<div id=”:zn” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:121″ aria-controls=”:121″ aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics News:</strong> उत्तर प्रदेश में धर्म और जाति की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है. ताजा मामला उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ हुए अत्याचार को लेकर है, लेकिन दलितों के साथ हुए अत्याचार पर जाति और धर्म को हथियार बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि अखिलेश यादव वोट बैंक के लिए दलित प्रेम दिखाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को एक बार फिर भाजपा ने कटघरे में खड़ा किया है. बीजेपी ने ताजा मामलों का हवाला देते हुए सवाल उठाया है कि, जब आरोपी मुस्लिम या यादव समुदाय से होते हैं तो अखिलेश यादव दलितों पर हो रहे अत्याचार पर चुप क्यों हो जाते हैं?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सपा के लिए दलित प्रेम केवल चुनावी नारा है- भाजपा<br /></strong>भाजपा का आरोप है कि अखिलेश यादव का दलित प्रेम सिर्फ चुनावी नारा है, असलियत में वे अपने वोट बैंक को बचाने के लिए दलितों के दर्द से आंखें मूंद लेते हैं. तीन जिलों में दलित बेटियों से अत्याचार पर भी सपा प्रमुख ने एक शब्द नहीं कहा. BJP ने कहा- बोलेंगे तो खिसक जाएगा वोट बैंक.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भाजपा नेताओं ने बीते रविवार की तीन घटनाओं का जिक्र किया. जहां तीन अलग-अलग जिलों बुलंदशहर, रायबरेली और मुजफ्फरनगर में दलित समुदाय की नाबालिग बेटियों के साथ कथित तौर पर मुस्लिम युवकों ने गंभीर अपराध किए. बुलंदशहर में चार मुस्लिम युवकों पर जाटव समाज की लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप है, तो रायबरेली में आदिल नाम के युवक ने रैदासी समाज की लड़की को भगाया. मुजफ्फरनगर में बाबर उर्फ सोनू ने फर्जी नाम से दलित युवती को फंसाया, नशा देकर दुष्कर्म किया और जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिश की. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दलित युवती के बलात्कार पर अखिलेशी ने साधी चुप्पी<br /></strong>भाजपा ने पूछा कि क्या अखिलेश यादव सिर्फ तब बोलते हैं, जब आरोपी किसी और जाति या धर्म से हो? हाल के वर्षों में कई मामले सामने आए हैं, जिनमें मुस्लिम और यादव समुदाय के लोगों पर दलितों पर अत्याचार करने के आरोप लगे. इनमें अयोध्या, मैनपुरी, बस्ती, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, लखीमपुर खीरी, और मथुरा जैसी जगहों की घटनाएं शामिल हैं, लेकिन सपा प्रमुख ने कभी निंदा नहीं की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मार्च 2025 में बागपत में सपा जिलाध्यक्ष और उनके भाई पर नाबालिग दलित लड़की से गैंगरेप का आरोप लगा था, लेकिन अखिलेश यादव खामोश रहे. नवंबर 2024 में मैनपुरी में दलित युवती की बलात्कार के बाद हत्या हुई, आरोपी सपा नेता बताया गया, फिर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. </p>
<iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/BS7qz-2Noec?si=A4_NqK8kHFqbGdIK” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अखिलेश यादव का ‘पीडीए’ गठबंधन दिखावा- भाजपा<br /></strong>2024 में ही अयोध्या में सपा नेता मोईद खान पर नाबालिग दलित लड़की से दुष्कर्म और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का मामला दर्ज हुआ, लेकिन अखिलेश ने उल्टा डीएनए जांच की बात कह दी. सिर्फ यही नहीं, फरवरी 2025 में मथुरा में दो दलित बहनों की शादी में यादव समुदाय के लोगों ने बाधा डाली और बारातियों पर हमला किया. मामला एससी/एसटी एक्ट में दर्ज हुआ, लेकिन सपा नेता खामोश रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भाजपा नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव सिर्फ ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठबंधन की बात करते हैं लेकिन असलियत में वे अपने कोर वोट बैंक मुस्लिम और यादव को नाराज नहीं करना चाहते. इसलिए जब इस समुदायों के लोग दलितों पर अत्याचार करते हैं, तो सपा प्रमुख चुप्पी साध लेते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मायावती ने भी सपा को दलित विरोध करार दिया<br /></strong>राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि सपा की यह रणनीति लंबे समय से चल रही है. सपा के शासनकाल (2012-2017) में भी दलितों पर अत्याचार के कई मामले सामने आए थे, लेकिन तब भी सरकार की प्रतिक्रिया कमजोर रही. यही वजह है कि बसपा प्रमुख मायावती भी कई बार सपा पर दलित विरोधी राजनीति का आरोप लगा चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भाजपा ने अखिलेश से पूछा है कि अगर वे सच में दलितों के हितैषी हैं, तो इन घटनाओं पर खुलकर क्यों नहीं बोलते? क्या उनका दलित प्रेम सिर्फ चुनावी मौसम में ही जागता है? अब देखना यह है कि क्या सपा प्रमुख इन सवालों का जवाब देते हैं या एक बार फिर खामोश रहेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-electricity-rates-increased-in-up-recovery-from-april-2025-bill-know-new-rates-2929696″>यूपी वालों को तगड़ा झटका, महंगी हुई बिजली, अप्रैल के बिल से ही होगी वसूली</a></strong></p>
</div> <div id=”:zn” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:121″ aria-controls=”:121″ aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics News:</strong> उत्तर प्रदेश में धर्म और जाति की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है. ताजा मामला उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ हुए अत्याचार को लेकर है, लेकिन दलितों के साथ हुए अत्याचार पर जाति और धर्म को हथियार बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि अखिलेश यादव वोट बैंक के लिए दलित प्रेम दिखाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को एक बार फिर भाजपा ने कटघरे में खड़ा किया है. बीजेपी ने ताजा मामलों का हवाला देते हुए सवाल उठाया है कि, जब आरोपी मुस्लिम या यादव समुदाय से होते हैं तो अखिलेश यादव दलितों पर हो रहे अत्याचार पर चुप क्यों हो जाते हैं?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सपा के लिए दलित प्रेम केवल चुनावी नारा है- भाजपा<br /></strong>भाजपा का आरोप है कि अखिलेश यादव का दलित प्रेम सिर्फ चुनावी नारा है, असलियत में वे अपने वोट बैंक को बचाने के लिए दलितों के दर्द से आंखें मूंद लेते हैं. तीन जिलों में दलित बेटियों से अत्याचार पर भी सपा प्रमुख ने एक शब्द नहीं कहा. BJP ने कहा- बोलेंगे तो खिसक जाएगा वोट बैंक.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भाजपा नेताओं ने बीते रविवार की तीन घटनाओं का जिक्र किया. जहां तीन अलग-अलग जिलों बुलंदशहर, रायबरेली और मुजफ्फरनगर में दलित समुदाय की नाबालिग बेटियों के साथ कथित तौर पर मुस्लिम युवकों ने गंभीर अपराध किए. बुलंदशहर में चार मुस्लिम युवकों पर जाटव समाज की लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप है, तो रायबरेली में आदिल नाम के युवक ने रैदासी समाज की लड़की को भगाया. मुजफ्फरनगर में बाबर उर्फ सोनू ने फर्जी नाम से दलित युवती को फंसाया, नशा देकर दुष्कर्म किया और जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिश की. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दलित युवती के बलात्कार पर अखिलेशी ने साधी चुप्पी<br /></strong>भाजपा ने पूछा कि क्या अखिलेश यादव सिर्फ तब बोलते हैं, जब आरोपी किसी और जाति या धर्म से हो? हाल के वर्षों में कई मामले सामने आए हैं, जिनमें मुस्लिम और यादव समुदाय के लोगों पर दलितों पर अत्याचार करने के आरोप लगे. इनमें अयोध्या, मैनपुरी, बस्ती, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, लखीमपुर खीरी, और मथुरा जैसी जगहों की घटनाएं शामिल हैं, लेकिन सपा प्रमुख ने कभी निंदा नहीं की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मार्च 2025 में बागपत में सपा जिलाध्यक्ष और उनके भाई पर नाबालिग दलित लड़की से गैंगरेप का आरोप लगा था, लेकिन अखिलेश यादव खामोश रहे. नवंबर 2024 में मैनपुरी में दलित युवती की बलात्कार के बाद हत्या हुई, आरोपी सपा नेता बताया गया, फिर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. </p>
<iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/BS7qz-2Noec?si=A4_NqK8kHFqbGdIK” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अखिलेश यादव का ‘पीडीए’ गठबंधन दिखावा- भाजपा<br /></strong>2024 में ही अयोध्या में सपा नेता मोईद खान पर नाबालिग दलित लड़की से दुष्कर्म और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का मामला दर्ज हुआ, लेकिन अखिलेश ने उल्टा डीएनए जांच की बात कह दी. सिर्फ यही नहीं, फरवरी 2025 में मथुरा में दो दलित बहनों की शादी में यादव समुदाय के लोगों ने बाधा डाली और बारातियों पर हमला किया. मामला एससी/एसटी एक्ट में दर्ज हुआ, लेकिन सपा नेता खामोश रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भाजपा नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव सिर्फ ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठबंधन की बात करते हैं लेकिन असलियत में वे अपने कोर वोट बैंक मुस्लिम और यादव को नाराज नहीं करना चाहते. इसलिए जब इस समुदायों के लोग दलितों पर अत्याचार करते हैं, तो सपा प्रमुख चुप्पी साध लेते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मायावती ने भी सपा को दलित विरोध करार दिया<br /></strong>राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि सपा की यह रणनीति लंबे समय से चल रही है. सपा के शासनकाल (2012-2017) में भी दलितों पर अत्याचार के कई मामले सामने आए थे, लेकिन तब भी सरकार की प्रतिक्रिया कमजोर रही. यही वजह है कि बसपा प्रमुख मायावती भी कई बार सपा पर दलित विरोधी राजनीति का आरोप लगा चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भाजपा ने अखिलेश से पूछा है कि अगर वे सच में दलितों के हितैषी हैं, तो इन घटनाओं पर खुलकर क्यों नहीं बोलते? क्या उनका दलित प्रेम सिर्फ चुनावी मौसम में ही जागता है? अब देखना यह है कि क्या सपा प्रमुख इन सवालों का जवाब देते हैं या एक बार फिर खामोश रहेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-electricity-rates-increased-in-up-recovery-from-april-2025-bill-know-new-rates-2929696″>यूपी वालों को तगड़ा झटका, महंगी हुई बिजली, अप्रैल के बिल से ही होगी वसूली</a></strong></p>
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प्रदेश में दलितों पर अत्याचार को लेकर सपा प्रमुख की चुप्पी पर BJP ने साधा निशाना, कहा- दलित प्रेम दिखावा है
