राणा सांगा को गद्दार कहने वाले सपा सांसद रामजीलाल सुमन पर अलीगढ़ में हमला हुआ। उनके काफिले पर टायर-पत्थर फेंके गए। उन्हें बुलंदशहर से वापस आगरा भेज दिया गया। इस हमले के बाद सपा सांसद ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा- बाबा के लोग अंधे हो गए हैं, कुछ भी कर रहे हैं। सरकार मेरी हत्या कराना चाहती है। सरकार के इशारे पर ये सारा काम हो रहा है। एक वर्ग के लोग खुलेआम कुछ भी कर रहे हैं। सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। सांसद पर हुए हमले के पीछे कौन लोग हैं, ये हमला कैसे हुआ, क्या उन्हें पहले से इसका अंदेशा था? इन तमाम सवालों के जवाब दैनिक भास्कर ने सपा सांसद से जाने। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल : आप पर हमला किसने करवाया, किसे जिम्मेदार मानते हैं?
जवाब : ये हमला एक सोची समझी साजिश के तहत हो रहा है। सरकार के इशारे पर सारे काम किए जा रहे हैं। एक वर्ग के लोग कुछ भी कर रहे हैं। उन्हें कोई रोक नहीं रहा। वो एक सभा करने के लिए इजाजत लेते हैं। खुलेआम तलवार लहराते हैं। जिन पर मुकदमा है, वे यहां आते हैं और पुलिस कुछ नहीं करती है। इसका क्या मतलब है। यहां भी तथाकथित करणी सेना के लोगों ने मेरे ऊपर हमला किया। लेकिन, पुलिस कुछ नहीं कर पाई। सवाल : करणी सेना चेतावनी दे चुकी है, फिर भी आप गए?
जवाब : मैंने पहले ही प्रशासन को बता दिया था कि मैं बुलंदशहर में उस दलित परिवार से मिलने जाऊंगा। पुलिस ने फिर भी अच्छे इंतजाम नहीं किए। मैं 50 साल से राजनीति में हूं। मैं जानता हूं कि बाबा के लोग अंधे हो गए हैं। इसलिए दलितों पर अत्याचार हो रहा। हमें बुलंदशहर जाने नहीं दिया। वहां पुलिस का एक कॉन्स्टेबल तक नहीं था। इसका सीधा मतलब है। इस साजिश में राज्य सरकार शामिल है। सवाल : अलीगढ़ में आपको पुलिस सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई गई?
जवाब : दलितों पर हुए अत्याचार की हकीकत जानने के लिए हम बुलंदशहर जा रहे थे। हमें गभाना टोल पर ही रोक लिया गया। हमारे आग्रह करने के बाद भी नहीं माने। इससे पहले तथाकथित करणी सेना के लोग घात लगाए बैठे थे। हमारे साथी जो गाड़ियों में थे। उन पर ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए गए। मैं आश्वत हूं कि हमारे ऊपर ऐसा हमला होगा। इसीलिए मैंने पहले ही इतला कर दी थी। सवाल : ऐसा तो नहीं पुलिस आपकी सुरक्षा में लापरवाही कर रही थी?
जवाब : सभी को मेरे जाने का शेड्यूल पता था, पुलिस को भी बता दिया गया था। अलीगढ़ में मेरा विरोध हुआ। इसके बाद हमारी गाड़ियां भिड़ गईं, पुलिस के वहां पर होते हुए भी कुछ लोग घात लगाए बैठे रहे। कहां गई इनकी इंटेलिजेंस और कहां गया इनका एलआईयू। किसी को कुछ पता नहीं चला क्या। ऐसा कैसे हो सकता है? ये सब दलित विरोधी मानसिकता के चलते हो रहा है। सवाल : करणी सेना ने आगे भी आपके विरोध का ऐलान कर रखा है?
जवाब : ये तथाकथित करणी सेना के लोग हैं। अगर बहुत बड़ी सेना है तो जाएं पाकिस्तान में आतंकियों से लड़ें। क्षत्रिय राजा सुरेंद्र ने अंग्रेजों की गर्दन काटी थी, किसी गरीब की गर्दन नहीं काटी। अरे तुम सही में करणी सेना हो तो पाकिस्तान की सेना पर जाकर अपना जौहर दिखाओ। चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है, और ये सही है। तो जाकर उनको रोको। बस गरीब और दलितों पर ही अत्याचार चलेगा। सवाल : इस पूरे माहौल को आप किस तरह से देखते हैं?
जवाब : हमें लगता है कि सरकार जानबूझकर ये कर रही है। 12 अप्रैल को आगरा में एक सभा में असलहे लहराए गए। जिन लोगों पर मुकदमा था वो भी आए। तब कुछ नहीं हुआ। प्रशासन ने जिन शर्तों के साथ उन्हें अनुमित दी, वो सभी नियम तोड़े गए। हम नियमानुसार इजाजत लेकर जा रहे थे। बुलंदशहर के सुनेहरा में एक जगह है, वहां तीन दिन पहले हमारा जाने का प्रोग्राम था। बुलंदशहर में 21 अप्रैल को दबंगों ने 4 दलितों को थार से कुचल दिया था। घटना में बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हम राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेश पर वहां जा रहे थे। तभी अलीगढ़ में गभाना टोल प्लाजा से करीब 150 मीटर पहले एक बार फिर से क्षत्रिय समाज के कुछ युवक इकट्ठे हो गए। उन्होंने काफिले की गाड़ियों पर टायर और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। गाड़ियों पर काली स्याही भी फेंकी। कुल मिलाकर ये साजिश थी। राज्य सरकार इसमें शामिल हैं। अरे सरकार के पास खुफिया तंत्र है, वो क्या कर रहे थे। अब पढ़िए करणी सेना का बयान… जानिए क्या है पूरा मामला
सपा सांसद रामजीलाल सुमन 27 अप्रैल को 20 गाड़ियों के काफिले के साथ आगरा से बुलंदशहर जा रहे थे। यह सूचना मिलते ही अलीगढ़ के खेरेश्वर चौराहे पर क्षत्रिय समाज के कुछ युवा सड़क पर उतर आए। उन्होंने रामजीलाल सुमन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर काफिले की गाड़ियां तेजी से भागने लगीं। इसके चलते करीब 500 मीटर आगे जाकर काफिले की गाड़ियां आपस में टकरा गईं। इस बीच पुलिस पहुंच गई। पुलिसकर्मियों ने मौके पर मौजूद युवाओं को समझाया और काफिले को आगे रवाना किया। इसके बाद अलीगढ़ में ही गभाना टोल प्लाजा से करीब 150 मीटर पहले एक बार फिर से क्षत्रिय समाज के कुछ युवक इकट्ठे हो गए। उन्होंने सांसद के काफिले की गाड़ियों पर टायर और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। गाड़ियों पर काली स्याही भी फेंकी गई। तुरंत ही पुलिस आ गई। इस पूरे घटनाक्रम के चलते सांसद का काफिला 20 मिनट तक रुका रहा। बाद में बुलंदशहर पहुंचे सांसद रामजीलाल सुमन को शहर के अंदर जाने से प्रशासन ने मना कर दिया। ————————— ये खबर भी पढ़िए- राणा सांगा को गद्दार कहने वाले सपा सांसद पर हमला, अलीगढ़ में काफिले पर राजपूत युवकों ने टायर-पत्थर फेंके राणा सांगा को गद्दार कहने वाले सपा सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर रविवार को हमला हो गया। रामजीलाल सुमन 20 गाड़ियों के काफिले के साथ आगरा से बुलंदशहर जा रहे थे। अलीगढ़ के खेरेश्वर चौराहे पर क्षत्रिय समाज के कुछ युवा सड़क पर उतर आए। वो लोग सांसद के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस पर काफिले की गाड़ियां तेजी से भागने लगीं। इससे करीब 500 मीटर आगे जाकर काफिले की 5 गाड़ियां आपस में टकरा गईं। इस पूरी घटना में 6-7 लोग चोटिल हो गए। पढ़ें पूरी खबर राणा सांगा को गद्दार कहने वाले सपा सांसद रामजीलाल सुमन पर अलीगढ़ में हमला हुआ। उनके काफिले पर टायर-पत्थर फेंके गए। उन्हें बुलंदशहर से वापस आगरा भेज दिया गया। इस हमले के बाद सपा सांसद ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा- बाबा के लोग अंधे हो गए हैं, कुछ भी कर रहे हैं। सरकार मेरी हत्या कराना चाहती है। सरकार के इशारे पर ये सारा काम हो रहा है। एक वर्ग के लोग खुलेआम कुछ भी कर रहे हैं। सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। सांसद पर हुए हमले के पीछे कौन लोग हैं, ये हमला कैसे हुआ, क्या उन्हें पहले से इसका अंदेशा था? इन तमाम सवालों के जवाब दैनिक भास्कर ने सपा सांसद से जाने। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल : आप पर हमला किसने करवाया, किसे जिम्मेदार मानते हैं?
जवाब : ये हमला एक सोची समझी साजिश के तहत हो रहा है। सरकार के इशारे पर सारे काम किए जा रहे हैं। एक वर्ग के लोग कुछ भी कर रहे हैं। उन्हें कोई रोक नहीं रहा। वो एक सभा करने के लिए इजाजत लेते हैं। खुलेआम तलवार लहराते हैं। जिन पर मुकदमा है, वे यहां आते हैं और पुलिस कुछ नहीं करती है। इसका क्या मतलब है। यहां भी तथाकथित करणी सेना के लोगों ने मेरे ऊपर हमला किया। लेकिन, पुलिस कुछ नहीं कर पाई। सवाल : करणी सेना चेतावनी दे चुकी है, फिर भी आप गए?
जवाब : मैंने पहले ही प्रशासन को बता दिया था कि मैं बुलंदशहर में उस दलित परिवार से मिलने जाऊंगा। पुलिस ने फिर भी अच्छे इंतजाम नहीं किए। मैं 50 साल से राजनीति में हूं। मैं जानता हूं कि बाबा के लोग अंधे हो गए हैं। इसलिए दलितों पर अत्याचार हो रहा। हमें बुलंदशहर जाने नहीं दिया। वहां पुलिस का एक कॉन्स्टेबल तक नहीं था। इसका सीधा मतलब है। इस साजिश में राज्य सरकार शामिल है। सवाल : अलीगढ़ में आपको पुलिस सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई गई?
जवाब : दलितों पर हुए अत्याचार की हकीकत जानने के लिए हम बुलंदशहर जा रहे थे। हमें गभाना टोल पर ही रोक लिया गया। हमारे आग्रह करने के बाद भी नहीं माने। इससे पहले तथाकथित करणी सेना के लोग घात लगाए बैठे थे। हमारे साथी जो गाड़ियों में थे। उन पर ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए गए। मैं आश्वत हूं कि हमारे ऊपर ऐसा हमला होगा। इसीलिए मैंने पहले ही इतला कर दी थी। सवाल : ऐसा तो नहीं पुलिस आपकी सुरक्षा में लापरवाही कर रही थी?
जवाब : सभी को मेरे जाने का शेड्यूल पता था, पुलिस को भी बता दिया गया था। अलीगढ़ में मेरा विरोध हुआ। इसके बाद हमारी गाड़ियां भिड़ गईं, पुलिस के वहां पर होते हुए भी कुछ लोग घात लगाए बैठे रहे। कहां गई इनकी इंटेलिजेंस और कहां गया इनका एलआईयू। किसी को कुछ पता नहीं चला क्या। ऐसा कैसे हो सकता है? ये सब दलित विरोधी मानसिकता के चलते हो रहा है। सवाल : करणी सेना ने आगे भी आपके विरोध का ऐलान कर रखा है?
जवाब : ये तथाकथित करणी सेना के लोग हैं। अगर बहुत बड़ी सेना है तो जाएं पाकिस्तान में आतंकियों से लड़ें। क्षत्रिय राजा सुरेंद्र ने अंग्रेजों की गर्दन काटी थी, किसी गरीब की गर्दन नहीं काटी। अरे तुम सही में करणी सेना हो तो पाकिस्तान की सेना पर जाकर अपना जौहर दिखाओ। चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है, और ये सही है। तो जाकर उनको रोको। बस गरीब और दलितों पर ही अत्याचार चलेगा। सवाल : इस पूरे माहौल को आप किस तरह से देखते हैं?
जवाब : हमें लगता है कि सरकार जानबूझकर ये कर रही है। 12 अप्रैल को आगरा में एक सभा में असलहे लहराए गए। जिन लोगों पर मुकदमा था वो भी आए। तब कुछ नहीं हुआ। प्रशासन ने जिन शर्तों के साथ उन्हें अनुमित दी, वो सभी नियम तोड़े गए। हम नियमानुसार इजाजत लेकर जा रहे थे। बुलंदशहर के सुनेहरा में एक जगह है, वहां तीन दिन पहले हमारा जाने का प्रोग्राम था। बुलंदशहर में 21 अप्रैल को दबंगों ने 4 दलितों को थार से कुचल दिया था। घटना में बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हम राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेश पर वहां जा रहे थे। तभी अलीगढ़ में गभाना टोल प्लाजा से करीब 150 मीटर पहले एक बार फिर से क्षत्रिय समाज के कुछ युवक इकट्ठे हो गए। उन्होंने काफिले की गाड़ियों पर टायर और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। गाड़ियों पर काली स्याही भी फेंकी। कुल मिलाकर ये साजिश थी। राज्य सरकार इसमें शामिल हैं। अरे सरकार के पास खुफिया तंत्र है, वो क्या कर रहे थे। अब पढ़िए करणी सेना का बयान… जानिए क्या है पूरा मामला
सपा सांसद रामजीलाल सुमन 27 अप्रैल को 20 गाड़ियों के काफिले के साथ आगरा से बुलंदशहर जा रहे थे। यह सूचना मिलते ही अलीगढ़ के खेरेश्वर चौराहे पर क्षत्रिय समाज के कुछ युवा सड़क पर उतर आए। उन्होंने रामजीलाल सुमन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर काफिले की गाड़ियां तेजी से भागने लगीं। इसके चलते करीब 500 मीटर आगे जाकर काफिले की गाड़ियां आपस में टकरा गईं। इस बीच पुलिस पहुंच गई। पुलिसकर्मियों ने मौके पर मौजूद युवाओं को समझाया और काफिले को आगे रवाना किया। इसके बाद अलीगढ़ में ही गभाना टोल प्लाजा से करीब 150 मीटर पहले एक बार फिर से क्षत्रिय समाज के कुछ युवक इकट्ठे हो गए। उन्होंने सांसद के काफिले की गाड़ियों पर टायर और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। गाड़ियों पर काली स्याही भी फेंकी गई। तुरंत ही पुलिस आ गई। इस पूरे घटनाक्रम के चलते सांसद का काफिला 20 मिनट तक रुका रहा। बाद में बुलंदशहर पहुंचे सांसद रामजीलाल सुमन को शहर के अंदर जाने से प्रशासन ने मना कर दिया। ————————— ये खबर भी पढ़िए- राणा सांगा को गद्दार कहने वाले सपा सांसद पर हमला, अलीगढ़ में काफिले पर राजपूत युवकों ने टायर-पत्थर फेंके राणा सांगा को गद्दार कहने वाले सपा सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर रविवार को हमला हो गया। रामजीलाल सुमन 20 गाड़ियों के काफिले के साथ आगरा से बुलंदशहर जा रहे थे। अलीगढ़ के खेरेश्वर चौराहे पर क्षत्रिय समाज के कुछ युवा सड़क पर उतर आए। वो लोग सांसद के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस पर काफिले की गाड़ियां तेजी से भागने लगीं। इससे करीब 500 मीटर आगे जाकर काफिले की 5 गाड़ियां आपस में टकरा गईं। इस पूरी घटना में 6-7 लोग चोटिल हो गए। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
रामजीलाल सुमन बोले- बाबा के लोग अंधे हो गए:कुछ भी कर रहे, सरकार मेरी हत्या कराना चाहती; एक वर्ग के लोगों पर एक्शन नहीं
