डीईओ की देखरेख में जून से दिसंबर महीने तक हर शुक्रवार डेंगू पर वार मुहिम के तहत गतिविधियां  करवाई  जाएंगी

डीईओ की देखरेख में जून से दिसंबर महीने तक हर शुक्रवार डेंगू पर वार मुहिम के तहत गतिविधियां  करवाई  जाएंगी

भास्कर न्यूज | लुधियाना डेंगू, चिकनगुनिया वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए नए सांझे यत्नों की शुरुआत की जा रही है। पिछले तीन सालों दौरान हर शुक्रवार डेंगू पर वार मुहिम के जरिए डेंगू के मामले होते नजर आ रहे है। स्टेट एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग कौंसिल पंजाब (एससीईआरटी) डायरेक्टर अमनिंदर कौर द्वारा समूह जिला शिक्षा अफसर को आदेश जारी किए गए है। उन्होंने कहा कि साल 2025-26 में नई सांझी गतिविधियों की योजना बनाई गई है। हर जिले में डिप्टी डीईओ को जिला नोडल अफसर नियुक्त किया जाए जोकि सेहत विभाग के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम अफसर से मिल कर काम करेंगे। स्कूल स्तर पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अधीन पहले ही काम कर रहे नोडल अफसरों को सेहत विभाग की ओर से ट्रेनिंग दी जाएगी। मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के बारे जागरुकता मुहिम चलाई जाएगी। अगर उक्त बिमारी का कोई मामला मिलता है तो उस बारे सेहत विभाग के कर्मचारियों को तुरंत जानकारी दी जाए। लिटिल चैंपियन कैंपेन द्वारा विद्यार्थियों को मच्छरों के लारवा की जांच तथा स्कूल, घरों, आस पास की सफाई में शामिल किया जाए। यह गतिविधि जून महीने से नवंबर महीने तक की जाए। वेक्टर जनित बीमारियों के बारे में डिबेट, निबंध लेखन, ड्रामा, क्विज कंपीटिशन के जरिए सह पाठयक्रम गतिविधियां शामिल की जाए। समर होमवर्क में भी वेक्टर जनित रोग के बारे में प्रोजेक्ट दिए जाए। अगर किसी विद्यार्थी में डेंगू, मलेरिया या चिकनगुनिया के लक्षण पाए जाते है तो स्कूल मुख्य की ओर से विद्यार्थी को नजदीकी सेहत केंद्र तक पहुंचाना यकीनी बनाया जाए। जिन स्कूलों में साल भर में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया का कोई मामला नहीं पाया जाएगा या मच्छर की पैदावार नहीं होगी उन्हें सेहत विभाग की ओर से इनाम दिया जाएगा। अप्रैल महीने में सेहत विभाग की ओर से नोडल अफसरों को ट्रेनिंग दी गई, जिसमें उक्त बीमारियों के बारे में जागरुक किया जाएगा तथा लारवा की पहचान के बारे में जानकारी दी जाएगी। सभी स्कूलों के अध्यापकों तथा विद्यार्थियों की हर शुक्रवार डेंगू पर वार मुहिम में जून महीने से दिसंबर महीने तक प्रत्येक शुक्रवार को भागीदारी यकीनी बनाई जाए। अगर किसी तकनीकी मदद की ज़रुरत हो तो नजदीकी सेहत विभाग की टीम से सहायता ली जाएगी । नोडल अफसरों की देखरेख में अध्यापकों तथा विद्यार्थियों द्वारा उक्त गतिविधि करवाना यकीनी बनाया जाए। भास्कर न्यूज | लुधियाना डेंगू, चिकनगुनिया वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए नए सांझे यत्नों की शुरुआत की जा रही है। पिछले तीन सालों दौरान हर शुक्रवार डेंगू पर वार मुहिम के जरिए डेंगू के मामले होते नजर आ रहे है। स्टेट एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग कौंसिल पंजाब (एससीईआरटी) डायरेक्टर अमनिंदर कौर द्वारा समूह जिला शिक्षा अफसर को आदेश जारी किए गए है। उन्होंने कहा कि साल 2025-26 में नई सांझी गतिविधियों की योजना बनाई गई है। हर जिले में डिप्टी डीईओ को जिला नोडल अफसर नियुक्त किया जाए जोकि सेहत विभाग के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम अफसर से मिल कर काम करेंगे। स्कूल स्तर पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अधीन पहले ही काम कर रहे नोडल अफसरों को सेहत विभाग की ओर से ट्रेनिंग दी जाएगी। मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के बारे जागरुकता मुहिम चलाई जाएगी। अगर उक्त बिमारी का कोई मामला मिलता है तो उस बारे सेहत विभाग के कर्मचारियों को तुरंत जानकारी दी जाए। लिटिल चैंपियन कैंपेन द्वारा विद्यार्थियों को मच्छरों के लारवा की जांच तथा स्कूल, घरों, आस पास की सफाई में शामिल किया जाए। यह गतिविधि जून महीने से नवंबर महीने तक की जाए। वेक्टर जनित बीमारियों के बारे में डिबेट, निबंध लेखन, ड्रामा, क्विज कंपीटिशन के जरिए सह पाठयक्रम गतिविधियां शामिल की जाए। समर होमवर्क में भी वेक्टर जनित रोग के बारे में प्रोजेक्ट दिए जाए। अगर किसी विद्यार्थी में डेंगू, मलेरिया या चिकनगुनिया के लक्षण पाए जाते है तो स्कूल मुख्य की ओर से विद्यार्थी को नजदीकी सेहत केंद्र तक पहुंचाना यकीनी बनाया जाए। जिन स्कूलों में साल भर में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया का कोई मामला नहीं पाया जाएगा या मच्छर की पैदावार नहीं होगी उन्हें सेहत विभाग की ओर से इनाम दिया जाएगा। अप्रैल महीने में सेहत विभाग की ओर से नोडल अफसरों को ट्रेनिंग दी गई, जिसमें उक्त बीमारियों के बारे में जागरुक किया जाएगा तथा लारवा की पहचान के बारे में जानकारी दी जाएगी। सभी स्कूलों के अध्यापकों तथा विद्यार्थियों की हर शुक्रवार डेंगू पर वार मुहिम में जून महीने से दिसंबर महीने तक प्रत्येक शुक्रवार को भागीदारी यकीनी बनाई जाए। अगर किसी तकनीकी मदद की ज़रुरत हो तो नजदीकी सेहत विभाग की टीम से सहायता ली जाएगी । नोडल अफसरों की देखरेख में अध्यापकों तथा विद्यार्थियों द्वारा उक्त गतिविधि करवाना यकीनी बनाया जाए।   पंजाब | दैनिक भास्कर