हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य बोले:रत्न टाटा को भारत रत्न से नवाजा जाए, पहले भी इसी मांग को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चल चुका

हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य बोले:रत्न टाटा को भारत रत्न से नवाजा जाए, पहले भी इसी मांग को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चल चुका

हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण और शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बिजनेस टायकून रत्न टाटा को ‘भारत रत्न’ देने की मांग की है। विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करके इसकी पैरवी की है। भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार 2 जनवरी 1954 से दिया जा रहा है। शुरू में इसे मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था। मगर 1955 में इसे मरणोपरांत देने का भी प्रावधान जोड़ा गया। एक साल में अधिकतम तीन लोगों को यह पुरस्कार दिया जा रहा है। रत्न टाटा का 86 साल की उम्र में बुधवार देर रात निधन हो गया है। उनकी सेवाओं को देखते हुए हिमाचल के मंत्री ने उन्हें भारत रत्न देने की पैरवी की है। भारत के शीर्ष सम्मान से सम्मानित रत्न टाटा भारत के सबसे बड़े ग्रुप टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रत्न टाटा को उद्योग क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई अवार्ड दिए जा चुके हैं। साल 2000 में उन्हें पद्मभूषण से और 2008 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। पहले भी रत्न टाटा को भारत रत्न देने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर हैशटैग भारत रत्न फॉर रत्न टाटा अभियान चलाया जा चुका है। मानवता के लिए खूब काम किया रत्न टाटा ने टाटा ग्रुप के जरिए कई सालों तक देश की सेवा की है। उन्होंने न केवल टाटा ग्रुप के कारोबार को बढ़ाया, बल्कि मानवता के लिए भी खूब काम किए। समय-समय पर जरूरतमंदों को खूब पैसे भी डोनेट किया। कोरोना काल में दिया 1500 करोड़ का दान करोना काल में टाटा समूह ने 1500 करोड़ रुपए का दान दिया। यही वजह कि देशवासी समय समय पर रत्न टाटा को भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण और शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बिजनेस टायकून रत्न टाटा को ‘भारत रत्न’ देने की मांग की है। विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करके इसकी पैरवी की है। भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार 2 जनवरी 1954 से दिया जा रहा है। शुरू में इसे मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था। मगर 1955 में इसे मरणोपरांत देने का भी प्रावधान जोड़ा गया। एक साल में अधिकतम तीन लोगों को यह पुरस्कार दिया जा रहा है। रत्न टाटा का 86 साल की उम्र में बुधवार देर रात निधन हो गया है। उनकी सेवाओं को देखते हुए हिमाचल के मंत्री ने उन्हें भारत रत्न देने की पैरवी की है। भारत के शीर्ष सम्मान से सम्मानित रत्न टाटा भारत के सबसे बड़े ग्रुप टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रत्न टाटा को उद्योग क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई अवार्ड दिए जा चुके हैं। साल 2000 में उन्हें पद्मभूषण से और 2008 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। पहले भी रत्न टाटा को भारत रत्न देने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर हैशटैग भारत रत्न फॉर रत्न टाटा अभियान चलाया जा चुका है। मानवता के लिए खूब काम किया रत्न टाटा ने टाटा ग्रुप के जरिए कई सालों तक देश की सेवा की है। उन्होंने न केवल टाटा ग्रुप के कारोबार को बढ़ाया, बल्कि मानवता के लिए भी खूब काम किए। समय-समय पर जरूरतमंदों को खूब पैसे भी डोनेट किया। कोरोना काल में दिया 1500 करोड़ का दान करोना काल में टाटा समूह ने 1500 करोड़ रुपए का दान दिया। यही वजह कि देशवासी समय समय पर रत्न टाटा को भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं।   हिमाचल | दैनिक भास्कर