बहू बनकर आई, तलाकशुदा बनकर पाकिस्तान जाएगी:पति से वापस लिया केस, बोली- बेटा नहीं ले जाऊंगी, वहां उर्दू पढ़नी पड़ेगी

बहू बनकर आई, तलाकशुदा बनकर पाकिस्तान जाएगी:पति से वापस लिया केस, बोली- बेटा नहीं ले जाऊंगी, वहां उर्दू पढ़नी पड़ेगी

‘हिंदुस्तान में औरतों पर जुल्म नहीं होता, बेटी तू वहां खुश रहेगी।’ पाकिस्तान में लाहौर के मशहूर डॉक्टर मजाहिल हुसैन ने 8 अप्रैल, 2008 को यह कहकर अपनी बेटी इरम का निकाह बरेली (यूपी) के मोहम्मद अथर से किया था। मां-बाप ने जिस उम्मीद से इरम का निकाह किया, वह पिछले साल टूट गई। शौहर ने तलाक दे दिया। सालभर से एक छोटे-से कमरे में खुद को कैद किए इरम अब अपने वतन वापस जा रही है। पहलगाम टेरर अटैक के बाद कह दिया गया है कि पाकिस्तानी अपने वतन लौट जाएं। इरम अब सारा सामान पैक कर रही है। पति के दुत्कारने के बाद वह इतना टूट चुकी थी कि एक भी पल भारत में नहीं रहना चाहती थी। लेकिन, भारत की कोर्ट ने कह दिया था कि जब तक पति के खिलाफ दर्ज कराया केस खत्म नहीं हो जाता, तब तक तुम देश नहीं छोड़ सकती। अब अपने वतन जाने के लिए इरम ने मुकदमा वापस ले लिया है। दैनिक भास्कर ने बरेली पहुंचकर इरम से बात की। उसका दर्द समझा और केस का स्टेटस जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… लाहौर में डॉक्टर थे पिता, खुद भारत आकर पसंद किया था लड़का
2 जनवरी, 1987 को लाहौर की निस्तार कॉलोनी में पैदा हुई इरम हसन के पिता मजाहिल हुसैन वहां के मशहूर डॉक्टर थे। इरम की बुआ का निकाह बरेली में हुआ था। इसलिए वह यहां के माहौल से पूरी तरह वाकिफ थीं। बुआ ने बरेली में ही अपनी भतीजी के लिए एक अच्छा रिश्ता ढूंढा। इसके बाद खुद मजाहिल हुसैन भारत आए और लड़का पसंद किया। 8 अप्रैल, 2008 को इरम का निकाह बरेली में बिहारीपुर मोहल्ले के रहने वाले मोहम्मद अथर से कर दिया गया। इसके लिए बारात लेकर 9 लोग भारत से पाकिस्तान गए। करीब 5-6 महीने तक पाकिस्तान में रहे। फिर इरम को बहू बनाकर भारत लौटे। 16 साल तक सब कुछ ठीक चला। आरोप है कि 11 जून, 2024 को शौहर अथर ने नफरत की सारी हदें पार कर दीं। इरम को रातभर पीटा और तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया। धमकी दी कि तुझे जान से मार दूंगा। तेरे घर वालों को लाश भी नसीब नहीं होगी। सरकार उस वक्त तक तीन तलाक पर नया कानून ला चुकी थी। इसलिए इरम ने 18 जून, 2024 को बरेली कोतवाली में पति मोहम्मद अथर के खिलाफ FIR दर्ज कराई। घर में खिंची सरहद जैसी दीवारें, पत्नी का मुंह देखना भी पसंद नहीं
इरम बताती हैं- पति ने कभी कोई काम-धंधा नहीं किया। शादी के बाद से आज तक मेरे मायके से ही हर महीने पैसे भेजे जाते रहे। उसी से घर का खर्च चलाती आई हूं। पति का सिर्फ एक ही काम होता था, शराब पीकर लड़ाई करना। इन सब चीजों से मैं तंग आ चुकी थी। जब मुझे तलाक देकर घर से निकाल दिया तो मैंने बरेली में रहने वाली अपनी बुआ को बताया। कई रिश्तेदारों के समझाने के बाद शौहर अथर ने उसी मकान में रहने के लिए मुझे ग्राउंड फ्लोर पर एक छोटा-सा कमरा दिया। वह खुद ऊपर परिवार के साथ रहता। मैं नीचे एक कमरे में अपने दोनों बच्चों के साथ रहती थी। मकान बेशक एक हो, लेकिन दीवारें हिंदुस्तान-पाकिस्तान जैसी खिंच गई थीं। मतलब, वो मेरा मुंह देखना भी पसंद नहीं करता। ऐसे में मैंने सोचा कि इस वतन से ही वापस चला जाए। मुझे पाकिस्तान जाना था, इसलिए केस वापस लिया
पति के खिलाफ दर्ज मुकदमे का केस बरेली की अदालत में चल रहा था। अदालत ने कह दिया कि जब तक मुकदमे का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक तुम भारत नहीं छोड़ सकती। मैंने ठान लिया कि अब भारत में नहीं रहना। पुलिस को मैंने मुकदमा वापस लेने की एप्लिकेशन दी। इस आधार पर बरेली पुलिस ने 13 सितंबर, 2024 को फाइनल रिपोर्ट (FR) लगा दी। यह FR कुछ दिनों बाद कोर्ट में पहुंच गई। इसके बाद कोर्ट में कई तारीखें आईं। अब जाकर पिछले हफ्ते कोर्ट में ये केस पूरी तरह खत्म हो गया। कोर्ट केस खत्म होने के बाद लोकल पुलिस और एलआईयू ने उन्हें पाकिस्तान जाने की परमिशन दे दी है। बेटा छोड़कर, बेटी लेकर जाएगी इरम
इरम के दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा मोहम्मद शाहे नूर 15 साल का है। वह 10वीं क्लास में बरेली के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ता है। छोटी बेटी आयजा 7 साल की है। वह पहली क्लास में पढ़ती है। मोहम्मद शाहे नूर अपनी मां के साथ पाकिस्तान नहीं जाएगा। इरम सिर्फ अपनी बेटी को लेकर लाहौर जाएगी। वो कहती है- बेटे की पूरी पढ़ाई हिंदी और अंग्रेजी मीडियम है। पाकिस्तान में सिर्फ उर्दू पढ़ाई जाती है। उसको वहां पढ़ने में दिक्कत होगी। इसलिए बेटा फिलहाल यहीं अपनी दादी के पास रहकर पढ़ाई करेगा। कोई नहीं जानता था, मुल्क छोड़ने के हालात भी आएंगे
अब पाकिस्तान जाकर क्या करोगी? इस सवाल पर इरम कहती है- मैं 12वीं पास हूं। मेरे मां-बाप अब नहीं रहे। दो भाई हैं, अच्छी जॉब कर रहे हैं। मैं भी कोशिश करूंगी कि जॉब करूं, उससे अपना खर्चा चलाऊं। भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही तनातनी पर इरम कहती है- ऐसे जो हालात हुए, वो अच्छे नहीं हैं। कोई नहीं जानता था कि मुल्क छोड़ने के हालात भी आएंगे। आज जो भी हो रहा, मुझे उसका अफसोस है। मैं दोनों देशों के लोगों से यही कहूंगी कि प्यार-मोहब्बत से मिलकर रहें। जिससे आगे ऐसे हालात न बनें। इरम अगले एक-दो दिन में बरेली से ट्रेन से अमृतसर जाएंगी। वहां से टैक्सी से वाघा बॉर्डर पहुंचकर पाकिस्तान चली जाएंगी। बरेली में फिलहाल वह अपना सामान पैक करने और बाकी रिश्तेदारों से मिलने-जुलने में जुटी हैं। सरकार से की ये अपील…
इरम ने कहा- भारत से पाकिस्तान जाने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के साथ उनके बच्चे भी जा रहे हैं। समाचारों से पता चला है कि अटारी-बाघा बॉर्डर पर उन बच्चों को जाने से रोक दिया जा रहा है, जो भारत में ही पैदा हुए हैं। मैं सरकार से कहना चाहती हूं कि वो बच्चे अपने मां-बाप के बिना कैसे रहेंगे? उन बच्चों को भी पाकिस्तान जाने दिया जाए। हमने इस पूरे मामले में इरम के ससुरालवालों का भी पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने कोई भी बातचीत करने से मना कर दिया। कहने लगे- हमारी इरम से कोई बातचीत नहीं है। इसलिए हम इस टॉपिक पर बात नहीं करना चाहते। ———————- ये खबर भी पढ़ें… वाराणसी से पाकिस्तानी बॉर्डर पर भेजा गया फसीह, रिश्तेदारों से मिलने आया था, शॉर्ट-टर्म वीजा किया गया रद्द पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को भेजना शुरू कर दिया गया है। सिंध के कराची से आए एक पाकिस्तानी नागरिक को सोमवार सुबह पाकिस्तान सेना को सौंप दिया गया। वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस और LIU ने शनिवार शाम उसे शिवगंगा एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली रवाना किया था। पढ़ें पूरी खबर ‘हिंदुस्तान में औरतों पर जुल्म नहीं होता, बेटी तू वहां खुश रहेगी।’ पाकिस्तान में लाहौर के मशहूर डॉक्टर मजाहिल हुसैन ने 8 अप्रैल, 2008 को यह कहकर अपनी बेटी इरम का निकाह बरेली (यूपी) के मोहम्मद अथर से किया था। मां-बाप ने जिस उम्मीद से इरम का निकाह किया, वह पिछले साल टूट गई। शौहर ने तलाक दे दिया। सालभर से एक छोटे-से कमरे में खुद को कैद किए इरम अब अपने वतन वापस जा रही है। पहलगाम टेरर अटैक के बाद कह दिया गया है कि पाकिस्तानी अपने वतन लौट जाएं। इरम अब सारा सामान पैक कर रही है। पति के दुत्कारने के बाद वह इतना टूट चुकी थी कि एक भी पल भारत में नहीं रहना चाहती थी। लेकिन, भारत की कोर्ट ने कह दिया था कि जब तक पति के खिलाफ दर्ज कराया केस खत्म नहीं हो जाता, तब तक तुम देश नहीं छोड़ सकती। अब अपने वतन जाने के लिए इरम ने मुकदमा वापस ले लिया है। दैनिक भास्कर ने बरेली पहुंचकर इरम से बात की। उसका दर्द समझा और केस का स्टेटस जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… लाहौर में डॉक्टर थे पिता, खुद भारत आकर पसंद किया था लड़का
2 जनवरी, 1987 को लाहौर की निस्तार कॉलोनी में पैदा हुई इरम हसन के पिता मजाहिल हुसैन वहां के मशहूर डॉक्टर थे। इरम की बुआ का निकाह बरेली में हुआ था। इसलिए वह यहां के माहौल से पूरी तरह वाकिफ थीं। बुआ ने बरेली में ही अपनी भतीजी के लिए एक अच्छा रिश्ता ढूंढा। इसके बाद खुद मजाहिल हुसैन भारत आए और लड़का पसंद किया। 8 अप्रैल, 2008 को इरम का निकाह बरेली में बिहारीपुर मोहल्ले के रहने वाले मोहम्मद अथर से कर दिया गया। इसके लिए बारात लेकर 9 लोग भारत से पाकिस्तान गए। करीब 5-6 महीने तक पाकिस्तान में रहे। फिर इरम को बहू बनाकर भारत लौटे। 16 साल तक सब कुछ ठीक चला। आरोप है कि 11 जून, 2024 को शौहर अथर ने नफरत की सारी हदें पार कर दीं। इरम को रातभर पीटा और तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया। धमकी दी कि तुझे जान से मार दूंगा। तेरे घर वालों को लाश भी नसीब नहीं होगी। सरकार उस वक्त तक तीन तलाक पर नया कानून ला चुकी थी। इसलिए इरम ने 18 जून, 2024 को बरेली कोतवाली में पति मोहम्मद अथर के खिलाफ FIR दर्ज कराई। घर में खिंची सरहद जैसी दीवारें, पत्नी का मुंह देखना भी पसंद नहीं
इरम बताती हैं- पति ने कभी कोई काम-धंधा नहीं किया। शादी के बाद से आज तक मेरे मायके से ही हर महीने पैसे भेजे जाते रहे। उसी से घर का खर्च चलाती आई हूं। पति का सिर्फ एक ही काम होता था, शराब पीकर लड़ाई करना। इन सब चीजों से मैं तंग आ चुकी थी। जब मुझे तलाक देकर घर से निकाल दिया तो मैंने बरेली में रहने वाली अपनी बुआ को बताया। कई रिश्तेदारों के समझाने के बाद शौहर अथर ने उसी मकान में रहने के लिए मुझे ग्राउंड फ्लोर पर एक छोटा-सा कमरा दिया। वह खुद ऊपर परिवार के साथ रहता। मैं नीचे एक कमरे में अपने दोनों बच्चों के साथ रहती थी। मकान बेशक एक हो, लेकिन दीवारें हिंदुस्तान-पाकिस्तान जैसी खिंच गई थीं। मतलब, वो मेरा मुंह देखना भी पसंद नहीं करता। ऐसे में मैंने सोचा कि इस वतन से ही वापस चला जाए। मुझे पाकिस्तान जाना था, इसलिए केस वापस लिया
पति के खिलाफ दर्ज मुकदमे का केस बरेली की अदालत में चल रहा था। अदालत ने कह दिया कि जब तक मुकदमे का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक तुम भारत नहीं छोड़ सकती। मैंने ठान लिया कि अब भारत में नहीं रहना। पुलिस को मैंने मुकदमा वापस लेने की एप्लिकेशन दी। इस आधार पर बरेली पुलिस ने 13 सितंबर, 2024 को फाइनल रिपोर्ट (FR) लगा दी। यह FR कुछ दिनों बाद कोर्ट में पहुंच गई। इसके बाद कोर्ट में कई तारीखें आईं। अब जाकर पिछले हफ्ते कोर्ट में ये केस पूरी तरह खत्म हो गया। कोर्ट केस खत्म होने के बाद लोकल पुलिस और एलआईयू ने उन्हें पाकिस्तान जाने की परमिशन दे दी है। बेटा छोड़कर, बेटी लेकर जाएगी इरम
इरम के दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा मोहम्मद शाहे नूर 15 साल का है। वह 10वीं क्लास में बरेली के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ता है। छोटी बेटी आयजा 7 साल की है। वह पहली क्लास में पढ़ती है। मोहम्मद शाहे नूर अपनी मां के साथ पाकिस्तान नहीं जाएगा। इरम सिर्फ अपनी बेटी को लेकर लाहौर जाएगी। वो कहती है- बेटे की पूरी पढ़ाई हिंदी और अंग्रेजी मीडियम है। पाकिस्तान में सिर्फ उर्दू पढ़ाई जाती है। उसको वहां पढ़ने में दिक्कत होगी। इसलिए बेटा फिलहाल यहीं अपनी दादी के पास रहकर पढ़ाई करेगा। कोई नहीं जानता था, मुल्क छोड़ने के हालात भी आएंगे
अब पाकिस्तान जाकर क्या करोगी? इस सवाल पर इरम कहती है- मैं 12वीं पास हूं। मेरे मां-बाप अब नहीं रहे। दो भाई हैं, अच्छी जॉब कर रहे हैं। मैं भी कोशिश करूंगी कि जॉब करूं, उससे अपना खर्चा चलाऊं। भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही तनातनी पर इरम कहती है- ऐसे जो हालात हुए, वो अच्छे नहीं हैं। कोई नहीं जानता था कि मुल्क छोड़ने के हालात भी आएंगे। आज जो भी हो रहा, मुझे उसका अफसोस है। मैं दोनों देशों के लोगों से यही कहूंगी कि प्यार-मोहब्बत से मिलकर रहें। जिससे आगे ऐसे हालात न बनें। इरम अगले एक-दो दिन में बरेली से ट्रेन से अमृतसर जाएंगी। वहां से टैक्सी से वाघा बॉर्डर पहुंचकर पाकिस्तान चली जाएंगी। बरेली में फिलहाल वह अपना सामान पैक करने और बाकी रिश्तेदारों से मिलने-जुलने में जुटी हैं। सरकार से की ये अपील…
इरम ने कहा- भारत से पाकिस्तान जाने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के साथ उनके बच्चे भी जा रहे हैं। समाचारों से पता चला है कि अटारी-बाघा बॉर्डर पर उन बच्चों को जाने से रोक दिया जा रहा है, जो भारत में ही पैदा हुए हैं। मैं सरकार से कहना चाहती हूं कि वो बच्चे अपने मां-बाप के बिना कैसे रहेंगे? उन बच्चों को भी पाकिस्तान जाने दिया जाए। हमने इस पूरे मामले में इरम के ससुरालवालों का भी पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने कोई भी बातचीत करने से मना कर दिया। कहने लगे- हमारी इरम से कोई बातचीत नहीं है। इसलिए हम इस टॉपिक पर बात नहीं करना चाहते। ———————- ये खबर भी पढ़ें… वाराणसी से पाकिस्तानी बॉर्डर पर भेजा गया फसीह, रिश्तेदारों से मिलने आया था, शॉर्ट-टर्म वीजा किया गया रद्द पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को भेजना शुरू कर दिया गया है। सिंध के कराची से आए एक पाकिस्तानी नागरिक को सोमवार सुबह पाकिस्तान सेना को सौंप दिया गया। वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस और LIU ने शनिवार शाम उसे शिवगंगा एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली रवाना किया था। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर