कुरुक्षेत्र पहुंचे शिक्षा मंत्री ढांडा, भुक्कल पर कटाक्ष:बोले- नाच न आवे,आंगन टेढ़ा; विपक्ष के टाइम बिना किताबें स्कूल गए बच्चे

कुरुक्षेत्र पहुंचे शिक्षा मंत्री ढांडा, भुक्कल पर कटाक्ष:बोले- नाच न आवे,आंगन टेढ़ा; विपक्ष के टाइम बिना किताबें स्कूल गए बच्चे

कुरुक्षेत्र में शिक्षा मंत्री आज भगत धन्ना जाट की जयंती पर स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। यहां पर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने भगत धन्ना जाट की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि भगत धन्ना जाट ने अपनी भक्ति से भगवान को साक्षात पाया। उनका जीवन समाज और भक्ति दोनों के लिए एक आदर्श है। महिपाल ढांडा ने पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के आरोप पर कहा कि उनके लिए बस इतना ही कहूंगा, “नाच न आवे, आंगन टेढ़ा”। विपक्ष भ्रामक बातें फैलाता है कि स्कूलों में किताबें नहीं पहुंचीं, जबकि सच्चाई यह है कि इस बार कक्षा शुरू होने से पहले ही किताबें पहुंच चुकी हैं। विपक्ष के समय तो कई बार छह से आठ महीने तक बच्चे किताबों के बिना स्कूल जाते रहे। कुछ बार तो पूरा सत्र बिना किताबों के निकल गया। 85% किताबें पहले ही पहुंचीं ढांडा ने कहा कि इस बार करीब 14 लाख 14 हजार किताबों के सैट तैयार किए गए थे। इनमें से लगभग 85 प्रतिशत यानी 12 लाख सैट पहले ही स्कूलों में भेजे जा चुके थे। शेष 2 लाख सैट 21 अप्रैल तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया था, जिसे विभाग ने समय रहते पूरा कर लिया है। पहली बार पाठ्यपुस्तकों को समयबद्ध तरीके से स्कूलों तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है। अगर कहीं लापरवाही हुई, तो संबंधित अफसर या सप्लायर पर पेनल्टी लगाई जाएगी। सरकारी स्कूलों में दाखिलों में इजाफा उन्होंने कहा कि इस साल सरकारी स्कूलों में पिछले साल से ज्यादा बच्चों ने दाखिला लिया है। ये इस बात का संकेत है कि सरकारी स्कूलों की ओर अब फिर से भरोसा लौट रहा है। किताबों का समय पर पहुंचना शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सीधा असर डालेगा। अब बच्चे पहले दिन से ही पढ़ाई शुरू कर पा रहे हैं। इससे स्कूलों का माहौल भी बदला है। कुरुक्षेत्र में शिक्षा मंत्री आज भगत धन्ना जाट की जयंती पर स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। यहां पर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने भगत धन्ना जाट की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि भगत धन्ना जाट ने अपनी भक्ति से भगवान को साक्षात पाया। उनका जीवन समाज और भक्ति दोनों के लिए एक आदर्श है। महिपाल ढांडा ने पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के आरोप पर कहा कि उनके लिए बस इतना ही कहूंगा, “नाच न आवे, आंगन टेढ़ा”। विपक्ष भ्रामक बातें फैलाता है कि स्कूलों में किताबें नहीं पहुंचीं, जबकि सच्चाई यह है कि इस बार कक्षा शुरू होने से पहले ही किताबें पहुंच चुकी हैं। विपक्ष के समय तो कई बार छह से आठ महीने तक बच्चे किताबों के बिना स्कूल जाते रहे। कुछ बार तो पूरा सत्र बिना किताबों के निकल गया। 85% किताबें पहले ही पहुंचीं ढांडा ने कहा कि इस बार करीब 14 लाख 14 हजार किताबों के सैट तैयार किए गए थे। इनमें से लगभग 85 प्रतिशत यानी 12 लाख सैट पहले ही स्कूलों में भेजे जा चुके थे। शेष 2 लाख सैट 21 अप्रैल तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया था, जिसे विभाग ने समय रहते पूरा कर लिया है। पहली बार पाठ्यपुस्तकों को समयबद्ध तरीके से स्कूलों तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है। अगर कहीं लापरवाही हुई, तो संबंधित अफसर या सप्लायर पर पेनल्टी लगाई जाएगी। सरकारी स्कूलों में दाखिलों में इजाफा उन्होंने कहा कि इस साल सरकारी स्कूलों में पिछले साल से ज्यादा बच्चों ने दाखिला लिया है। ये इस बात का संकेत है कि सरकारी स्कूलों की ओर अब फिर से भरोसा लौट रहा है। किताबों का समय पर पहुंचना शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सीधा असर डालेगा। अब बच्चे पहले दिन से ही पढ़ाई शुरू कर पा रहे हैं। इससे स्कूलों का माहौल भी बदला है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर