BHU में एक और छात्र धरने पर, कहा – प्रवेश देने के बजाय राजनीतिक रूप से अपमानित किया जा रहा

BHU में एक और छात्र धरने पर, कहा – प्रवेश देने के बजाय राजनीतिक रूप से अपमानित किया जा रहा

<p style=”text-align: justify;”><strong>BHU News:</strong> देश की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शोध प्रवेश परीक्षा में लगातार अनियमितता का छात्र आरोप लगा रहे हैं. अब एक और छात्र द्वारा बीते तीन दिनों से विश्वविद्यालय के कुलपति आवास पर धरना देकर पीएचडी प्रवेश परीक्षा में अनियमितता का दावा किया गया है. वहीं &nbsp;इसी मामले से जुड़े काशी हिंदू विश्वविद्यालय की छात्रा अर्चिता सिंह भी प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी का आरोंप लगाते हुए केंद्रीय कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रवेश के बजाय दिया गया मेरे विषय को राजनीतिक रंग- भाष्करादित्य त्रिपाठी</strong><br />&nbsp;BHU शोध प्रवेश परीक्षा के अभ्यार्थी भाष्करादित्य त्रिपाठी नें एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि – हमारे द्वारा काशी हिंदू विश्वविद्यालय का शोध प्रवेश परीक्षा दिया गया था जिसमें EWS आवेदन से 18वीं रैंक है. हमारे सभी प्रमाण पत्र दस्तावेज सही है और आवश्यक अवधि के दौरान हमने यह प्रमाण पत्र भी लगाया है. लेकिन हमें आरोपित किया गया कि एक संगठन के दबाव में आकर हमें प्राथमिकता दी जा रही है. जबकि हकीकत यह है कि हमें सही समय पर BHU में प्रवेश देने के बजाय हमारे जीवन से जुड़े बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय को ही राजनीतिक रंग दे दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-news-akhilesh-yadav-retaliated-on-nishikant-dubey-statements-2929161″><strong>निशिकांत दुबे के बयानों पर अखिलेश यादव ने किया पलटवार, कहा- मुंह न खोलें, उसी में उसकी इज्जत…</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में और शैक्षणिक योग्यता सहित प्रमाण पत्र दस्तावेज के अनुसार शोध अध्ययन के लिए हमारा प्रवेश होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यवश प्रवेश नहीं मिल रहा, इसके बजाय हमें आरोपित किया गया. जबकि जिस छात्रा द्वारा हमारे ऊपर आरोप लगाया गया है, प्रवेश प्रक्रिया के दौरान उनके पास EWS नहीं था. इससे आहत होकर हम धरने पर बैठने के लिए मजबूर हैं. हमारी मांग है कि हमारे साथ न्याय किया जाए. इसके अलावा काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में खासतौर पर ऐसे विषयों को लेकर उन लोगों की दखलअंदाजी को स्वीकार न किया जाए जो राजनीतिक दल अथवा परिसर से संबंधित नहीं है. यह पूरी तरह शैक्षणिक विषय है, इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन को गंभीरता से तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छात्रा अर्चिता भी धरने पर</strong><br />वहीं काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ही अन्य छात्रा अर्चिता सिंह भी प्रवेश परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाते हुए केंद्रीय कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी हैं. उनका कहना है कि एक विशेष संगठन के प्रभाव में आकर उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. &nbsp;जबकि उनकी रैंक 15 वीं है. इस दौरान राजनीतिक दल सहित अन्य संगठन से जुड़े हुए लोग भी अर्चिता से मिलने पहुंचे. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का इस मामले पर साफ कहना है कि जिस भी छात्र ने अंक प्राप्त किए हैं नियम अनुसार ही उसी को प्रवेश दिया जा रहा है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>BHU News:</strong> देश की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शोध प्रवेश परीक्षा में लगातार अनियमितता का छात्र आरोप लगा रहे हैं. अब एक और छात्र द्वारा बीते तीन दिनों से विश्वविद्यालय के कुलपति आवास पर धरना देकर पीएचडी प्रवेश परीक्षा में अनियमितता का दावा किया गया है. वहीं &nbsp;इसी मामले से जुड़े काशी हिंदू विश्वविद्यालय की छात्रा अर्चिता सिंह भी प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी का आरोंप लगाते हुए केंद्रीय कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रवेश के बजाय दिया गया मेरे विषय को राजनीतिक रंग- भाष्करादित्य त्रिपाठी</strong><br />&nbsp;BHU शोध प्रवेश परीक्षा के अभ्यार्थी भाष्करादित्य त्रिपाठी नें एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि – हमारे द्वारा काशी हिंदू विश्वविद्यालय का शोध प्रवेश परीक्षा दिया गया था जिसमें EWS आवेदन से 18वीं रैंक है. हमारे सभी प्रमाण पत्र दस्तावेज सही है और आवश्यक अवधि के दौरान हमने यह प्रमाण पत्र भी लगाया है. लेकिन हमें आरोपित किया गया कि एक संगठन के दबाव में आकर हमें प्राथमिकता दी जा रही है. जबकि हकीकत यह है कि हमें सही समय पर BHU में प्रवेश देने के बजाय हमारे जीवन से जुड़े बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय को ही राजनीतिक रंग दे दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-news-akhilesh-yadav-retaliated-on-nishikant-dubey-statements-2929161″><strong>निशिकांत दुबे के बयानों पर अखिलेश यादव ने किया पलटवार, कहा- मुंह न खोलें, उसी में उसकी इज्जत…</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में और शैक्षणिक योग्यता सहित प्रमाण पत्र दस्तावेज के अनुसार शोध अध्ययन के लिए हमारा प्रवेश होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यवश प्रवेश नहीं मिल रहा, इसके बजाय हमें आरोपित किया गया. जबकि जिस छात्रा द्वारा हमारे ऊपर आरोप लगाया गया है, प्रवेश प्रक्रिया के दौरान उनके पास EWS नहीं था. इससे आहत होकर हम धरने पर बैठने के लिए मजबूर हैं. हमारी मांग है कि हमारे साथ न्याय किया जाए. इसके अलावा काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में खासतौर पर ऐसे विषयों को लेकर उन लोगों की दखलअंदाजी को स्वीकार न किया जाए जो राजनीतिक दल अथवा परिसर से संबंधित नहीं है. यह पूरी तरह शैक्षणिक विषय है, इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन को गंभीरता से तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छात्रा अर्चिता भी धरने पर</strong><br />वहीं काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ही अन्य छात्रा अर्चिता सिंह भी प्रवेश परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाते हुए केंद्रीय कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी हैं. उनका कहना है कि एक विशेष संगठन के प्रभाव में आकर उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. &nbsp;जबकि उनकी रैंक 15 वीं है. इस दौरान राजनीतिक दल सहित अन्य संगठन से जुड़े हुए लोग भी अर्चिता से मिलने पहुंचे. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का इस मामले पर साफ कहना है कि जिस भी छात्र ने अंक प्राप्त किए हैं नियम अनुसार ही उसी को प्रवेश दिया जा रहा है.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सड़क हादसे में चली गई लड़की की जान, वार्ड ब्वॉय ने पोस्टमार्टम से पहले किया ये घिनौना काम