में पूर्व खेल मंत्री की मुश्किलें बढ़ीं:यौन शोषण के आरोप लगाने वाली कोच ने SIT जांच रिपोर्ट मांगी; चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी
हरियाणा में पूर्व खेल मंत्री की मुश्किलें बढ़ीं:यौन शोषण के आरोप लगाने वाली कोच ने SIT जांच रिपोर्ट मांगी; चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हरियाणा की जूनियर महिला कोच यौन शोषण केस में पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की और मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। चंडीगढ़ कोर्ट में चल रहे इस केस में जूनियर महिला कोच की ओर से हरियाणा सरकार की ओर से गठित की गई SIT की रिपोर्ट के लिए एप्लिकेशन दी है। इस एप्लिकेशन में लिखा है कि 29 दिसंबर को हरियाणा सरकार ने SIT बनाई थी, इसके गठन से जुड़े दस्तावेज व नोटिफिकेशन वो कागज लगे थे उसे कोर्ट में पेश किए जाएं। इसकी रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश करने की मांग कोच की ओर से की गई है। इसके अलावा हरियाणा पुलिस के द्वारा जो भी इस मामले में कार्रवाई की गई है, वह कोर्ट में पेश किए जाएं जूनियर महिला कोच के वकील दिपांशु बंसल ने एप्लिकेशन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 94 के तहत कोर्ट में एप्लिकेशन लगाई है। 21 सितंबर को होंगे गवाहों के बयान
कोर्ट ने कोच की एप्लिकेशन स्वीकार कर ली है। अब अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की कोर्ट लगी है। कोच के वकील दिपांशु बंसल ने बताया कि इस डेट को सरकारी पक्ष के गवाहों के बयान शुरू होंगे। इसके अलावा इस एप्लिकेशन पर केस में आरोपी हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की ओर से जवाब दाखिल किया जाएगा। संदीप सिंह पर तय हो चुके आरोप
जूनियर महिला कोच के यौन शोषण मामले में चंडीगढ़ की कोर्ट ने 18 दिन पहले हुई सुनवाई के दौरान आरोप तय कर दिए थे। संदीप सिंह के खिलाफ कोर्ट ने IPC की धारा 354, 354 A, 354 B, 506 और 509 के तहत किए गए आरोप तय किए हैं। इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की आरोपों को हटाने की याचिका और पीड़िता की ओर रेप की कोशिश की धारा जोड़ने की याचिका खारिज कर दी थी। कोच के आरोपों के बाद संदीप सिंह से खेल विभाग वापस ले लिया गया था। हालांकि तत्कालीन सीएम मनोहर लाल की कैबिनेट में वह मंत्री बने रहे। हालांकि खट्टर की जगह नायब सैनी के CM बनने के बाद संदीप को दोबारा मंत्री नहीं बनाया गया। महिला कोच के संदीप पर लगाए 5 गंभीर आरोप 1. मंत्री ने स्नैपचैट व इंस्टाग्राम पर मैसेज भेजे
जूनियर महिला कोच ने आरोप लगाया था कि 2016 रियो ओलिंपिक में हिस्सा लेने के बाद वह खेल विभाग में जूनियर कोच के तौर पर भर्ती हुई थी। जिसके बाद खेल मंत्री संदीप सिंह ने इंस्टाग्राम और स्नैपचैट पर उसको मैसेज भेजे। फिर मुझे चंडीगढ सेक्टर 7 लेक साइड मिलने के लिए बुलाया। मैं नहीं गई तो वे मुझे इंस्टाग्राम पर ब्लॉक और अनब्लॉक करते रहे। महिला कोच के आरोपों के मुताबिक 1 जुलाई को मंत्री ने उसे स्नैपचैट कॉल किया। जिसमें डॉक्यूमेंट्स वैरिफिकेशन के लिए मुझे सेक्टर 7, चंडीगढ़ में अपने आवास पर आने के लिए कहा। 2. मंत्री ने कहा- तुम मुझे खुश रखो, मैं तुम्हें खुश रखूंगा
महिला कोच ने कहा कि इसके बाद वह मंत्री के सरकारी घर पर पहुंची। वहां वे कैमरा वाले ऑफिस में नहीं बैठना चाहते थे। वह मुझे अलग केबिन में लेकर गए। वहां मेरे पैर पर हाथ रखा। मंत्री ने कहा कि तुम मुझे खुश रखो, मैं तुम्हें खुश रखूंगा। मेरी बात मानने पर आपको सभी सुविधाएं और मनचाही जगह पोस्टिंग मिलेगी। 3. मेरी टी-शर्ट फट गई
महिला कोच ने संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि शाम करीब 6.50 बजे मंत्री संदीप सिंह ने उससे छेड़छाड़ की। इस दौरान महिला कोच की टी-शर्ट फट गई। किसी तरह वह उनके चंगुल से छूटकर बाहर गई। 4. बात नहीं मानी तो ट्रांसफर कर दिया
महिला कोच ने आरोप लगाया कि जब मैंने मंत्री की बात नहीं मानी तो मेरी ट्रांसफर कर दी गई। मेरी ट्रेंनिग तक रोक दी गई। मैंने घटना की शिकायत के लिए DGP कार्यालय, CM हाउस और तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज समेत हर स्तर पर प्रयास किया, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। 5. रेप की कोशिश के भी लगाए थे आरोप
इसके बाद महिला कोच ने दावा किया था कि संदीप सिंह ने उसे डॉक्यूमेंट चेक करने के लिए चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास बुलाकर रेप करने की कोशिश की थी। वह उनके घर पहुंची और स्टाफ से वॉशरूम पूछा। स्टाफ ने उसे बैडरुम के वॉशरूम में भेज दिया। जब वह बाहर आई तो मंत्री उसके सामने खड़ा हुआ था। उसने अचानक मेरा हाथ पकड़ कर सामने पड़े बेड पर पुश कर दिया। इसके बाद मैं बेड पर गिर गई और वह भी इस दौरान बेड पर आ गया।कोच ने दावा किया कि उसने उसकी टी-शर्ट पकड़कर ऊपर करने की कोशिश की। इसके बाद मेरे नजदीक आने और मुझे किस करने की कोशिश की। उसने यह भी दावा किया था कि उसके द्वारा मंत्री से छोड़ने की काफी रिक्वेस्ट की गई, लेकिन मंत्री उसे जबरन बाथरुम में लेकर गया, जहां उसने अपना लोअर भी उतार दिया। साथ ही मुझे काफी फोर्स से अपनी ओर खींचा। इस दौरान मंत्री ने बाथरुम की कुंडी भी लगा दी। जब मैंने इसका विरोध किया गया तो वह मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा। जब मंत्री नहीं माना तो मैंने उनको थप्पड़ मार दिया। इसके बाद मंत्री ने भी मुझे भी थप्पड़ मारा। इस पर मैं रोने लगी। तब मंत्री कहने लगा कि स्पोर्ट्स वाली लड़कियां वर्जिन नहीं होती हैं। मंत्री संदीप ने कहा था- आरोप गलत, ट्रांसफर किया तो साजिश
खेल मंत्री रहते संदीप ने इन सब आरोपों को खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है। जिसमें उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला कोच पंचकूला में रहने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है। उन्होंने महिला कोच का ट्रांसफर झज्जर कर दिया और वह पंचकूला रहना चाहती थी, इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है। आरोप तय होने में डेढ़ साल का समय लगा
संदीप सिंह के खिलाफ आरोप तय करने की कार्रवाई में ही लगभग डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय लगा है। 26 दिसंबर 2022 को जूनियर महिला कोच ने हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित अन्य आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दी थी। जांच के बाद 31 दिसंबर की रात 11 बजे सेक्टर-26 थाने में संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 354, 354ए, 354बी, 506 के तहत पुलिस ने केस दर्ज किया था। चंडीगढ़ पुलिस की SIT ने की जांच
इस मामले की जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने DSP पलक गोयल के सुपरविजन में मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई थी। इसमें साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत सिंह, महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर उषा और एक महिला एसआई को शामिल किया गया था। एसआईटी की जांच के बाद संदीप सिंह के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 509 भी जोड़ी थी।
विनेश फोगाट की पूर्व CM हुड्डा से मुलाकात:प्रियंका गांधी से भी मिलेंगी; बबीता फोगाट के खिलाफ कांग्रेस से चुनाव लड़ने की चर्चा
विनेश फोगाट की पूर्व CM हुड्डा से मुलाकात:प्रियंका गांधी से भी मिलेंगी; बबीता फोगाट के खिलाफ कांग्रेस से चुनाव लड़ने की चर्चा हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। इन चर्चाओं के बीच विनेश ने शुक्रवार को नई दिल्ली में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की। चर्चा विनेश की प्रियंका गांधी से मुलाकात की भी थी, लेकिन यह मुलाकात नहीं हुई। विनेश 5 दिन पहले ही पेरिस से भारत लौटी हैं। वहीं, विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर हुड्डा ने कहा, “यह एक काल्पनिक सवाल है, लेकिन एथलीट सिर्फ एक पार्टी के नहीं होते। वे पूरे देश के होते हैं। अगर कोई पार्टी में शामिल होता है, तो आपको पता चल जाएगा। जो भी पार्टी में शामिल होता है, हम उसका स्वागत करते हैं, लेकिन यह एक काल्पनिक सवाल है। यह उन (विनेश) पर निर्भर करता है।” हुड्डा ने कहा कि विनेश के साथ अन्याय हुआ है। उन्हें उनका उचित सम्मान मिलना चाहिए। उन्हें राज्यसभा में मनोनीत किया जाना चाहिए। सचिन तेंदुलकर जैसे सम्मान के लिए कहा
हुड्डा यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, “मैंने बोला था कि उन्हें वही सम्मान मिलना चाहिए जो स्वर्ण पदक विजेता को मिलता है। उन्हें वह नहीं मिला। सरकार ने उनके लिए रजत पदक सम्मान की घोषणा की। मैंने कहा था कि जैसे सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा में मनोनीत किया गया था, वैसे ही उन्हें भी मनोनीत किया जाना चाहिए। उन्हें न्याय नहीं मिला।” वहीं, विनेश फोगाट से मुलाकात की फोटो सोशल मीडिया (X) पर शेयर करते हुए सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने लिखा, “दिल्ली निवास पर देश की बेटी, हरियाणा की शान, हमारी बहन विनेश फोगाट और उनके पति भाई सोमवीर राठी से पारिवारिक भेंट हुई।” मुलाकात के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा, पत्नी आशा हुड्डा और दीपेंद्र की पत्नी श्वेता हुड्डा मौजूद थे। विनेश के साथ उनके पति सोमवीर राठी भी पहुंचे थे। चचेरी बहन के सामने चुनाव लड़ने की चर्चा
बता दें कि विनेश फोगाट की चचेरी बहन दंगल गर्ल बबीता फोगाट इस समय BJP में है। बबीता ने 2019 का चुनाव बीजेपी की टिकट पर दादरी से लड़ा था। ऐसे में चर्चा है कि विनेश कांग्रेस में शामिल होकर चचेरी बहन के खिलाफ दादरी में चुनाव लड़ सकती हैं। फाइनल ले पहले डिस्क्वालिफाई की गईं विनेश फोगाट
गौरतलब है कि विनेश 5 दिन पहले ही पेरिस से लौटी हैं। पेरिस ओलिंपिक में उन्होंने 50KG फ्री-स्टाइल कुश्ती कैटेगरी के फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन 7 अगस्त को फाइनल खेलने से पहले 100 ग्राम वजन अधिक पाए जाने पर उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था। कुश्ती से संन्यास का ऐलान
इसके बाद विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया। इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी डाली थी। उसमें लिखा था, “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।” भारत लौटने पर ग्रैंड वेलकम
विनेश फोगाट पेरिस से 17 अगस्त को भारत लौटीं। इसके बाद एयरपोर्ट से लेकर उनके गांव बलाली तक 125 किलोमीटर लंबा रोड शो निकाला गया। इस रोड शो में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल हुए थे। जगह-जगह विनेश का ग्रैंड वेलकम किया गया।
गुरुग्राम में सोहना सीट पर कई दिग्गजों की नजर:पूर्व MP जौनपुरिया तलाश रहे राजनीतिक जमीन; रिटायर्ड HCS नरेंद्र यादव दे रहे टक्कर
गुरुग्राम में सोहना सीट पर कई दिग्गजों की नजर:पूर्व MP जौनपुरिया तलाश रहे राजनीतिक जमीन; रिटायर्ड HCS नरेंद्र यादव दे रहे टक्कर हरियाणा के गुरुग्राम में बढ़ रहे चुनावी पारे के बीच सोहना-तावडू विधानसभा सीट भी इस समय हॉट सीट बनी हुई है। यहां पर मौजूदा भाजपा विधायक एवं मंत्री संजय सिंह की टिकट पर तलवार लटकी हुई है। वहीं 2014 से राजस्थान में राजनीति कर रहे वाले सुखबीर जौनपुरिया एक बार फिर से इस एरिया में चुनावी रण में कूदने की रणनीति बना रहे हैं। हालांकि पूर्व सूचना आयुक्त एवं एचसीएस अधिकारी नरेंद्र सिंह यादव कड़ी चुनौती दे रहे हैं। सोहना-तावडू विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां से अधिकतर बाहरी प्रत्याशी ही चुनाव जीतते आए हैं। एक प्रकार से बाहरी नेताओं के लिए यह सीट सोने से कम नहीं है। यहां के वोटर्स स्थानीय नेताओं को अधिक तवोज्जों नहीं देते हैं। इसी के चलते दूसरे क्षेत्र के आयतित नेता यहां से चुनाव जीतते आए हैं। इस चुनाव में यहां पर राजनीतिक नेताओं व प्रशासनिक सेवा से राजनीति मैदान में कूद रहे नरेंद्र सिंह यादव के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। विधायक की कार्य प्रणाली से लोग नाराज मौजूदा विधायक संजय सिंह की कार्यप्रणाली से स्थानीय लोग खासे नाराज हैं और इसको लेकर कई बार सार्वजनिक तौर पर लोगों ने उनका विरोध भी हो चुका है। चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र के प्रति उनकी उदासीनता ने उनकी टिकट पर भी संशय पैदा कर दिया है। वहीं दूसरी ओर राजस्थान में 10 साल की राजनीतिक पारी खेलने के बाद सुखबीर जौनपुरिया एक बार फिर सोहना का रुख कर रहे हैं। हालांकि पहले वह अपने बेटे के लिए प्रयास कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने कोई सकारात्मक संदेश नहीं दिए तो वह खुद ही चुनावी रण में उतरने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बीजेपी भी हैट्रिक मारने के लिए नए चेहरे, अधिकारियों पर नजर गड़ाए हुए है। शायद बीजेपी से कोई संदेश मिलने के बाद ही नरेंद्र यादव क्षेत्र में लगातार सक्रिय होकर रैली, जनसभाएं कर रहे है। टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा से चुनाव हारे थे जौनापुरिया
2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में सुखबीर जौनपुरिया राजस्थान की टोंक-सवाई माधोपुर सीट से चुनाव जीते थे। हाल के चुनाव में वह 60 हजार से अधिक वोटों से रिटायर्ड आईपीएस कांग्रेस प्रत्याशी हरीश मीणा से परास्त हुए थे। अब वह अपनी सियासी जमीन एक बार फिर से सोहना में तलाशते नजर आ रहे हैं। नरेंद्र यादव को मिल रहा समर्थन
नरेंद्र यादव ने अपने 37 साल के प्रशासनिक कार्यकाल का अधिकतर समय इसी विधानसभा में व्यतित किया है। तहसीलदार, आरटीओ, एसडीएम के रूप में उन्होंने यहां पर आम लोगों के लिए बहुत काम किया। बाघनकी गांव के सरपंच राजबीर ने भास्कर को बताया कि वह सामाजिक कार्यों के साथ ही लोगों से पारिवारिक रिश्ते रखते थे। इसी के चलते हर वर्ग उनको अपना मानता था। प्रशासनिक समझ व अनुभव के चलते लोगों को भी लग रहा है कि नेता के बजाए इस बार प्रशासनिक अधिकारी रहे नरेंद्र यादव पर एतबार किया जाए। खुद नरेंद्र बताते हैं कि क्षेत्र में विकास के साथ ही सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाना और लोगों के काम अधिकारियों से करवाना उन्हें भलीभांति आता है। इसी के चलते आम लोग पूर्व सूचना आयुक्त नरेंद्र यादव की ओर उम्मीद भरी नजरों से देखकर उनको चुनावी रण में उतारने को बेताब हैं। दो नेता ही लगातार दो चुनाव जीते
यहां पर दो बार ही 1968 व 1972 में कन्हैयालाल पोसवाल एवं 1987-1991 में राव धर्मपाल ही लगातार दो चुनाव जीते हैं। इस समीकरण के चलते भी मौजूदा विधायक संजय सिंह की सांसे ऊपर-नीचे हो रहीं हैं।