भास्कर न्यूज | मूनक मूनक में पुल तक बनाई जा रही सड़क निर्माण का कार्य पिछले कुछ वर्षों से रुका पड़ा था। अब लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की ओर से सोमवार को इसका कार्य शुरू कराया गया है। लोक निर्माण विभाग के एसडीओ संजीव तंवर ने लोगों को आश्वस्त किया कि सड़क निर्माण कार्य करीब एक माह में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मूनक से पुल तक 800 मीटर की दूरी में दो पुल बनाए जाने हैं। इस पर करीब 332 लाख रुपए की अनुमानित लागत राशि खर्च होगी। यह सड़क निर्माण पिछले कई वर्षों से इसलिए रुका हुआ था, क्योंकि जिस जगह पर पहले सड़क बनी हुई थी वह जगह निशानदेही में किसानों के खेतों में आ गई और जो जगह सड़क के लिए निर्धारित की गई थी। उस सड़क के किनारे कुछ लोगों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं। जिनका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। साथ ही सड़क के पास से गुजर रहे रिफाइनरी में जाने वाले माइनर के पानी को बंद करने की भी इजाजत भी नहीं मिल पा रही थी। अब इस माइनर में पाइप लाइन दबाकर उसके ऊपर सड़क निर्माण करवाया जाएगा। इसके लिए उन्हें 12 घंटे की पानी की बंदी की इजाजत सिंचाई विभाग की ओर से दी गई है। लोगों का कहना है कि इस सड़क निर्माण के न होने से मूनक हैड पर आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। इस सड़क का निर्माण करवाए जाने को लेकर कई बार ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन भी किया। भास्कर न्यूज | मूनक मूनक में पुल तक बनाई जा रही सड़क निर्माण का कार्य पिछले कुछ वर्षों से रुका पड़ा था। अब लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की ओर से सोमवार को इसका कार्य शुरू कराया गया है। लोक निर्माण विभाग के एसडीओ संजीव तंवर ने लोगों को आश्वस्त किया कि सड़क निर्माण कार्य करीब एक माह में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मूनक से पुल तक 800 मीटर की दूरी में दो पुल बनाए जाने हैं। इस पर करीब 332 लाख रुपए की अनुमानित लागत राशि खर्च होगी। यह सड़क निर्माण पिछले कई वर्षों से इसलिए रुका हुआ था, क्योंकि जिस जगह पर पहले सड़क बनी हुई थी वह जगह निशानदेही में किसानों के खेतों में आ गई और जो जगह सड़क के लिए निर्धारित की गई थी। उस सड़क के किनारे कुछ लोगों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं। जिनका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। साथ ही सड़क के पास से गुजर रहे रिफाइनरी में जाने वाले माइनर के पानी को बंद करने की भी इजाजत भी नहीं मिल पा रही थी। अब इस माइनर में पाइप लाइन दबाकर उसके ऊपर सड़क निर्माण करवाया जाएगा। इसके लिए उन्हें 12 घंटे की पानी की बंदी की इजाजत सिंचाई विभाग की ओर से दी गई है। लोगों का कहना है कि इस सड़क निर्माण के न होने से मूनक हैड पर आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। इस सड़क का निर्माण करवाए जाने को लेकर कई बार ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन भी किया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा CM ने निर्दलीय MLA को मनाया:समर्थन वापस लेने से पहले मीटिंग की; रावत बोले- नाराजगी दूर, सरकार के साथ हूं
हरियाणा CM ने निर्दलीय MLA को मनाया:समर्थन वापस लेने से पहले मीटिंग की; रावत बोले- नाराजगी दूर, सरकार के साथ हूं हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन टूटने के बाद निर्दलीय विधायकों के सहारे चल रही भाजपा सरकार की बुधवार को अचानक टेंशन बढ़ गई। पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत सुबह अचानक अफसरों की कार्य प्रणाली को लेकर नाराज हो गए। उन्होंने यह तक कह दिया कि वह गुरुवार को इसे लेकर कोई बड़ा कदम उठाएंगे। तब चर्चा शुरू हुई कि रावत भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले सकते हैं। शाम होते-होते विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने नयनपाल रावत की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात कराई। साथ ही केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी उनसे फोन पर बात की। इसके बाद नयनपाल रावत बोले- ‘मेरी शिकायतें दूर हो गई हैं। अब मैं सरकार के साथ ही रहूंगा।’ 4 निर्दलीय विधायक विपक्ष के साथ हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। रानियां से विधायक रणजीत चौटाला के इस्तीफे, वरुण चौधरी के सांसद बनने और बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन के बाद विधानसभा में 87 विधायक बचे हैं। इससे बहुमत का आंकड़ा 46 से घटकर 44 हो गया है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 7 निर्दलीय विधायकों ने जीत दर्ज की थी। तब लगभग तभी निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को अपना समर्थन दिया। किसान आंदोलन के दौरान महम से विधायक बलराज कुंडू ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया। लोकसभा चुनाव से पहले 3 निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन और सोमवीर सांगवान ने भाजपा का साथ छोड़ते हुए कांग्रेस को समर्थन दे दिया। इसके बाद लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया। 25 मई को लोकसभा चुनाव की वोटिंग के दिन बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का हार्ट अटैक से निधन हो गया। आखिर में सरकार के साथ सिर्फ एक निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत का साथ बचा। रावत की नाराजगी के बाद चर्चा शुरू हुई कि वह भी कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं। विपक्ष के पास 44 विधायक प्रदेश में विपक्ष के पास 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, इनेलो 1 और 4 निर्दलीय विधायक शामिल हैंं। हालांकि, जजपा ने अपने 2 विधायक रामनिवास सुराजखेड़ा और जोगीराम सिहाग पर भाजपा का साथ देने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए पत्र लिखा हुआ है। इसके अलावा कांग्रेस ने भी भाजपा जॉइन कर चुकी विधायक किरण चौधरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। भाजपा सरकार को गिरने का खतरा नहीं सरकार को फिलहाल गिरने का खतरा नहीं है, क्योंकि सरकार के पास स्पीकर समेत 41 विधायक हैं। साथ ही हलोपा विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन प्राप्त है। निर्दलीय नयनपाल रावत को मिलाकर सरकार के पास विधायकों की संख्या 43 है। जजपा के कई विधायक सरकार के कार्यक्रमों में नजर आ चुके हैं। वह भी समर्थन दे सकते हैं या अपना वोट विपक्ष में न डालें तो भी सरकार बहुमत की परीक्षा में सफल हो सकती है। यदि सभी विपक्षी विधायक वोट डाल दें तो भाजपा सरकार मुश्किल में पड़ सकती है।
जींद में तीसरे दिन किसानों ने फ्री रखा खटकड़ टोल:सफल नहीं हो पाई टोल कर्मियों-किसानों की मीटिंग, धरना जारी
जींद में तीसरे दिन किसानों ने फ्री रखा खटकड़ टोल:सफल नहीं हो पाई टोल कर्मियों-किसानों की मीटिंग, धरना जारी हरियाणा के जींद जिला के उचाना नेशनल हाइवे पर खटकड़ गांव के पास टोल को वाहनों के लिए तीसरे दिन भी किसानों ने अनिश्चित कालीन धरना देते हुए वाहनों के लिए फ्री करवाया। धरने की अध्यक्षता गुरूदेव उझाना ने की। मंगलवार को आस-पास के गांवों से भी किसान धरने पर पहुंचे। वक्ताओं ने कहा कि जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं होती, तब तक वाहनों के लिए टोल फ्री रखा जाएगा। 20 गांव के ग्रामीणों का टोल फ्री समाचार लिखे जाने तक खटकड़ टोल कर्मियों एवं किसान नेताओं के बीच जो मीटिंग हुई थी, वो अब तक सिरे नहीं चढ़ पाई थी। वाहनों के लिए टोल फ्री था। गुरूदेव उझाना, भूपेंद्र जागलान ने कहा कि रवि आजाद के साथ बदसलूकी करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने के सहित टोल के आस-पास 20 गांव के ग्रामीणों को टोल फ्री, किसी भी किसान संगठन की झंडी लगी गाड़ी, आई कार्ड पर टोल फ्री करने की मांग की जा रही है। पूरे हरियाणा में सबसे महंगे टोल में खटकड़ टोल शामिल है। किसान नेताओं के साथ बदसलूकी यहां जो कर्मचारी है, वो किसान नेताओं के साथ बदसलूकी करते है। किसान संगठन का आई कार्ड दिखाने के बाद उसको छीन लेते है। इस तरह की घटनाओं को अब किसान संगठन सहन नहीं करेंगे। जिन्होंने किसान नेताओं के साथ बदसलूकी की है, उनके खिलाफ जब तक कार्यवाही पुलिस प्रशासन नहीं करेगा, किसानों की मांगों को नहीं माना गया, तब तक टोल को किसान फ्री रखेंगे।
हरियाणा के कच्चे कर्मचारियों पर फैसला आज:कैबिनेट मीटिंग में होगी चर्चा; अग्निवीरों के आरक्षण पर लगेगी मुहर, मानसून सेशन की डेट तय होगी
हरियाणा के कच्चे कर्मचारियों पर फैसला आज:कैबिनेट मीटिंग में होगी चर्चा; अग्निवीरों के आरक्षण पर लगेगी मुहर, मानसून सेशन की डेट तय होगी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज होने वाली कैबिनेट मीटिंग में ग्रुप-C ग्रुप-D के अस्थायी कर्मचारियों को रेगुलर करने पर चर्चा होगी। मंत्रियों के साथ चर्चा करने के बाद रेगुलराइजेशन पॉलिसी पर अंतिम फैसला होगा। मंत्रिमंडल यह तय करेगा कि 5 साल, 8 साल, 10 साल से ज्यादा सर्विस वाले अस्थायी कर्मचारियों को रेगुलर किया जाए। जैसा फैसला होगा, उसके अनुसार फाइनल पॉलिसी तैयार की जाएगी। वैसे अधिकारियों ने तीन प्रकार की पॉलिसी का मसौदा तैयार किया हुआ है। एक मसौदा तो गेस्ट टीचर्स की तर्ज पर सर्विस सिक्योरिटी एक्ट देने का है, जबकि एक सर्विस सिक्योरिटी एक्ट की तर्ज पर अध्यादेश का मसौदा है। दोनों में लगभग समानता है, केवल मानदेव और अस्थायी सेवा काल का अंतर है, थोड़ा सा अंतर परिभाषा का भी है। तीसरा मसौदा रेगुलराइजेशन पॉलिसी का तैयार है। इसके अलावा मानसून सेशन की डेट पर भी कैबिनेट मीटिंग में फैसला होगा। यहां पढ़िए तीनों मसौदों में क्या है… अस्थायी कर्मचारियों को सर्विस सिक्योरिटी देने के 3 अलग – अलग मसौदों में अलग – अलग लाभ देने का प्रस्ताव है। गेस्ट टीचर्स की तर्ज पर सविंस सिक्योरिटी एक्ट में मानदेय काफी कम देने का प्रस्ताव है, जबकि ऑर्डिनेंस के मसौदे में भी समकक्ष रेगुलर कर्मचारी के न्यूनतन वेतनमान के समान एकमुश्त मानदेय देने का प्रस्ताव है । इसलिए कैबिनेट में होगी इस पर चर्चा सरकार ने तय किया है कि कैबिनेट मीटिंग में विधिवत तौर पर एजेंडा न ले जाया जाए। मीटिंग में अनौपचारिक तौर पर तीनों मसौदों के बिंदुओं पर चर्चा कर ली जाए चर्चा में जैसा फैसला हो , वैसी पॉलिसी बना ली जाए। मंत्रिमंडल ही तय करेगा कि सर्विस सिक्योरिटी एक्ट बनाया जाना है या ऑर्डिनेंस जारी करना है और बाद में विधानसभा में विधेयक लाकर पारित कर दिया जाए या मंत्रिमंडल से मंजूरी लेने के बाद रेगुलराइजेशन पॉलिसी ही जारी कर दी जाए । अग्निवीरों के आरक्षण पर लगेगी मुहर अग्निवीरों को नौकरियों में आरक्षण देने को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलेगी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिछले दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अग्निवीरों को हरियाणा सरकार की नौकरियों में आरक्षण देने की घोषणा की थी। अब कैबिनेट मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के बाद हरियाणा ऐसा तीसरा राज्य होगा, जो अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देगा। पुलिस भर्ती में 10% आरक्षण का प्रस्ताव ग्रुप सी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण, प्राइवेट इंडस्ट्री में नौकरी देने पर सरकार 60000 रुपए वार्षिक फैक्ट्री मालिक को देने, ग्रुप बी में एक फीसदी आरक्षण देने , एसपीओ भर्ती करने का फैसला किया हुआ है। पुलिस सिपाही, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन, एसपीओ में 10 फीसदी, ग्रुप सी के सिविल पदों पर पांच फीसदी, ग्रुप बी में एक फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। तीन साल की उम्र में छूट मिलेगी, जबकि अग्निवीर के पहले बैच के जवानों को उम्र में पांच साल की छूट दी जाएगी। मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।