मेरठ में समाजवादी पार्टी से शहर विधायक रफीक अंसारी को कोर्ट ने फिलहाल 14 दिन यानि 5 जून 2024 तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। 1995 से लंबित चले आ रहे मामले में कोर्ट में पेश न होने पर विधायक पर 100 से अधिक एनबीडब्लू वारंट जारी थे। इसके चलते हाईकोर्ट ने विधायक को अरेस्ट करने का आदेश दिया था। वहीं सपा विधायक और पूर्व मे ंदर्जा प्राप्त मंत्री रहे रफीक अंसारी अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहे हैं। 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान विधायक ने चुनावी सभा में कहा था कि भाजपा की सरकार ने हिंदूगर्दी मचा रखी है। यह बयान सुर्खियों में रहा था। बता दें कि पुलिस सोमवार को विधायक को लखनऊ से लौटते वक्त बाराबंकी के पास से अरेस्ट करके देर शाम मेरठ लाई। मेरठ में एसीजेएम प्रथम-एमपीएम/एलए की कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने विधायक की बेल खारिज करते हुए फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
रफीक अंसारी के वो विवादित बयान जो चर्चाओं में रहे…. इस सरकार ने हिंदूगर्दी मचा रखी है
1 फरवरी 2022 को भी रफीक अंसारी का एक विवादित वीडियो सामने आया था। चुनावी सभा के दौरान का यह वीडियो था। जिसमें रफीक अंसारी ने जनता से कहा कि हिंदूगर्दी मचा रखी है’मेरठ का मुसलमान कभी दबा नहीं है। विधायक ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार ने पिछले पांच सालों में पूरी हिंदूगर्दी मचाई है। पांच सालों में सरकार ने मुसलमानों को दबाने का काम किया है। हर थाने में हिंदूगर्दी है। ये सरकार बन गई तो ये गुंडा, बदमाश हो जाएगा। इस सरकार ने मुसलमान को दबाने, कुचलने का काम किया है। मगर इस सरकार से लड़ने की ताकत हमारे पास नहीं हैं। किसी में हिम्मत नहीं मेरी तरफ देख ले
7 फरवरी 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान रफीक अंसारी ने एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में वो कह रहे थे कि गिराओ मेरा मकान गिराओ, मैं किसी से डरता नहीं हूं। आगे कहा था कि मैं मीट माफिया नहीं हूं, शराब माफिया नहीं हूं। सरकार में हिम्मत नहीं है कि मेरी तरफ देख ले। वीडियो में रफीक कह रहे हैं कि आपकी ताकत मेरे पीछे है। अपनी ईमानदारी की सफाई देते हुए रफीक कह रहे हैं कि बताओ कहां है मेरा मकान, गिराओ मेरी बिल्डिंग, सरकार में हिम्मत नहीं है जो मेरी तरफ आंख उठाकर देख ले कहते हुए नजर आ रहे हैं। मेरे पास मकान नहीं है, बिल्डिंग नहीं है जो सरकार उसे गिराए। मैं शराब माफिया थोड़े हूं जो मेरा कारोबार बंद कर देंगे। मेरे पास कुछ नहीं है। इस वीडियो के सामने आने के बाद कुरैशी बिरादरी ने नाराजगी जताई थी। अब विधायक की अरेस्टिंग और जेल जाने का घटनाक्रम पढ़िए.. 40 मिनट तक कोर्ट में दोनो ंपक्षों को सुना गया
कोर्ट में पेश करने से पहले जिला अस्पताल में पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच विधायक का मेडिकल चैकअप कराया। कड़ी सुरक्षा में विधायक रफीक अंसारी को रात 8.50 पर एसीजेएम प्रथम-एमपीएम/एलए की कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस दौरान कोर्ट रूम के बाहर विधायक के समर्थक और सपा नेता नारेबाजी करते रहे। कोर्ट के बाहर भारी पुलिसबल तैनात किया गया। लगभग 40 मिनट तक कोर्ट में विधायक के मामले में सुनवाई चली। दो मुकदमों में हुई सुनवाई
अभियोजन पक्ष की तरफ से तर्क रखा गया कि 1995 से अब तक आरोपी न्यायालय में पेश नहीं हुए। रफीक अंसारी पर 1995 के नौचंदी थाने का 436 और 147 के मुकदमे और सिविल लाइन थाने का 307 के मुकदमे में सुनवाई की गई है। सुनवाई के बाद उनको न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है। रफीक अंसारी के अधिवक्ता गगन राणा ने बताया कि पुलिस ने रफीक अंसारी को सन 1995 के मामले में गिरफ्तार करके लाई थी। इसके अलावा उनके खिलाफ एक मुकदमा थाना सिविल लाइन में धारा 307 का भी दर्ज था। यह मुकदमा रफीक अंसारी के पार्षद के दौरान का था जब कुछ पार्षदों में आपस में कहा सुनी हो गई थी तो उसके बाद अनिल कुमार पुत्र धनीराम ने थाना सिविल लाइन में रफीक अंसारी के खिलाफ 307 का मुकदमा दर्ज कराया था। एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मुकदमे में भी सुनवाई कर दी।इस मुकदमे में भी अदालत ने जमानत खारिज करते हुए विधायक को जेल भेजने के आदेश दिए हैं। विधायक के वकील ने दिखाए हेल्थ सर्टिफिकेट
आरोपी विधायक की ओर से न्यायालय में उनके अधिवक्ता गगन राणा,फहीम, महेश शाक्य, वसीम राहुल व कपिल राज शर्मा उपस्थित रहे। विधायक के अधिवक्ता ने बेल खारिज होने के बाद न्यायालय से दरख्वास्त करते हुए बताया कि विधायक रफीक अंसारी दिल के मरीज हैं। हाल में उनके वॉल्व पड़े हैं। न्यायालय के सामने विधायक के हेल्थ सर्टिफिकेट भी दिखाए। उन्हें जेल ना भेजते हुए अस्पताल में भर्ती करने के लिए प्रार्थना की। जिस पर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए जेल अधीक्षक मेरठ को आदेशित किया है कि वह जेल मैनुअल के अनुसार आवश्यक इलाज कराया जाना सुनिश्चित करें। विधायक बोले मुझे वारंट की जानकारी नहीं
कोर्ट में पेशी पर जाते वक्त विधायक ने कहा कि उन्हें कोर्ट के वारंट की कोई जानकारी नहीं है। कभी उन्हें वारंट की कोई सूचना नहीं मिली। उधर विधायक के वकील अमित कुमार दीक्षित ने भी कहा कि विधायक का नाम बाद में मुकदमे में शामिल हुआ। चार्जशीट लगी लेकिन उसकी जानकारी विधायक को कभी नहीं दी गई। आज दोबारा बेल अपील करेंगे विधायक के वकील
सपा विधायक के वकील आज दोबारा बेल के लिए एप्लीकेशन डालेंगे। आरोपी के अधिवक्ता ने कहा क्योंकि विधायक की बाईपास सर्जरी हुई है। इसलिए हम दोबारा उनकी जमानत के लिए आवेदन करेंगे। दोनों मुकदमे सेशन ट्रायल है इसलिए दोबारा बेल लगाएंगे। मेरठ में समाजवादी पार्टी से शहर विधायक रफीक अंसारी को कोर्ट ने फिलहाल 14 दिन यानि 5 जून 2024 तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। 1995 से लंबित चले आ रहे मामले में कोर्ट में पेश न होने पर विधायक पर 100 से अधिक एनबीडब्लू वारंट जारी थे। इसके चलते हाईकोर्ट ने विधायक को अरेस्ट करने का आदेश दिया था। वहीं सपा विधायक और पूर्व मे ंदर्जा प्राप्त मंत्री रहे रफीक अंसारी अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहे हैं। 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान विधायक ने चुनावी सभा में कहा था कि भाजपा की सरकार ने हिंदूगर्दी मचा रखी है। यह बयान सुर्खियों में रहा था। बता दें कि पुलिस सोमवार को विधायक को लखनऊ से लौटते वक्त बाराबंकी के पास से अरेस्ट करके देर शाम मेरठ लाई। मेरठ में एसीजेएम प्रथम-एमपीएम/एलए की कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने विधायक की बेल खारिज करते हुए फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
रफीक अंसारी के वो विवादित बयान जो चर्चाओं में रहे…. इस सरकार ने हिंदूगर्दी मचा रखी है
1 फरवरी 2022 को भी रफीक अंसारी का एक विवादित वीडियो सामने आया था। चुनावी सभा के दौरान का यह वीडियो था। जिसमें रफीक अंसारी ने जनता से कहा कि हिंदूगर्दी मचा रखी है’मेरठ का मुसलमान कभी दबा नहीं है। विधायक ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार ने पिछले पांच सालों में पूरी हिंदूगर्दी मचाई है। पांच सालों में सरकार ने मुसलमानों को दबाने का काम किया है। हर थाने में हिंदूगर्दी है। ये सरकार बन गई तो ये गुंडा, बदमाश हो जाएगा। इस सरकार ने मुसलमान को दबाने, कुचलने का काम किया है। मगर इस सरकार से लड़ने की ताकत हमारे पास नहीं हैं। किसी में हिम्मत नहीं मेरी तरफ देख ले
7 फरवरी 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान रफीक अंसारी ने एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में वो कह रहे थे कि गिराओ मेरा मकान गिराओ, मैं किसी से डरता नहीं हूं। आगे कहा था कि मैं मीट माफिया नहीं हूं, शराब माफिया नहीं हूं। सरकार में हिम्मत नहीं है कि मेरी तरफ देख ले। वीडियो में रफीक कह रहे हैं कि आपकी ताकत मेरे पीछे है। अपनी ईमानदारी की सफाई देते हुए रफीक कह रहे हैं कि बताओ कहां है मेरा मकान, गिराओ मेरी बिल्डिंग, सरकार में हिम्मत नहीं है जो मेरी तरफ आंख उठाकर देख ले कहते हुए नजर आ रहे हैं। मेरे पास मकान नहीं है, बिल्डिंग नहीं है जो सरकार उसे गिराए। मैं शराब माफिया थोड़े हूं जो मेरा कारोबार बंद कर देंगे। मेरे पास कुछ नहीं है। इस वीडियो के सामने आने के बाद कुरैशी बिरादरी ने नाराजगी जताई थी। अब विधायक की अरेस्टिंग और जेल जाने का घटनाक्रम पढ़िए.. 40 मिनट तक कोर्ट में दोनो ंपक्षों को सुना गया
कोर्ट में पेश करने से पहले जिला अस्पताल में पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच विधायक का मेडिकल चैकअप कराया। कड़ी सुरक्षा में विधायक रफीक अंसारी को रात 8.50 पर एसीजेएम प्रथम-एमपीएम/एलए की कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस दौरान कोर्ट रूम के बाहर विधायक के समर्थक और सपा नेता नारेबाजी करते रहे। कोर्ट के बाहर भारी पुलिसबल तैनात किया गया। लगभग 40 मिनट तक कोर्ट में विधायक के मामले में सुनवाई चली। दो मुकदमों में हुई सुनवाई
अभियोजन पक्ष की तरफ से तर्क रखा गया कि 1995 से अब तक आरोपी न्यायालय में पेश नहीं हुए। रफीक अंसारी पर 1995 के नौचंदी थाने का 436 और 147 के मुकदमे और सिविल लाइन थाने का 307 के मुकदमे में सुनवाई की गई है। सुनवाई के बाद उनको न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है। रफीक अंसारी के अधिवक्ता गगन राणा ने बताया कि पुलिस ने रफीक अंसारी को सन 1995 के मामले में गिरफ्तार करके लाई थी। इसके अलावा उनके खिलाफ एक मुकदमा थाना सिविल लाइन में धारा 307 का भी दर्ज था। यह मुकदमा रफीक अंसारी के पार्षद के दौरान का था जब कुछ पार्षदों में आपस में कहा सुनी हो गई थी तो उसके बाद अनिल कुमार पुत्र धनीराम ने थाना सिविल लाइन में रफीक अंसारी के खिलाफ 307 का मुकदमा दर्ज कराया था। एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मुकदमे में भी सुनवाई कर दी।इस मुकदमे में भी अदालत ने जमानत खारिज करते हुए विधायक को जेल भेजने के आदेश दिए हैं। विधायक के वकील ने दिखाए हेल्थ सर्टिफिकेट
आरोपी विधायक की ओर से न्यायालय में उनके अधिवक्ता गगन राणा,फहीम, महेश शाक्य, वसीम राहुल व कपिल राज शर्मा उपस्थित रहे। विधायक के अधिवक्ता ने बेल खारिज होने के बाद न्यायालय से दरख्वास्त करते हुए बताया कि विधायक रफीक अंसारी दिल के मरीज हैं। हाल में उनके वॉल्व पड़े हैं। न्यायालय के सामने विधायक के हेल्थ सर्टिफिकेट भी दिखाए। उन्हें जेल ना भेजते हुए अस्पताल में भर्ती करने के लिए प्रार्थना की। जिस पर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए जेल अधीक्षक मेरठ को आदेशित किया है कि वह जेल मैनुअल के अनुसार आवश्यक इलाज कराया जाना सुनिश्चित करें। विधायक बोले मुझे वारंट की जानकारी नहीं
कोर्ट में पेशी पर जाते वक्त विधायक ने कहा कि उन्हें कोर्ट के वारंट की कोई जानकारी नहीं है। कभी उन्हें वारंट की कोई सूचना नहीं मिली। उधर विधायक के वकील अमित कुमार दीक्षित ने भी कहा कि विधायक का नाम बाद में मुकदमे में शामिल हुआ। चार्जशीट लगी लेकिन उसकी जानकारी विधायक को कभी नहीं दी गई। आज दोबारा बेल अपील करेंगे विधायक के वकील
सपा विधायक के वकील आज दोबारा बेल के लिए एप्लीकेशन डालेंगे। आरोपी के अधिवक्ता ने कहा क्योंकि विधायक की बाईपास सर्जरी हुई है। इसलिए हम दोबारा उनकी जमानत के लिए आवेदन करेंगे। दोनों मुकदमे सेशन ट्रायल है इसलिए दोबारा बेल लगाएंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर