फरीदाबाद के डीसी विक्रम सिंह ने बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए ग्रैप-4 को गंभीरता से लागू करने के निर्देश दिए हैं। निर्देशों के अनुसार एनसीआर क्षेत्र की राज्य सरकार एवं जीएनसीटीडी सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50% क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय ले सकती हैं। इसी क्रम में डीसी विक्रम सिंह ने फरीदाबाद के सभी निजी संस्थानों और कॉर्पोरेट कार्यालयों को अपने कर्मचारियों को 20 नवंबर से अगले आदेश तक घर से काम करने के लिए निर्देश देने के लिए एडवाइजरी जारी की है। डीसी ने कहा कि वे ऐसा करके क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को बनाए रखने और सुधार के उद्देश्य से ग्रैप उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायता करने में अपना योगदान दें। फरीदाबाद के डीसी विक्रम सिंह ने बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए ग्रैप-4 को गंभीरता से लागू करने के निर्देश दिए हैं। निर्देशों के अनुसार एनसीआर क्षेत्र की राज्य सरकार एवं जीएनसीटीडी सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50% क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय ले सकती हैं। इसी क्रम में डीसी विक्रम सिंह ने फरीदाबाद के सभी निजी संस्थानों और कॉर्पोरेट कार्यालयों को अपने कर्मचारियों को 20 नवंबर से अगले आदेश तक घर से काम करने के लिए निर्देश देने के लिए एडवाइजरी जारी की है। डीसी ने कहा कि वे ऐसा करके क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को बनाए रखने और सुधार के उद्देश्य से ग्रैप उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायता करने में अपना योगदान दें। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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लाड़वा में भाजपा नेता ने बढ़ाई सीएम की मुश्किलें:नायब सैनी के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं संदीप गर्ग, कल बुलाई कार्यकर्ताओं की मीटिंग
लाड़वा में भाजपा नेता ने बढ़ाई सीएम की मुश्किलें:नायब सैनी के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं संदीप गर्ग, कल बुलाई कार्यकर्ताओं की मीटिंग हरियाणा के लाडवा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की राह में अब बगावत के बादल छा गए हैं। भाजपा नेता संदीप गर्ग टिकट न मिलने से नाराज चल रहे है। उन्होंने बुधवार (कल) को लाडवा की मंडी में कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में संदीप गर्ग आजाद उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़ सकते है। बता दें कि लाडवा की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय गर्ग का यहां अच्छा-खासा रुतबा है और उनकी बगावत से भाजपा को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। पार्टी से नारज चल रहे संदीप गर्ग को खुद सीएम नायब सैनी मनाने के लिए उनके निवास पर भी पहुंचे थे। इसके अलाव भी उनको पार्टी से किरण चौधरी ने भी उन्हें कॉल करके समझाने का प्रयास किया, लेकिन संदीप गर्ग यह फैसला कल होने वाली समाज की मीटिंग पर छोड़ा है। कौन हैं संदीप गर्ग? संदीप गर्ग भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और उनका अग्रवाल समाज में अच्छा खासा प्रभाव है। इस सीट पर करीब 12 हजार वोट इस समुदाय के है। इस बार वह लाडवा से भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन टिकट मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को मिल गई। इसके बाद से ही गर्ग नाराज चल रहे हैं। संदीप गर्ग ने समाज सेवा में अपनी अलग पहचान बनाई है। अन्नपूर्णा रसोई, जो 5 रुपए में भरपेट खाना देती है, उनकी एक प्रमुख पहल है। इसके अलावा, उन्होंने सामाजिक संस्थाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गर्ग के मामा मदन मोहन मित्तल पंजाब सरकार में पूर्व मंत्री और भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं। लाडवा: सैनी बाहुल्य सीट लाडवा विधानसभा सीट को सैनी बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जो खुद सैनी समुदाय से आते हैं, यहां चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले करनाल विधानसभा सीट पर पंजाबी समाज के विरोधी स्वर सुनाई दे रहे थे। इसलिए भाजपा ने लाडवा को चुना, जहां सैनी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इस सीट पर लगभग 1 लाख 95 हजार 816 मतदाताओं में से 20 प्रतिशत से अधिक सैनी बिरादरी के हैं। इसके अलावा यहां 18 प्रतिशत जाट और 11 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता भी हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि लाडवा में जीत के लिए इन 3 प्रमुख जातियों का समर्थन जरूरी है।
PM मोदी को पहलवान अमन ने बताया संघर्ष का किस्सा:कहा- बहुत बुरा वक्त देखा है; 10 साल का था, माता-पिता छोड़कर चले गए
PM मोदी को पहलवान अमन ने बताया संघर्ष का किस्सा:कहा- बहुत बुरा वक्त देखा है; 10 साल का था, माता-पिता छोड़कर चले गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलिंपिक के भारतीय दल से मुलाकात की है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के उभरते स्टार रेसलर अमन सहरावत से भी बातचीत की। अमन सहरावत ने पेरिस ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। लेकिन जब पीएम मोदी ने मुलाकात के दौरान उनसे पूछा कि उन्होंने घर जाकर क्या पसंदीदा चीज खाई है। उस पर अमन सहरावत का जवाब सुनकर प्रधानमंत्री मोदी और वहां मौजूद खिलाड़ी भी हंस पड़े। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पहलवान अमन सहरावत से टूर्नामेंट से लौटने पर पूछा कि अभी मूड क्या है? इस पर अमन ने जो जवाब दिया, उसे भी सुनकर सभी हंसने लगे। अमन की बातों में उनकी मासूमियत, संघर्ष, मौजूदा हालातों का साफ पता लग रहा था। पीएम मोदी और अमन के बीच हुई बातचीत पूरे देश में सुर्खियां बटोर रही है। पीएम मोदी और पहलवान अमन सहरावत के बीच बातचीत के मुख्य अंश पीएम: आप तो यंगेस्ट थे। सब कहते होंगे कि ये मत करो, वो मत करो। तो आप डर जाते होंगे। अमन: नमस्कार सर, मैंने तो बहुत बुरा समय देखा है। जब मैं 10 साल का था, मेरे मम्मी-पापा मुझे छोड़कर चले गए थे। वो मुझे देश को सौंप गए थे। उनका ये ही सपना था कि मैं ओलिंपिक में मेडल लेकर आऊं। मेरा भी यही सपना था कि मैं मैंने देश को ओलिंपिक में मेडल देना है। बस ये ही सोच कर प्रैक्टिस करता रहा। टॉप्स, साई, इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन और WFI का मेरे इस मेडल में बहुत योगदान रहा है। पीएम: अभी मूड़ क्या है ?
अमन: बहुत अच्छा है जी, काफी अच्छा लग रहा है। पीएम: कोई पसंद की चीज घर आकर खाई या नहीं ?
अमन: अभी तो घर गए ही नहीं सर। पीएम: घर गए ही नहीं, हमें बोलते तो हम बनवा देते कुछ भाई
अमन: घर जाकर चूरमा खाऊंगा सर। पेरिस जाने वाले इकलौते पुरुष पहलवान
भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हरियाणा के अमन सहरावत ने प्यूर्टो रिको के डरलिन तुई क्रूज को 13-5 से हरा कर ओलिंपिक में भारत को कुश्ती में पहला मेडल दिलाया। अमन ने ब्रॉन्ज मेडल अपने दिवंगत माता-पिता को समर्पित किया है। भारत की तरफ से पेरिस ओलिंपिक में भारत के 6 पहलवान खेलने के लिए गए थे। इनमें अमन सहरावत, विनेश फोगाट, अंतिम पंघाल, अंशु मलिक, निशा दहिया और रीतिका हुड्डा शामिल रही। अमन, सभी 6 रेसलर्स में से इकलौते पुरुष पहलवान रहे। पिता का सपना था- घर में कोई मेडल जीते
अमन सहरावत का जन्म 16 जुलाई 2003 को झज्जर जिले के भिड़होड गांव में हुआ था। अमन ने 8 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की थी। अमन जब 11 साल के थे, तब उनकी मां कमलेश की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद उसके पिता सोमवीर सहरावत भी बीमार रहने लगे। 6 महीने के बाद पिता का भी देहांत हो गया। अमन की मौसी सुमन बतातीं है कि अमन का मन बचपन से ही खेलकूद में लगता था। वह मौसेरे भाई दीपक के साथ रनिंग और अखाड़े में कुश्ती का अभ्यास करने लगा। अमन के पिता चाहते थे कि घर में कोई पहलवानी करे और देश के लिए मेडल जीते। खेतों की ढाणी में रहता है परिवार
अमन का परिवार खेती करता है। उनके हिस्से में केवल ढाई एकड़ जमीन आती है। अमन की बहन पूजा बीए फर्स्ट ईयर में पढ़ रही है। अमन के दादा मांगे राम, ताऊ सुधीर, जयवीर व चाचा रणवीर, कर्मवीर, वेद प्रकाश आदि ने उनकी परवरिश की। उनका परिवार गांव से 2 किलोमीटर दूर नौगांव की तरफ जाने वाले कच्चे रास्ते पर बनी ढाणी में रहते हैं।
फरीदाबाद में पुलिस वर्दी-डंडे वाला चोर, VIDEO:घर के बाहर खड़ी साइकिल को लेकर फुर्र; चेन खोलने में लगा डेढ़ मिनट
फरीदाबाद में पुलिस वर्दी-डंडे वाला चोर, VIDEO:घर के बाहर खड़ी साइकिल को लेकर फुर्र; चेन खोलने में लगा डेढ़ मिनट हरियाणा के फरीदाबाद के सेक्टर 10 में राजस्थान सदन के बाहर से पुलिस की वर्दी में आए एक युवक ने साइकिल चोरी कर ली। साइकिल चोरी की ये वारदात वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। चोर ऐ से डेढ़ मिनट में चेन से बंधी साइकिल को उड़ा ले गया। पुलिस ने कुछ देर बाद चोर काे काबू कर लिया। पकड़े गए युवक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसके चलते हुए छोड़ दिया गया। जानकारी देते हुए वरिष्ठ वकील शिवदत्त वशिष्ठ ने बताया कि उनके पड़ोसी संदीप के घर के बाहर एक साइकिल खड़ी थी। उसे संदीप ने बाकायदा चेन से बंधा हुआ था। शनिवार की दोपहर पुलिस की वर्दी में साइकिल पर आए चोर ने पहले अपनी साइकिल को वहां खड़ा कर दिया और दूसरी साइकिल की चेन को खोल कर उसे चुरा ले गया। चोर पुलिस की वर्दी पूरी वर्दी में था, उसके हाथ में पुलिस का डंडा भी था। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दी हैक। शिव दत्त वशिष्ठ ने बताया कि साइकिल खोलने और चोरी करने में लगभग एक से डेढ़ मिनट का समय लगा। इस दौरान वह बिल्कुल भी घबराया नहीं और बड़े ही आराम से उसने अपनी साइकिल को वहीं खड़ा कर दिया और दूसरी साइकिल चुरा ली। फिलहाल इस मामले में पीड़ित संदीप ने सेक्टर 11 पुलिस चौकी में साइकिल चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। सेक्टर 11 पुलिस चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर रामकुमार ने बताया की साइकिल चोरी करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने कुछ देर बाद ही काबू कर लिया था। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। शायद किसी ने उसे पुलिस की वर्दी दे दी होगी। वह अपना सही से नाम पता भी नहीं बता पा रहा था। मानसिक स्थिति ठीक न होने के चलते उसे छोड़ दिया गया। साइकिल को उसके मालिक को लौटा दी गई।